नई दिल्ली5 घंटे पहले
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देश के कई शहरों में बुधवार को ही जन्माष्टमी मनाई गई। जबकि मथुरा में जन्मस्थान, वृंदावन में बांके बिहारी, द्वारका में द्वारकाधीश सहित बड़े कृष्ण मंदिरों में 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। यहां 7 और 8 सितंबर की दरमियानी रात 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव होगा।
जन्माष्टमी उत्सव के लिए मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान रोशनी से सजाया गया है। देश के अन्य कृष्ण मंदिरों में भी जन्मोत्सव की तैयारियां की गई हैं। उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में जन्माष्टमी बुधवार को मनाई गई। इस दौरान कान्हा का नींबू और भुट्टे से शृंगार किया गया।
वहीं, देशभर में स्कूलों में बच्चे कान्हा की ड्रेस में पहुंचे। कई जगह मटकी फोड़, दही हांडी के इवेंट हुए। वहीं केरल में उरियादी मनाई गई। गुजरात के राजकोट में मंगलवार से ही जन्माष्टमी का मेला शुरू हो गया है। ये मेला 9 सितंबर तक जारी रहेगा।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस साल दही हांडी उत्सव के लिए प्रो गोविंदा नाम से एक कॉम्पिटिशन आयोजित किया है, जिसमें जीतने वाले को कैश प्राइज दिया जाएगा।
जेल मंत्री पहुंचे बांके बिहारी मंदिर, ड्रेस भेंट की
जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने बांके बिहारी के लिए मंदिर प्रशासन को ड्रेस भेंट की।
यूपी के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति बुधवार को बांके बिहारी मंदिर पहुंचे। उन्होंने मंदिर प्रशासन को बांके बिहारी जी के लिए ड्रेस सौंपा। इसे बंदियों ने दिन रात मेहनत करके 15 दिन में तैयार किया है। रेशम के धागे से बनी यह ड्रेस 24 मीटर कपड़े से बनी है। जो हल्के पीले रंग की है। जन्माष्टमी पर इसे भगवान कृष्ण को पहनाया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें ...
तस्वीरों में देखिए 6 सितंबर को मनाई गई जन्माष्टमी का सेलिब्रेशन...
मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली को आकर्षक रूप से सजाया गया है।
पटना (बिहार) के स्कूल में जन्माष्टमी के मौके पर कान्हा की ड्रेस में क्लास में पहुंचे बच्चे।
तस्वीर मुंबई के शिवाजी शिक्षण संस्थान इंग्लिश मीडियम स्कूल की है, जहां 5 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई गई। इस दौरान बच्चे कृष्ण, राधा और गोपियों के रूप में नजर आए।
लखनऊ में जन्माष्टमी के मौके पर राधा-कृष्ण की ड्रेस में हजरतगंज मेट्रो स्टेशन पहुंचे बच्चे।
आगरा में श्रद्धालुओं ने यमुना नदी में श्रीकृष्ण जन्म के दृश्य की झांकी प्रस्तुत की।
पुरी के सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने 5 सितंबर को पुरी बीच पर जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देने के लिए सैंड आर्ट बनाया।
अगरतला (त्रिपुरा) के श्रीकृष्ण मंदिर में कान्हा की ड्रेस पहन बच्चे कॉम्पिटिशन के लिए पहुंचे।
नागपुर में जन्माष्टमी के मौके पर भगवान की प्रतिमाओं के बाजार सज गए।
गुरुग्राम (हरियाणा) में कान्हा का झूला और प्रतिमा खरीदने पहुंचीं महिलाएं।
यूपी के नोएडा में लड्डू गोपाल की प्रतिमा को सजाता कलाकार।
मुंबई के कमला मेहता ब्लाइंड स्कूल में दही हांडी प्रोग्राम में हिस्सा लेते बच्चे।
मुंबई के शिवाजी शिक्षण संस्थान में जन्माष्टमी के मौके पर दही हांडी कार्यक्रम में कृष्ण और बलराम और ग्वाल बाल की ड्रेस में पहुंचे बच्चे।
केरल में कृष्ण जन्माष्टमी के पहले बच्चे उरियादी मनाते हैं। कोच्चि में मंगलवार को बच्चों ने उरियादी में उत्साह से भाग लिया। इसमें दही की हांडी फोड़ी जाती है।
कोच्चि में कृष्ण जन्माष्टमी पर निकाली गई शोभा यात्रा में भाग लेते श्रद्धालु।
गुजरात के राजकोट में पांच दिन के लिए जन्माष्टमी मेला लगाया गया है।
बनारस में बुधवार को मनाई गई जन्माष्टमी
बनारस में जन्माष्टमी 6 सितंबर को ही मनाई गई। हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के डीन प्रो. गिरिजाशंकर शास्त्री का कहना है कि व्रत और पर्वों की तारीख तय करने के लिए धर्म सिंधु और निर्णय सिंधु नाम के ग्रंथों की मदद ली जाती है। इन दोनों ही ग्रंथों में जन्माष्टमी के लिए कहा गया है कि जब आधी रात में अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र हो, तब कृष्ण जन्मोत्सव मनाएं। 6-7 सितंबर की रात में कृष्ण जन्म पर्व मनाएं।
ज्यादातर त्योहार दो दिन क्यों होते हैं?
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हिंदू पंचांग की तिथियां अंग्रेजी कैलंडर के मुताबिक नहीं होतीं। अक्सर तिथियां दोपहर या शाम से शुरू होकर अगले दिन तक होती हैं। जिस तिथि में दिनभर व्रत के बाद पूजन का महत्व होता है, वे ज्यादातर उदया तिथि में मनाई जाती हैं।
जिन तिथियों में रात की पूजा का महत्व ज्यादा होता है, उनमें उदया तिथि का महत्व नहीं देखा जाता। जैसे दीपावली में अगर अमावस्या एक दिन पहले ही शुरू हो गई हो तो अगले दिन उदया तिथि की अमावस्या की बजाय एक दिन पहले की अमावस्या पर रात में लक्ष्मी पूजन किया जाएगा।
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आज और कल, दोनों ही दिन मनेगी। आज मनाने वालों के लिए श्रीकृष्ण पूजा के 3 मुहूर्त हैं। 7 सितंबर को 4 मुहूर्त रहेंगे। आज सर्वार्थसिद्धि मुहूर्त के साथ पांच राजयोग में श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनेगा। अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दोपहर करीब 3.30 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर को शाम 4 बजे तक रहेगी। श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की रात में हुआ था, इसलिए ज्योतिषियों और ग्रंथों का कहना है 6 को जन्माष्टमी मनाएं। पूरी खबर पढ़ें
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