मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने बीते दिन यानी सोमवार को महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के कुछ हिस्सों में कुछ राजनेताओं के घरों और ऑफिसों को आग के हवाले कर दिया था. गुस्साए प्रदर्शनकारियों के इस फैसले के एक दिन बाद, पुलिस ने मंगलवार को मंत्रालय, मुख्यमंत्री, मंत्रियों के आवासों पर सुरक्षा बढ़ा दी है. अधिकारियों ने कहा कि अन्य राजनेताओं के साथ-साथ यहां और राज्य में अन्य जगहों पर राजनीतिक दलों के कार्यालय भी बंद हैं.
इसके अलावा मराठा आरक्षण मुद्दे पर सीएम एकनाथ शिंदे ने कल सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बैठक कल सुबह 10:30 बजे सह्याद्रि गेस्ट हाउस में होगी. सरकार आम सहमति के लिए सभी दलों से चर्चा करेगी और आगे संभावित समाधान के लिए काम करेगी. इस बैठक के दौरान महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर चर्चा संभव है.
इस बैठक में इन विपक्षी नेताओं को भी बुलाया गया है,
शरद पवार गुट की एनसीपी
- शरद पवार
-जयंत पाटिल
-राजेश टोपे
कांग्रेस
-अशोक चव्हाण
- नाना पटोले
- बालासाहेब थोराट
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- विजय वडेट्टीवार
शिवसेना (यूबीटी)
अंबादास दानवे
वंचित बहुजन अघाड़ी
प्रकाश अम्बेडकर
बताते चलें कि सोमवार को, गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने तीन विधायकों - एनसीपी के दो और भाजपा के एक - के घरों या ऑफिसों में आग लगा दी थी और तोड़फोड़ की थी. साथ ही एक नगर परिषद भवन को भी निशाना बनाया गया था. राज्य में सबसे ज्यादा हिंसक घटनाएं और आगजनी बीड जिले में हुईं. लोगों के एक समूह ने सोमवार रात जालना के घनसावंगी में एक पंचायत समिति कार्यालय में भी आग लगा दी. मराठा आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को पुणे शहर में मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग को भी प्रभावित किया और आरक्षण की मांग पर दबाव डालने के लिए टायर जलाए.
अहम जगहों पर भारी फोर्स की तैनाती
एक अधिकारी ने कहा, 'राज्य में कुछ स्थानों पर हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर, मुंबई पुलिस ने दक्षिण मुंबई में राज्य सचिवालय, मंत्रालय के बाहर अपने कर्मियों की भारी तैनाती की है. क्योंकि दिन के दौरान एक कैबिनेट बैठक निर्धारित थी.' उन्होंने कहा कि दक्षिण मुंबई के सभी महत्वपूर्ण स्थानों के बाहर भी पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है और विभाग अलर्ट मोड पर है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ठाणे के लुइस वाडी स्थित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निजी आवास के बाहर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
नेताओं के आवास के बाहर बढ़ाई गई सुरक्षा
उन्होंने बताया कि मुंबई में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्रियों देवेन्द्र फड़णवीस और अजित पवार, मंत्री चंद्रकांत पाटिल, दीपक केसरकर, दादा भुसे और अंबादास दानवे और अशोक चव्हाण सहित अन्य नेताओं के आधिकारिक आवासों के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. उन्होंने बताया कि राज्य के अन्य हिस्सों में भी राजनेताओं के आवासों के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
डिप्टी सीएम फडणवीस ने दिया बयान
इस हिंसा के बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेन्द्र फड़णवीस का कहना है, 'कल बीड में जो घटना हुई उसका समर्थन नहीं किया जा सकता. मराठों को आरक्षण देने को लेकर सरकार बहुत सकारात्मक है. इसे लेकर आज भी कुछ फैसले लिए गए हैं. लेकिन कुछ लोग हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी. कुछ लोगों की पहचान की गई है. हमें सभी सीसीटीवी फुटेज मिले हैं और इसमें दिखाई देने वाले व्यक्तियों ने लोगों को जिंदा जलाने का प्रयास किया है. आईपीसी की धारा 307 के तहत, कार्रवाई की जाएगी.'
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दोषियों पर होगी कार्रवाई
देवेन्द्र फड़णवीस ने मंगलवार को कहा कि अधिकारियों ने 50 से 55 लोगों की पहचान की है जो मौजूदा मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसक गतिविधियों में शामिल थे और कहा कि दोषियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
फड़णवीस जो कि राज्य के गृह मंत्री भी हैं, उन्होंने प्रदर्शनकारियों द्वारा हिंसा और आगजनी की निंदा की. उन्होंने सोमवार को बीड और छत्रपति संभाजीनगर जिलों में आंदोलन के दौरान तीन विधायकों के अलावा कुछ स्थानीय राजनीतिक नेताओं के घरों या कार्यालयों को निशाना बनाया और एक नगर परिषद भवन में आग लगा दी.
'50 से 55 लोगों की हुई पहचान'
उन्होंने कहा कि जिन आंदोलनकारियों ने बीड जिले में एक घर को जलाने की कोशिश की, जिसमें उनके परिवार के सदस्य भी मौजूद थे, उन पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया जाएगा. फडणवीस ने कहा, 'राज्य सरकार ने पिछले कुछ दिनों में हिंसक घटनाओं में शामिल 50 से 55 लोगों की पहचान की है. उन्होंने कुछ खास लोगों और एक खास समुदाय के सदस्यों के घरों पर हमला किया. कुछ विधायकों के घरों में आग लगा दी गई और होटलों के साथ-साथ कुछ संस्थानों को भी निशाना बनाया गया. यह बिल्कुल गलत है.'
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शांतिपूर्वक विरोध करने वालों पर नहीं होगा कोई एक्शन
फड़णवीस ने कहा कि शांतिपूर्वक विरोध करने वालों को कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन किसी भी रूप में हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. आपको बता दें कि बीते दिन हुई हिंसा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक प्रकाश सोलंके और संदीप क्षीरसागर को आरक्षण प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा, जिन्होंने बीड जिले में उनके घरों को आग लगा दी. पुलिस ने कहा है कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ भाजपा के एक विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ की.
क्यों भड़के हैं मराठा?
गौरतलब है कि मराठा समुदाय के सदस्यों ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर नए सिरे से आंदोलन शुरू किया है. आरक्षण की मांग के समर्थन में कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे 25 अक्टूबर से जालना जिले के एक गांव में अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं.
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