कभी माफिया डॉन रहे अतीक अहमद की पूरे पूर्वांचल में तूती बोलती थी, लेकिन आज उसका काला अतीत पीछा नहीं छोड़ रहा है. उसकी हत्या के बाद भी उसका नाम किसी न किसी मामले में सामने आ ही जाता है. सबसे बड़ी बात जिन संपत्तियों को उसने अपने बाहुबल के जरिए कब्जाया था, कमजोर और गरीब लोगों से छीना था, आज वो सब या तो कुर्क हो रही हैं या फिर पुलिस उन पर सरकारी बुलडोजर चलवाकर जमींदोज कर दे रही है. ताजा मामला उसके द्वारा कब्जाई गई 16 अवैध संपत्तियों से जुड़ा है, जिन्हें प्रयागराज पुलिस ने सोमवार को कुर्क कर दिया. उसके बाद कुर्की का बोर्ड लगाकर बाकायदा मुनादी करवाई गई कि उन संपत्तियों को सरकार ने जब्त कर लिया है. उसके साथ छेड़छाड़ करने वालों की खैर नहीं है.
सोमवार 6 नवंबर को प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट ने एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के कटहुला गौसपुर में माफिया अतीक अहमद की 5.0510 हेक्टेयर यानी करीब 20 बीघा जमीन गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क कर दी. इन संपत्तियों का मूल्य करीब 12 करोड़ रुपए का बताया जा रहा है, जिन्हें अतीक के गुर्गों ने कौड़ियों के भाव में रजिस्ट्री करा लिया था. इन जमीनों के बारे में अतीक के एक राजमिस्त्री हुबलाल ने खुलासा किया था. इसी साल 15 अप्रैल को प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के पास अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद हुबलाल डर गया. इसके बाद उसने खुद पुलिस के सामने आकर गैंगस्टर के सारे राज खोल दिए. उसने बताया कि उसके नाम पर 14 अगस्त 2015 को 16 संपत्तियों की रजिस्ट्री कराई गई थी.
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शनिवार 4 नवंबर को पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा की कोर्ट ने अतीक अहमद की करोड़ों की बेनामी और अवैध संपत्ति को कुर्क करने का आदेश पारित किया था. पुलिस कमिश्नर ने कुर्की का ये पहला आदेश पारित किया है. बताया जा रहा है कि अतीक की इन अवैध संपत्तियों की कीमत 12 करोड़ 42 लाख 69 हजार 100 रुपए है. 14 दलित किसानों को जान से मारने की धमकी देकर उनकी 16 संपत्तियों की रजिस्ट्री हुबलाल के नाम पर कराने के मामले में साल 2020 में खुल्दाबाद थाने में केस दर्ज कराई गई थी. इसमें चार लोगों अतीक, नियाज, जाहिद, रियाज, मोहम्मद शेख के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था. इस मुकदमे की विवेचना कैंट थाना पुलिस ने की थी. लेकिन तब कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी.
कौड़ियों के भाव ऐसे रजिस्ट्री कराते थे लोगों की जमीन
प्रयागराज पुलिस के सामने उसने अतीक अहमद के सारे राज उगल दिए. उसने बताया कि अतीक का गैंग कैसे लोगों के जमीनों पर कब्जा करता था, फिर उसे कमजोर लोगों के नाम पर रजिस्ट्री करवा देता था, ताकि वो बाद में आवाज न उठा सकें. लालपुर थाना क्षेत्र के मानपुर गांव के रहने वाले हुबलाल का कहना है कि 14 किसानों को डरा धमकाकर उनकी जमीन कौड़ियों के भाव पर उसके नाम करवाई गई थी. वो चाहता है कि सरकार इन जमीनों को लेकर अनाथालय या अस्पताल बनवा दे. उसका ये भी कहना है कि उसके नाम पर अङी कितनी और जमीन है, ये उसे नहीं पता है. उसके बयान के आधार पर पुलिस ने जब जांच की तो हैरान रह गई. बड़ी संख्या में बेनामी और अवैध संपत्तियां मिली हैं.
एक दलित के नाम पर इसलिए कराई दलितों की जमीन
अतीक अहमद माफिया होने के साथ ही सांसद और विधायक भी रह चुका था. उसने दलितों की जमीन हड़पने के लिए हुबलाल का सहारा लिया. हुबलाल पेशे से राजमिस्त्री का काम करता था. बेहद सीधा, शांत और ईमानदार था. इस वजह से अतीक गैंग ने प्रयागराज शहर से 60 किलोमीटर दूर लालापुर इलाके में रहने वाले हुबलाल के नाम पर जमीनों की रजिस्ट्री करवानी शुरु कर दी. साल 2015 में 14 दलित किसानों की जमीनों को कौड़ियों के भाव हुबलाल के नाम पर रजिस्ट्री करवा दी गई. दलित किसानों की जमीन एक दलित के नाम पर इसलिए करवाई गई ताकि किसी तरह का विवाद या विरोध न हो सके. इस तरह एक गरीब आदमी रातों-रात करोड़ों रुपए की जमीन का बन गया.
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दो बिस्वा जमीन और चंद पैसों का मालिक है हुबलाल
करोड़ों की जमीन के मालिक हुबलाल की माली हैसियत खराब है. उसके पास महज दो बिस्वा जमीन है, जो कि पुस्तैनी है. पुलिस की जांच में पता चला है कि उसके पास बीपीएल कार्ड. उस कार्ड से हर माह उसके परिवार वाले राशन भी ले रहे हैं. उसके और उसकी पत्नी के बैंक खातों की जांच भी की गई तो सवा लाख रुपए मिले हैं. ऐसे में स्पष्ट होता है कि वो इतनी बड़ी जमीन की खरीद फरोख्त नहीं कर सकता है. जिन किसानों की जमीन कब्जाई गई थी, उनके नाम ज्ञानेन्द्र कुमार, रमेश कुमार, शिव बाबू, राम बाबू, श्याम बाबू, दिलीप कुमार, महेश कुमार, राहुल कुमार, दुबासा, मुंशी लाल, महादेव प्रसाद, प्रेमचंद्र, राजेश और संवरिया हैं. एसीपी धूमनगंज वरूण कुमार के मुताबिक माफिया अतीक अहमद की अन्य अवैध और बेनामी संपत्तियों की भी जांच की जा रही है. बहुत जल्द ही नोएडा समेत दूसरे शहरों की अवैध और बेनामी संपत्तियों के खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा.
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30 साल में अर्जित 12 करोड़ के अवैध साम्राज्य का हश्र
अतीक अहमद ने साल 2019 में वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था. उसने चुनावी हलफनामे में कुल संपत्ति 25 करोड़ बताई थी. हलफनामे से खुलासा हुआ था कि उसके एक दर्जन से अधिक बैंक अकाउंट हैं. हालांकि, कागजी संपत्ति की बात छोड़ दें, तो उसने अवैध तरीके से अकूत संपत्ति बनाई थी. उसने 1200 करोड़ रुपए का अवैध साम्राज्य खड़ा किया था. इनमें ज्यादातर संपत्तियां कब्जा करके हासिल की गई थी. लेकिन साल 2020 के बाद से ही उसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई थी. पुलिस और प्रशासन ने उसकी अधिकतर अवैध संपत्ति या तो जब्त कर ली या फिर उन पर बुलडोजर चलवा दिया गया. उसकी 417 करोड़ की संपत्ति सरकारी कब्जे में है, जबकि 752 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चल चुका है.
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जमीन पर कब्जा करने काफिले के साथ जाता था अतीक
पुलिस, प्रशासन या सरकार, बाहुबली अतीक अहमद किसी से नहीं डरता था. एक जमाना था, जब वो सरेआम लोगों की जमीनों पर कब्जा कर लेता था. जिसकी जमीन पर कब्जा करता, उसे जान से मारने की धमकी देकर सीधा कहता, जहां जाना हो जाओ, जमीन नहीं मिलेगा. कई बार रातों-रात किसी के प्लाट पर अज्ञात बंदूकधारी कब्जा कर लेते, बाऊंड्री बनवा देते, बाद में पता चलता कि ये तो अतीक के लोग हैं. एक बार लखनऊ में पीजीआई के पास एक जमीन कब्जा करने वो खुद चला गया. उसके साथ उसका पूरा गैंग हथियारों से लैस होकर आया था. सैकड़ों गाड़ियों के काफिले को देख राजधानी के लोग डर गए, लेकिन उसके मन में रत्ती पर डर नहीं था. बहुत मुश्किल से पुलिस उस पर काबू पा सकी थी.
ईडी को मिले 100 से ज्यादा अवैध संपत्तियों के दस्तावेज
अतीक और उसके भाई की हत्या से पहले ईडी ने उसके करीबियों के 15 ठिकानों पर छापे मारे थे. इसमें 100 से ज्यादा अवैध और बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे. इस दौरान ये खुलासा भी हुआ था कि उसने लखनऊ और प्रयागराज के पॉश इलाकों में कई संपत्तियां खरीदी हैं. ये संपत्तियां अतीक और उसके परिजनों के नाम पर रजिस्ट्री हुई थी. ईडी को अतीक के नाम रजिस्टर्ड लखनऊ में 47 लाख रुपए की कीमत के 5900 स्क्वेयर मीटर में बने मकान के सबूत भी मिले थे. साल 2013 में लखनऊ के गोमतीनगर में स्थित इस प्लॉट को सिर्फ 29 लाख रुपए में लिखवा गया था, जबकि सर्किल रेट के आधार पर इसकी कीमत 47 लाख रुपए थी. वर्तमान इस प्लाट की कीमत एक करोड़ से ज्यादा बताई गई है.
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इनपुट- प्रयागराज से आनंद राज और पंकज श्रीवास्तव
पीछा नहीं छोड़ रहा अतीक का काला अतीत, 30 साल में बने 1200 करोड़ के अवैध साम्राज्य का हो रहा है ऐसा हश्र - Aaj Tak
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