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Friday, December 29, 2023

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के उदाहरण से पीएम मोदी ने समझाया अपने काम करने का तरीका - Aaj Tak

PM Narendra Modi Exclusive Interview: दुनिया साल 2023 को विदाई देने की तैयारी कर रही है और आने वाले साल 2024 के अपने लक्ष्य तय करने में जुटी है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया टुडे के एडिटर-इन-चीफ तथा चेयरपर्सन अरुण पुरी, वाइस-चेयरपर्सन कली पुरी और ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा से खास बातचीत की. घंटे भर की बातचीत में प्रधानमंत्री ने विभिन्न घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ अपनी अनोखी प्रबंधन शैली की विस्तार से चर्चा की.

साल 2023 की चुनौतियों से जुड़े सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि 2023 में भारत का तेज उभार बहुत महत्वपूर्ण रहा है, क्योंकि इसने विकसित भारत के हमारे प्रारूप को तय किया. हमने देश की छिपी हुई क्षमताओं को उजागर किया. अब वैश्विक मंचों पर भारत की उपस्थिति और योगदान की मांग की जाती है. ऐसे देश से जो पीछे छूट गया महसूस करता था, अब हम ऐसा देश बन गए हैं जो आगे बढकर नेतृत्व कर रहा है. ऐसे देश से जो विभिन्न मंचों पर अपनी आवाज खोजा करता था, हम ऐसा देश बन गए हैं जो नए वैश्विक मंच बनाता है. आज दुनिया की सर्वानुमत राय स्पष्ट है- यह भारत का वक्त है.

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इस सवाल पर कि क्या यह साल आपके और देश के लिए निर्णायक मोड़ है? पीएम मोदी ने कहा कि एक वर्ष के दौरान मेरी यात्रा का मूल्यांकन करने से सही तस्वीर शायद न मिले क्योंकि मेरा विजन और योजनाएं उत्तरोत्तर सामने आती गई हैं. जब मैं शुरू करता हूं तो मुझे समापन बिंदु पता होता है. लेकिन मैं शुरुआत में अंतिम मंजिल या ब्लूप्रिंट की घोषणा नहीं करता. इसलिए आज आप जो देख रहे हैं, वह वह नहीं है जिस पर मैंने काम किया है. कहीं ज्यादा बड़ी तस्वीर अंतत: सामने आएगी. मैं बड़े कैनवस पर काम करता हूं. कलाकार की तरह मैं एक बिंदु से शुरू करता हूं, पर उस समय अंतिम तस्वीर नहीं देखी जा सकती. 

पीएम ने गुजरात के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की मिसाल देते हुए कहा कि जब मैंने घोषणा की थी कि हम 182 फुट के स्टैच्यू का निर्माण करेंगे तो कइयों को लगा कि इसका संबंध गुजरात विधानसभा की 182 सीटों से है. कुछ तबकों को लगा कि यह चुनाव से पहले एक समुदाय को खुश करने के लिए किया जा रहा था. लेकिन देखिए, किस तरह यह पूरे टूरिज्म ईकोसिस्टम के रूप में विकसित हो गया है, जिसमें सभी आयु समूहों और रुचियों के लोगों के लिए कुछ न कुछ है. कुछ ही दिन पहले वहां एक दिन में 80 हजार विजिटर पहुंचे, यह स्तर है इसकी लोकप्रियता का. मैंने केवल एक चीज का वादा किया था, लेकिन वहां मैंने दर्जनों चीजें डिलिवर कीं. यह मेरी कार्यशैली है. जब भारत मंडपम का काम शुरू हुआ, किसी ने नहीं सोचा कि यहां जी20 होगा. लेकिन मैं योजनापूर्वक काम कर रहा था. अगर मैं नई पार्लियामेंट बिल्डिंग गया तो गरीबों के लिए 4 करोड़ घरों की दिशा में काम करता हूं, तो यह भी इतनी ही योजना बनाकर और समर्पण के साथ करता हूं.

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