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नई दिल्ली2 घंटे पहले
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प्रधानमंत्री मोदी जब लोकसभा पहुंचे तो NDA सांसदों ने नारे लगाकर उनका स्वागत किया। यह 17वीं लोकसभा का 14वां सत्र है, जो 22 दिसंबर तक चलेगा।
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 4 दिसंबर से शुरू हो गया। यह सेशन 22 दिसंबर तक चलेगा। 19 दिन के दौरान दोनों सदनों में 15 बैठके होंगी।
लोकसभा में PM नरेंद्र मोदी के पहुंचते ही NDA के सांसदों ने उनका जोरदार स्वागत किया। सांसदों ने नारे लगाए- बार-बार मोदी सरकार। तीसरी बार मोदी सरकार।
सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से अपील की। उन्होंने कहा कि बाहर मिली पराजय का गुस्सा सदन में मत निकालिए। सदन में सकारात्मक चर्चा कीजिए।
लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने बैनर लहराए। इस पर स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि सदन में प्लेकार्ड्स नहीं ला सकते। सदन नियमों के मुताबिक ही चलेगा।
उधर, राज्यसभा ने AAP सांसद राघव चड्ढा का निलंबन रद्द कर दिया। वे अगस्त 2023 से निलंबित चल रहे थे। इसके लिए भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने प्रस्ताव रखा था।
मोदी बोले- विपक्ष के लिए ये सत्र अपनी बात रखने का अच्छा मौका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीतकालीन सत्र के पहले विपक्ष से सकारात्मक चर्चा की अपील की।
पीएम ने कहा कि राजनीतिक गर्मी बड़ी तेजी से बढ़ रही है। चार राज्यों के नतीजे आए हैं। बहुत ही उत्साहवर्धक परिणाम हैं। ये देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए हैं। महिलाएं, युवा, किसान और गरीब ये ऐसी महत्वपूर्ण जातियां हैं, जिनका एम्पॉवरमेंट जरूरी है। जब आप लोक कल्याण के लिए काम करते हैं तो एंटी-इन्कंबेंसी फैक्टर खत्म हो जाता है।
नई संसद है, कुछ कमियां महसूस हो सकती हैं। उन्हें दूर करेंगे। मुझे विश्वास है कि स्पीकर और उपराष्ट्रपति के निर्देशन में संसद चलेगी। सत्र के लिए हम विपक्ष के साथियों के साथ चर्चा करते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। लोकतंत्र का ये मंदिर जनआकांक्षाओं के लिए, विकसित भारत की नींव मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण मंच है। सभी सांसद ज्यादा से ज्यादा तैयारी करके आएं। बिलों पर अच्छी बहस हो और ज्यादा से ज्यादा सुझाव आएं। जब चर्चा नहीं होती तो देश इन चीजों को मिस करता है। वर्तमान चुनाव नतीजों के आधार पर कहूं तो विपक्ष के साथियों के लिए अच्छी अपॉरच्युनिटी है।
पिछले 9 साल की नकारात्मकता छोड़कर सकारात्मकता लेकर आइए। सबका भविष्य उज्जवल है। बाहर की पराजय का गुस्सा सदन में मत उतारिए। लोकतंत्र के मंदिर के वो मंच मत बनाइए। थोड़ा सा अपना रुख बदलिए। देशहित में सकारात्मकता का साथ दीजिए। देश के मन में कुछ बातों को लेकर नफरत पैदा हो रही है, उसे दूर कीजिए। सदन की कार्यवाही में सहयोग दीजिए। देश को सकारात्मकता का संदेश दें। लोकतंत्र में विपक्ष में महत्वपूर्ण और सामर्थ्यवान है। अब देश विकसित होने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहता। सभी सांसद इस भाव का आदर करते हुए आगे बढ़ें।
सत्र शुरू होने से पहले I.N.D.I.A ब्लॉक की मीटिंग हुई
सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A ब्लॉक के सांसदों ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ मीटिंग की। इसमें सदन की कार्यवाही को लेकर रणनीति तैयार की गई। विपक्षी सांसदों ने तय किया कि महुआ मोइत्रा मामले में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट सदन में रखे जाने से पहले लीक कैसे हो गई, इसे सदन में उठाया जाएगा।
राज्यसभा में वाइस चेयरपर्सन पैनल में अब 50% महिलाएं
सभापति जगदीप धनखड़ ने 8 सदस्यीय वाइस चेयरपर्सन पैनल में 4 महिलाओं को नियुक्त किया है। इनमें कांग्रेस की फूलो देवी नेताम और भाजपा की फेंगनॉन कोन्याक, दर्शना सिंह और सोनल मानसिंह को शामिल किया गया है। वहीं, 4 पुरुष सांसदों में बीजेडी के सस्मित पात्रा, वाईएसआरसीपी के विजयसाई रेड्डी, टीएमसी के सुखेंदु शेखर रे और निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा हैं।
सभापति या उपसभापति के ना होने पर वाइस चेयरपर्सन ही आसंदी पर होते हैं।
विपक्ष के प्रस्तावों पर चर्चा के लिए तैयार है सरकार
सत्र की शुरुआत से ठीक पहले 2 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक हुई। जिसमें 23 दलों के 30 नेता शामिल हुए। विपक्षी नेताओं ने क्रिमिनल लॉ के अंग्रेजी नामकरण की मांग, महंगाई, जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और मणिपुर के मुद्दों को भी उठाया।
मीटिंग के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। बशर्ते विपक्ष चर्चा के लिए माहौल बना रहने दे। इसलिए विपक्ष से सदन को सुचारू रूप से चलने देने का अनुरोध किया गया है।
जो बिल पेश किए जाने हैं, उनके बारे में जानिए:
- भारतीय न्याय संहिता 2023 : मानसून सत्र के आखिरी दिन सरकार ने लोकसभा में इस बिल को पेश किया। ये बिल इंडियन पीनल कोड, 1860 (IPC) की जगह लेगा। भारतीय न्याय संहिता लोकसभा में पेश होने के बाद स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया था। 10 नवंबर को कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी थी।
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 : भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता भी मानसून सेशन में आया था। इसका उद्देश्य कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर 1973 (CrPC) की जगह लेना है। 11 अगस्त, 2023 को इसे लोकसभा में पेश किया गया था। फिर स्टैडिंग कमेटी के पास भेजा गया।
- चीफ इलेक्शन कमिश्नर एंड अदर इलेक्शन कमिश्नर (अपॉइंटमेंट, कंडीशंस एंड टर्म ऑफ ऑफिस) बिल 2023 : मुख्य चुनाव आयुक्त और बाकी चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए ये बिल लाया गया। चुनाव आयुक्तों की योग्यता का आधार क्या होगा, सर्विस के दौरान क्या नियम कानून होंगे, ये सब इसी बिल के आधार पर तय होगा। ये बिल 10 अगस्त को राज्यसभा में पेश किया गया था।
- एडवोकेट्स (अमेंडमेंट) बिल 2023 : इस बिल के पास होने पर लीगल प्रैक्टिसनर एक्ट 1879 से कुछ सेक्शंस को हटाया जाएगा। उन्हें एडवोकेट्स एक्ट 1961 के अंतर्गत लाया जाएगा। ये बिल राज्यसभा में पास हो चुका है, लोकसभा में पेंडिंग है।
- जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल 2023 : जम्मू-कश्मीर के वीक एंड अंडर प्रिविलेज्ड क्लास का नाम बदल कर अदर बैकवर्ड क्लास किया जाएगा। 26 जुलाई को लोकसभा में बिल पेश किया गया था, अभी पास होना बाकी है।
- जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (अमेंडमेंट) बिल 2023 : जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 83 सीटों को बढ़ाकर 90 सीट किया जाएगा। 7 सीटें अनुसूचित जाति और 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की जाएंगी। बिल 26 जुलाई 2023 को लोकसभा में पेश किया जा चुका है। इस बिल में विधानसभा की एक सीट विस्थापित नागरिक और दो सीटें कश्मीरी पंडितों के लिए आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है।
- द कॉन्स्टिट्यूशन (जम्मू-कश्मीर) शेड्यूल्ड कास्ट ऑर्डर (अमेंडमेंट) बिल 2023 : इस बिल के पारित होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पिछड़े जातीय समुदायों के लिए 'वाल्मीकि' शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही राज्य की अनुसूचित जाति की लिस्ट में शामिल किया जाएगा। इस साल 26 जुलाई को लोकसभा में पेश किया गया था।
- द कॉन्स्टीट्यूशन (जम्मू-कश्मीर) शेड्यूल्ड ट्राइब ऑर्डर (अमेंडमेंट) बिल 2023 : इस बिल के तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए अनुसूचित जनजाति की लिस्ट अलग-अलग होगी।
- द पोस्ट ऑफिस बिल 2023 : यह बिल भारतीय डाकघर अधिनियम 1898 को निरस्त करेगा। पोस्ट ऑफिस की कार्यप्रणाली, शिपमेंट की प्रक्रिया के प्रावधान तय किए जाएंगे। ये बिल राज्यसभा में पेश किया जा चुका है।
- द प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियॉडिक बिल 2023 : प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन एक्ट 1867 को खत्म करेगा। इसके अंतर्गत अखबारों, वीकली, मैगजीन और बुक्स का रजिस्ट्रेशन भी होगा। इस बिल के पास होने के बाद प्रेस रजिस्ट्रार जनरल की नियुक्ति होगी। ये बिल इस साल 3 अगस्त को राज्यसभा में पास हो चुका है।
वे बिल जो पहली बार इस सत्र में टेबल किए जाएंगे
- जम्मू-कश्मीर रीऑर्गेनाजेशन (अमेंडमेंट) बिल 2023 : इसके तहत जम्मू-कश्मीर विधानसभा की एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी।
- द गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (अमेंडमेंट) बिल 2023 : पुडुचेरी विधानसभा में महिलाओं के लिए सीट आरक्षित करने का प्रावधान होगा।
- द नेशनल कैपिटल टैरिटरी ऑफ डेल्ही लॉज (स्पेशल प्रोवीजन) सेकंड (अमेंडमेंट) बिल 2023 : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाने की अवधि को तीन साल के लिए बढ़ाया जाएगा। बिल के पास होने पर 31 दिसंबर 2026 तक कार्रवाई पर रोक लग जाएगी।
- द सेंट्रल यूनिवर्सिटी (अमेंडमेंट) बिल 2023 : ये बिल तेलंगाना में सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी बनाने के लिए लाया जा रहा है।
- द बॉयलर्स बिल 2023 : ये बिल स्टीम बॉयलर्स को रेगुलेट करने वाले बॉयलर्स एक्ट की जगह लेगा।
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