कर्नाटक के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता होलालकेरे अंजनेय ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की तुलना भगवान राम से की है. अंजनेय चित्रदुर्ग में पत्रकारों से मुखातिब थे. जब उनसे 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में सिद्धारमैया को आमंत्रित नहीं करने पर उनकी प्रतिक्रिया पूछी गई तो कांग्रेस नेता ने कहा, 'सिद्धारमैया स्वयं राम हैं. फिर (अयोध्या) मंदिर में जाकर उस राम की पूजा क्यों करें जो बीजेपी के राम हैं. बीजेपी प्रचार के लिए ऐसा करती है. उन्हें ऐसा करने दीजिए'.
कांग्रेस नेता होलालकेरे ने आगे कहा. 'हमारे राम तो हमारे दिलों में रहते हैं. मेरा नाम अंजनेय (हनुमान को अंजनेय कहा जाता है, क्योंकि वह अंजना के पुत्र हैं) है, आप जानते होंगे उन्होंने क्या किया था'? रामायण में भगवान राम के समर्पित साथी और सहयोगी के रूप में हनुमान का वर्णन है. होलालकेरे अंजनेय का इशारा इसी ओर था. सिद्धारमैया ने 30 दिसंबर को कहा था कि उन्हें अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए निमंत्रण नहीं मिला है.
सिद्धारमैया ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा था, 'अब तक, मुझे निमंत्रण (राम मंदिर उद्घाटन का) नहीं मिला है. अगर निमंत्रण आता है, तो मैं इस पर विचार करूंगा'. कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम अयोध्या राम मंदिर के मुद्दे के खिलाफ नहीं हैं, हम मंदिर निर्माण के भी खिलाफ नहीं हैं. हम राम मंदिर के पक्ष में हैं'. कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण भेजा है.
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इस बीच कर्नाटक के एक और मंत्री दशरथैया सुधाकर ने कहा था, 'अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन एक स्टंट है. लोग मूर्ख नहीं हैं. हमें दो बार मूर्ख बनाया गया है. मुझे विश्वास है कि हम तीसरी बार मूर्ख नहीं बनेंगे. भाजपा चुनाव से पहले राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम का फायदा उठा रही है, जैसे उसने 2019 के चुनाव से पहले पुलवामा आतंकी हमले का उठाया था'. दशरथैया सुधाकर ने यह भी कहा था कि उन्होंने राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदा दिया है और ईंटें भी दी हैं.
'सिद्धारमैया हैं हमारे राम, हम क्यों करें अयोध्या वाले राम की पूजा', कांग्रेस नेता का विवादित बयान - Aaj Tak
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