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Saturday, July 3, 2021

राफेल मामला: कांग्रेस सांसद शशि थरूर का भाजपा पर हमला, कहा- जेट की संख्या 126 से घटाकर 36 क्यों की? - अमर उजाला - Amar Ujala

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: संजीव कुमार झा Updated Sat, 03 Jul 2021 06:42 PM IST

सार

भारत के साथ करीब 59 हजार करोड़ रुपये के राफेल सौदे में कथित भ्रष्टाचार की अब फ्रांस में न्यायिक जांच होगी। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अब इस डील को लेकर सिलसिलेवार ट्वीट कर भाजपा पर हमला बोला है। 

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विस्तार

फ्रांस सरकार द्वारा राफेल डील की जांच के लिए जज की नियुक्ति के बाद से भारत मे सियासत तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच जुबानी जंग भी लगातार जारी है। इसी क्रम में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इस डील को लेकर सिलसिलेवार ट्वीट कर भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने भाजपा से सवाल किया कि आखिर 126 राफेल जेट की डील को घटाकर 36 क्यों कर दी गई। 
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उन्होंने कहा कि भाजपा दावा कर रही है कि यह एकतरफा फैसला नहीं था बल्कि सेना की मांग के अनुसार लिया गया फैसला था। लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि जब 126 राफेल जेट की डील हुई थी तो इसे घटाकर 36 क्यों की गई। 

उन्होंने कहा कि फ्रांस की जांच के अनुसार फ्रेंच एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरर दसॉल्ट एविएशन ने डील को पक्की करने के लिए एक भारतीय बिचौलिए को मोटी रकम दी थी। उन्होंने कहा कि दसॉल्ट एविएशन का दावा है कि उसने 50 विमानों के लिए सुशेन गुप्ता से डील की थी। आधिकारिक अकाउंट में इसे गिफ्ट फोर क्लाइंट बताया गया।
 

कांग्रेस ने की संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी सीधे-सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला बोला। फ्रांस की वेबसाइट 'मीडियापार्ट' की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि रिलायंस-डसॉल्ट डील के सारे सबूत सार्वजनिक कर दिए गए हैं। मोदी सरकार और 'जानेमन' डील (राफेल डील) अब साफ हो गई है। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब संयुक्त संसदीय समिति की जांच की अनुमति देंगे। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि यह प्रथम दृष्टि में भ्रष्टाचार का आरोप है।

जानिए क्यों भारत में इसे लेकर सियासत हुई तेज
बता दें कि भारत के साथ करीब 59 हजार करोड़ रुपये के राफेल सौदे में कथित भ्रष्टाचार की अब फ्रांस में न्यायिक जांच होगी। इस जांच के लिए एक फ्रांसीसी जज को नियुक्त किया गया है। फ्रांसीसी मीडिया जर्नल मेडियापार्ट की एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है।

इस रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2016 में दोनों देशों के बीच हुई इस डील की अत्यधिक संवेदनशील जांच औपचारिक तौर पर 14 जून से शुरू हो गई थी। बता दें कि फ्रांसीसी वेबसाइट ने अप्रैल 2021 में राफेल सौदे के कथित अनियमितताओं को लेकर कई रिपोर्ट प्रकाशित की थीं।

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