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Wednesday, August 11, 2021

127वां संविधान संशोधन: राज्यसभा से भी मिली मंजूरी, राज्यों को मिलेगी अपनी ओबीसी सूची बनाने की शक्ति - अमर उजाला - Amar Ujala

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: गौरव पाण्डेय Updated Wed, 11 Aug 2021 06:38 PM IST

सार

127वें संविधान संशोधन विधेयक को बुधवार को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई। इससे पहले मंगलवार को लोकसभा में यह विधेयक पारित हो गया था। यह विधेयक राज्यों को अपनी खुद की ओबीसी सूची बनाने की शक्ति को बहाल करने के लिए लाया गया था। 

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विस्तार

राज्यसभा में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक 2021 बुधवार को पारित हो गया। यह विधेयक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अपनी ओबीसी सूची बनाने की शक्ति बहाल करने के लिए है। मंगलवार को लोकसभा ने इसे पारित कर दिया था। राज्यसभा में भी इसके आसानी से पारित हो जाने के आसार थे, क्योंकि सभी विपक्षी दल इस विधेयक पर एक साथ हैं।
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उल्लेखनीय है कि इस विधेयक के माध्यम से महाराष्ट्र में मराठा समुदाय से लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश के जाट समुदाय को ओबीसी (अति पिछड़ा वर्ग) में शामिल करने और उन्हें आरक्षण देने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद केंद्र सरकार पर आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा खत्म करने के लिए दबाव बढ़ेगा।

सरकार ने बीते सप्ताह मेडिकल शिक्षा में ओबीसी वर्ग के लिए केंद्रीय कोटे से आरक्षण की व्यवस्था की थी। अब सरकार इस वर्ग को फायदा देने के लिए नया विधेयक लाई है। इसका नाम है 127वां संविधान संशोधन विधेयक। इसके तहत राज्यों को ओबीसी की सूची बनाने की शक्ति देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 342-ए और 366(26) सी में संशोधन होना है।

विपक्षी सदस्यों का हंगामा, कागज के टुकड़े उछाले
संसद के मानसून सत्र अपने अंतिम दौर में आ गया है लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा, नारेबाजी और संसद का कार्यवाही को बाधित करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। बुधवार को भी विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी नेताओं ने राज्यसभा में हंगामा किया। विपक्षी सांसद वेल के पास एकत्र हो गए। उन्होंने नारेबाजी की और कागज के टुकड़े फाड़कर हवा में उछाले।

 

कांग्रेस ने लोकसभा में किया था विधेयक का समर्थन
कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा में ओबीसी आरक्षण विधेयक का समर्थन किया था। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि हम विधेयक का समर्थन करते हैं। हम मांग करते हैं कि 50 फीसदी की सीमा को हटाने पर भी विचार किया जाए। कांग्रेस का कहना है कि यह सीमा हटने के बाद ही मराठा समुदाय और अन्य राज्यों में लोगों को इसका फायदा मिल पाएगा।

चौधरी ने कहा था कि कुछ प्रदेशों में आरक्षण की सीमा इससे ज्यादा है। तमिलनाडु में 69 फीसदी आरक्षण है। बाकी राज्यों को भी ये ताकत दी जाए कि वो आरक्षण को इस सीमा से बढ़ा सकें। उन्होंने कहा था, 'हम जिम्मेदार दल हैं। यह संविधान संशोधन विधेयक है और इसमें दो तिहाई बहुमत के समर्थन की जरूरत पड़ती है। इसलिए हम इसमें हिस्सा ले रहे हैं।'

राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक पारित
राज्यसभा ने बुधवार को एक अन्य महत्वपूर्ण विधेयक राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन ) विधेयक 2021 को भी पारित कर दिया। 


 

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