जिन तीन प्रांतों पर तालिबान का कब्जा हुआ है उनमें पूर्वोत्तर में बदख्शां और बगलान तथा पश्चिम में फराह प्रांत की राजधानी शामिल है। उधर, कुंदुज प्रांत का अहम ठिकाना भी अफगान बलों के हाथ से निकल चुका है।
तीन प्रांतों पर नियंत्रण के साथ ही तालिबान के कब्जे में अफगानिस्तान का दो तिहाई हिस्सा चला गया है। अमेरिकी और नाटो सैनिकों की अंतिम वापसी के बीच दो दशक की लड़ाई के बाद तालिबान का यह कब्जा हुआ है।
कुंदुज प्रांत के अहम ठिकाने पर तालिबान के नियंत्रण से अफगानिस्तान की संघीय सरकार पर अपनी स्थिति मजबूत करने का दबाव बढ़ गया है। राष्ट्रपति अशरफ गनी युद्धग्रस्त बल्ख प्रांत के दौरे पर गए हैं ताकि तालिबान को पीछे धकेलने के लिए स्थानीय सरदारों की मदद मांगी जा सके।
इस बीच, बदख्शां प्रांत के सांसद हुजातुल्ला खेरादमंद ने बताया कि तालिबान ने उनके सूबे की राजधानी फैजाबाद पर कब्जा कर लिया है। उधर, बगलान की राजधानी पोली खुमरी और फराह की राजधानी भी तालिबान के हाथ में जा चुकी है। तालिबान कब्जे वाले क्षेत्रों में महिलाओं पर पाबंदियां लगा दी गई हैं और स्कूलों को जला दिया गया है।
काबुल पर सीधा खतरा नहीं
तालिबान की बढ़त से फिलहाल काबुल को सीधे तौर पर कोई खतरा नहीं है लेकिन उसकी गति से सवाल पैदा हो रहे हैं कि सरकार कब तक दूर दराज के इलाकों पर नियंत्रण रख सकेगी।
कई मोर्चों पर सरकार के विशेष कार्रवाई बलों के साथ लड़ाई चल रही है जबकि नियमित सैनिकों के लड़ाई के मैदान से भागने की खबरें भी आ रही हैं। अफगान सरकार या सेना ने फिलहाल तालिबान के नए कब्जों पर टिप्पणी नहीं की है।
दिन भर आईं गोलियों की आवाजें
फराह तालिबान लड़ाके अफगान सुरक्षा बल के एक सैनिक का शव सड़क पर घसीटते नजर आए और इस दौरान वे ‘अल्लाहू अकबर’ के नारे लगा रहे थे।
तालिबान लड़ाकों के पास एम-16 राइफलें थी और वे राजधानी की सड़कों पर पिकअप ट्रक चला रहे थे। ये ट्रक अमेरिकियों ने अफगानिस्तान को दान किए थे। तालिबान कब्जे में ली गई तीन प्रांतों की राजधानियों में दिन भर गोलियां चलने की आवाजें आती रही हैं।
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