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- Shiv Sena MP Sanjay Raut Likens Afghan Situation With Partition Of India In Weekly Column Of Saamna
मुंबई2 घंटे पहले
महाराष्ट्र के शिवसेना सांसद संजय राउत ने अफगानिस्तान में बने हालात की तुलना भारत के बंटवारे के समय से की है। उन्होंने इसमें एक नया एंगल भी जोड़ा है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक कॉलम 'रोखठोक' में संजय राउत ने लिखा कि अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति भारत के बंटवारे के समय जैसी है। वहां के हालात याद दिला रहे हैं कि किसी देश का अस्तित्व और संप्रभुता खत्म होने का दर्द कैसा होता है।
संजय राउत के मुताबिक, अगर नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की जगह मोहम्मद अली जिन्ना को मारा होता तो देश का बंटवारा रोका जा सकता था। अगर ऐसा होता तो 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने की जरूरत भी नहीं पड़ती। दरअसल, स्वतंत्रता दिवस से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का ऐलान किया था।
अखण्ड भारत बनना मुमकिन नहीं लगता
संजय राउत ने लिखा कि जब तक बंटवारे से अलग हुआ हिस्सा वापस देश में शामिल नहीं हो जाता, तब तक बंटवारे का दर्द कैसे कम हो सकता है। मन को शांति कैसे मिल सकती है। हमें लगता है अखंड भारत बनना चाहिए, लेकिन यह मुमकिन नहीं लगता। हालांकि, हमारी उम्मीद बनी रहेगी। अगर प्रधानमंत्री मोदी अखंड भारत चाहते हैं तो उनका स्वागत है, लेकिन उन्हें बताना पड़ेगा कि वे पाकिस्तान के 11 करोड़ मुस्लिमों के बारे में क्या करेंगे।
अखंड भारत की बात करने वालों ने टू नेशन थ्योरी मान ली
राउत ने कहा कि अखंड भारत की वकालत करने वालों ने मुस्लिम लीग और टू-नेशन थ्योरी का आइडिया मान लिया है और उसके खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी है। महात्मा गांधी पॉलिटिक्स में एक्टिव नहीं थे, जब अंग्रेजों ने मुस्लिमों को अलग मतदाताओं के तौर पर पेश किया, जवाहरलाल नेहरू ने आजादी के बाद मुस्लिमों को अलग मतदाता मानने से इनकार कर दिया था। जब गांधी ने मुस्लिम नेताओं की गलत मांगें नहीं मानी तो कई नेता कांग्रेस छोड़ गए थे।
बंटवारे पर शिवसेना का नया एंगल: संजय राउत बोले- अगर गोडसे ने गांधी की जगह जिन्ना को मारा होता तो देश का बंट... - Dainik Bhaskar
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