कल्याण सिंह वैसे तो संगमनगरी अक्सर आते-जाते रहते थे। लेकिन पिछले सालों से ये सिलसिला कमजोर पड़ गया था। आखिरी बार वे 2014 के लोकसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य के समर्थन में नवाबगंज में प्रचार करने आए थे।
सभा के संयोजक रहे पूर्व विधायक प्रभाशंकर पांडेय के अनुसार उन्होंने कहा था ‘कोई सांसद या विधायक विकास नहीं करता, सरकार विकास करती है। मैं वादा करता हूं समाज के सबसे निचले व्यक्ति तक भाजपा सरकार विकास पहुंचाएगी।’
उससे पहले 2013 में पीटर यंग्रीन के विरोध के कारण नैनी जेल में बंद केशव प्रसाद मौर्य से मिलने अशोक सिंहल जेल तक गए थे। 10 नवंबर 2012 को पं. केशरी नाथ त्रिपाठी के जन्मदिन समारोह में हिस्सा लेने आए थे।
कल्याण सिंह ने दी थी मुक्त विवि की सौगात
प्रदेश के मुख्यमंत्री, राजस्थान व हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे कल्याण सिंह ने प्रयागराज को उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की सौगात दी थी। 24 मार्च 1999 को इस विश्वविद्यालय ने मूर्त रूप लिया। तत्कालीन उच्च शिक्षामंत्री रहे डॉ. नरेंद्र सिंह गौर के अनुसार मुक्त विश्वविद्यालय के लिए उन्होंने गुजारिश की थी। उसी समय यह भी तय किया गया कि यह विश्वविद्यालय हिंदी के लिए समर्पित भारत रत्न पुरुषोत्तमदास टंडन के नाम पर होगा। इसकी वजह यह थी कि वह हिंदी और हिंदी के साधकों को सम्मान देना चाहते थे।
डॉ. गौर ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कहते थे कि शिक्षा में राजनीति नहीं होनी चाहिए। 1998-99 में उत्तर प्रदेश में सरकारी इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज थे। उसमें सीटों की संख्या में सीमित हुआ करती थी। इसकी वजह से प्रदेश के तमाम विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए बाहर जाना पड़ता था। विद्यार्थियों की सहूलियत के लिए उन्होंने निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को खोलने की अनुमति दी।
पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का किया था अनावरण
डॉ. गौर के अनुसार कल्याण सिंह 1991-92 में मुख्यमंत्री रहने के दौरान प्रयागराज आए। बालसन चौराहे के पास स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का भी अनावरण किया था। वह संगठन के कार्यकर्ताओं को पूरा सम्मान देते थे। एक-एक कार्यकर्ता को पहचानते और उसका हाल भी पूछते थे।
कल्याण सिंह निधन: आखिरी बार केशव प्रसाद मौर्य के लिए किया था प्रचार, कही थी ये बात - Hindustan
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