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Saturday, August 28, 2021

Janmashtami 2021 : जन्माष्टमी व्रत 30 को, यहां जानें शुभ मुहूर्त, नियम और पूजा-विधि - Hindustan

Janmashtami 2021 :  भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रमास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल 30 अगस्त को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस पावन दिन बड़े ही धूम- धाम से भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन विधि- विधान से भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा- अर्चना की जाती है और व्रत भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, नियम और पूजा- विधि...

पूजा का शुभ मुहूर्त-

  • 30 अगस्त को रात 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 44 मिनट तक है। 

कुल अवधि-

  • 45 मिनट

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रोहिणी नक्षत्र के समापन के बाद किया जाता है व्रत पारण

  • कई लोग रोहिणी नक्षत्र के समापन के बाद भी व्रत का पारण करते हैं। 

कृष्ण जन्माष्टमी पारण मुहूर्त-

  • कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत में रात्रि को लड्डू गोपाल की पूजा- अर्चना करने के बाद ही प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण किया जाता है। हालांकि कई लोग व्रत का पारण अगले दिन भी करते हैं।

व्रत पारण समय-

  • 31 अगस्त को सुबह 9 बजकर 44 मिनट बाद व्रत का पारण कर सकते हैं। 

रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ- 30 अगस्त को सुबह 06 बजकर 39 मिनट से
रोहिणी नक्षत्र समापन- 31 अगस्त को सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर।

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पूजा- विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
  • घर के मंदिर में साफ- सफाई करें।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • सभी देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें।
  • इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है।
  • लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करें।
  • इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में बैठाएं।
  • लड्डू गोपाल को झूला झूलाएं।
  • अपनी इच्छानुसार लड्डू गोपाल को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
  • लड्डू गोपाल की सेवा पुत्र की तरह करें।
  • इस दिन रात्रि पूजा का महत्व होता है, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात में हुआ था।
  • रात्रि में भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा- अर्चना करें।
  • लड्डू गोपाल को मिश्री, मेवा का भोग भी लगाएं।
  • लड्डू गोपाल की आरती करें।
  • इस दिन अधिक से अधिक लड्डू गोपाल का ध्यान रखें।
  • इस दिन लड्डू गोपाल की अधिक से अधिक सेवा करें।

इन नियमों का करें पालन-

  • इस पावन दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा के साथ ही गाय की भी पूजा करें। पूजा स्थल पर भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति के साथ गाय की मूर्ति भी रखें।
  • पूजा सुंदर और साफ आसन में बैठकर की जानी चाहिए। 
  • भगवान श्री कृष्ण का गंगा जल से अभिषेक जरूर करें।
  • गाय के दूध से बने घी का इस्तेमाल करें।

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