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- Wrote In The Editorial Of Saamana Comparison Of RSS And Taliban Is Not Right, Majority Of Hindus Are Being Suppressed Continuously In Our Country.
मुंबई10 घंटे पहले
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महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और NCP की संयुक्त सरकार है। जावेद अख्तर के बयान का शिवसेना ने इशारों में विरोध किया है, वहीं कांग्रेस और NCP इसका समर्थन कर रही है।
गीतकार जावेद अख्तर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना तालिबान से की तो शिवसेना RSS के बचाव में आ गई है। उसने पार्टी के मुखपत्र सामना में सोमवार को लिखा है- लगातार बहुसंख्यक हिंदुओं को दबाया न जाए। RSS और तालिबान की तुलना करना सही नहीं है। इस विचारधारा का समर्थन करने वाले लोगों को आत्मपरीक्षण करने की जरूरत है।
सामना में शिवसेना ने लिखा, 'संघ या शिवसेना तालिबानी विचारों वाली होतीं तो इस देश में तीन तलाक के खिलाफ कानून नहीं बना होता। लाखों मुस्लिम महिलाओं को आजादी की किरण नहीं दिखी होती।'
शिवसेना ने लिखा, 'अफगानिस्तान का तालिबानी शासन मतलब समाज और मानव जाति के लिए सबसे बड़ा खतरा है। पाकिस्तान, चीन जैसे राष्ट्रों ने उसका साथ दिया है। हिंदुस्तान की मानसिकता वैसी नहीं दिख रही है। हम हर तरह से जबर्दस्त सहिष्णु हैं। लोकतंत्र के बुर्के की आड़ में कुछ लोग तानाशाही लाने का प्रयास कर रहे होंगे फिर भी उनकी सीमा है। इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना तालिबान से करना उचित नहीं है।'
अख्तर के पूर्व के बयानों का समर्थन किया
सामना में आगे लिखा गया, 'जावेद अख्तर अपने मुखर बयानों के लिए जाने जाते हैं। देश में जब-जब धर्मांध, राष्ट्रद्रोही विकृतियां उफान पर आईं, तब जावेद अख्तर ने उन धर्मांध लोगों के मुखौटे फाड़े हैं। कट्टरपंथियों की परवाह किए बगैर उन्होंने ‘वंदे मातरम’ गाया है। फिर भी संघ की तालिबान से की गई तुलना हमें स्वीकार नहीं है।'
हिंदू राष्ट्र निर्माण की अवधारणा सौम्य है
सामना में शिवसेना ने आगे लिखा है, 'आपकी विचारधारा धर्मनिरपेक्ष है इसलिए हिंदू राष्ट्र की संकल्पना का समर्थन करने वाले तालिबानी मानसिकता वाले हैं, ऐसा कैसे कहा जा सकता है? बर्बर तालिबानियों ने अफगानिस्तान में जो रक्तपात, हिंसाचार किया है। जो मानव जाति का पतन कर रहे हैं, वह दिल दहलाने वाला है।
तालिबान के डर से लाखों लोगों ने देश छोड़ दिया है। महिलाओं पर जुल्म हो रहे हैं। अफगानिस्तान नर्क बन गया है। तालिबानियों को वहां सिर्फ शरीयत की ही सत्ता लानी है। हमारे देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का प्रयास करने वाले जो-जो लोग या संगठन हैं, उनकी हिंदू राष्ट्र निर्माण की अवधारणा सौम्य है।'
विश्व पटल पर एक भी हिंदू राष्ट्र है क्या?
शिवसेना ने सामना में आगे लिखा है, 'हिंदुस्तान में हिंदुत्ववादी विचार अति प्राचीन है। वजह ये है कि रामायण, महाभारत हिंदुत्व का आधार है। बाहरी हमलावरों ने हिंदू संस्कृति पर तलवार के दम पर हमला किया। अंग्रेजों के शासन में धर्मांतरण हुए। उन सभी के खिलाफ हिंदू समाज लड़ता रहा, लेकिन वह कभी भी तालिबानी नहीं बना। दुनिया के हर राष्ट्र आज धर्म की बुनियाद पर खड़े हैं।
चीन, श्रीलंका जैसे राष्ट्रों का अधिकृत धर्म बौद्ध, अमेरिका-यूरोपीय देश ईसाई तो शेष सभी राष्ट्र ‘इस्लामिक रिपब्लिक’ के रूप में अपने धर्म की शेखी बघारते हैं। परंतु विश्व पटल पर एक भी हिंदू राष्ट्र है क्या? हिंदुस्थान में बहुसंख्यक हिंदू होने के बावजूद भी ये राष्ट्र आज भी धर्म निरपेक्षता का झंडा लहराता हुआ खड़ा है। बहुसंख्यक हिंदुओं को लगातार दबाया न जाए, यही उनकी एक वाजिब अपेक्षा है। जावेद अख्तर हम जो कह रहे हैं, वह सही है न?'
भाजपा ने शिवसेना पर साधा निशाना
सामना की संपादकीय में जावेद अख्तर के पुराने बयानों का समर्थन करने पर भाजपा ने शिवसेना पर निशाना साधा है। BJP विधायक राम कदम ने ट्वीट कर लिखा, 'जलेबी की तरह गोल-गोल भाषा? शिवसेना स्वीकार कर रही है कि जावेद अख्तर का बयान गलत है। हमें शिकायत करे 24 घंटे बीत गए। इसके बाद भी उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया? आपको कार्रवाई करने से किसने रोका? उन्हें घर के बाहर कब करोगे?' राम कदम ने रविवार को गीतकार जावेद अख्तर के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
जावेद अख्तर को शिवसेना का आईना: सामना के संपादकीय में लिखा- RSS और तालिबान की तुलना सही नहीं, हमारे देश में... - दैनिक भास्कर
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