आतंकियों को पनाह देने वाला मुल्क पाकिस्तान भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए हरदम मौके की तलाश में रहता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को जहां अपने देश के बिगड़े हालातों पर बात करनी चाहिए थी, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपनी विश्वसनीयता बहाल करने को लेकर बात करनी चाहिए थी, मगर उसने इस बार भी वही किया, जो वर्षों से करता आया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को संबोधित किया और इसमें उन्होंने ठीक वही किया, जिसकी उम्मीद थी। संयुक्त राष्ट्र के मंच का इमरान खान ने फिर से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाने के लिए इस्तेमाल किया और कश्मीर का राग अलापा। इमरान ने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन यह भारत की जिम्मेदारी है कि वह सार्थक रूप से जुड़े। वहीं, कहा जा रहा है कि इमरान खान के संदर्भों का जवाब देने के लिए भारत राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करेगा।
इमरान ने फिर कश्मीर का राग अलापा
दरअसल, प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने संबोधन के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया। यह कहते हुए कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है, इमरान खान ने कहा कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर है। शांति स्थापित करने का ठिकरा भारत पर फोड़ते हुए उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान के साथ सार्थक और परिणामोन्मुखी जुड़ाव के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत पर बनी हुई है। संयुक्त राष्ट्र में वर्चुअल संबोधन के दौरान इमरान खान ने अपने अफगानिस्तान और तालिबान पर मसले को भी बढ़कर कर उठाया।
मोदी सरकार और भाजपा को घेरा
पहले से रिकॉर्ड किए गए संबोधन में इमरान खान ने एक बार फिर से भारत सरकार के खिलाफ जहर उगला और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी सरकार को 'फासीवादी' करार दिया। इमरान खान ने कहा कि अमेरिका में 9/11 हमलों के बाद दुनियाभर के दक्षिण पंथियों (राइट विंग) ने मुसलमानों पर हमले शुरू कर दिए और भारत में इसका सबसे ज्यादा असर है। इमरान ने अपने संबबोधन में आरएसएस और भाजपा को टारगेट किया और कहा कि वे मुस्लिमों के साथ भेदभाव करते हैं। वहीं, इमरान ने आरोप लगाया कि भारत ने कश्मीर पर जबरन कब्जा कर रखा है।
पाक ने फिर खेला विक्टिम कार्ड
इमरान खान ने अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर कहा कि वहां के बिगड़े हालात के लिए अणेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, मगर इस मंच से मैं कहना चाहता हूं कि इसकी सबसे बड़ी कीमत हमने चुकाई है। मैं चाहता हूं कि उन सभी को पता चले कि अफगानिस्तान के अलावा जिस देश को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, वह पाकिस्तान था; जब हम 9/11 के बाद आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी युद्ध में शामिल हुए थे। इमरान खान ने कहा कि हमें अमेरिका की सहायता करने से हमारे 80,000 लोगों की जान चली गई।
अफगानिस्तान और तालिबान पर इमरान ने क्या कहा
बता दें कि शांति की इच्छा रखने वाले इमरान खान की बयानबाजी के बावजूद कई अफगानों ने अफगानिस्तान में तालिबान के पुनरुत्थान के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया है। अगस्त में संयुक्त राष्ट्र ने भी अफगानिस्तान पर एक विशेष बैठक में अपना पक्ष रखने के पाकिस्तान के अनुरोध को खारिज कर दिया था, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साझा संदेह को दर्शाता है। अपने भाषण में इमरान खान ने उसी बात को फिर से दोहराया, जो उनके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र में इस सप्ताह की शुरुआत में द एसोसिएटेड प्रेस को बताया था कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को तालिबान को अलग नहीं करना चाहिए, बल्कि वर्तमान अफगान सरकार को मजबूत करना चाहिए। यह कहते हुए कि अस्थिर और अराजक अफगानिस्तान फिर से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह के रूप में उभरेगा, इमरान खान ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को युद्धग्रस्त देश में वर्तमान सरकार को मजबूत और स्थिर करना चाहिए। खान ने कहा कि आगे एक बहुत बड़ा मानवीय संकट आने वाला है और इसका न केवल अफगानिस्तान के पड़ोसियों के लिए बल्कि हर जगह गंभीर असर होगा। पाकिस्तान पर तालिबान को खुलेआम और परोक्ष रूप से समर्थन करने का आरोप लगाया गया है।
गिलानी की मौत पर भी पाक ने की राजनीति
इमरान खान ने पाकिस्तान समर्थक अलगावादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत का भी जिक्र किया और कहा कि गिलानी के परिजनों के साथ अन्याय हुआ। इमरान ने कहा कि गिलानी के परिवार ने कहा है कि कश्मीर में अलगाववादी नेता को उचित इस्लामिक तरीके से दफनाने से इनकार करते हुए भारतीय अधिकारियों ने उनके शव को ले लिया और उन्हें उनकी सहमति के बिना दफन कर दिया। मैं इस असेंबली से मांग करता हूं कि गिलानी के परिवार को उनका अंतिम संस्कार इस्लामी तरीके से करने की मंजूरी दी जाए। बता दें कि गिलानी की इस महीने की शुरुआत में 91 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी।
अब भारत देगा मुंहतोड़ जवाब
इमरान खान ने कश्मीर का राग अलाप कर बड़ी गलती कर दी है। पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र महासबा को संबोधित करने के लिए न्यूयॉर्क में है। जब वह सत्र को संबोधित करेंगे तो पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र महासभा में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के संदर्भों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत राइट टू रिप्लाई के अपने अधिकार का उपयोग करेगा।
UNGA में कश्मीर, गिलानी का जिक्र कर इमरान खान ने कर दी बड़ी गलती, अब भारत से लताड़ खाने को तैयार रहे पाक - Hindustan
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