अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: देव कश्यप Updated Wed, 27 Oct 2021 04:34 AM IST
सार
केंद्र सरकार की ओर से आरोपों की जांच के लिए स्वतंत्र सदस्यों के एक विशेषज्ञ पैनल के गठन का प्रस्ताव रखा गया था। केंद्र ने विशेषज्ञ पैनल के समक्ष विवरण का खुलासा करने का भी आश्वासन दिया था।पेगासस जासूसी मामला: सर्वोच्च न्यायालय - फोटो : पीटीआई
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विस्तार
केंद्र सरकार की ओर से आरोपों की जांच के लिए स्वतंत्र सदस्यों के एक विशेषज्ञ पैनल के गठन का प्रस्ताव रखा गया था। केंद्र ने विशेषज्ञ पैनल के समक्ष विवरण का खुलासा करने का भी आश्वासन दिया था। हालांकि सरकार ने एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने से इनकार करते हुए कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर किसी विशेष सॉफ्टवेयर के उपयोग या गैर-उपयोग पर इस तरह से बहस नहीं की जा सकती।
सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि वह नहीं चाहता कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता हो। कोर्ट ने कहा था कि वह सिर्फ यह जानना चाहता है कि केंद्र ने गैरकानूनी तरीके से पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है या नहीं? उस समय कोर्ट ने कहा था कि दो-तीन दिनों में अंतरिम आदेश पारित किया जाएगा।
23 सितंबर को चीफ जस्टिस ने ओपन कोर्ट में इस्राइल के पेगासस स्पाइवेयर के जरिए नागरिकों खासकर विपक्षी दल के नेताओं, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं आदि पर जासूसी के आरोपों की जांच के लिए एक तकनीकी समिति गठित करने के संकेत दिए थे।
तब चीफ जस्टिस ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन पर विचार कर रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया था कि जिन विशेषज्ञों से संपर्क किया गया था उनमें से कुछ ने व्यक्तिगत कारणों से समिति का हिस्सा बनने में असमर्थता व्यक्त की थी जिसके कारण शीर्ष अदालत इस संबंध में आदेश पारित करने में देर कर रही है।
Pegasus news : सुप्रीम कोर्ट आज बताएगा जांच होगी या नहीं, 13 सितंबर को सुनवाई के बाद सुरक्षित रख लिया था आदेश - अमर उजाला - Amar Ujala
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