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Monday, November 1, 2021

Bypolls Election Result Today: तीन लोकसभा और 29 विधानसभा सीटों के नतीजे आएंगे, यह मोदी और क्षेत्रीय नेताओं का टेस्ट - अमर उजाला - Amar Ujala

तीन लोकसभा और 29 विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को 50 से 80 प्रतिशत तक वोटिंग हुई थी। लोकसभा सीटों की बात करें तो दादर नगर हवेली, मंडी (हिमाचल प्रदेश) और खंडवा (मध्यप्रदेश) पर वोटिंग हुई। इनमें मंडी और खंडवा भाजपा के पास थे, जबकि दादर नगर हवेली से निर्दलीय सांसद थे।
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वहीं, 29 विधानसभा सीटों की बात करें तो असम की पांच, बंगाल की चार, मप्र, मेघालय और हिमाचल की 3-3, राजस्थान, बिहार और कर्नाटक की 2-2, आंध्र, हरियाणा, महाराष्ट्र, मिजोरम और तेलंगाना की एक-एक सीट शामिल है। इन 29 में से 6 सीटें भाजपा के पास थी, जबकि 9 सीटें कांग्रेस और अन्य सीटें क्षेत्रीय पार्टियों के पास थी।  

इन चुनावों के मुख्य उम्मीदवारों की बात करें तो कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा देने वाले अभय चौटाला और हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह शामिल हैं।  

पहले बात लोकसभा चुनावों की
तीन लोकसभा सीटों में से दो सीटें भाजपा के पास थी और एक निर्दलीय के पास। दादरा और नगर हवेली लोकसभा सीट पर 75.51 प्रतिशत वोटिंग हुई है। सात बार के निर्दलीय सांसद मोहन देलकर की मौत की वजह से यह सीट खाली हुई थी। इस पर देलकर की पत्नी बलाबेन देलकर शिवसेना उम्मीदवार के तौर पर भाजपा के महेश गावित और कांग्रेस के महेश धोड़ी के खिलाफ मैदान में हैं।  

हिमाचल की मंडी लोकसभा सीट भाजपा सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन की वजह से खाली हुई थी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृहनगर होने से उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को उतारा है, जिनका मुकाबला कारगिल युद्ध हीरो और भाजपा नेता खुशाल सिंह ठाकुर से है।


मध्यप्रदेश की खंडवा लोकसभा सीट भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन से खाली हुई थी। भाजपा ने यहां से ज्ञानेश्वर पाटिल को उतारा। उनका मुकाबला कांग्रेस के ठाकुर राजनारायण पुरनी से है। यहां करीब 64% वोटिंग दर्ज हुई थी।  

अब बात विधानसभा सीटों की...
असम में 5 सीटों पर सरमा की लोकप्रियता का लिटमस टेस्ट

नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में असम में चुनावी सरगर्मी सबसे अधिक थी। यहां पर पांच सीटों पर वोटिंग हुई। ये सीटें हैं- गोसाईगांव, भवानीपुर, तमुलपुर, मरियानी और थौरा। तीन सीटों पर भाजपा ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि दो सीटों पर सहयोगी पार्टी यूपीपीएल चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस ने सभी पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। एआईयूडीएफ दो और बीपीएफ एक सीट पर लड़ रहे हैं।

भाजपा के लिए खुद सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने जमकर प्रचार किया। इन चुनावों को सरमा की लोकप्रियता के लिटमस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है।

पश्चिम बंगाल में चार सीटों पर उपचुनाव  
पश्चिम बंगाल की चार सीटों पर 71 प्रतिशत मतदान हुआ। भाजपा के लिहाज से दिनहटा और शांतिपुर में प्रतिष्ठा की लड़ाई है, यह सीटें उसने अप्रैल में जीती थीं। दिनहटा से टीएमसी ने उदयन गुहा को उम्मीदवार चुना है जो अप्रैल में भाजपा से अपनी सीट हारे थे। उनका मुकाबला भाजपा नेता अशोक मंडल से था। शांतिपुर सीट पर भी भाजपा ने खास ध्यान दिया। इस उपचुनाव में पार्टी ने बृजकिशोर गोस्वामी को उम्मीदवार बनाया। दिनहटा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री प्रामाणिक और शांतिपुर में भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने विधानसभा से इस्तीफा दिया था। खरदा और गोसाबा में विजयी उम्मीदवारों का निधन होने से उपचुनाव की जरूरत पड़ी।  

मध्यप्रदेश में सबसे रोचक मुकाबले
मध्य प्रदेश में रैगांव, पृथ्वीपुर और जोबट विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ है। रैगांव सीट भाजपा के पास थी, जबकि पृथ्वीपुर और जोबट कांग्रेस के पास। विधायकों के निधन की वजह से इन सीटों पर उपचुनाव हुआ।

रैगांव में भाजपा से प्रतिमा बागरी तो वहीं कांग्रेस से कल्पना वर्मा प्रत्याशी हैं। पृथ्वीपुर से भाजपा ने शिशुपाल सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक बृजेन्द्र सिंह राठौर के बेटे नितेंद्र को खड़ा किया है। जोबट में कांग्रेस से भाजपा में आई पूर्व विधायक सुलोचना रावत का मुकाबला कांग्रेस के महेश पटेल से है।    

नतीजों का शिवराज सरकार पर कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला। पार्टी को नुकसान होता है तो तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व पर सवाल जरूर खड़े होंगे। दमोह उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद से ही चौहान के चेहरे पर अटकलों का बाजार बेहद गर्म है। भाजपा गुजरात, उत्तराखंड और कर्नाटक में चेहरे बदल चुकी है।  

हिमाचल-मेघालय में 3-3 सीटों पर मुकाबला
हिमाचल प्रदेश में तीन सीटों फतेहपुर, अरकी और जुब्बाल-कोटखाई पर उपचुनाव हुआ। इन पर क्रमशः 62.4%, 61.33% और 66.1% वोटिंग हुई। अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव हैं और इसे देखते हुए यह उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण हो जाते हैं।  

मेघालय की राजाबाला, मॉरिंगखेंग और मॉफलांग सीटों पर 64 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई है। पूर्व राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी यूगेंनेसन लिंगदोह मॉफलांग सीट पर यूडीपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के कैनेडी सी खेरियम और एनपीपी के लाम्फरांग ब्लाह से है।  

बिहार में जेडीयू की दोनों सीटें, बिखरा विपक्ष  
उपचुनाव में बिहार का सियासी पारा भी चढ़ा। लालू प्रसाद यादव के आने से मुकाबला कड़ा हो गया है। बिहार की कुशेश्वरस्थान और तारापुर सीटों पर 49.60 प्रतिशत वोटिंग हुई। यह दोनों सीटें जेडीयू की थी, जिन पर उपचुनाव हो रहे हैं। यहां विपक्ष में लालू के राजद और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। इससे मुकाबले दिलचस्प हो गए हैं।  

कुशेश्वरस्थान सीट से आरजेडी ने गणेश भारती को वहीं जेडीयू ने आनंद भूषण हजारी को मैदान में उतारा। महागठबंधन का हिस्सा रही कांग्रेस ने अतिरेक कुमार को उतारा। तारापुर सीट के लिए जेडीयू ने राजीव कुमार सिंह पर दांव चला, तो दूसरी तरफ आरजेडी ने अरुण कुमार साह को उतारा।

राजस्थान में 1-1 सीट भाजपा-कांग्रेस की
राजस्थान के दो विधानसभा क्षेत्रों में धारियावाड और वल्लभनगर में 70 प्रतिशत मतदान हुआ है। वल्लभनगर के कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत और धारियावाड से भाजपा विधायक गौतम लाल मीणा के निधन की वजह से यह चुनाव अनिवार्य हो गए थे।  

वल्लभनगर में कांग्रेस ने गजेंद्र शक्तावत की पत्नी प्रति शक्तावत को, जबकि भाजपा ने हिम्मत सिंह झाला को टिकट दिया। कांग्रेस ने धारियवाड़ से नागराज मीणा को भाजपा के खेत सिंह मीणा के सामने उतारा।

पंजाब की तर्ज पर राजस्थान में भी कांग्रेस में अंदरूनी लड़ाई देखने को मिल रही है। सचिन पायलट भी अपने तेवर दिखा रहे हैं। ऐसे में इन दो सीटों को अपने नाम कर अशोक गहलोत अपने नेतृत्व में हाईकमान का भरोसा जारी रखना चाहते हैं।  दोनों ही सीटों पर भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। वसुंधरा राजे से लेकर भूपेंद्र यादव तक ने चुनावी प्रचार में हिस्सा नहीं लिया है, ऐसे में भाजपा के सामने चुनौती काफी बड़ी है।

कर्नाटक में बोम्मई के सामने पहली चुनौती
सिंडगी और हंगल विधानसभा क्षेत्रों में 56.78 प्रतिशत वोटिंग हुई। सिंडगी के जेडी(एस) विधायक एमसी मनागुली और हंगल के भाजपा विधायक सीएम उदासी के निधन की वजह से यह चुनाव हुए। बासवराज बोम्मई के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य में यह पहले उपचुनाव हैं।  

2018 में मनागुली से हारने रमेश भुसानुर को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व विधायक के बेटे अशोक मनागुली पर भरोसा किया है। हंगल में भाजपा ने शिवराज सज्जनार और कांग्रेस ने पूर्व एमएलसी श्रीनिवास माने पर भरोसा जताया है। जेडी(एस) ने सिंडगी में 33 वर्षीय नाजिया शकील अहमद अंगाडी और हंगल से 35 वर्षीय एमटेक ग्रेजुएट नियाज शेख को उम्मीदवार बनाया है।  

हरियाणा में अभय चौटाला की प्रतिष्ठा दांव पर
हरियाणा में एलेनाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव है, जहां इंडियन नेशनल लोकल दल (आईएनएलडी) नेता अभय चौटाला ने केंद्र सरकार के नए किसान कानूनों के विरोध में इस्तीफा दे दिया था। उपचुनाव में उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी पवन बेनीवाल और भाजपा उम्मीदवार गोबिंद कांडा से है।  

तेलंगाना में भाजपा ने लगाया जोर
तेलंगाना में हुजूराबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव हैं, जहां टीआरएस, भाजपा और कांग्रेस में त्रिकोणीय मुकाबला है। जमीन पर कब्जे के चलते कैबिनेट से ई. राजेंदर को टीआरएस से निकाल दिया था। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दिया और सीट खाली हुई। राजेंदर ने आरोपों का खंडन किया और भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।  

यहां भी चुनाव हुए
आंध्रप्रदेश के बडवेल सीट पर भी चुनाव हो रहे हैं, जो पहले वायएसआरसी के पास थी। महाराष्ट्र की देगलर और मिजोरम की तुइरियाल सीट पर भी उपचुनाव हो रहे हैं। महाराष्ट्र की सीट पर कांग्रेस का कब्जा था, जहां पूर्व विधायक के बेटे पर ही पार्टी ने भरोसा किया है।  

नगालैंड में निर्विरोध चुने गए यिमचुंगेर
नगालैंड में शमातोर-चेसोर विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग है। नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के एस. केओशु यिमचुंगेर को बिना किसी विरोध के 13 अक्टूबर को निर्वाचित घोषित किया गया।

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