नई दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh)और रूसी रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगु (Russian Defence Minister) ने भारत और रूस (agreements between India and Russia) के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर किए. भारत और रूस के बीच भारत-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 6,01,427 7.63×39 मिमी असॉल्ट राइफल्स AK-203 की खरीद के लिए अनुबंध, 2021-2031 से सैन्य-तकनीकी सहयोग कार्यक्रम के लिए समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं. इसके साथ ही दोनों देशों के बीच कलाश्निकोव सिरीज के छोटे हथियारों के निर्माण के क्षेत्र में सहयोग पर समझौते में संशोधन पर प्रोटोकॉल दस्तखत हुए.
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगु के साथ बैठक के दौरान कहा- भारत और रूस के संबंध बहुपक्षवाद, वैश्विक शांति, समृद्धि और आपसी समझ और विश्वास पर आधारित हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि उभरती भू-राजनीतिक परिस्थितियों में आज वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन एक बार फिर हमारे देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी के महत्व की दर्शाता है.
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सिंह ने कहा कि रक्षा सहयोग हमारी साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है. मुझे उम्मीद है कि भारत-रूस साझेदारी पूरे क्षेत्र में शांति लाएगी और क्षेत्र को स्थिरता प्रदान करेगी. रक्षा मंत्री सिंह ने कहा, ‘महामारी, हमारे पड़ोस में असाधारण सैन्यीकरण, आयुधों का विस्तार और 2020 के ग्रीष्म से हमारी उत्तरी सीमा पर बिना उकसावे की आक्रामकता से कई चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं.’
हालांकि सिंह ने पूर्वी लद्दाख में बिना उकसावे की आक्रामकता का उल्लेख करते हुए चीन का नाम नहीं लिया. उन्होंने ध्यान दिलाया भारत की विकास आवश्यकताएं विशाल हैं तथा उसकी रक्षा चुनौतियां ‘वैध, वास्तविक और फौरी’ हैं. उन्होंने कहा कि भारत को ऐसे भागीदारों की आवश्यकता है जो देश की आकांक्षाओं एवं आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील हो और प्रतिक्रिया दे सके. उन्होंने कहा कि भारत एवं रूस के रक्षा संबंधों में हाल के समय में ‘अभूतवपूर्व’ ढंग से प्रगति हुई है.
रूस और भारत के बीच हुई 2+2 बैठक
दूसरी ओर भारत-रूस 2+2 अंतर-मंत्रालयी वार्ता के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत-रूस रक्षा कार्यकलापों में हाल के दिनों में अभूतपूर्व तरीके से प्रगति हुई है. हमें उम्मीद है कि रूस इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भारत के लिए एक प्रमुख भागीदार बना रहेगा.वहीं रूसी रक्षा मंत्री इस समय के दौरान हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए रूस-भारत रक्षा सहयोग महत्वपूर्ण है. मुझे विश्वास है कि रूस और भारत क्षेत्रीय सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेंगे.
उधर, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद की लंबे समय से चली आ रही चुनौतियां नई चुनौतियों में से हैं. जयशंकर ने अपनी टिप्पणी में कहा कि भारत एवं रूस के संबंध बदल रहे विश्व में ‘बहुत करीबी एवं समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘वे (संबंध) असाधारण रूप से स्थायी रहे हैं.’ विदेश मंत्री ने कहा, ‘हम वैश्विक भूराजनीतिक माहौल के एक महत्वपूर्ण चरण में मिल रहे हैं जिसमें बहुत बदलाव हो रहे हैं विशेषकर कोविड-19 महामारी के बाद में.’
अफगानिस्तान की स्थिति का मध्य एशिया सहित व्यापक प्रभाव पड़ेगा- जयशंकर
उन्होंने आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद और चरमपंथ को क्षेत्र की प्रमुख चुनौती करार दिया. जयशंकर ने कहा, ‘करीबी मित्र एवं सामरिक भागीदार के रूप में भारत एक रूस हमारे साझा हितों को सुरक्षित रखने और अपने लोगों की शांति एवं समृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.’ उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति का मध्य एशिया सहित व्यापक प्रभाव पड़ेगा.
बता दें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने रूसी रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगु और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ भारत और रूस के बीच पहली बार 2+2 अंतर-मंत्रालयी वार्ता की.
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भारत और रूस के बीच कई समझौतों पर हुए दस्तखत, दोनों देशों के बीच हुई 2+2 बैठक - News18 इंडिया
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