स्टोरी हाइलाइट्स
- 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने तेजी से जांच पर बल दिया था
- PMLA लागू होने के बाद 313 लोगों को किया गया गिरफ्तार
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से बैंकों में 18,000 करोड़ रुपये वापस आ गए हैं. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सी टी रवि कुमार की बेंच को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि विजय माल्या, मेहुल चौकसी और नीरव मोदी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालतों के आदेश से उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए लगभग 18,000 करोड़ रुपये जब्त किए हैं.
केंद्र ने अदालत को बताया कि इस तरह के मामलों में अदालतों द्वारा पारित कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के अंतरिम आदेशों में शामिल कुल राशि लगभग 67,000 करोड़ रुपये है. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि ईडी अब तक 4,700 मामलों की जांच कर रही है, और 2002 में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) लागू होने के बाद से कथित अपराधों के लिए केवल 313 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आंकड़ों के जरिए उन्होंने कोर्ट को बताया कि 2015-16 में 111 मामले थे जो 2020-21 में 981 हो गए है.
15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने तेजी से जांच की आवश्यकता पर बल दिया था. कोर्ट ने कहा था कि अगर ईडी को खुफिया इनपुट मिलता है जो बड़े पैमाने पर अवैध मनी लॉन्ड्रिंग का संकेत देता है तो जांच करनी चाहिए.
सॉलिसिटर जनरल ने पहले बेंच को बताया था कि इस मामले में 200 से अधिक याचिकाएं हैं और कई गंभीर मामलों में अंतरिम रोक लगाई गई है, जिसके कारण जांच प्रभावित हुई है. इनमें से कुछ याचिकाओं ने PMLA के कुछ प्रावधानों की वैधता को चुनौती दी है.
(संजय शर्मा और पीटीआई इनपुट के साथ)
ये भी पढ़ें
विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से बैंकों को लौटाए गए 18,000 करोड़ रुपये; सरकार ने SC को बताया - Aaj Tak
Read More
No comments:
Post a Comment