Rechercher dans ce blog

Tuesday, May 17, 2022

INS Surat & Udaygiri: देश को मिले दो नए जंगी जहाज, ब्रह्मोस-बराक मिसाइलों से होंगे लैस - Aaj Tak

स्टोरी हाइलाइट्स

  • विशाखापट्नम क्लास डेस्ट्रॉयर का आखिरी जंगी जहाज
  • शिवालिक क्लास फ्रिगेट का उदयगिरी भी कम नहीं है

भारतीय नौसेना की ताकत में और बढ़ोतरी होने वाली है. केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज यानी 17 मई 2022 को मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड से विशखापट्नम क्लास विध्वंसक INS Surat और शिवालिक क्लास फ्रिगेट INS Udaygiri को लॉन्च किया. आईएनएस सूरत पूर्व कोलकाता क्लास विध्वंसक का अपग्रेडेड वर्जन है. विशाखापट्नम क्लास डेस्ट्रॉयर श्रेणी का आखिरी विध्वंसक है. जबकि, आईएनएस उदयगिरी शिवालिक क्लास फ्रिगेट है. जो पी17ए प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा है. 

कोलकाता क्लास विध्वंसक का नाम बदल कर विशाखापट्नम क्लास किया गया

भारतीय नौसेना अपने कोलकाता क्लास विध्ंवसकों (Kolkata Class Destroyers) को अपग्रेड करके उसका नाम विशाखापट्नम क्लास विध्वंसक (Visakhapatnam-Class Destroyer) कर दिया है. प्रोजेक्ट का नाम है पी-15 ब्रावो-क्लास या P15-B. यह एक गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर है. इसमें चार डेस्ट्रॉयर्स बनने थे. दो बन चुके हैं...दो तैयार हो रहे हैं. INS विशाखापट्नम ड्यूटी पर है. INS मोरमुगाओ का ट्रायल चल रहा है. INS इम्फाल की फिटिंग हो रही है. यह इस साल अंत तक नौसेना को मिलने की उम्मीद है. यह 2024 में नौसेना को मिलेगा. INS Surat का निर्माण चल रहा है. यह नौसेना को 2025 में मिलेगा. 

ये है INS Surat, जिसे उदयगिरी के साथ लॉन्च किया गया है. (फोटोः DRDO)
ये है INS Surat, जिसे उदयगिरी के साथ लॉन्च किया गया है. (फोटोः DRDO)

50 अफसर, 250 सेलर्स को लेकर चल सकता है यह विध्वंसक

इस क्लास के सभी डेस्ट्रॉयर्स लगभग एक ही आकार के होंगे. INS Surat इस सीरीज का आखिरी विध्वंसक है. यह 7400 टन का है. इसकी लंबाई 163 मीटर और गति करीब 56 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी. इस पर चार इंटरसेप्टर बोट के साथ 50 अफसर और 250 नौसैनिक रह सकते हैं. यह एक बार में 7400 किलोमीटर की यात्रा कर सकता है. करीब 45 दिनों तक समुद्र में रह सकता है. 

बराक और ब्रह्मोस होंगे तैनात, दुश्मन की हालत हो जाएगी पस्त

INS Surat पर बराक-8, ब्रह्मोस, एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर, तोप समेत कई अत्याधुनिक हथियारों के लगाए जाने की सूचना है. इसमें एंटी एयर वॉरफेयर के लिए 32 बराक-8 मिसाइल तैनात की जा सकती हैं. एंटी-सरफेस वॉरफेयर के लिए 16 ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइलें तैनात हो सकती है. एंटी-सबमरीन वॉरफेयर के लिए 533 मिमी की 4 टॉरपीडो ट्यूब्स या फिर 2 आरबीयू-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स तैनात किए जा सकते हैं. 

INS Visakhapatnam से तो कई बार ब्रह्मोस मिसाइल की परीक्षण किया जा चुका है.
INS Visakhapatnam से तो कई बार ब्रह्मोस मिसाइल की परीक्षण किया जा चुका है. 

अब आपको बताते हैं कि ये पुराने कोलकाता क्लास से अलग कैसे?

P-15A प्रोजेक्ट की तुलना में P-15B में पांच बड़े अंतर हैं. पहला ये कि इसमें 127 मिमी की Mk-45 नेवल गन लगी है. हालांकि इस दौड़ में OTO Melara 76 mm गन भी शामिल है. सोनार सिस्टम को हल से हटाकर बो तक लाया गया है. राडार का निगरानी में आने से बचने के लिए ब्रिज लेआउट और मास्ट डिजाइन को बदला गया है. रेल-लेस हेलिकॉप्टर ट्रेवर्सिंग सिस्टम लगाए गए हैं, ताकि खराब मौसम में हेलिकॉप्टरों को नुकसान न हो. शिप डेटा नेटवर्क, ऑटोमैटिक पावर मैनेजमेंट सिस्टम और कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम अपग्रेड किया गया है.  

INS Udaygiri की ये है खास बातें

प्रोजेक्ट पी17ए के तहत बन रहे शिवालिक क्लास फ्रिगेट का अपग्रेडेड वर्जन नीलगिरी क्लास फ्रिगेट की INS Udaygiri में ज्यादा बेहतर स्टेल्थ फीचर्स शामिल हैं. अत्याधुनिक हथियार लगाए गए हैं. बेहतरीन सेंसर्स हैं. इस क्लास में सात जंगी जहाज बनाए जाएंगे.  नीलगिरी, हिमगिरी, तारागिरी, उदयगिरी, दुनागिरी और विंध्यगिरी. हालांकि नाम में बदलाव संभव है. इस फ्रिगेट पर ब्रह्मोस मिसाइल, बराक-8ईआर मिसाइल, एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स तैनात किए जाएंगे. इसके अलावा इस पर ध्रुव, वेस्टलैंड सी-किमग हेलिकॉप्टर्स तैनात हो सकते हैं.

Adblock test (Why?)


INS Surat & Udaygiri: देश को मिले दो नए जंगी जहाज, ब्रह्मोस-बराक मिसाइलों से होंगे लैस - Aaj Tak
Read More

No comments:

Post a Comment

'हां, ये सही है लेकिन क्या मुल्क में यही चलता रहेगा...', ASI रिपोर्ट पर बोले प्रोफेसर इरफान हबीब - Aaj Tak

ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष ने कई दावे किए हैं. गुरुवार को वकील विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट सार्वजनिक की. उन्हों...