उदयपुर4 घंटे पहले
पूर्व का वेनिस कहलाने वाला उदयपुर इन दिनों पर्यटकों से गुलजार है। करीब दस साल बाद जिले के 55 में से 30 डैम मानसून सीजन में फुल हो गए हैं।
शहर को वेनिस का फील कराने वाली आयड़ नदी का वेग भी टूरिस्टों को आकर्षित कर रहा है। वहीं, उदयपुर की सभी फेमस लेक भी वर्ष 2012 के बाद पहली बार फुल हुईं हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि बारिश का यह दौर आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा। बीते 24 घंटे में उदयपुर में करीब ढाई इंच बारिश हुई। रात 1.30 बजे पीछोला झील के 3 गेट खोलने पड़े। फतेहसागर झील भी लबालब है। इसके चार गेट भी शनिवार सुबह खोल दिए गए।
अब तक 515MM बारिश
उदयपुर जिले में इस सीजन में अब तक 515 एमएम बरसात हो चुकी है। यह पिछले सीजन के मुकाबले काफी ज्यादा है। पिछले साल 12 अगस्त तक उदयपुर में 228 एमएम बरसात हुई थी।
जबकि, इस साल यह आंकड़ा 500 के पार जा चुका है। इस समय तक औसत बरसात 393 एमएम होनी थी। मगर अब तक औसत से 31 प्रतिशत ज्यादा बरसात उदयपुर में हो चुकी है। वहीं पूरे उदयपुर संभाग में भी औसत से 17.3 प्रतिशत ज्यादा बरसात हो चुकी है।
चुनौती बनी ज्यादा बारिश
जल संसाधन विभाग को अब उदयपुर में पानी के प्रबंधन में चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि पीछोला के नाई समेत कैचमेंट में बारिश जारी रही तो ज्यादा पानी बहेगा। इससे आयड़ नदी से सटी बस्तियों, उदयसागर के बैक वाटर और डाउन स्ट्रीम के गांवों में परेशानियां बढ़ सकती हैं। हालांकि जल संसाधन अधिकारी अब भी दावा कर रहे हैं कि सीसारमा का बहाव देखते हुए स्वरूपसागर के रास्ते पानी के निकास पर पल-पल निगरानी रखी जाएगी।
30 बांध भरे
उदयपुर में 55 बांध और झीलें हैं। इनमें से 30 बांध भर चुके हैं। उदयपुर के प्रमुख झीलें और बांध सिंचाई या पेयजल के लिए महत्वपूर्ण है। इनमें जयसमंद, बड़ी, वल्लभनगर, मानसी वाकल, आकोदड़ा और देवास खाली हैं। बाकी सभी भर चुके हैं।
झीलों के कैचमेंट एरिया में अच्छी बरसात होने से पीछोला के 3 गेट 1.3 फीट खोले गए। वहीं उदयसागर के दो गेट 1.9 फीट खोले गए। इसके अलावा फतेहसागर के चारों गेट 3-3 इंच खोल दिए गए।
पीछोला और फतेहसागर दोनों के गेट खुलने से शहर के बीचों-बीच से बहने वाली आयड़ नदी भी पूरे वेग से बहने लगी। तीनों झीलों का पानी ओवरफ्लो होकर अब वल्लभनगर बांध को भरेगा।
जयसमंद में सबसे ज्यादा 141 एमएम बरसात हुई
ते 24 घंटों में पूरे उदयपुर जिले में जमकर बरसात हुई। उदयपुर शहर में इस मानसून की सबसे अच्छी बरसात देखने को मिली। 24 घंटे में सबसे ज्यादा 141 एमएम पानी जयसमंद में बरसा। इसके अलावा 86 एमएम पानी उदयपुर शहर में बरसा।
85 एमएम उदयसागर, 81 एमएम सोम कागदर, 80 एमएम ऋषभदेव, 78 एमएम स्वरूप सागर, 51 एमएम ओगणा, 50 एमएम कोटड़ा-मदार, 47 एमएम झाड़ोल, 45 एमएम वल्लभनगर, 42 एमएम देवास, 37 एमएम नाई, 35 एमएम खेरवाड़ा और 32 एमएम बरसात गोगुंदा में हुई।
उदयपुर जिले में इस सीजन में अब तक 515 एमएम बरसात हो चुकी है। यह पिछले सीजन के मुकाबले काफी ज्यादा है।
मादड़ी बांध छलकने की ओर, मानसी वाकल में जाएगा पानी
बीते दिनों में हुई अच्छी बरसात से जहां ज्यादातर बांध-झील ओवरफ्लो हो गए। वहीं कई छलकने की कगार पर हैं। 34 फीट क्षमता वाला मादड़ी बांध 33 फीट के पार चला गया। इसके शाम तक ओवरफ्लो होने की संभावना है। इसके बाद इसका पानी मानसी वाकल बांध में जाएगा।
मानसी वाकल फिलहाल 7 मीटर खाली है। वहीं 34 फीट क्षमता वाले देवास बांध का जलस्तर भी 21.2 फीट पर पहुंच गया। वल्लभनगर बांध भी 10 फीट के पार हो गया है।
फतेहसागर के गेट खोले गए तो दूध के तरह बहता दिखा पानी।
16 अगस्त तक बरसात, अब सिर्फ जयसमंद-बड़ी खाली
उदयपुर में अब कुछ ही बांध खाली रहे हैं। इनमें जयसमंद, बड़ी, आकोदड़ा और मानसी वाकल प्रमुख हैं। जयसमंद का जलस्तर 4.14 मीटर पर पहुंच गया है। वहीं आकोदड़ा में एक दिन में 7 फीट पानी की आवक हुई है। यह अब 10 मीटर से ज्यादा हो गया है।
उदयपुर में इसी तरह की अच्छी बरसात का दौर 16 अगस्त तक चलेगा। ऐसे में उम्मीद है कि उदयपुर में मानसून के इस पांचवें दौर में कई और बांध लबालब हो सकते हैं।
फतेहसागर के चारों गेट 3-3 इंच खोल दिए गए हैं।
उदयपुर में फतेहसागर पर बना महाराणा प्रताप स्मारक। यहां तिरंगा लहराता दिखा।
नोट- सभी आंकड़े फीट में है।
ड्रोन- ताराचंद गवारिया
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