मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच जिस तरीके से पिछले कुछ दिनों में टकराव की स्थिति बनी है, उसके बाद ये सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या 11 अगस्त से पहले बिहार में एनडीए सरकार गिर जाएगी और नीतीश आरजेडी के साथ मिलकर फिर से सरकार बनाएंगे? हाल के सियासी घटनाक्रमों की वजह से बिहार की राजनीति गरमाई हुई है.
दरअसल, पिछले 1 महीने के घटनाक्रम पर नजर डालें तो ऐसा साफ लगता है कि नीतीश और बीजेपी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. महीनेभर में ऐसा 4 बार हुआ है, जब नीतीश कुमार ने बीजेपी से कन्नी काटी है. बता दें कि नीतीश की दो हफ्ते पहले कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी. 3 अगस्त को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई.
एक महीने में नीतीश से कैसे बनाई बीजेपी से दूरी?
- सबसे पहले 17 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में तिरंगे को लेकर देश के सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई गई थी, मगर नीतीश कुमार इस बैठक में शामिल नहीं हुए.
- उसके बाद 22 जुलाई को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई भोज में भी नीतीश कुमार को आमंत्रित किया गया था, मगर वे उस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.
- 25 जुलाई को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी नीतीश कुमार को आमंत्रित किया गया था, मगर वे नहीं गए.
- 7 अगस्त यानी आज भी नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया गया था मगर वह इस बैठक में शामिल नहीं हुए.
आरसीपी प्रकरण ने आग में घी का किया काम
पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को शनिवार को जिस तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित करने के मामले को लेकर पार्टी के तरफ से स्पष्टीकरण मांगा गया था, उसके बाद आरसीपी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता तक से इस्तीफा दे दिया.
नीतीश की मर्जी के खिलाफ मंत्री बने थे आरसीपी
बिहार के राजनीतिक गलियारे में यह बात सब जानते हैं कि आरसीपी सिंह के बीजेपी नेताओं के साथ बहुत अच्छे रिश्ते हैं और कहा जाता है कि वह जनता दल यूनाइटेड ने बीजेपी के आदमी के तौर पर काम करते हैं. शायद यही वजह है कि पिछले साल जब नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो आरसीपी सिंह नीतीश कुमार की मर्जी के बिना केंद्र में मंत्री बन गए.
नीतीश ने खेल समझा तो बना लीं दूरियां
सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार ने जब आरसीपी सिंह को तीसरी बार राज्यसभा नहीं भेजा और उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा तो उसके बाद नीतीश और आरसीपी सिंह के बीच दूरियां बढ़ गईं. इसी बीच, नीतीश बीजेपी का 'खेल' समझ गए कि वह आरसीपी सिंह का इस्तेमाल उनको कमजोर करने के लिए कर रही है और इसीलिए वक्त रहते नीतीश ने आरसीपी सिंह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और फलस्वरूप आरसीपी सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
आरसीपी का मन तो कहीं और था...
रविवार को जनता दल यूनाइटेड राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि 'कुछ लोग बिहार में एक बार फिर से 2020 के चिराग पासवान मॉडल इस्तेमाल करना चाहते थे, मगर नीतीश कुमार ने इस षड्यंत्र को पकड़ लिया. आरसीपी सिंह का तन भले ही जनता दल यूनाइटेड में था, मगर उनका मन कहीं और था.' माना जा रहा है कि उनका इशारा बीजेपी की तरफ था.
नीतीश को लेकर आरजेडी देखा रहा सॉफ्ट
इसी बीच, पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय जनता दल ने भी नीतीश को लेकर अपने रुख में नरमी लाई है और अपने सभी प्रवक्ताओं से उनके खिलाफ बयानबाजी करने पर रोक लगा दी है. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक-दूसरे के संपर्क में हैं और कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों 11 अगस्त से पहले बिहार में सरकार बनाने की कोशिश कर सकते हैं.
बीजेपी को है नीतीश के प्लान की खबर
बीजेपी को भी इस बात का एहसास है कि नीतीश बीजेपी को छोड़ आरजेडी के साथ सरकार बना सकते हैं और इसी वजह से पिछले दिनों पटना में जब बीजेपी के सभी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी तो बीजेपी के तरफ से बयान दिया गया था कि वह नीतीश के साथ 2024 का लोकसभा चुनाव और 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव साथ में लड़ेगी. माना जा रहा है कि बीजेपी अपने तरफ से यह मैसेज देना चाहती है कि अगर नीतीश कुमार आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बना लेते हैं तो बीजेपी यह कह सकती है कि नीतीश कुमार ने उन्हें धोखा दिया.
नीतीश करेंगे सांसदों विधायकों से चर्चा!
बिहार में ऐसी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अब खबर है कि नीतीश ने मंगलवार को अपने पार्टी के सभी सांसदों और विधायकों की पटना में बैठक बुलाई है जिसमें मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा करेंगे. हालांकि, जनता दल यूनाइटेड राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ऐसी किसी भी बैठक के होने की जानकारी से इनकार किया है.
मांझी ने 9 अगस्त को विधायकों की बैठक बुलाई
बिहार में सियासी संकट के बीच एनडीए सरकार की एक और सहयोगी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने भी 9 अगस्त को अपने पार्टी के सभी विधायकों की बैठक बुलाई है जहां पर मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी.
बीजेपी साधे हुए है चुप्पी
एक बात तो स्पष्ट है कि बीजेपी और जेडीयू के बीच में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है मगर जनता दल यूनाइटेड फिलहाल यह मैसेज देना चाहती हैं कि दोनों के बीच सब कुछ ठीक है. दूसरी तरफ बीजेपी आरसीपी सिंह प्रकरण में कुछ भी बोलने से बच रही है.
BJP-JDU बोले- हमारे बीच सब ठीक है...
ललन सिंह ने कहा- बीजेपी के साथ सब कुछ ठीक-ठाक है. हम लोगों ने कल ही उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार को वोट किया है. वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड के अंदर क्या हो रहा है, वह जनता दल यूनाइटेड ही बता सकती है.
खरमास से पहले हो सकती उठापटक
बिहार में इस पूरे राजनीतिक उठापटक के बीच सबसे दिलचस्प बात यह है कि विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. 11 अगस्त से पहले सरकार गिरने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. क्योंकि 12 अगस्त से खरमास शुरू हो रहा है और खरमास में आमतौर पर लोग कोई शुभ काम नहीं करते हैं.
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