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Sunday, September 4, 2022

झारखंड में सियासी संकट: रायपुर से रांची लौटे UPA MLAs की फ्लाइट खराब मौसम में फंसी, 50 मिनट बाद लैंड की - Dainik Bhaskar

रांची3 घंटे पहले

झारखंड में सियासी उठापटक के बीच रायपुर से 6 दिन बाद रविवार को महागठबंधन के सभी विधायक रांची पहुंच गए हैं। खराब मौसम की वजह से उनकी फ्लाइट 50 मिनट से आसमान में चक्कर काटती रही। बाद में क्लियरेंस मिलने पर फ्लाइट को एयरपोर्ट पर लैंड कराया गया।

विधायकों का एयरपोर्ट पर रिसीव करने के लिए सरकार के दो मंत्री सत्यानंद भोक्ता और मिथिलेश ठाकुर पहुंचे। एयरपोर्ट से तीन बसों में विधायकों बैठकर निकले हैं। रांची में भी सभी विधायकों को बाड़ेबंदी में ही रखा जाएगा। इसके लिए स्टेट गेस्ट हाउस और स्टेट सर्किट हाउस में बुकिंग की गई है। कल सभी विधायक विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होंगे।

बीजेपी अपने ही ट्रैप में फंस गई

हेमंत सोरेन ने एक बार फिर से विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष अपनी षड्यंत्रकारी नीतियों में खुद ही फंस जाएगा। उन्होंने कहा कि सत्र शुरू होने में कुछ घंटे बाकी है। सत्र के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। सीएम ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है।

इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन लीज मामले में चुनाव आयोग की चिट्ठी मिलने के 10 दिन बाद भी राज्यपाल का कोई आदेश नहीं आया है,लेकिन राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। सोमवार को विधानसभा का एक दिन का सत्र बुलाया गया है। इसमें सरकार विश्वास मत हासिल करेगी।

सभी की नजरें राजभवन पर टिकी हैं, ताकि गवर्नर का फैसला आते ही उसके अनुरूप रणनीति बनाई जा सके। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने संकेत दिया कि रायपुर से विधायक सोमवार सुबह रांची पहुंचेंगे और सीधे राजभवन जाएंगे। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और झामुमो के मुख्य सचेतक नलिन सोरेन ने कहा कि सभी विधायक सत्र में शामिल होंगे। साथ ही यह भी जोड़ा कि कोलकाता कैश कांड में फंसे तीनों विधायकों को पार्टी की ओर से सूचना नहीं दी गई है।

इधर शनिवार को थैंक्स गिविंग प्रोग्राम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बहुत सारे लोग चारो तरफ से हमें गिराने और कमजोर करने में लगे हुए हैं, लेकिन आप लोगों के होते हुए हमें घबराने की जरूरत नहीं है।

रायपुर में झारखंड UPA के विधायकों के होने को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मैं बचाने वाला कौन होता हूं? वे खुद आए हैं, वे हमारे मेहमान हैं।

दिल्ली से नहीं लौटे गवर्नर, असमंजस बरकरार

राज्यपाल रमेश बैस शनिवार को दिल्ली से नहीं लौटे। वे शुक्रवार को दिल्ली गए थे। राजभवन ने बताया था कि वे स्वास्थ्य जांच के लिए गए है। उनके शनिवार को लौटने की संभावना थी। इससे राज्य में ऊहापोह की स्थिति बढ़ गई है। साथ ही विश्वास मत से पहले कोई आदेश जारी होने की संभावना भी कम हो गई है।

झारखंड में भी दिल्ली जैसी स्थिति इसलिए विश्ववास मत पेश कर सकती है सरकार

केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में भी अपना विश्वास मत पेश किया है। वहां भी झारखंड जैसी ही स्थिति बन रही थी। चार विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि उन्हें भाजपा के लोग खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। विधायकों ने दावा किया कि इसके लिए 20-20 करोड़ रुपए देने की पेशकश कर रहे हैं।

विधायकों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास पर बैठक बुलाई थी, जिसमें 9 विधायक नहीं पहुंचे थे। 9 विधायकों के नहीं पहुंचने के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। ऐसें में केजरीवाल ने विश्वासमत प्रस्ताव लाकर सदन में AAP के भीतर एकजुटता का संदेश दिया था। अब यही एकजुटता का संदेश हेमंत सोरेन झारखंड में देना चाहते हैं।

तीनों कांग्रेसी विधायकों को स्पीकर का नोटिस, 7 को सुनवाई में शामिल हों, वरना एकतरफा फैसला

कैश कांड के साथ दल-बदल मामले में फंसे कांग्रेस के तीनों विधायकों डॉ. इरफान अंसारी, नमन विक्सल काेंगाड़ी और राजेश कच्छप को स्पीकर न्यायाधिकरण ने नोटिस जारी किया है। इसे विशेष दूत से कोलकाता भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि दल-बदल मामले में अब पांच सितंबर की जगह सात सितंबर को वर्चुअल सुनवाई होगी। अगर वे सुनवाई में शामिल नहीं हुए तो उनके खिलाफ एकतरफा फैसला दिया जा सकता है। गौरतलब है कि एक सितंबर को पहली सुनवाई में इन तीनों ने हिस्सा नहीं लिया था।

रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट में विधायक

झारखंड में सियासी संकट के बीच UPA के विधायकों को रायपुर एयरलिफ्ट किया गया है। कांग्रेस-JMM और राजद के विधायकों को रांची से इंडिगो के विशेष विमान से रायपुर लाया गया है। विधायकों को 3 बसों में बैठाकर नवा रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट ले जाया गया। रिसॉर्ट के बाहर चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

विधायकों के लिए मेफेयर रिसॉर्ट को ही क्यों चुना गया?

मेफेयर अभी तक कांग्रेस विधायकों के लिए सबसे अभेद रहा है। पिछले साल जब असम में विधानसभा चुनाव हुए थे और वहां विपक्ष के विधायकों की खरीद-फरोख्त शुरू हुई थी, तब वहां विपक्ष के लगभग एक दर्जन से ज्यादा विधायकों को रायपुर के इसी मेफेयर रिसॉर्ट में लाया गया था।

वहीं जब हरियाणा में राज्यसभा चुनाव होना था, तो वहां भी बीजेपी की तरफ से खरीद-फरोख्त की बात सामने आई, इस पर हरियाणा के विधायकों को मेफेयर में ही ठहराया गया था। अब जब झारखंड सरकार के सामने संकट आया है तो विधायकों को यहां लाया गया है। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को क्राइसिस मैनेजमेंट का मास्टर माना जाता है।

कोलकाता कैश कांड के बाद बिगड़ा खेल

RPN सिंह की प्लानिंग लगभग पूरी तरह लागू भी हो गई थी, लेकिन इससे ठीक पहले कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी कैश के साथ कोलकाता में धरे गए। इसके बाद टूट का खेल बिगड़ गया। कांग्रेस के प्रभारी ने उन्हें इस पूरे खेल का खुलासा करने के लिए कहा, लेकिन जब उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया तो अब पार्टी उनके खिलाफ एक्शन लेने के मोड में है। उनकी विधायकी पर भी तलवार लटक सकती है।

हेमंत इस बार पूरी तरह अलर्ट

सीनियर जर्नलिस्ट रवि प्रकाश कहते हैं कि इस बार हेमंत पूरी तरह अलर्ट हैं। उन्हें पता है कि इतनी सीट पहली बार उन्हें हासिल हुई है और वे किसी भी तरह से इस मौके को खोना नहीं चाहते हैं। यही कारण है कि वे खरीद-फरोख्त और टूट के मामले में BJP को पूरी तरह चेज करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

चुनाव आयोग को राज‌‌भवन के पत्र का इंतजार

चुनाव आयोग के एक बड़े पदाधिकारी की मानें तो गेंद अभी भी राजभवन के पाले में हैं। चुनाव आयोग ने पहले ही मामले की पूरी जांच-पड़ताल के बाद अपना निर्णय सुना दिया है। आदेश राज्यपाल को जारी करना है। राजभवन के निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। राजभवन इस संबंध में गैजेट जारी करेंगे, जिसे राज्य निर्वाचन आयोग विधानसभा स्पीकर को देगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

क्या है खनन पट्टे का मामला?

10 फरवरी को पूर्व CM रघुवर दास के नेतृत्व में BJP के एक डेलिगेशन ने गवर्नर से मुलाकात की थी। BJP ने राज्यपाल से CM सोरेन की सदस्यता रद्द करने कि मांग की थी। BJP ने आरोप लगाया था कि CM सोरेन ने पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल पत्थर माइनिंग लीज लिया है। BJP का आरोप है कि यह लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RP) 1951 की धारा 9A का उल्लंघन है। गवर्नर ने BJP की यह शिकायत चुनाव आयोग को भेजी।

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