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चेन्नई5 घंटे पहले
तमिलनाडु सरकार ने राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। इस रिपोर्ट में जयललिता की करीबी सहेली शशिकला की भूमिका पर संदेह जताया गया है। वहीं, उनके निजी डॉक्टर समेत एक सीनियर अधिकारी भी शक के घेरे में है। जयललिता की मौत की जांच के लिए रिटायर्ड जज ए. अरुमुघसामी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति बनाई गई थी। इस कमेटी ने राज्य सरकार को 500 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी।
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि जयललिता (अम्मा) और शशिकला (चिनम्मा) के बीच अच्छे रिश्ते नहीं थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि अम्मा की मौत को नेचुरल डेथ की बजाय इसे क्राइम मानकर जांच कराई जाए। कमेटी ने उनकी मौत की डिटेल इन्वेस्टिगेशन की सिफारिश भी की है।
2016 में हुई थी मौत, हार्ट अटैक को बताया था वजह
5 दिसंबर 2016 को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में जयललिता का निधन हो गया था। वे करीब 2 महीने तक अस्पताल में भर्ती रही थीं। उस समय वे मुख्यमंत्री पद पर थीं। मेडिकल बुलेटिन में दिल के दौरे को मौत की वजह बताया गया था। खास बात यह है कि जयललिता के बीमार पड़ने से उनका निधन होने तक शशिकला उनके साथ मौजूद थीं।
जयललिता की मौत के बाद AIDMK ने शशिकला को विधायक दल का नेता चुना था। तस्वीर उसी वक्त की है।
जांच रिपोर्ट में 4 मुख्य किरदार
1. वीके शशिकला- जयललिता की करीबी सहयोगी थीं। उनके आवास पर रहती थीं। बीमार पड़ने से लेकर मौत तक हमेशा साथ रहीं।
2. डॉ केएस शिवकुमार- मुख्यमंत्री जयललिता के निजी डॉक्टर, जयललिता के बीमार पड़ने पर शुरुआती ट्रीटमेंट दिया।
3. राधाकृष्णन- तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव थे, यही जयललिता की सेहत की निगरानी रखते थे।
4. सी विजयभास्कर- तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री और जयललिता के करीबी थे। बुलेटिन जारी करने से लेकर हेल्थ अपडेट देते थे।
पन्नीरसेल्वम ने सवाल उठाया तो पल्लानीस्वामी ने जांच बैठाई
पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व में जयललिता की पार्टी AIADMK के कई नेताओं ने उनके निधन को लेकर सवाल उठाया था। नेताओं का कहना था कि उनकी सहयोगी शशिकला और उनके परिवार के सदस्यों ने इस मामले में काफी-कुछ छिपाया है। इसके बाद पल्लानीस्वामी की सरकार ने जांच बैठाई थी।
साल 2011 में जयललिता और शशिकला के रिश्तों में खटास आ गई थी। हालांकि एक साल बाद दोनों फिर साथ आ गईं। तस्वीर चेन्नई के CM ऑफिस की है।
1991 में जयललिता के करीब आईं थीं, चिनम्मा नाम से फेमस
1991 में जब जयललिता पहली बार मुख्यमंत्री बनीं तब शशिकला उनके करीब आईं। शशिकला इससे पहले वीडिग्राफी का काम करती थीं। दोनों की जोड़ी तमिल पॉलिटिक्स में इतना फेमस हुआ कि लोग जयललिता को अम्मा और शशिकला को चिन्नमा कहने लगे थे।
जयललिता की मौत के पीछे करीबी दोस्त शशिकला पर संदेह: जांच रिपोर्ट में दावा- दोनों के रिश्ते अच्छे नहीं थे; न... - Dainik Bhaskar
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