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Wednesday, October 19, 2022

महाराष्ट्र: बैन के बाद भी एक्टिव PFI! पनवेल में चल रही थी मीटिंग, ATS की रेड में 4 गिरफ्तार - TV9 Bharatvarsh

सरकार ने पिछले महीने पीएफआई और उसके कई सहयोगी संगठनों पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकी समूहों के साथ संबंध होने का आरोप लगाते हुए पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था.

महाराष्ट्र: बैन के बाद भी एक्टिव PFI! पनवेल में चल रही थी मीटिंग, ATS की रेड में 4 गिरफ्तार

महाराष्ट्र एटीएस की पीएफआई पर बड़ी कार्रवाई (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने पड़ोसी रायगढ़ जिले के पनवेल से प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार लोगों में प्रतिबंधित संगठन की राज्य विस्तार समिति का एक स्थानीय सदस्य, स्थानीय इकाई का एक सचिव और दो अन्य कार्यकर्ता शामिल हैं. अधिकारी ने बताया कि एटीएस को भारत सरकार द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद पनवेल में संगठन के दो पदाधिकारियों और कुछ कार्यकर्ताओं की बैठक के बारे में गुप्त जानकारी मिली थी.

इस जानकारी के आधार पर, एटीएस की एक टीम ने मुंबई से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित पनवेल में छापेमारी कर पीएफआई के चार कार्यकर्ताओं को पकड़ लिया. अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के बाद, चारों को कठोर गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम की धारा 10 के तहत मुंबई में एटीएस की कालाचौकी इकाई में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने कहा कि मामले में जांच जारी है. गिरफ्तार लोगों में एक PFI का पनवेल सेक्रेटरी है, एक PFI का स्टेट एक्सपैंशन कमेटी का सदस्य और दो PFI के कार्यकर्ता हैं.

सरकार ने पिछले महीने पीएफआई और उसके कई सहयोगी संगठनों पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकी समूहों के साथ संबंध होने का आरोप लगाते हुए पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. पीएफआई से कथित रूप से जुड़े 250 से अधिक लोगों को पिछले महीने कई राज्यों में हुई छापेमारी के दौरान हिरासत में ले लिया गया था.

क्यों बैन हुआ पीएफआई?

सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उससे जुड़े कई अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था. आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफ), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन(केरल) को भी बैन किया गया था.

केंद्र सरकार के अनुसार, पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से भी संबंध हैं. जेएमबी और सिमी दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं.

बैन किए जाने की अधिसूचना में सरकार ने बताया था कि पीएफआई के इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध होने के कई मामले सामने आए. जिसके बाद यह भी पाया गया कि पीएफआई और उसके सहयोगी या मोर्चे देश में असुरक्षा की भावना फैलाने के लिए एक समुदाय में कट्टरपंथ को बढ़ाने के लिए गुप्त रूप से काम कर रहे थे. इसके बाद सरकार ने इसे बैन कर दिया.

(भाषा इनपुट)

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