श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए मुथरा कोर्ट ने शनिवार को शाही ईदगाह के सर्वे का आदेश दे दिया है. वहीं कोर्ट के इस आदेश पर राजनीति शुरू हो गई है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ईदगाह परिसर में सबूतों की जांच के लिए आयुक्त नियुक्त करने पर बयान दिया है.
उन्होंने कहा- बाबरी मस्जिद के फैसले के बाद मैंने कहा था कि इससे संघ परिवार की शरारतें बढ़ेंगी. अब मथुरा कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर में सबूतों की जांच के लिए कमिश्नर भी नियुक्त कर दिया है. इस तरह के मुकदमों पर रोक लगाने वाले पूजा स्थल अधिनियम के बावजूद यह आदेश दे दिया गया जबकि मस्जिद और बगल के मंदिर में उनके विवाद को हल करने के लिए एक लिखित समझौता हुआ है. कृपया "देने और लेने" का उपदेश न दें, जब एक पक्ष मुसलमानों को लगातार निशाना बनाने में रुचि रखता हो.
20 जनवरी तक देनी है सर्वे रिपोर्ट
मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट ने अपने आदेश में सर्वे के लिए समयसीमा भी निर्धारित की है. सिविल जज सीनियर डिवीजन ने अपने आदेश में कहा है कि सर्वे की रिपोर्ट 20 जनवरी तक कोर्ट को सौंपनी होगी. सिविल कोर्ट ने साथ ही मामले से भी जुड़े सभी पक्षों को नोटिस भी जारी की है. कोर्ट ने वादी विष्णु गुप्ता की अपील पर अमीन से भी रिपोर्ट मांगी है.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित एक अन्य मामले में वादी एडवोकेट महेंद्र सिंह ने जानकारी दी है कि कोर्ट ने अमीन से तीन दिन में अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है. वादी विष्णु गुप्ता ने 13.37 एकड़ जमीन मुक्त कराने की मांग की है. कोर्ट के आदेश को हिंदू पक्ष अपनी जीत बता रहा है.
क्या है श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर विवाद काफी पुराना है. मथुरा का ये विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा है. गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है.
हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया ढांचा बताता है और इस जमीन पर भी दावा किया है. हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और ये जमीन भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद हाईकोर्ट भी पहुंच गया था.
हाई कोर्ट भी पहुंच गया था मामला
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर कुछ याचिकाकर्ता इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंच गए थे. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत को चार महीने के अंदर इस मामले में सुनवाई पूरी कर मामले को निस्तारित करने का आदेश दिया था.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद: शाही ईदगाह में सर्वे के आदेश पर ओवैसी भड़के, बोले- मैंने कहा था... शरारत बढ़ेंगी - Aaj Tak
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