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Wednesday, December 28, 2022

प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बयानों की लंबी है लिस्ट, गोडसे को बता चुकी हैं 'देशभक्त' - BBC हिंदी

मोदी, राजनाथ, अमित शाह

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भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने मंगलवार को कर्नाटक में 'सब्ज़ी काटने वाले चाकू तेज़' करने की बात कहकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है.

प्रज्ञा ठाकुर ने कर्नाटक में 'हिंदू जागरण' कार्यक्रम में कहा, "लव जिहाद करने वालों को लव जिहाद जैसा उत्तर दो, अपनी लड़कियों को सुरक्षित रखो."

उन्होंने शिवमोगा के हिंदू कार्यकर्ता हर्षा की हत्या का ज़िक्र करते हुए कहा कि लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए घर में इस्तेमाल होने वाले चाकुओं को तेज़ करना होगा.

उन्होंने कहा, "अपने घर में हथियार रखो, कुछ नहीं तो सब्जी काटने वाला चाकू तेज़ रखो. पता नहीं कब कैसे हालात सामने आ जाएँ. सभी को अपनी सुरक्षा का अधिकार है. अगर कोई हमारे घर में दाखिल होता है और हमला करता है तो उसे जवाब देने का हमें अधिकार है."

कांग्रेस बोली - 'देशद्रोह का केस दर्ज हो'

प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान पर कांग्रेस पार्टी की ओर से विरोध दर्ज कराया गया है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा है कि प्रज्ञा ठाकुर ने जो कुछ कहा है, वो हेट स्पीच है. उन्होंने कहा कि वे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने को लेकर अपनी क़ानूनी टीम से विचार-विमर्श कर रहे हैं.

कर्नाटक में कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने कहा, "ये काफ़ी दुर्भाग्यशाली है कि एक सांसद की ओर से इस तरह का बयान दिया गया है. वह पहले से ही आतंक के मामले में अभियोगी हैं. मुझे नहीं पता कि कर्नाटक इस तरह का वातावरण क्यों बर्दाश्त कर रहा है. हम इस मामले में क़ानूनी मुक़दमा दर्ज करेंगे."

यही नहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस ने प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज करने की मांग उठाई है.

बीजेपी की ओर से इस मामले में प्रज्ञा ठाकुर का बचाव किया गया है.

बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा है, "हम अपनी बहनों और बेटियों के साथ अमानवीय व्यवहार और देश भर में कई जगहों पर लव जिहाद के नाम पर उनके टुकड़े होते देखे हैं. ठाकुर का बयान किसी एक धर्म से जुड़ा नहीं था बल्कि सभी बहनों और बेटियों की आत्मरक्षा के लिए उनकी मानसिक शक्ति को लेकर था."

हालांकि, ये पहला मौका नहीं है जब बीजेपी को प्रज्ञा ठाकुर के बचाव में आना पड़ा हो. बीजेपी प्रज्ञा ठाकुर और मालेगांव धमाके को लेकर अक्सर विपक्ष के हमले झेलती रही है.

प्रज्ञा ठाकुर

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मालेगांव धमाका और प्रज्ञा ठाकुर

महाराष्ट्र के मालेगाँव में अंजुमन चौक और भीकू चौक के बीच शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट के सामने 29 सितंबर 2008 की रात 9.35 बजे बम धमाका हुआ था जिसमें छह लोग मारे गए और 101 लोग घायल हुए थे.

इस धमाके में एक मोटरसाइकिल इस्तेमाल की गई थी. एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक यह मोटरसाइकिल प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर थी.

महाराष्ट्र एटीएस ने हेमंत करकरे के नेतृत्व में इसकी जाँच की और इस नतीजे पर पहुँची थी कि उस मोटरसाइकिल के तार गुजरात के सूरत और अंत में प्रज्ञा ठाकुर से जुड़े थे.

प्रज्ञा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्य रह चुकी थीं. पुलिस ने पुणे, नासिक, भोपाल इंदौर में जाँच की. सेना के एक अधिकारी कर्नल प्रसाद पुरोहित और सेवानिवृत मेजर रमेश उपाध्याय को भी गिरफ़्तार किया गया.

इसमें हिंदूवादी संगठन अभिनव भारत का नाम सामने आया और साथ ही सुधाकर द्विवेदी उर्फ़ दयानंद पांडेय का नाम भी आया.

एटीएस चार्जशीट के मुताबिक़ प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ सबसे बड़ा सबूत मोटरसाइकिल उनके नाम पर होना था.

इसके बाद प्रज्ञा को गिरफ़्तार किया गया. उन पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण क़ानून (मकोका) लगाया गया.

चार्जशीट के मुताबिक जाँचकर्ताओं को मेजर रमेश उपाध्याय और लेफ़्टिनेंट कर्नल पुरोहित के बीच एक बातचीत पकड़ में आई जिसमें मालेगांव धमाके मामले में प्रज्ञा ठाकुर के किरदार का ज़िक्र था.

मामले की शुरुआती जाँच महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते ने की थी, जिसे बाद में एनआईए को सौंप दी गई थी. एनआईए की चार्जशीट में उनका नाम भी डाला गया.

मालेगांव ब्लास्ट की जाँच में सबसे पहले 2009 और 2011 में महाराष्ट्र एटीएस ने स्पेशल मकोका कोर्ट में दाखिल अपनी चार्जशीट में 14 अभियुक्तों के नाम दर्ज किए थे.

एनआईए ने जब मई 2016 में अपनी अंतिम रिपोर्ट दी तो उसमें 10 अभियुक्तों के नाम थे.

इस चार्जशीट में प्रज्ञा सिंह को दोषमुक्त बताया गया. साध्‍वी प्रज्ञा पर लगा मकोका (MCOCA) हटा लिया गया और कहा गया कि प्रज्ञा ठाकुर पर करकरे की जाँच असंगत थी.

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ प्रज्ञा ठाकुर

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प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर थी मोटरसाइकिल

इसमें लिखा गया कि जिस मोटरसाइकिल का ज़िक्र चार्जशीट में था वो प्रज्ञा के नाम पर थी, लेकिन मालेगाँव धमाके के दो साल पहले से कलसांगरा इसे इस्तेमाल कर रहे थे.

इस चार्जशीट के बाद एनआईए कोर्ट ने प्रज्ञा को ज़मानत तो दे दी लेकिन उन्हें दोषमुक्त नहीं माना और दिसंबर 2017 में दिए अपने आदेश में उसने कहा कि प्रज्ञा और पुरोहित पर यूएपीए (अनलॉफ़ुल एक्टिविटीज़ प्रीवेंशन एक्ट) के तहत मुक़दमा चलता रहेगा.

इसी आदेश में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित पर मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण क़ानून) हटा लिया गया.

हालांकि साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित समेत सात अभियुक्तों पर अब भी चरमपंथ के ख़िलाफ़ बनाए गए क़ानून यूएपीए की धारा 16 और 18, आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साज़िश), 302 (हत्या), 307 (हत्या की कोशिश) और 326 (इरादतन किसी को नुकसान पहुँचाना) के तहत मामला जारी है.

कुछ समय पहले साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष इस मामले में ख़ुद को बरी करने की याचिका दाखिल की थी.

लेकिन इस महीने की शुरुआत में उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली.

प्रज्ञा ठाकुर

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प्रज्ञा की उम्मीदवारी, बीजेपी का सत्याग्रह

2019 में बीजेपी ने भोपाल के लोकसभा चुनाव में उन्हें उम्मीदवारी दी.

भोपाल को बीजेपी की मध्य प्रदेश में सबसे सुरक्षित सीटों में गिना जाता है. इस सीट पर बीजेपी साल 1989 से जीतती आ रही थी.

लेकिन जिस साल बीजेपी ने प्रज्ञा ठाकुर को इस सीट पर अपना उम्मीदवार बनाया था, उस बार कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को इस सीट से उतारा था.

यही नहीं, इस चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी.

प्रज्ञा ठाकुर

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जब पीएम मोदी बोले - 'मन से माफ़ नहीं कर पाउंगा'

नामांकन से कुछ समय पहले ही पार्टी में शामिल होने वाली प्रज्ञा ठाकुर ने काफ़ी आक्रामक ढंग से प्रचार-प्रसार करते हुए चुनाव को धर्म युद्ध और दिग्विजय सिंह को आतंकवादी बताने जैसे विवादित बयान दिए.

यही नहीं, इस चुनाव में प्रज्ञा ठाकुर ने नाथूराम गोडसे वाला विवादित बयान भी दिया था.

प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि 'नाथूराम गोडसे, देशभक्त थे, देशभक्त हैं, और देशभक्त रहेंगे.'

इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बयान देना पड़ा था.

लेकिन उनके बयान पर भारी विवाद खड़ा होने के बाद भी बीजेपी ने उनकी उम्मीदवारी ख़त्म नहीं की.

यही नहीं, अमित शाह ने पिछले आठ सालों में नरेंद्र मोदी के साथ की अपनी इकलौती प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रज्ञा ठाकुर का बचाव किया था.

उन्होंने कहा था कि 'प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी फ़र्जी भगवा टेरर केस के ख़िलाफ़ हमारा सत्याग्रह है.'

हालांकि, पीएम मोदी ने इस बयान की आलोचना करते हुए कहा, 'साध्वी प्रज्ञा ने महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे को लेकर जो भी बातें कही हैं, वो बातें पूरी तरह से आलोचना के लायक हैं. सभ्य समाज में इस प्रकार की बातें नहीं चलती हैं. उन्होंने माफ़ी मांग ली है, लेकिन मैं अपने मन से उन्हें कभी माफ़ नहीं कर पाऊंगा.'

इस चुनाव में प्रज्ञा ठाकुर ने साढ़े तीन लाख वोटों के अंतर से दिग्विजय सिंह को मात देकर संसद में प्रवेश किया.

संसद में भी दिया नाथूराम गोडसे पर बयान

प्रज्ञा ठाकुर ने चुनाव के बाद गोडसे वाले बयान के लिए माफ़ी भले ही मांग ली हो लेकिन संसद पहुंचने के बाद उन्होंने एक बार फिर इसी तरह का बयान दिया.

साल 2019 के नवंबर में एसपीजी संशोधन अधिनियम पर चर्चा के दौरान डीएमके नेता ए राजा ने लोकसभा में नाथूराम गोडसे का ज़िक्र किया.

इस पर प्रज्ञा ठाकुर ने सदन में खड़े होकर कहा कि 'आप एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते.'

इसके बाद भी विपक्ष ने बीजेपी को घेरने की काफ़ी कोशिश की थी.

बीजेपी ने इस बार उनके बयान की निंदा करते हुए उन्हें सुरक्षा की सलाहकार समिति से हटा दिया.

इसके साथ ही बीजेपी ने उन्हें संसदीय दल की बैठकों में भी हिस्सा लेने से प्रतिबंधित करने का फ़ैसला किया था.

प्रज्ञा ठाकुर हेमंत करकरे से लेकर गौ-मूत्र से कैंसर ठीक होने जैसे अजीबो-ग़रीब बयान देती रही हैं.

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