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Tuesday, February 28, 2023

पंजाब के CM भगवंत मान को CJI चंद्रचूड़ की दो टूक- राज्यपाल पूछेंगे तो जवाब देना ही पड़ेगा, गवर्नर के लिए भी कही एक बात - Jansatta

पंजाब (Punjab) के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित (Banwarilal Purohit) और मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के बीच बजट सत्र को लेकर छिड़ी तकरार का मामला 28 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud), जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री और गवर्नर दोनों को दो टूक संदेश दिया।

CJI बोले- आप कौन, केंद्र ने आपको क्यों चुना…जैसे सवाल ठीक नहीं

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने संवैधानिक पदाधिकारियों के बीच और संतुलित भाषा में संवाद का आह्वान करते हुए कहा कि संसदीय अधिकारियों के बीच संवाद भी संसदीय होना चाहिए। इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए कि आप कौन हैं? केंद्र ने आपको कैसे चुन लिया? ठीक इसी तरह मुख्यमंत्री का ट्वीट कितना सवालिया हो, लेकिन आप असेंबली सेशन लेट नहीं कर सकते हैं।

‘राज्यपाल जानकारी मांगेंगे तो देनी ही होगी’

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) द्वारा पत्र में इस्तेमाल की गई भाषा की आलोचना करते हुए कहा कि गवर्नर के पास से अधिकार है कि वह मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी मांगे। और एक बार जानकारी मांगी तो आपको सूचना देनी ही होगी। मुख्यमंत्री के पत्र और ट्वीट का लहजा बहुत कुछ कहता है। सुप्रीम कोर्ट ने गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित को भी दो टूक मैसेज देते हुए कहा कि ठीक इसी तरह जब कैबिनेट ने बजट सत्र आहूत करने का निर्णय लिया तो, राज्यपाल यह तर्क नहीं दे सकते हैं कि मैं कानूनी सलाह ले रहा हूं।

जस्टिस पी एस नरसिम्हा ने कहा कि ‘आप (मुख्यमंत्री भगवंत मान) राज्यपाल को जवाब देते हुए इस तरीके से अनियंत्रित भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। ठीक इसी तरीके से आप (राज्यपाल) भी सत्र को नहीं रोक सकते हैं’।

SG ने बताया- गवर्नर ने 3 मार्च को बुलाया सत्र

Bar & Bench की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुनवाई के दौरान पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित (Banwarilal Purohit)की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (SG Tushar Mehata) ने कहा कि राज्यपाल ने 3 मार्च को सुबह 10 बजे बजट सत्र (Budget Session) आहूत किया है। उन्होंने बजट सत्र बुलाने में देरी की वजह बताते हुए कहा कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के अपमानजनक पत्र पर लीगल एडवाइस मांगी थी। बाद में भगवंत मान ने इस पत्र को ट्वीट भी कर दिया था।

SG तुषार मेहता बोले- मुख्यमंत्री की ये कैसी भाषा?

मेहता ने कहा कि ‘हम विमर्श के किस स्तर पर उतर आए हैं। एक मुख्यमंत्री द्वारा राज्यपाल के लिए इस्तेमाल की जाने यह किस तरह की भाषा है, कृपया देखिये…’। उधर भगवंत मान की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने दलील दी कि हम जब भी कोर्ट आते हैं, यह लेटर दिखाते हैं कहते हैं कि हम सब कर रहे हैं। ऐसा इसलिए कि ये नहीं चाहते हैं कि देश जाने कि आखिर क्या हो रहा है।

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