मार्च महीने और अप्रैल के शुरुआती दिनों में पूरे उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश की गतिविधियां देखने को मिली हैं. जिसकी वजह से दोनों महीनों में ही सामान्य से कम तापमान दर्ज किया गया. मार्च के आखिरी सप्ताह में लोगों को ठंड का एहसास हुआ. हालांकि, 10 अप्रैल से तापमान में बढ़ोतरी होने के साथ ही गर्मी का एहसास होने लगा है. अब कुछ दिनों बाद से मानसूनी बारिश का इंतजार शुरू होने लगेगा. लेकिन आशंका जताई जा रही है कि इस बार मॉनसूनी बारिश में कमी देखने को मिलेगी.
इस मॉनसून कम होगी बारिश!
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट ने 2023 के लिए अपना मॉनसून पूर्वानुमान जारी किया है. स्काइमेट के मॉनसून पूर्वानुमान के अनुसार, जून से सितंबर तक 4 महीने की औसत वर्षा की 868.8 मिमी की तुलना में 816.5 मिमी यानी कि 94% की संभावना है. स्काईमेट ने 04 जनवरी, 2023 को जारी अपने पहले के पूर्वाभास में 2023 के मॉनसून का औसत से कम रहने काआकलन किया था और अब इसे बरकरार रखा है.
कृषि क्षेत्र के लिए चिंता
मॉनसून के मौसम के दौरान लगातार चार सालों के सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश के बाद ये पूर्वानुमान कृषि क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है, जो फसल उत्पादन के लिए मानसून की बारिश पर बहुत अधिक निर्भर करता है.
इन राज्यों में पड़ेगा असर
ये भी भविष्यवाणी की गई है कि देश के उत्तरी और मध्य भागों में बारिश की कमी देखी जा सकती है. गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जुलाई और अगस्त के महीनों में अपर्याप्त बारिश होने की उम्मीद है. वहीं, उत्तर भारत के कृषि क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सीजन की दूसरी छमाही में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है.
अधिक तापमान और हीटवेव की भविष्यवाणी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अप्रैल से जून तक देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान और हीटवेव की भविष्यवाणी की है. ऐसे में किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई को लेकर सर्तक रहने की जरूरत है.
Monsoon News: भीषण गर्मी और हीटवेव की दोहरी मार! कमजोर रहेगा मॉनसून, इन राज्यों पर होगा सबसे ज्यादा असर - Aaj Tak
Read More
No comments:
Post a Comment