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Thursday, November 23, 2023

बैंकॉक में आज विश्व हिंदू कांग्रेस की शुरुआत करेंगे RSS प्रमुख मोहन भागवत, अतिथियों में योगी आदित्यनाथ का भी नाम - Aaj Tak

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में विश्व हिंदू कांग्रेस का उद्घाटन करेंगे. ये कार्यक्रम तीन दिन तक चलेगा. इसमें विचारक, एक्टिविस्ट और नेता हिस्सा लेंगे और दुनियाभर में हिंदुओं के सामने आने वाले मुद्दों और चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे. समाधान के तरीकों पर चर्चा करेंगे. अतिथियों की लिस्ट में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का भी नाम शामिल है.

बता दें कि विश्व हिंदू कांग्रेस (WHC) चार साल में एक बार होता है. ये कार्यक्रम तीसरी बार होने जा रहा है. इस बार विषय ‘जयस्य आयतनम धर्मः’ है, जिसका अर्थ ‘धर्म, विजय का निवास’ है. इसमें हिंदुओं के मूल्यों, रचनात्मकता और उद्यमशीलता की भावना को व्यक्त करने के लिए सात समानांतर सत्र शामिल हैं. कार्यक्रम की आयोजन टीम के सदस्य समीर पांडा ने कहा, समानांतर सम्मेलन दुनियाभर में हिंदुओं के सामने आने वाले अवसरों और चुनौतियों और उन्हें बहादुरी से कैसे एड्रेस किया जाए, इस पर चर्चा और विचार-विमर्श किया जाएगा.

ये अतिथि संबोधित करेंगे

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के महासचिव दत्तात्रेय होसबले, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, माता अमृतानंदमयी, योगेन्द्र गिरि जैसे आध्यात्मिक नेता, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह, श्रीधर वेम्बू, नरेंद्र मुरकुम्बी, लेखक विक्रम संपत, वैज्ञानिक आनंद रंगनाथन समेत उद्यमी कार्यक्रम को संबोधित करेंगे.

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'तीसरा एडिशन बैंकॉक में'

इसके अलावा, केन्या, ऑस्ट्रेलिया, सूरीनाम, जर्मनी, न्यूजीलैंड और थाईलैंड जैसे देशों के राजनीतिक और व्यापारिक नेताओं के भी सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है. WHC का पहला आयोजन 2014 में दिल्ली में और 2018 में शिकागो में आयोजित किया गया था.

'विचारों को मंच प्रदान करता है WHC'

पांडा ने कहा, डब्ल्यूएचसी सभी हिंदू नेताओं, एक्टिविस्ट्स, विचारकों और प्रभावशाली लोगों को एक साथ आने और एक आम दृष्टिकोण की दिशा में काम करने में सक्षम बनाता है. व्यापक आम भलाई के लिए एक-दूसरे को जोड़ने, साझा करने, विचारों और प्रेरित करने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है.

'साझा विरासत के प्रतीक हैं...'

आयोजकों ने कहा, भारत और दक्षिण पूर्व एशिया समान धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को साझा करते हैं जो भाषा, कला, वास्तुकला और परंपरा में अभिव्यक्ति पाते हैं. साझा विरासत के शानदार प्रतीक वाट फ्रा सी रतन सत्सदाराम (थाईलैंड), अंगकोर वाट और नोम कुलेन (कंबोडिया), प्रम्बानन और बोरोबुदुर (इंडोनेशिया), बागान (म्यांमार), केदारम (मलेशिया), चाम मंदिर, एम सन (वियतनाम) और वट फोउ (लाओस) में देखे जा सकते हैं.

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