CAA - फोटो : Amar Ujala/Sonu Kumar
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देश में लोकसभा चुनाव से पहले 'नागरिकता संशोधन अधिनियम' (सीएए) के नियम लागू हो जाएंगे। केंद्र सरकार के विश्वस्त सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले में होमवर्क पूरा कर लिया है। संभव है कि जनवरी या फरवरी में सीएए के नियम लागू हो जाएंगे। नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों के तहत भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश, जिनमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश शामिल हैं, से आए गैर मुस्लिम प्रवासी लोगों के लिए भारत की नागरिकता लेने के नियम आसान हो जाएंगे। इन छह समुदायों में हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी शामिल हैं।
नागरिकता संशोधन विधेयक 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था। एक दिन बाद ही इस विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति मिल गई थी। सीएए के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता लेने में आसानी होगी। ऐसे अल्पसंख्यक, 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके हों। इससे पहले भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए किसी भी व्यक्ति को कम से कम 11 साल तक भारत में रहना जरूरी था। नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के अंतर्गत इस नियम को आसान बनाया गया है। नागरिकता हासिल करने की अवधि को 1 से 6 साल किया गया है।
यह कानून, अभी तक इसलिए लागू नहीं हो सका, क्योंकि सीएए के तहत नियम बनाए जाने बाकी हैं। राज्यसभा और लोकसभा में अधीनस्थ विधान पर संसदीय समितियों ने क्रमशः 31 दिसंबर, 2022 और 9 जनवरी, 2023 तक केंद्रीय गृह मंत्रालय को विस्तार दिया था। इसके बाद दोबारा से संसदीय समितियों ने विस्तार को मंजूरी दी थी।
CAA: लोकसभा चुनाव से पहले लागू होगा नागरिकता संशोधन अधिनियम, इन छह समुदायों के लोग बन सकेंगे भारतीय नागरिक - अमर उजाला
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