नई दिल्ली, एएनआइ। देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर ताजा चेतावनी जारी की गई है। गृह मंत्रालय के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट की ओर से अक्टूबर में कोरोना के उच्चतम स्तर(पीक) पर होने को लेकर चेतावनी जारी की है। गृह मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को अपनी हालिया रिपोर्ट में अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर के उच्चतम स्तर को लेकर चेतावनी दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई इस रिपोर्ट में अक्टूबर में कोरोना के फिर से उच्चतम स्तर पर होने की आशंका जाहिर की गई है और इसको लेकर केंद्र को चेताया भी गया है।
National Institute of Disaster Management (NIDM), under the Ministry of Home Affairs (MHA), has warned of a third #COVID19 wave peak in October in its recent report to Prime Minister's Office (PMO).
— ANI (@ANI) August 23, 2021
एनआइडीएम की रिपोर्ट में 40 विशेषज्ञों के रायटर की सर्वे का हवाला दिया गया है जिसमें अनुमान लगाया गया है कि देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर 15 जुलाई से 13 अक्टूबर, 2021 के बीच आने की संभावना है।
क्या डेल्टा वैरिएंट होगा वजह ?
यह पूछे जाने पर कि क्या डेल्टा-प्लस वैरिएंट तीसरी लहर की वजह होगा। इस पर एनआईडीएम ने कहा कि डेल्टा-प्लस वैरिएंट बी.1.617.2 (डेल्टा संस्करण) में म्य़ूटेशन के कारण बना है जिसने भारत में दूसरी लहर लाईथ थी। चिंता का नया वैरिएंट डेल्टा प्लस है जिसने स्पाइक प्रोटीन उत्परिवर्तन 'K417N' प्राप्त कर लिया है जो बीटा वैरिएंट (पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पाया गया) में भी पाया जाता है। उन्होंने कहा कि हालांकि डेल्टा प्लस वैरिएंट को डेल्टा से अधिक खतरनाक के रूप में नामित करने के लिए अभी तक पर्याप्त सबूत नहीं हैं, एनसीडीसी के अनुसार, 2 अगस्त, 2021 तक 16 राज्यों में 58,240 नमूनों में से 70 मामलों में डेल्टा वैरिंट का पता चला है।
क्या बच्चों पर होगा असर ?
बच्चों पर संभावित कोरोना की तीसरी लहर के प्रभाव पर जोर देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने पाया कि इसके कोई सबूत नहीं है कि वर्तमान और नया डेल्टा प्लस वैरिएंट वयस्कों की तुलना में बच्चों को अधिक प्रभावित करेगा। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि लैंसेट COVID-19 कमीशन इंडिया टास्क फोर्स ने निष्कर्ष निकाला है कि इस बात का कोई मौजूदा सबूत नहीं है कि एक प्रत्याशित तीसरी लहर विशेष रूप से बच्चों को लक्षित करेगी।
आईआईटी कानपुर का तीसरी लहर से इनकार
इससे पहले कानपुर आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने दावा किया कि देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका अब न के बराबर है। इसकी मुख्य वजह बड़ी संख्या में वैक्सीनेशन होना बताया है। महामारी को लेकर नई स्टडी प्रो. अग्रवाल ने गणितीय सूत्र मॉडल के आधार पर जारी की है। इसके मुताबिक संक्रमण अब लगातार कम होगा।
आइआइटी की स्टडी के मुताबिक, देश में कोरोना के एक्टिव केस अक्टूबर तक 15 हजार के करीब रहेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, असम, अरुणाचल समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में संक्रमित आते रहेंगे। मणींद्र अग्रवाल लगातार स्टडी के जरिए रिपोर्ट जारी कर सरकार को अलर्ट करते रहे हैं। दूसरी लहर का इनका दावा काफी हद तक सही भी साबित हुआ। उन्होंने अक्टूबर तक अपनी नई प्रिडक्शन रिपोर्ट जारी कर दावा किया कि तीसरी लहर की आशंका लगभग शून्य है। रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, मध्य प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस इकाई अंक तक पहुंच जाएंगे।
देश में घटे कोरोना के केस
देश में रविवार को 25,072 कोरोना केस मिले और 44,157 लोग ठीक हुए। लगातार तीसरे दिन ठीक होने वालों की संख्या नए मरीजों से ज्यादा है। इसके अलावा 389 मरीजों की मौत भी हुई। अब तक 3.16 करोड़ लोग रिकवर हो चुके हैं। बीते 24 घंटे में एक्टिव केस में 19 हजार से अधिक की कमी आई है। पिछले 6 दिनों से एक्टिव केस कम होने की रफ्तार बढ़ रही है। शनिवार को एक्टिव केस में 7,960 की कमी आई थी। फिलहाल 3.28 लाख सक्रिय मामले हैं। वहीं, केरल में पांच दिन बाद 20 हजार से कम केस आए हैं। साथ ही ठीक होने वालों की संख्या भी बढ़ी है। कल राज्य में 25,586 लोगों ने बीमारी को मात दी।
गौरतलब है कि देश में इनदिनों कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं। देश के ज्यादातर राज्यों में कोरोना केस आ रहे हैं। यूपी, बिहार, दिल्ली जैसे राज्य इससे लगभग मुक्ति की ओर हैं।
देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी, अक्टूबर में अपने चरम पर रह सकता है संक्रमण - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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