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Monday, August 16, 2021

सोनिया गांधी से कपिल सिब्बल के नहीं हैं ‘रियल रिलेशन’, राहुल से दो साल से नहीं हुई है बात; बोले- याद नहीं कि आखिरी बार कब मिला था - Jansatta

बकौल सिब्बल, ‘‘यह मेरे बारे में नहीं है, बल्कि कांग्रेस में फिर से जान फूंकने और उसे विपक्षी एकता का चेहरा बनाने के लिए है। मजबूत कांग्रेस के बगैर विपक्ष की एकजुटता संभव नहीं है।’’

Edited By अभिषेक गुप्ता नई दिल्ली | Updated: August 16, 2021 11:16 AM
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और पार्टी अंतरिम चीफ सोनिया गांधी व उनके बेटे राहुल गांधी। (एक्सप्रेस आर्काइव फोटो)

अस्तित्व और नेतृत्व के संकट से जूझ रही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के पार्टी अंतरिम चीफ सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी के साथ बहुत अच्छे संबंध नहीं हैं।

यह बात उन्होंने अंग्रेजी न्यूज पोर्टल “दि वायर” के सीनियर पत्रकार करण थापर को दिए इंटरव्यू में बताई। यह पूछे जाने पर कि सोनिया और राहुल से उनके कैसी ट्यूनिंग है? जवाब आया, “ठीक हैं। पर हमारे बीच सच्चे संबंध (रियल रिलेशन) नहीं हैं।” आगे पत्रकार ने यह भी पूछा कि आप सोनिया से आखिरी बार कब मिले थे? तो सिब्बल स्पष्ट उत्तर न दे सके। उन्होंने कहा कि कुछ वक्त पहले। ऐंकर ने जोर देकर पूछा कि इसका मतलब क्या है? हो सकता है कि एक साल पहले भेंट हुई हो…मुझे फिलहाल याद नहीं है।

राहुल से आखिरी मुलाकात का प्रश्न हुआ तो सिब्बल ने बताया कि हो सकता है कि झंडारोहण कार्यक्रम के दौरान हुई हो, मगर मुझे नहीं लगता है कि हमारी दो साल से बात हुई होगी। दो साल से हमारे बीच बात नहीं हुई है। हालांकि, सोनिया से बात हुई होगी। मैं अभी भी उनका प्रतिनिधित्व करता हूं, पर हमारे बीच अंतर नहीं है। यह प्वॉइंट नहीं है।

बातचीत के दौरान एक पल ऐसा आया, जब थापर ने सवाल उठाया कि सोनिया कब या फिर कांग्रेस को मजबूत करेंगी या नहीं? सिब्बल ने कहा- मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि ऐसा जल्द होगा। जो ईमानदारी से ऊपर वाले को याद करते हैं, ईश्वर उनकी जरूर सुनता है।

वहीं, समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में उन्होंने एकमत वाले विपक्षी दलों को साथ लाने के पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के प्रयास की सराहना की, लेकिन साथ ही उनसे अपनी पार्टी को भी मजबूत बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि इसके बगैर विपक्ष की एकता संभव नहीं है। वैसे, सिब्बल ने यह भी कहा कि संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन का अनुरोध करते हुए पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखने वाले ‘समूह 23’ (कांग्रेस के 23 नेताओं का समूह) के नेता पार्टी में सुधार की मांग करते रहेंगे।

बकौल सिब्बल, ‘‘यह मेरे बारे में नहीं है, बल्कि कांग्रेस में फिर से जान फूंकने और उसे विपक्षी एकता का चेहरा बनाने के लिए है। मजबूत कांग्रेस के बगैर विपक्ष की एकजुटता संभव नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं एकजुटता के रास्ते में आड़े आ रहा हूं, तो कोई बात नहीं। यह मेरे या उन 23 नेताओं के बारे में नहीं है। आप मुझे और अन्य को बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं, लेकिन कांग्रेस को मजबूत बनाएं।’’

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