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Saturday, February 26, 2022

Russia Ukraine Conflict पर UNSC में निंदा प्रस्ताव: रूस के खिलाफ 11 वोट, भारत-चीन समेत तीन मुल्क मतदान से रहे दूर - Jansatta

सुरक्षा परिषद में यह प्रस्ताव अमेरिका की तरफ से पेश किया गया था। भारत ने कहा कि मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत ‘एकमात्र रास्ता’ है।

Russia Ukraine Conflict: रूस और यूक्रेन में सैन्य वार-पलटवार के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में इस मसले पर निंदा प्रस्ताव लाया गया। शुक्रवार को इस प्रस्ताव में रूस के खिलाफ 11 वोट पड़े, जबकि भारत और चीन समेत तीन मुल्क मतदान से दूर रहे।

संयुक्त राष्ट्र में इस प्रस्ताव पर मतदान में दो घंटे की देरी हुई। प्रस्ताव के सह-प्रायोजक अमेरिका और अल्बानिया इस पर समर्थन जुटाने के लिए इससे हिचकिचाने वाले देशों को एक साथ लाने की कवायद में जुटे रहे। अपने सहयोगी देश के साथ वीटो का इस्तेमाल करने के बजाय इससे दूर रहने के चीन के फैसले को कूटनीतिक उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।

15 सदस्यों वाले सुरक्षा परिषद में शुक्रवार दोपहर (वहां के समयानुसार) पेश मसौदा प्रस्ताव पर मतदान हुआ। इसे ऑस्ट्रेलिया, एस्टोनिया, फिनलैंड, जॉर्जिया, जर्मनी, इटली, सहित संयुक्त राष्ट्र के 67 सदस्य देशों के एक ‘‘क्रॉस रीजनल’’ समूह ने सह प्रस्तावित किया था। अल्बानिया, ब्राजील, फ्रांस, गाबोन, घाना, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको, नार्वे, ब्रिटेन और अमेरिका सहित कुल मिलाकर 11 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। पर भारत,चीन और संयुक्त अरब अमीरात मतदान से दूर रहे।

दरअसल, अमेरिका की तरफ से पेश इस प्रस्ताव में रूस के ‘आक्रामक बर्ताव’ की निंदा की गई। साथ ही यूक्रेन से ‘तत्काल और बिना शर्त’ बलों को वापस बुलाने की मांग उठाई गई। हालांकि, यह प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पारित नहीं हो सका, क्योंकि परिषद के स्थाई सदस्य रूस ने इस पर वीटो किया।

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यूएस और उसके समर्थक जानते थे कि यह प्रस्ताव विफल हो जाएगा लेकिन उन्होंने दलील दी कि इससे रूस अंतरराष्ट्रीय रूप से अलग-थलग पड़ेगा। इस प्रस्ताव के विफल होने से समर्थकों के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में ऐसे ही प्रस्ताव पर जल्द मतदान कराने की मांग का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि 193 सदस्यीय महासभा में वीटो का प्रावधान नहीं है। अभी यह तय नहीं है कि कब मतदान होगा।

भारत की ओर से कहा गया मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। साथ ही भारत ने ‘खेद’ जताते हुए कहा कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने मतदान पर भारत का पक्ष रखते हुए कहा, ‘‘भारत, यूक्रेन के हालिया घटनाक्रम से बेहद विचलित है। हम अपील करते हैं कि सारे प्रयास हिंसा और शत्रुता को तत्काल रोकने की दिशा में होने चाहिए।’’

अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने अपने रूसी समकक्ष से कहा, ‘‘आप इस प्रस्ताव पर वीटो कर सकते हैं लेकिन आप हमारी आवाज पर वीटो नहीं कर सकते। आप सच पर वीटो नहीं कर सकते। आप सिद्धांतों पर वीटो नहीं कर सकते। आप यूक्रेन की आवाम पर वीटो नहीं कर सकते।’’

ब्राजील के राजदूत रोनाल्डो कोस्टा फिल्हो ने कहा कि उनकी सरकार रूस की सैन्य कार्रवाई को लेकर ‘‘बहुत चिंतित’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘हद पार की गयी है और यह परिषद चुप नहीं बैठ सकती।’’

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