Commercial LPG cylinders: मई महीने की पहली तारीख के दिन आम जनता को एक बार फिर महंगाई का झटका लगा है. तेल कंपनियों ने एलपीजी गैस के दौम में 102.50 रुपये की बढ़ोतरी की है. 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर पर ये दाम बढ़ाए गए हैं. दाम बढ़ने के बाद अब इस सिलेंडर की कीमत 2355.50 रुपये हो गई है जो पहले 2253 रुपये हुआ करती थी.
वहीं, 5 किलो का एलीपीजी सिलेंडर की कीमत इस वक्त 655 है. बता दें, इससे पहले अप्रैल महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 250 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी. दरअसल, कमर्शियल सिलेंडर का अधिकतर इस्तेमाल रेस्टारेंट और हलवाई करते हैं. 102.50 रुपये की बढ़ोतरी से उनका जाहिर तौर पर मासिक बजट बिगड़ेगा. वहीं, आने वाले महीनों में शादियों का दौर शुरू होने वाला है जिसमें इन सिलेंडरों की खास जरूरत पड़ती है. जिस कारण कैटरिंग सर्विस वाले भी अपने दामों में बढ़ोतरी कर सकते हैं.
आइये देखते हैं कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ने के बाद चार महानगरों में इसकी कीमत कितनी है.
दिल्ली में कमर्शीयल एलपीजी सिलेंडर की कीमत बढ़ने के बाद 2355.50 हो गई है.
कोलकाता में इसकी कीमत 2455 हो गई है.
मुंबई में 2307 रुपये का अब सिलेंडर मिलेगा.
चेन्नई में इसकी कीमत 2508 रुपये हो गई है.
CM and Chief Justice Joint Conference: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज विज्ञान भवन में मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों की होने वाली ज्वाइंट कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करेंगे. इसके साथ ही वो इस कार्यक्रम को संबोधित भी करेंगे. इसके अलावा भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमण और केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू भी इस सभा को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और सभी 25 हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश हिस्सा लेंगे.
न्याय को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए हो रहा सम्मेलन
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि ये सम्मेलन कार्यपालिका और न्यायपालिका के जरिए न्याय को सरल और सुविधाजनक बनाने की रूपरेखा तैयार करने के लिए किया जा रहा है. इस सम्मेलन में न्याय प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने पर चर्चा की जाएगी. पीएमओ के मुताबिक अब तक सरकार ने ईकोर्ट मिशन मोड प्रोजेक्ट के तहत अदालती प्रक्रियाओं के बुनियादी ढांचे में सुधार और डिजिटल प्रौद्यौगिकी के एकीकरण के लिए कई पहल की हैं. इससे पहले शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने देश के कई हाकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के साथ 39वें सम्मेलन को संबोधित किया था.
हाईकोर्ट में 126 रिक्तियों को भरा गया
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा था कि हमारे सामूहिक प्रयासों की बदौलत एक साल से कम के समय में हमने हाई कोर्ट में 126 रिक्तियां भरी हैं. अभी हम 50 और रिक्तियां भरने की उम्मीद कर रहे हैं. ये कारनामा हमने आपके पूरे दिल से सहयोग और संस्था के प्रति प्रतिबद्धता के कारण ही कर पाया है. इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से जल्द से जल्द बाकी बची हुईं रिक्तियां भरने का निवेदन भी किया.
1953 में हुई था मुख्य न्यायाधीश की पहला सम्मेलन
मुख्य न्यायाधीश का पहला सम्मेलन साल 1953 के नवंबर महीने में हुआ था और तब से लेकर अब तक इस तरह के 38 सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं. साल 2016 में आखिरी सम्मेलन हुआ था. सीजेआई रमण के प्रयासों के कारण देश के मुख्य न्यायाधीश के साथ हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों और मुख्यमंत्रियों का साझा सम्मेलन 6 साल के लंबे अतंरात के बाद संभव हो पाया है.
देश के 12 से ज्यादा राज्यों में बिजली संकट और भीषण लू के कहर के बीच देश में बिजली की मांग ने अभी तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. खुद ऊर्जा मंत्रालय ( Power Ministry) ने माना है कि भारत में पीक पॉवर डिमांड (Power Demand) अब तक के सबसे रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. शुक्रवार को ऊर्जा की मांग 207111 मेगावॉट के स्तर पर पहुंच गई. मंत्रालय ने एक ट्वीट कर कहा, ऑल टाइम हाई डिमांड शुक्रवार दोपहर 2.50 बजे 207111 मेगावॉट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. बिजली की ये रिकॉर्ड मांग दिल्ली, उत्तर भारत समेत देश के बड़े इलाके में जानलेवा लू (Delhi NCR Heatwave) के कहर के बीच सामने आई है.
माना जा रहा है कि अप्रैल में ही दिल्ली, यूपी समेत बड़े इलाकों में 11 दिनों से ज्यादा लू चलने के बीच बिजली की खपत बढ़ी है. लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच आयातित कोयले के दाम में भारी इजाफे से संकट और बढ़ा है. ज्यादातर बिजली संयंत्रों को पूरी क्षमता से उत्पादन के लिए कोयला नहीं मिल पा रहा है.थर्मल पॉवर प्लांट में कोयले के स्टॉक की कमी की खबरों के बीच केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि बिजली संयंत्रों में 2.2 करोड़ टन कोयला है, जो 10 दिनों के लिए पर्याप्त है. लगातार आपूर्ति भी बढ़ाई जा रही है.
झारखंड, हरियाणा, बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बिजली कटौती बढ़ती जा रही है. दिल्ली सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर कहा है कि बिजली की कमी से मेट्रो और अस्पतालों में बिजली की किल्लत पैदा हो सकती है. कोयला आपूर्ति बढ़ाने के लिए रेलवे ने 657 ट्रेन ट्रिप कैंसल कर दिया है, ताकि पावर प्लांट तक कोल रेक्स ज्यादा और जल्दी पहुंचाई जा सके. करीब 509 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और 148 मेमू ट्रेन सेवाएं भी कैंसल कर दी गई हैं.
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वक्फ से संबंधित मामले को लेकर टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि चढ़ावा या उपयोगकर्ता के किसी भी सबूत के अभाव में किसी जर्जर दीवार या चबूतरे को नमाज अदा करने के उद्देश्य से धार्मिक स्थान का दर्जा नहीं दिया जा सकता.
'नहीं कहा जा सकता वक्फ'
न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम की पीठ ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ढांचे का इस्तेमाल मस्जिद के रूप में किया जा रहा था. इसमें कहा गया है कि चढ़ावा या उपयोगकर्ता या अनुदान का कोई सबूत नहीं है, जिसे वक्फ अधिनियम के अर्थ में वक्फ कहा जा सकता है.
'चबूतरे को नहीं दिया जा सकता धार्मिक स्थल का दर्जा'
पीठ ने कहा, "विशेषज्ञों की रिपोर्ट केवल इस हद तक प्रासंगिक है कि संरचना का कोई पुरातात्विक या ऐतिहासिक महत्व नहीं है. समर्पण या उपयोगकर्ता के किसी भी प्रमाण के अभाव में एक जर्जर दीवार या एक चबूतरे को धार्मिक स्थल का दर्जा नहीं दिया जा सकता."
पीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट के एक आदेश को चुनौती देने वाली राजस्थान वक्फ बोर्ड द्वारा दायर अपील को खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि यह जिंदल सॉ लिमिटेड और अन्य की कार्रवाई में हस्तक्षेप नहीं करने का निर्देश देता है, जो भीलवाड़ा जिले के पुर गांव में खसरा नंबर 6731 में बने ढांचे का हिस्सा है. फर्म को 2010 में भीलवाड़ा में गांव ढेडवास के पास सोना, चांदी, सीसा, जस्ता, तांबा, लोहा, कोबाल्ट, निकल और संबंधित खनिजों के खनन के लिए 1,556.7817 हेक्टेयर क्षेत्र का पट्टा दिया गया था.
माल गाड़ियों के जरिये जल्द से जल्द पहुंचाया जाएगा कोयला
Power crisis in India: देश भर में गर्मी का कहर जारी है, ऐसे में यूपी, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु समेत कई राज्यों को कोयले की कमी के चलते भारी बिजली संकट से भी गुजरना पड़ रहा है. इसी बीच यूपी में बिजली आपूर्ति बनाए रखने में मदद के लिए केंद्र सरकार ने 657 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि इन गाड़ियों को इसलिए रद्द किया गया, ताकि थर्मल पावर स्टेशनों के लिए सप्लाई किए जा रहे कोयले से लदी माल गाड़ियों को आसानी से रास्ता प्रदान किया जा सके और समय से कोयला पहुंच सके.
दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत देश के 13 राज्य बिजली संकट का सामना कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग तेजी से बढ़ी है. इसके अलावा कोयले की कमी के चलते भी कई राज्यों में बिजली संकट पैदा हुआ है. उधर, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान में भी बिजली कटौती के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
कोयला संकट पर क्या बोले मंत्री प्रह्लाद जोशी
देश के बिजली संकट पर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, रूस से गैस की आपूर्ति ठप हो गई है. हालांकि, थर्मल पावर प्लांट में 21 मिलियन टन कोयले का स्टॉक है. जो दस दिन के लिए काफी है. कोल इंडिया को मिलाकर भारत के पास कुल 30 लाख टन का स्टॉक है. ये 70 से 80 दिन का स्टॉक है. हालांकि, वर्तमान स्थिति स्थिर है.
उन्होंने कहा, वर्तमान में, 2.5 बिलियन यूनिट की दैनिक खपत के मुकाबले लगभग 3.5 बिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होता है. हालांकि, पिछले दिनों में गर्मी के साथ साथ बिजली की मांग भी बढ़ी है. हमारे पास 10-12 दिनों का कोयला स्टॉक है. हालांकि, उसके बाद भी पावर प्लांट बंद होने की कोई संभावना नहीं है.
देश भर में बिजली की भारी समस्या- केजरीवाल
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, अभी तक दिल्ली में हम लोग किसी तरह से मैनेज किए हुए हैं. पूरे भारत में स्थिति बेहद गंभीर है. हम सबको मिलकर जल्द ही इसका समाधान निकालना होगा. इस समस्या से निपटने के लिए त्वरित ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
NTPC ने कहा- कोयले की कमी नहीं
NTPC ने कहा, दादरी की सभी 6 यूनिट और ऊंचाहार की 5 यूनिट पूरी क्षमता के साथ चल रही हैं. हमें कोयले की लगातार सप्लाई मिल रही है. हमारे पास कोयले का मौजूदा स्टॉक 140000 MT और 95000 MT है. उन्होंने बताया कि आयात किया हुआ कोयला भी पाइपलाइन में है.
बिजली संकट के क्या हैं कारण?
भीषण गर्मी को बिजली संकट के पीछे मुख्य वजह बताया जा रहा है. इसके अलावा कई राज्यों में कोयले की कमी की खबरें सामने आ रही हैं. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने भी माना था कि कई राज्यों में कोयले की कमी है. उन्होंने कहा था, रूस यूक्रेन युद्ध के चलते कोयले के आयात पर असर पड़ा है. इसके अलावा बताया जा रहा है कि झारखंड में कोल कंपनियों को बकाया पेमेंट न देने के चलते कोयला संकट पैदा हुआ है.
पटना (Patna) में गुरुवार को एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar)और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव एक साथ बैठे हुए नजर आए. इस बार मौका था जनता दल यूनाइटेड (JDU) की इफ्तार पार्टी का. इस इफ्तार का आयोजन पटना के हज भवन में किया गया था. सभी दलों के नेताओं को इसके लिए आमंत्रित किया गया था. भाजपा की ओर से बिहार के उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, नंदकिशोर यादव, अवधेश नारायण सिंह सहित पार्टी के अन्य नेता शामिल हुए. तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप भी जदयू की इफ्तार पार्टी में पहुंचे.
यह भी पढ़ें
तेजस्वी यादव जदयू नेता ललन सिंह के बगल में बैठे थे, तो वहीं, उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ बैठे हुए थे.
लेकिन इसमें दिलचस्प बात यह थी कि इफ्तार पार्टी के दौरान नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को खुद से साफा पहनाया.
वहीं, इफ्तार पार्टी के बाद खुद नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को विदा करने पहुंचे. इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि इफ्तार के बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों साथ बाहर निकले. इसके बाद नीतीश कुमार ने पहले तेजस्वी यादव को विदा किया. इसके बाद तेज प्रताप पीछे छूट जाते हैं, जो कि बाद में गाड़ी में पीछे की तरफ बैठते हुए नजर आ रहे हैं.
बता दें, इससे पहले राजद की इफ्तार पार्टी में भी दोनों साथ दिखाई दिए थे. इसके अलावा इस इफ्तार पार्टी में भी तमाम राजनीतिक दलों के बड़े नेता शामिल हुए थे. राजद की इफ्तार पार्टी में नीतीश कुमार के अलावा चिराग पासवान, बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन और राबड़ी देवी भी मौजूद रहीं. बिहार विधानपरिषद के नेता और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अवधेश नारायण सिंह भी तेजस्वी की इफ्तार पार्टी में पहुंचे. तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप यादव और लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती भी इफ्तार पार्टी में थीं.
राजद की इफ्तार पार्टी में दिलचस्प यह रहा था कि पिछली बार गठबंधन टूटने से कुछ दिन पहले 2017 में राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित इफ्तार में नीतीश कुमार शामिल हुए थे. गौरतलब है कि इससे पहले नीतीश कुमार ने सुशील मोदी की दी हुई इफ्तार पार्टी में भी शिरकत की थी. सुशील मोदी पहले विधायक के रूप में, फिर उप मुख्यमंत्री के रूप में इफ्तार का आयोजन करते रहे. सुशील मोदी बिहार में पिछले 30 वर्षों से इफ्तार की दावत आयोजित करते चले आ रहे हैं.
Mayawati on President Post: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जोरदार पलटवार किया है. मायवाती ने अखिलेश यादव के तंज पर जवाब देते हुए कहा कि वो एक बार फिर यूपी की सीएम या आगे पीएम बनने का सपना देख सकती हैं, लेकिन राष्ट्रपति कभी नहीं बनना चाहेंगी.
बीजेपी की जीत के लिए सपा जिम्मेदार- मायावती
मायावती ने कहा, "मैं फिर से उत्तर प्रदेश की सीएम या देश की पीएम बनने का सपना देख सकती हूं. राष्ट्रपति बनने का सपना कभी नहीं देखूंगी. यूपी में बीजेपी की जीत के लिए समाजवादी पार्टी (SP) जिम्मेदार है. मुझे सपा वाले राष्ट्रपति बनाकर क्षेत्र खाली करवाना चाहते हैं, ताकि यूपी के सीएम पद के लिए उनका रास्ता साफ हो जाए, लेकिन मैं इस क्षेत्र को कभी नहीं छोडूंगी. सपा मुखिया को अब अहसास हो गया है कि बीएसपी इनके बहकावे में कतई नहीं आएगी."
मुस्लिम, दलित के वोट में बहुत ताकत है- मायावती
उन्होंने कहा, "मुस्लिम, दलित के वोट में बहुत ताकत है. यह लोग जुड़ जाएं तो मुझे सीएम बना सकते हैं. प्रदेश का मुसलमान समाजवादी पार्टी से बेहद नाराज हैं. ऐसे में वह उसके साथ जुड़ने वाले नहीं है." उन्होंने कहा, "यूपी के मुसलमानों और यादवों ने भी अपना वोट देकर भी देख लिया है. कई पार्टियों से गठबंधन करके भी देख लिया फिर भी सपा सरकार नहीं बना पाई, इसलिए अब फिर से ये लोग बसपा की सरकार बनाएंगे.''
बता दें कि बीते दिन अखिलेश यादव ने कहा था कि बसपा ने विधानसभा चुनाव में अपना वोट बीजेपी को दे दिया था, अब देखना है कि बीजेपी उन्हें राष्ट्रपति बनाती है या नहीं. अखिलेश के इसी तंज पर आज मायावती ने पलटवार किया.
Ratan Tata Speaks in Hindi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में आज 7 कैंसर देखभाल केंद्रों का उदघाटन किया। दिग्गज इंडस्ट्रियलिस्ट टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष रतन टाटा टाटा इस मौके पर बेहद भावुक नजर आए। उन्होंने पहले तो हिंदी में न बोल पाने के लिए माफी मांगी और कहा, मैं हिंदी में भाषण नहीं दे सकता, इसलिए अंग्रेजी में बोलूंगा। कुछ देर अंग्रेजी में बोलने के बाद उन्होंने टूटी-फूटी ही सही लेकिन हिंदी में बोलने लगे। रतन टाटा ने कहा, ''संदेश एक ही होगा। मेरे दिल से निकला हुआ। मैं अपनी जिदंगी के आखिरी साल स्वास्थ्य को समर्पित करता हूं। असम को ऐसा राज्य बनाएं जो सबको पहचाने और जिसको सब पहचानें।'' बता दें कि रतन टाटा जब अपनी बात रख रहे थे, तब मंच पर पीएम मोदी के अलाव असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा, पूर्व सीएम सर्वानंद सोनोवाल भी मौजूद थे।
'कैंसर अमीर लोगों का रोग नहीं'
रतन टाटा ने कहा कि असम में 17 कैंसर देखभाल केंद्रों का एक नेटवर्क सभी को कम खर्च पर उपचार उपलब्ध कराएगा क्योंकि यह (कैंसर) ‘अमीर लोगों का रोग’ नहीं है। इस तरह के सात केंद्रों के उद्घाटन के अवसर पर रतन टाटा ने कहा कि इन संस्थानों के कारण असम को विश्व स्तरीय उपचार मुहैया करने वाले राज्य के रूप में मान्यता मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘असम के इतिहास में आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। कैंसर के उपचार के लिए उच्चतर स्तर की स्वास्थ्य देखभाल सुविधा, जो अब तक राज्य में उपलब्ध नहीं थी वह यहां लाई गई है।’’ टाटा ने कहा, ‘‘असम यह अब कह सकता है कि भारत का एक छोटा राज्य भी विश्व स्तरीय कैंसर उपचार सुविधाओं से लैस है।’’
पीएम मोदी ने 7 कैंसर देखभाल केंद्रों का किया उद्घाटन
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात कैंसर देखभाल केंद्रों का उदघाटन किया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान और इस तरह के और सात केंद्रों की आधारशिला भी रखी। इन केंद्रों का विकास राज्य सरकार और टाटा ट्रस्ट्स के संयुक्त उद्यम असम कैंसर केयर फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है। नेटवर्क के तहत अन्य तीन अस्पताल इस साल के अंत में खोले जाएंगे। परियोजना की आधारशिला जून 2018 में रखी गई थी। लकड़ी की धुआं युक्त आंच पर सेंके गये मांस, तंबाकू और सुपारी के उपभोग के चलते असम में कैंसर रोग की अधिक मौजूदगी है।
PM मोदी ने सोनोवाल और टाटा ट्रस्ट को दिया धन्यवाद
पीएम मोदी ने कहा, ''असम ही नहीं नॉर्थ ईस्ट में कैंसर एक बहुत बड़ी समस्या रही है। इससे सबसे अधिक प्रभावित हमारा गरीब होता है, मध्यम वर्ग का परिवार होता है। कैंसर के इलाज के लिए कुछ साल पहले तक यहां के मरीजों को बड़े-बड़े शहरों में जाना पड़ता था। इससे एक बहुत बड़ा आर्थिक बोझ गरीब और मिडिल क्लास परिवारों पर पड़ता था। गरीब और मिडिल क्लास की इस परेशानी को दूर करने के लिए बीते 5-6 सालों से जो कदम यहां उठाए गए हैं, उसके लिए मैं सर्बानंद सोनोवाल जी, हेमंता जी और टाटा ट्रस्ट को बहुत साधुवाद देता हूं।''
कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता कमलनाथ (Kamalnath) ने गुरुवार को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया. उनके पास दो पद थे, जिसमें से एक पद उन्होंने पार्टी के ‘एक व्यक्ति एक पद' सिद्धांत के तहत छोड़ दिया है. हालांकि, वह मध्य प्रदेश कांग्रेस इकाई के प्रमुख के तौर पर अपनी जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे. मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने गुरुवार को कमलनाथ को लिखे एक पत्र में कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष (सोनिया गांधी) ने कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) मध्य प्रदेश के नेता पद से आपका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है.'
यह भी पढ़ें
साथ ही पत्र में यह भी कहा गया कि सोनिया गांधी ने गोविंद सिंह को कांग्रेस विधायक दल का नया नेता नियुक्त किया है. गोविंद सिंह भिंड जिले के लहार से विधानसभा सदस्य हैं. डॉ. गोविंद सिंह पूर्व मंत्री और सात बार के विधायक हैं.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद से कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख बने हुए हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पार्टी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि कमलनाथ ने पार्टी के ‘एक व्यक्ति एक पद' के सिद्धांत के तहत विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से त्यागपत्र देने की पेशकश की थी.
तमिलनाडु के तंजावुर में कालीमेडु स्थित एक मंदिर में 10 लोगों की करंट लगने से मौत हो गई. इस हादसे में कई श्रद्धालु घायल हो गए जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं.
दरअसल, कालीमेडु में मंदिर में 94वां अप्पर गुरुपूजा उत्सव मनाया जा रहा है, जिसमें शामिल होने मंगलवार रात से ही आसपास के इलाकों से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आई हुई थी.
इस दौरान बुधवार सुबह शहर की सड़कों पर पारंपरिक रथ यात्रा निकाली गई. जहां सैकड़ों भक्तों के बीच भगवान का रथ खींचने की होड़ मच गई, तभी एकाएक बिजली का तार रथ से टच हो गया और करंट से मौके पर ही 2 बच्चों सहित 10 लोगों की मौत हो गई.
इसके बाद आनन-फानन में करंट से घायल हुए कई लोगों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज किया जा रहा है. वहीं, प्रशासन की टीमों ने पहुंचकर राहत कार्य शुरू कर दिया है. वहीं, सड़क पर पानी के गड्ढे आ जाने की वजह से करीब 50 लोग रथ से दूर थे, इसलिए भीषण जनहानि टल गई.
उत्तराखंड के रुड़की में बुधवार को होने वाली धर्म संसद (Roorkee Dharma Sansad) पर सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हेट स्पीच को रोका नहीं गया तो मुख्य सचिव को जिम्मेदार ठहराएंगे. हम मुख्य सचिव को अदालत में तलब करेंगे. हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन हो . हेट स्पीच को रोकने के लिए जरूरी सभी कदम उठाए जाएं.
यह भी पढ़ें
उत्तराखंड के मुख्य सचिव को हालात को रिकॉर्ड में रखने और आवश्यकता पड़ने पर अधिकारियों द्वारा किए गए सुधारात्मक उपायों पर हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए गए हैं. जस्टिस ए एम खानविलकर ने कहा कि सरकार भरोसा तो दे रही है, लेकिन जमीन पर ऐसा दिखाई नहीं दे रहा. सुनवाई के दौरान सिब्बल ने बुधवार को रुड़की में होने वाली धर्म संसद पर रोक की मांग की.
उत्तराखंड के वकील ने कहा कि हम निवारक कदम उठा रहे हैं. जिस समुदाय का सिब्बल समर्थन कर रहे हैं, वो भी कुछ चीजे कर रहा है. जस्टिस खानविलकर ने सरकार के वकील को रोका और कहा. ये कैसी दलीलें हैं? यह अदालत में बहस करने का तरीका नहीं है
नई दिल्ली, एएनआइ। देश के जाने माने वायरोलाजिस्ट और वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कालेज (सीएमसी) के पूर्व प्रोफेसर डा. टी जैकब जान ने मंगलवार को कहा कि देश में कोरोना महामारी की चौथी लहर आने की संभावना बहुत ही कम है। यह पूछे जाने पर कि क्यों कुछ राज्यों में कोरोना मामले बढ़ने की खबरें आ रही हैं, जान ने कहा कि पिछले दो से तीन हफ्ते में दिल्ली और हरियाणा में मामलों में कुछ वृद्धि हुई थी, लेकिन यह निरंतर नहीं रही। उन्होंने यह भी कहा कि जहां तक उनकी जानकारी है किसी भी राज्य ने कोरोना के मामलों में उछाल की रिपोर्ट नहीं दी है। मार्च और अप्रैल में कोरोना की स्थिति कमजोर ही बनी रही और बहुत कम मामले पाए गए।
जैकब जान ने कहा कि भारत में अब कोरोना महामारी स्थानिक बीमारी का रूप ले रही है, यानी कुछ हिस्सों तक ही सिमट रही है। ऐसी स्थिति में हमेशा मामलों में कमी होने की ही उम्मीद नहीं होती है। कभी-कभी मामले बढ़ते भी हैं। दिल्ली में एक हजार मामले मिलने का मतलब है कि एक लाख पर पांच केस।
मास्क लगाते रहना बेहद जरूरी
यह पूछे जाने पर कि मामलों के बढ़ने से रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए, वायरोलाजिस्ट ने कहा कि मास्क लगाना सबसे जरूरी है। उन्होंने कहा, 'मास्क नहीं पहनना सबसे पहला अपराध है। मैं इससे बहुत निराश हूं कि विशेषज्ञ और नीति निर्माता लोगों से बातचीत तो कर रहे हैं, लेकिन उन्हें मास्क पहनने के फायदों के बारे में नहीं बता रहे।'
स्कूल बंद करने की भी जरूरत नहीं
जैकब जान ने बढ़ते मामलों के बीच स्कूल बंद करने की परिपाटी को भी गलत बताया। उन्होंने कहा कि स्कूलों को बंद करने की जरूरत नहीं है। स्कूल खुले रहने चाहिए। अगर केस मिलते हैं तो उनसे मामले दर मामले के हिसाब से निपटना जाना चाहिए। एक सवाल पर उन्होंने नए वैरिएंट के उभरने की आशंका को भी खारिज किया।
PM Narendra Modi Bureaucrats Letter| 100 Bureaucrats Write Letter To PM Modi On Hate Politics Against Muslims
3 घंटे पहले
कॉपी लिंक
पूर्व नौकरशाहों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है। लेटर में उम्मीद जताई है कि पीएम मोदी भाजपा के कंट्रोल वाली सरकारों की तरफ से कथित तौर पर पूरी 'लगन' के साथ चलाई जा रही 'हेट पॉलिटिक्स' को खत्म करेंगे।
लेटर लिखने वाले समूह में 100 से ज्यादा नौकरशाह शामिल हैं। समूह ने जहां हेट पॉलिटिक्स पर पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया है, वहीं उन्हें उनकी तरफ से दिया गया 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' वाला मंत्र भी याद दिलाया।
एक खुले पत्र में समूह ने कहा है कि हम देश में नफरत से भरा विनाश का उन्माद देख रहे हैं, जहां बलि की वेदी पर न केवल मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य हैं, बल्कि स्वयं संविधान भी है।
लेटर लिखने वालों में कई नामी हस्ती शामिल
लेटर पर 108 पूर्व नौकरशाहों के हस्ताक्षर हैं, जिसमें कई नामी हस्ती शामिल हैं। इनमें दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, देश के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लै और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रधान सचिव टीकेएस नायर जैसे नाम हैं।
इन सभी ने लेटर में लिखा है कि पूर्व सिविल सर्वेंट होने के नाते यह सामान्य नहीं है कि हमें अपनी भावनाओं को इस तरह पेश करना पड़ रहा है, लेकिन जिस तेज गति से हमारे संस्थापकों की बनाई संवैधानिक संरचना को नष्ट किया जा रहा है, वह हमें बोलने और अपना गुस्सा व पीड़ा जाहिर करने के लिए मजबूर कर रही है।
भाजपा शासित राज्यों में मुस्लिमों के खिलाफ भयावह हिंसा
लेटर में कहा गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय, खासतौर पर मुस्लिमों के खिलाफ पिछले कुछ सालों और महीनों में हिंसा बढ़ी है। यह हिंसा असम, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक और उत्तराखंड समेत उन सभी राज्यों में जहां भाजपा पॉवर में है एक नया भयावह रूप ले चुकी है। इनमें दिल्ली ऐसा राज्य है, जहां पुलिस का कंट्रोल केंद्र सरकार के पास है।
संवैधानिक नैतिकता और आचार के लिए खतरा
पूर्व नौकरशाहों ने लिखा है कि हमारा मानना है कि यह खतरा अभूतपूर्व है और न केवल संवैधानिक नैतिकता व आचार खतरे में हैं, बल्कि इससे हमारी सामाजिक ताने-बाने के भी नष्ट होने की संभावना है, जिसे संरक्षित रखने के लिए हमारे संविधान को इतनी सावधानी से तैयार किया गया है।
पीएम की चुप्पी पर उठाया सवाल
लेटर में प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को लेकर भी सवाल उठाया गया है। लेटर में लिखा है कि इस विशाल सामाजिक खतरे के सामने आपकी चुप्पी इसे दबाने वाली है। हम आपकी अंतरात्मा से अपने वादे 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' को दिल से लागू करने की अपील करते हैं। हमें आशा है कि इस 'आजादी के अमृत महोत्सव' में पक्षपात वाले विचारों से ऊपर उठकर आप उस हेट पॉलिटिक्स के अंत की अपील करेंगे, जिस पर आपकी पार्टी के कंट्रोल वाले राज्यों की सरकारें पूरी लगन से चल रही हैं।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की सत्ता को दोबारा संभालने वाले योगी आदित्यनाथ को सीएम बने एक महीना हो गया है. 4 हफ्ते में उनकी ओर से लिए गये ताबड़तोड़ 40 फैसले यूपी के विकास की नई कहानी अपने आप कह रहे हैं. उनकी दूरदर्शिता और दृढ़इच्छा शक्ति रंग ला रही है. सरकार बनते ही मुफ्त राशन योजना को 03 महीने बढ़ाने के फैसले ने सीएम योगी के गरीबों के प्रति सेवा और समर्पण भाव को दिखाया है. स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार के द्वारा खोलने के प्रयास और पहली बार होमगार्ड जवानों का स्वास्थ्य बीमा कराने का फैसला भी योगी सरकार की ओर से इन 30 दिनों में ही लिया गया. योगी सरकार के 4 हफ्ते में 40 बड़े फैसले किए गए हैं.
योगी सरकार के 4 हफ्ते, 40 फैसले
फैसला नंबर 1- योगी सरकार 2.0 की पहली कैबिनेट का पहला बड़ा फैसला, मुफ्त राशन योजना को तीन महीने बढ़ाया, 15 करोड़ लोगों को राशन आगे भी मिलता रहेगा.
फैसला नंबर 2- योगी सरकार सभी तहसीलों में फायर टेंडर की सुविधा उपलब्धता कराने के लिए तेजी से कार्य कर रही है. ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 15 मिनट और शहरी क्षेत्र में अधिकतम 7 मिनट का रिस्पांस टाइम सुनिश्चित करने के निर्देश.
फैसला नंबर 3- दो वर्ष के अंदर 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश लक्ष्य के साथ फिर होगी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट, 100 दिन में तीसरी ग्राउंड ब्रेंकिंग सेरेमनी, औद्योगिक निवेश की बढ़ावा देने के लिए बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में यूपी सरकार.
फैसल नंबर 4- भ्रष्टाचार, लापरवाही और जनता से जुड़ी समस्याओं में अनदेखी करने के मामले में डीएम सोनभद्र और एसएसपी गाजियाबाद सस्पेंड.
फैसला नंबर 5-सीएम योगी के निर्देश पर पुलिस बल के लिए 86 राजपत्रित और 5295 अराजपत्रित नए पदों को शासन की मंजूरी मिली.
फैसला नंबर 6- पिछले 20 दिनों में 200 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति ध्वस्त या जब्त की गई है, जिसमें 25 माफिया डीजीपी ऑफिस और 8 शासन की तरफ से चिन्हित किए गए थे.
फैसला नंबर 7- मुख्यमंत्री ने नवरात्र पर्व के पहले दिन से महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस विभाग को विशेष अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए. एंटी रोमियो स्क्याड वापस शुरु किया गया.
फैसला नंबर 8- मुख्यमंत्री आवास पर जनता दर्शन की वापस शुरुआत की. हर दिन सरकार के एक मंत्री की मौजूदगी में जन समस्याओं के निस्तारण के निर्देश दिए.
फैसला नंबर 9- मिर्जापुर, वाराणसी और गोरखपुर में दौरा कर विभिन्न योजनाओं से जुड़ी समीक्षा बैठकें की.
फैसला नंबर 10- योगी सरकार ने श्रावस्ती जनपद से स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की, कम साक्षरता वाले जिलों पर विशेष फोकस किया.
फैसला नंबर 11- लापरवाही और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाते हुए डीएम औरैया सुनील वर्मा को सस्पेंड किया गया.
फैसला नंबर 12- पेपर लीक होने के आरोप में बलिया के DIOS को सस्पेंड व अरेस्ट किया गया.
फैसला नंबर 13- पिछले 20 दिनों में 100 से ज्यादा अपराधियों और माफियाओं पर गरजा बुल्डोजर.
फैसला नंबर 14- मुख्यमंत्री योगी ने सभी मंत्रियों को अपने-अपने विभागों की 100 दिन की कार्ययोजना तैयार कर काम करने के निर्देश दिए हैं.
फैसला नंबर 15- योगी सरकार ने युवाओं को हाथों में 9.74 लाख टैबलेट और स्मार्टफोन देने की कार्रवाई शुरु की.
फैसला नंबर 16- योगी सरकार ने दो अप्रैल को प्रदेश में संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की.
फैसला नंबर 17- अब यूपी में होमगार्ड के 20 प्रतिशत पदों पर होगी महिलाओं की भर्ती, 100 दिन में शुरु होगी प्रक्रिया.
फैसला नंबर 18- एक महीने में अगले 3 महीने , 6 महीने और 5 साल का खाका कराया तैयार.
फैसला नंबर 19- भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए कई आईएएस अधिकारियों के तबादले तो कई अधिकारियों को वेटिंग लिस्ट में डाला.
फैसला नंबर 20 – अपने क्षेत्र में नागरिकों की समस्या के तुरंत निस्तारण के लिए रात में अपनी तैनाती स्थल पर एसडीएम, सीओ और तहसीलदार को सीएम ने दिए निर्देश.
फैसला नंबर 21- यूपी में महिला होमगार्ड्स को एंटी टेरेरिस्ट मॉड्यूल का प्रशिक्षण देने के दिए निर्देश.
फैसला नंबर 22- सरकारी कर्मचारियों के लंच का समय का किया निर्धारित, दोपहर एक बजे से 1.30 बजे तक होगा लंच टाइम.
फैसला नंबर 23- पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित 63 हिंदू बंगाली परिवारों के पुर्नावास के लिए भूमि के पट्टे का स्वीकृति पत्र दिया गया.
फैसला नंबर 24- अगले 6 महीने में 2.51 लाख ने आवास बनाने का लक्ष्य लेकर तेजी से कार्य करने के निर्देश.
फैसला नंबर 25- भ्रष्टाचार, लापरवाही और जनता से जुड़ी समस्याओं में अनदेखी करने के मामले में असिस्टेंट कमिश्नर( प्रभारी) वाणिज्य कर सचल दल, इकाई बस्ती आशुतोष मिश्रा को सस्पेंड किया.
फैसला नंबर 26- बिना मानचित्र स्वीकृति के इमारत निर्मित किए जाने के मामले में अवर अभियंता, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण शिव ओम को सस्पेंड किया.
फैसला नंबर 27- यूपी पुलिस आधुनिकिकरण एवं सुदृढ़ीकरण आयोग का कार्यकाल 30 जून 2022 तक बढ़ाए जाने की स्वीकृति प्रदान की.
फैसला नंबर 28- भ्रष्टाचार, लापरवाही और जनता से जुड़ी समस्याओं में अनदेखी करने के मामले में असिस्टेंट कमिश्नर (प्रभारी) वाणिज्य कर सचल दल, इकाई बाराबंकी को सस्पेंड किया.
फैसला नंबर 29 – सीतापुर में आमजन की सुविधा के लिए नई पुलिस चौकी गनेशपुर स्थापित करने का फैसला किया.
फैसला नंबर 30- गुंडों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश देते हुए राज्य में कानून व्यवस्था को प्राथमिकता बनाया गया है.
फैसला नंबर 31- योगी सरकार आयुषमान भारत योजना से महिला और पुरुष होमगार्ड जवानों का स्वास्थ्य बीमा कराएगी.
फैसला नंबर 32- सीएम योगी ने भ्रष्टाचार के आरोप में झांसी प्रखंड बेतवा नहर झांसी (संप्रित निलंबित) अधिशासी अभियंता को सेवा से हटाने का आदेश दिया। अधिकारी से 77 लाख 41 हजार की वसूली भी की जाएगी.
फैसला नंबर 33- उप निबंधक कार्यालय (मैथा) कानपुर देहात के लिए पद सृजन की स्वीकृति दी.
फैसला नंबर 34- अयोध्या में नियमित रामलीला का आयोजन किया जाएगा. हस्तिनापुर, मेरठ और गोरखपुर में प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय की स्थापना की जाए.
फैसला नंबर 35- सभी कैबिनेट मंत्री अब फील्ड में जाएंगे.
फैसला नंबर 36- यूपी में पुरोहित कल्याण बोर्ड का गठन करने को लेकर सीएम योगी ने दी मंजूरी.
फैसला नंबर 37- प्रदेश में आने वाले पांच सालों में मेडिकल प्रोफेशनल सीटें दोगुनी होंगी, जिसमें पांच सालों में एमबीबीएस की 7000, पीजी की 3000, नर्सिंग की 14,500 और पैरामेडिकल की 3,600 सीटों को बढ़ाया जाएगा.
फैसला नंबर 38- यूपी की 100 ग्राम पंचायतों में खिलाड़ियों को मिलेगी ओपन जिम की सौगात.
फैसला नंबर 39 – यूपी में अब नए स्थानों पर माइक और लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति नहीं.
फैसला नंबर 40 -आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और सहायिकाओं के 20,000 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अगले छह माह में पूर्ण कराएं. सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और स्वास्थ्य सखियों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाया जाए.
आजीविका : ग्रह नक्षत्र के अनुसार, आज का दिन तुला राशि के लोगों के लिए मिला जुला रहने वाला है। यदि आपका कोई मित्र या रिश्तेदार जो आपसे दूर रहते हैं तो उनसे आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। इस राशि के विवाह योग्य युवक युवतियों के लिए आज ऑनलाइन माध्यम से कोई सुखद समाचार मिल सकता है। आज का दिन नौकरीपेशा लोगों और व्यापारिक लोगों के लिए काफी भाग्यशाली रहने वाला है। आज आप नई योजनाओं पर काम शुरु कर सकते हैं। आज आपकी आर्थिक स्थिति काफी अच्छी रहने वाली है। हालांकि, आपको अपने खर्चों को मैनेज करके चलना होगा। किसी भी तरह का अनावश्यक खर्च करने से बचें और खर्चों पर थोड़ा नियंत्रण रखें।
पारिवारिक जीवन : आप आपको प्रेम संबंधों में किसी रुकावट का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है की आप शादी के लिए अपने माता पिता के सामने प्रस्ताव रखें और उनकी तरफ से मनमुताबिक प्रतिक्रिया न मिले। लेकिन, घबराए नहीं जल्द ही आपको समाधान मिल जाएगा। साथ ही आज आप अपने छोटे भाई बहनों के साथ अच्छा समय बीताएंगे।
स्वास्थय : पिछले काफी समय से अगर आप त्वचा संबंधी समस्या से जूझ रहें हैं तो आपको इससे मुक्ति मिलेगी। जितना हो सकता है उतना पानी अधिक पिएं।
उपाय :आज आपके लिए सूर्य देव को जल अर्पित करना लाभकारी रहेगा।
पटना, आनलाइन डेस्क। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पहले तेज प्रताप के बारे में यह खबर आई थी कि आरजेडी की इफ्तार पार्टी के दिन उन्होंने पार्टी के दो नेताओं की पीटा था। अब सोमवार को युवा आरजेडी पटना महानगर अध्यक्ष रामराज ने पार्टी दफ्तर के बाहर मीडिया को आपबीती सुनाई है। रामराज का आरोप है कि तेज प्रताप यादव ने इफ्तार पार्टी के दिन उन्हें कमरे में बुलाकर बुरी तरह पीटा।
साथ ही यह धमकी दी कि अगर पार्टी में रहे तो 10 दिनों के अंदर गोली मरवा दूंगा। रामराज ने यह भी आरोप लगाया है कि उस दिन तेज प्रताप यादव ने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को भी गालियां दीं। इस मामले में तेज प्रताप यादव ने कहा कि आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव तथा एमएलसी सुनील सिंह के बहकावे में आकर रामराज गलत बयान दे रहे हैं।
सोमवार को पार्टी दफ्तर पहुंचे आरजेडी नेता रामराज ने यह आरोप लगाया है कि इफ्तार पार्टी के दिन लालू यादव के बड़े बेटे ने कमरे में बुलाया। कमरे में बुलाने के बाद उन्हें बुरी तरह पीटा गया। इसके साथ ही आपत्तिजनक वीडियो भी बनाया। रामराज का दावा है कि इस दौरान तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव को लेकर भी अपशब्द कहे। उन्होंने कहा कि तेज प्रताप यादव जगदानंद सिंह, सुनील सिंह समेत आरजेडी के कई नेताओं से खफा रहते हैं। कहा कि तेज प्रताप यादव ने धमकी भी दी कि अगर तेजस्वी का साथ नहीं छोड़ा तो 10 दिनों के अंदर गोली मरवा दूंगा। इस घटना के बाद राजद पटना महानगर के अध्यक्ष अपनी टीम के साथ प्रदेश कार्यालय इस्तीफा देने पहुंचे थे। रामराज ने कहा कि उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को पूरी बात बताई, लेकिन पार्टी की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। रामराज ने कहा कि उनके पास साक्ष्य हैं। वे उसे मीडिया में ले जाएंगे।
मेरे खिलाफ हो रही साजिश- तेज प्रताप
राजद नेता रामराज के आरोपों पर तेज प्रताप यादव ने सफाई दी है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर लिखा है कि मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव, एमएलसी सुनील सिंह के बहकावे में आकर रामराज ऐसा आरोप लगा रहे हैं। तेज प्रताप का कहना है कि मैं अपने कार्यकर्ताओं को हमेश इज्जत देता हूं।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। देश में संभावित बिजली संकट को रोकने में बिजली, कोयला और रेल मंत्रालय की सक्रियता चरम पर है। बिजली संयंत्रों को कोयला आपूर्ति सुचारु करने के लिए ना केवल कोल इंडिया लिमिटेड ने उत्पादन बढ़ाया है बल्कि कोयला ढुलाई के लिए रेल मंत्रालय के साथ मिलकर काम भी कर रहा है। इसके बावजूद महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत कुछ दूसरे राज्यों में बिजली की कटौती शुरू हो गई है।
बिजली कटौती की स्थिति
माना जा रहा है कि अगर कोयला आपूर्ति तेजी से नहीं बढ़ाई गई तो मई के पहले पखवाड़े में देश के कई राज्यों में बिजली कटौती की स्थिति पैदा हो जाएगी। ऐसे में अगर बिजली मंत्रालय की तरफ से दिए गए आंकड़ों पर गौर करें तो साफ हो जाता है कि बिजली संकट की यह स्थिति पिछले चार-पांच वर्षों के दौरान धीरे-धीरे कोयला आधारित बिजली संयंत्रों की पूरी निगरानी नहीं करने और कोयला उत्पादन में अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं होने से बनी है।
पीक आवर में डिमांड बढ़ी
वर्ष 2017-18 के बाद के पांच वर्षों के दौरान देश में बिजली की स्थिति पर नजर डालें तो यह पता चलता है कि इस दौरान पीक आवर डिमांड (24 घंटे में किसी एक समय बिजली की अधिकतम मांग) में 24 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। पीक आवर डिमांड इस अवधि में 1.64 लाख मेगावाट से बढ़कर दो लाख मेगावाट हो चुका है। लेकिन इस दौरान देश में बिजली का उत्पादन 1308 अरब यूनिट से बढ़कर सिर्फ 1320 अरब यूनिट हुआ है।
घटती रही बिजली उत्पादन की दर
असलियत में 2014-15 के बाद से सालाना स्तर पर बिजली उत्पादन की दर लगातार घटती रही है। उस वर्ष बिजली उत्पादन में 8.84 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, वर्ष 2018-19 में उत्पादन में 5.19 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2019-20 में यह वृद्धि दर घटकर सिर्फ 0.95 प्रतिशत रह गई। इसके बाद के वर्ष 2020-21 में तो 2.49 प्रतिशत की गिरावट हुई (मुख्य वजह कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक बंदी)।
बिजली उत्पादन बढ़ाना बड़ी चुनौती
वर्ष 2021-22 के दौरान बिजली उत्पादन 6.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1320 अरब यूनिट हुआ है। चिंता की बात यह है कि कोयला आपूर्ति बढ़ाने के बावजूद बिजली उत्पादन पिछले तीन महीनों से 1320 अरब यूनिट के आसपास बना हुआ है। ऐसे में अगर मई, 2022 में बिजली की मांग में ज्यादा उछाल आएगा तो स्थिति बिगड़ सकती हैं।
पांच सालों में नहीं बढ़ा प्लांट लोड फैक्टर
बिजली उत्पादन में खास वृद्धि नहीं होने के पीछे एक और बड़ा कारण कोयला और लिग्नाइट आधारित बिजली संयंत्रों का प्लांट लोड फैक्टर (किसी खास समय में संयंत्रों की तरफ से पैदा की जाने वाली अधिकतम बिजली) नहीं बढ़ना है।
मांग और आपूर्ति में अंतर
पिछले पांच वर्षों में यह 55.32 प्रतिशत से घटकर 53.05 प्रतिशत हो गया है। वर्ष 2021-22 के पहले दस महीनों में बिजली की मांग 2.03 लाख मेगावाट की थी जबकि आपूर्ति 2.0 लाख मेगावाट रही। हालांकि यह स्थिति वर्ष 2014-15 में मांग व आपूर्ति के अंतर 4.7 प्रतिशत से बेहतर है लेकिन वर्ष 2017-18 के बाद बिजली की मांग और आपूर्ति में 1.2 प्रतिशत से ज्यादा का अंतर नहीं रहा।
कोयला व गैस की कमी से 60 हजार मेगावाट के प्लांट हैं बंद
देश में अभी 60 हजार मेगावाट क्षमता के बिजली प्लांट कोयला या गैस की कमी या दूसरी वजहों से बंद हैं। 18 हजार मेगावाट क्षमता के गैस आधारित बिजली प्लांट गैस उपलब्ध नहीं होने से बंद है जबकि आयातित कोयला पर आधारित 16 हजार मेगावाट क्षमता के संयंत्रों में भी नाममात्र का उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा 15-16 हजार मेगावाट क्षमता के संयंत्र मरम्मत की वजह से काम नहीं कर रहे हैं। इसी तरह से 10 हजार मेगावाट क्षमता के संयंत्रों के पास पीपीए (पावर परचेज एग्रीमेंट) नहीं है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धनशोधन के मामले में विशेष अदालत में दाखिल आरोप पत्र के मुताबिक यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर ने केंद्रीय एजेंसी को बताया कि उन्हें कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा से एम एफ हुसैन की पेंटिंग खरीदने के लिए ‘विवश' किया गया. इस तस्वीर से प्राप्त राशि का उपयोग गांधी परिवार ने सोनिया गांधी का न्यूयॉर्क में उपचार कराने के लिए किया.
यह भी पढ़ें
आरोप पत्र के मुताबिक कपूर ने ईडी को बताया कि तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने कहा था कि यदि उन्होंने एम एफ हुसैन की पेंटिंग को खरीदने से मना किया तो न केवल इससे गांधी परिवार से संबंधों को बनाने में बाधा उत्पन्न होगी बल्कि उससे ‘पद्म' सम्मान प्राप्त करने में कठिनाई होगी. राणा कपूर का यह कथित बयान ईडी द्वारा विशेष अदालत में हाल में यस बैंक के सह संस्थापक, उसके परिवार, दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचईएल) के प्रवर्तक कपिल और धीरज वाधवान और अन्य के विरुद्ध धन शोधन के मामले में दाखिल दूसरे पूरक आरोप पत्र (कुल तीन) का हिस्सा है.
आरोप पत्र के मुताबिक कपूर ने दावा किया है कि राणा कपूर पेंटिंग के एवज में दो करोड़ रुपये की राशि का भुगतान चेक में किया. उसने दावा किया कि ‘‘ मिलिंद देवड़ा (पूर्व कांग्रेस सांसद और दिवंगत मुरली देवड़ा के पुत्र) ने गोपनीय तरीके से उन्हें सूचना दी कि इस पेंटिंग की बिक्री से मिलने वाले धन का उपयोग गांधी परिवार सोनिया गांधी के न्यूयॉर्क में उपचार पर करेगा. कपूर ने ईडी को यह भी बताया कि सोनिया गांधी के करीबी अहमद पटेल ने उनसे कहा था कि गांधी परिवार की इस सही समय पर सोनिया गांधी के उपचार में सहयोग कर उन्होंने (कपूर ने) अच्छा काम किया है और ‘पद्म भूषण' देने के लिए उनके नाम पर समुचित ढंग से विचार किया जाएगा.
आरोप पत्र के मुताबिक मुरली देवड़ा ने राणा कपूर को इसलिए भी मनाने का प्रयास किया था कि पेंटिंग खरीदने से इंकार करने पर उन्हें गांधी परिवार से संबंध बनाने का मौका नहीं मिलेगा और यह उन्हें पद्म सम्मान से सम्मानित करने की राह को भी रोकेगा. ईडी को दिए बयान में कपूर में दावा किया कि दिवंगत देवड़ा ने रात्रिभोज के दौरान बताया कि पेंटिंग खरीदने से मना करने का उन पर और यस बैंक पर ‘‘प्रतिकूल प्रभाव'' पड़ सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि कपूर को मार्च 2020 में गिरफ्तार किया गया था और इस समय वह न्यायिक हिरासत में है. प्रियंका गांधी वाद्रा से कथित तौर पर कपूर द्वारा खरीदी गई पेंटिंग के बारे में आरोप पत्र में कहा गया, ‘‘सबसे पहले मैं यह बताना चाहता हूं कि यह जोर डालकर कर की गयी बिक्री थी जिसके लिए मैं कभी तैयार नहीं था.''मिलिंद देवड़ा ने कई बार उनके (राणा कपूर) घर और कार्यालय आए ताकि उन्हें प्रियंका गांधी वाद्रा से एमएफ हुसैन की पेंटिंग खरीदने के लिए मना सके.
आरोप पत्र के मुताबिक ईडी से कपूर ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे कई बार अलग-अलग मोबइल नंबर से फोन किया,बल्कि वह यह सौदा कराने को लेकर बहुत प्रतिबद्ध थे और मैंने भी कई दिनों तक उनके फोन/संदेश और व्यक्तिगत मुलाकात के प्रस्ताव को नजर अंदाज कर इसे टालने की कोशिश की.''कपूर ने दावा किया, ‘‘इस करार को टालने की कई प्रयासों के बावजूद वे अप्रत्याशित रूप से सौदे को तेजी से अंतिम रूप देना चाहते थे.''
कपूर ने आगे बताया कि वर्ष 2010 में मुरली देवड़ा ने उन्हें नयी दिल्ली के लोधी एस्टेट बंगले पर मारवाड़ी रात्रि भोज पर मिलने के लिए विवश किया. आरोप पत्र के मुताबिक देवड़ा उस समय पेट्रोलियम मंत्री थे और यह बंगला उन्हें उसी नाते आवंटित हुआ था.
VIDEO: आज जम्मू के पल्ली गांव जाएंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इलाके में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था
Ashok Gehlot Congress | Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot On His Resignation And Sonia Gandhi
जयपुर4 घंटे पहले
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में सीएम बदलने की चर्चाओं को अफवाह बताया। जयपुर में शनिवार को राजस्व सेवा परिषद के सम्मेलन में गहलोत ने कहा- अफवाह चलती रहती है। उनकी तरफ आपको ध्यान नहीं देना है। अफवाह चलती है कि सरकार बदल रही है, मुख्यमंत्री बदल जाएंगे।
निश्चिंत रहना। मैं वह व्यक्ति हूं, जब 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री बना, सोनिया गांधी ने मुझे तीन बार चीफ मिनिस्टर बनने का चांस दिया तो मैंने उस वक्त से उन्हें अधिकृत कर रखा है। मेरा इस्तीफा तो परमानेंट ही उनके (सोनिया गांधी के) पास में है।
गहलोत ने कहा- आप सोच सकते हैं, बार-बार यह आना नहीं चाहिए कि मुख्यमंत्री बदल रहा है। क्या हो रहा है? जब मुख्यमंत्री बदलना होगा तो किसी को कानों कान भनक नहीं लगेगी। आप निश्चिंत रहें, आप अफवाहों में नहीं पड़े। दो-तीन दिन से अफवाह सुन रहा हूं। फलां यह हो गया, वो हो गया। अफवाह से बिना मतलब लोग कंफ्यूज हो जाते हैं। गवर्नेंस में फर्क पड़ जाता है। मैं यह बात क्यों कर रहा हूं? सरकार अनस्टेबल रहती है कि क्या हो रहा कांग्रेस के अंदर।
कांग्रेस की क्या हालत हो रही है, चिंता का विषय
CM ने कहा- वैसे भी आप देख रहे हो कांग्रेस की क्या स्थिति हो रही है। जो देश के अंदर चिंता का विषय होना चाहिए। देश के लोगों के लिए भी यह चिंता का विषय होना चाहिए। आम आदमी जिसने कभी कांग्रेस को वोट नहीं दिया वह भी चाहता है कि देश में कांग्रेस मजबूत रहे। देशहित में सोचना चाहिए। मैं मोदी जी को बार-बार कहता हूं कि कांग्रेस मुक्त भारत की बात कहने वाले खुद एक दिन मुक्त हो जाएंगे। कांग्रेस सत्ता में भले न हो, लेकिन आज भी गांव-गांव में उसका वजूद है।
बचपन से 36 कौम को साथ लेकर चला
गहलोत ने कहा- मैं बचपन से ही 36 कौम को साथ लेकर चलने वाले संस्कार लेकर चला हूं। इसलिए जनता ने तीसरी बार CM बनने का मौका दिया है। मेरी जाति का एक ही MLA है और जानते हैं वह कौन हैं, वह मैं खुद हूं।
गहलोत के बयान के सियासी मायने
गहलोत के बयान को सचिन पायलट के सोनिया गांधी से मिलने के बाद चली चर्चाओं का जवाब माना जा रहा है। पायलट के सोनिया गांधी से मिलने के बाद रणनीति या चेहरे के बदलाव के बारे में जब पूछा गया था। तब कहा था कि इसी पर चर्चा हो रही है। इस बयान को राजस्थान में बदलाव से जोड़कर देखा गया। अब गहलोत के बयान को बदलाव वाले नरेटिव का जवाब माना जा रहा है।
दो दिन पहले ये बोले थे पायलट
21 अप्रैल को राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। सोनिया गांधी से मिलने के बाद कांग्रेस की रणनीति बदली जाएगी या नहीं, के सवाल पर पायलट ने कहा था कि अभी उसी पर चर्चा हो रही है। उस चर्चा में सब शामिल है, क्या करना है, क्या नहीं करना है। अब फैसला कांग्रेस अध्यक्ष को करना है। सब लोग जो धरातल पर काम कर रहे हैं, हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम सही फीडबैक दें। पायलट ने मीडिया से बातचीत में कहा- राजस्थान में और काम करने की जरूरत है और मुझे पूरा विश्वास है कि मिलकर काम करेंगे तो अगले साल होने वाले चुनावों में जरूर कांग्रेस की सरकार बनाएंगे।
सीबीएसई ने पाठ्यक्रम सामग्री से 'लोकतंत्र और विविधता' संबंधी अध्याय भी हटा दिए हैं. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 11 और 12 के इतिहास एवं राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम से गुटनिरपेक्ष आंदोलन, शीतयुद्ध के दौर, अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्रों में इस्लामी साम्राज्य के उदय, मुगल दरबारों के इतिहास और औद्योगिक क्रांति से संबंधित अध्याय हटा दिए हैं. इसी तरह, कक्षा 10 के पाठ्यक्रम में 'खाद्य सुरक्षा' से संबंधित अध्याय से ‘कृषि पर वैश्वीकरण का प्रभाव' विषय को हटा दिया गया है. इसके साथ ही 'धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति-सांप्रदायिकता धर्मनिरपेक्ष राज्य' खंड से फैज अहमद फैज की दो उर्दू कविताओं के अनुवादित अंश को भी इस साल बाहर कर दिया गया है.
यह भी पढ़ें
सीबीएसई ने पाठ्यक्रम सामग्री से 'लोकतंत्र और विविधता' संबंधी अध्याय भी हटा दिए हैं. विषयों या अध्यायों को हटाए जाने से संबंधित तर्क के बारे में पूछे जाने पर अधिकारियों ने कहा कि परिवर्तन पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाए जाने का हिस्सा है तथा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की सिफारिशों के अनुरूप है. पिछले साल के पाठ्यक्रम विवरण के अनुसार, कक्षा 11 के इतिहास पाठ्यक्रम से इस साल हटाया गया अध्याय ‘सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स' अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्र में इस्लामी साम्राज्य के उदय और अर्थव्यवस्था एवं समाज पर इसके प्रभाव के बारे में बात करता है.
इसी तरह, कक्षा 12 के इतिहास पाठ्यक्रम में 'द मुगल कोर्ट: रीकंस्ट्रक्टिंग हिस्ट्रीज थ्रू क्रॉनिकल्स' शीर्षक वाला अध्याय मुगलों के सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास के पुनर्निर्माण के संबंध में मुगल दरबारों के इतिहास की पड़ताल करता है. वर्ष 2022-23 शैक्षणिक सत्र के लिए स्कूलों के साथ साझा किया गया पाठ्यक्रम पिछले साल की गई एक सत्र में दो भागों में परीक्षा देने की व्यवस्था से एकल-बोर्ड परीक्षा में वापस जाने के बोर्ड के फैसले का संकेत भी देता है.
हालांकि दो भागों में परीक्षा कराने की व्यवस्था को कोविड महामारी को देखते हुए एक बार के विशेष उपाय के रूप में घोषित किया गया था. बोर्ड के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह कहा था कि स्थिति को ध्यान में रखते हुए समय पर अंतिम संज्ञान लिया जाएगा. बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘सीबीएसई कक्षा नौ से 12 के लिए सालाना पाठ्यक्रम प्रदान करता है जिसमें शैक्षणिक सामग्री, सीखने के परिणामों के साथ परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम, शैक्षणिक अभ्यास और मूल्यांकन दिशानिर्देश शामिल होते हैं. हितधारकों और अन्य मौजूदा स्थितियों पर विचार को ध्यान में रखते हुए बोर्ड शैक्षणिक सत्र 2022-23 के अंत में मूल्यांकन की वार्षिक योजना आयोजित करने के पक्ष में है और पाठ्यक्रम को उसी हिसाब से तैयार किया गया है.''
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब बोर्ड ने कुछ ऐसे अध्यायों को हटाया है जो दशकों से पाठ्यक्रम का हिस्सा रहे हैं. पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने के अपने निर्णय के तहत, सीबीएसई ने 2020 में घोषणा की थी कि कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में संघवाद, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता के अध्यायों पर छात्रों का मूल्यांकन करते समय विचार नहीं किया जाएगा जिससे एक बड़ा विवाद पैदा हो गया था. ये विषय 2021-22 शैक्षणिक सत्र में बहाल किए गए और पाठ्यक्रम का हिस्सा बने रहे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर पर राजनीति बढ़ती जा रही है। अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा ने आज मातोश्री के बाहर हुनमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया है। इसके बाद नवनीत राणा की बिल्डिंग के नीचे भारी संख्या में शिवसैनिक डटे हैं।
इस दौरान पुलिस और शिवसैनिकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। शिवसैनिकों ने राणा के घर के बाहर लगे बैरियर तोड़ दिए और घर में घुसने की कोशिश की। शिवसैनिकों ने कहा कि हम अमरावती का कचरा साफ करने आए हैं। इस हंगामे के बावजूद राणा दंपत्ति मातोश्री पर जाने के अपने फैसले पर कायम है। पुलिस के अधिकारी लगातार उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
नवनीत राणा बोलीं- शिवसैनिक घर के बाहर गुंडागर्दी कर रहे
घर के बाहर हुए हंगामे के बाद नवनीत राणा ने सोशल मीडिया में एक वीडियो पोस्ट किया है। उन्होंने कहा- अगर ये बालासाहेब के शिवसैनिक होते तो हमें मातोश्री जाने की अनुमति मिल जाती। हमारे घर पर हमला हो रहा है, शिवसैनिकों ने गुंडागर्दी की है। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास नहीं किया है। कुछ हुआ तो इसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री होंगे। इसी मामले में नवनीत राणा के पति रवि राणा ने कहा, 'वे हमें रोक नहीं सकते। हमें राम भक्त देख रहे हैं। चाहे कुछ भी हो जाए, हम जाएंगे मातोश्री।' उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें उनके ही घर में लॉक कर दिया है और वे उन्हें निकलने नहीं दे रहे हैं।
मातोश्री में घुसने की हिम्मत किसी में नहीं: राउत
नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए संजय राउत ने कहा, हमें कानून के बारे में मत बताओ, मातोश्री में प्रवेश करने की किसी की हिम्मत नहीं है। यदि आप किसी और के समर्थन से हमारे मातोश्री में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं, तो शिव सैनिक आक्रामक होगा, शिवसैनिक चुप नहीं रहेगा।' इससे पहले संजय राउत ने राणा दंपत्ति को बंटी-बबली की जोड़ी बताया था।
नवनीत राणा के घर के बाहर शिवसैनिकों ने जमकर हंगामा किया।
मातोश्री के बाहर भी शिवसैनिक डटे हैं
बता दें कि नवनीत राणा के ऐलान के बाद भारी संख्या में शिवसैनिक पिछले 2 दिनों से 'मातोश्री' के बाहर डटे हुए हैं। इस बीच नाराज शिवसैनिकों ने देर रात यहां से गुजर रहे BJP नेता मोहित कंबोज की कार पर हमला भी किया। माना जा रहा है कि अगर आज रवि और नवनीत राणा यहां आते हैं तो टकराव संभव है। इस टकराव की स्थिति को देखते हुए मातोश्री के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है।
नवनीत और रवि राणा अभी अपने खार स्थित घर पर मौजूद हैं और उनके घर के बाहर भारी संख्या मौजूद शिवसैनिक राणा दंपत्ति के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। शिवसैनिको का कहना है कि अगर वे अपने घर से भी बाहर निकलते हैं, तो हम उन्हें अपने तरीके से समझाएंगे। नवनीत राणा और रवि राणा को मुंबई पुलिस ने धारा 149 के तहत नोटिस भी दिया है।
नवनीत राणा के घर के बाहर बड़ी संख्या में महिला शिवसैनिक भी मौजूद हैं।
राणा दंपत्ति ने बाला साहब के हिंदुत्व को याद दिलाया
राणा दंपत्ति ने ऐलान किया था कि वे 23 अप्रैल यानी शनिवार को सुबह 9 बजे मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। उद्धव ठाकरे भी उन्हें नहीं रोक सकते। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को वे बालासाहेब ठाकरे वाला हिंदुत्व याद दिलाना चाहते हैं।
नवनीत और उनके पति रवि राणा ने शुक्रवार को कहा कि वे अपनी बात को पूरा करके रहेंगे।
उद्धव ने कार्यकर्ताओं से कहा- यहां आने की कोई हिम्मत नहीं करेगा
इस बीच शुक्रवार शाम 5 बजे के करीब वर्षा बंगले से उद्धव ठाकरे मातोश्री के लिए निकले। मातोश्री पहुंच कर उन्होंने वहां जमा हुए समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। शाम 7 बजे मातोश्री पर शिवसेना के नेताओं की बैठक हुई। इसके बाद उद्धव ठाकरे एक बार फिर बंगले के बाहर आए और उन्होंने शिवसैनिकों का अभिवादन करते हुए कहा कि वे लोग अपने-अपने घर जाएं।
BJP नेता मोहित कंबोज की गाड़ी पर देर रात हमला किया गया।
BJP नेता मोहित कंबोज की कार पर हमला
देर रात BJP नेता मोहित कंबोज की गाड़ी पर शिवसैनिकों ने हमला किया है। यह हमला 'मातोश्री' के पास बांद्रा के कलानगर सिग्नल पर रात के करीब सवा नौ से साढ़े नौ के बीच हुआ। हमले के बाद शिवसेना सांसद विनायक राउत और वरुण सरदेसाई का कहना है कि मोहित कंबोज अपनी गाड़ी से उतरे क्यों? वो इसलिए उतरे क्योंकि उन्हें मातोश्री और कलानगर का रेकी करना था। वे वहां फोटो खींच रहे थे। हालांकि, मोहित कंबोज का कहना है कि वो एक शादी अटेंड करके लौट रहे थे। मातोश्री के बाहर के इस रास्ते से रोज लाखों लोग सफर करते हैं। कलानगर के पुल के पास कमलानगर के सैंकड़ों शिवसैनिकों ने उन पर हमला किया। मोहित कंबोज ने कहा कि अगर मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स जैसे इलाके में इस तरह की घटना होती है तो महाराष्ट्र सरकार के लिए यह शर्म की बात है।
सुबह से ही शिवसैनिक BJP के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रहे हैं।
मातोश्री के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
प्रयागराज के थरवई के खैवजपुर गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इनमें दंपती के साथ उनकी बेटी बहू और 2 साल की पौत्री शामिल है। सभी को धारदार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतारा गया।
ख़बर सुनें
विस्तार
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से परिवार के पांच लोगों की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सभी लोगों का बेरहमी से कत्ल किया गया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया है और जांच शुरू कर दी है।
विज्ञापन
जानकारी के अनुसार, प्रयागराज के थरवई के खैवजपुर गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इनमें दंपती के साथ उनकी बेटी बहू और 2 साल की पौत्री शामिल है। सभी को धारदार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतारा गया।
हत्यारों ने वारदात को अंजाम देने के बाद घर के एक कमरे में आग लगा दी थी। भोर में लोगों ने घर से धुआं निकलता देखा तो मौके पर पहुंचे। जिसके बाद घटना की जानकारी हुई। मृतकों में राम कुमार यादव (55), उसकी पत्नी कुसुम देवी (52), बेटी मनीषा (25), बहू सविता (27) और पौत्री मीनाक्षी (2) शामिल हैं।
जबकि एक अन्य पौत्री साक्षी (5) जिंदा मिली है। हत्या किसने और क्यों की इस बारे में फिलहाल कुछ पता नहीं चल सका है। पुलिस अफसर मौके पर हैं जांच पड़ताल जारी है।
2014 में योजना आयोग का नाम बदलकर नीति आयोग किया गया था
नीति आयोग (NITI Aayog) के उपाध्यक्ष राजीव कुमार (Vice-Chairman Rajiv Kumar) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. राजीव कुमार कई सालों से इस पद पर बने हुए थे. राजीव कुमार की जगह अब सुमन के बेरी (Dr Suman K Bery) को नीति आयोग के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
सुमन के बेरी 1 मई से नीति आयोग के उपाध्यक्ष का कार्यभार संभालेंगे. हालांकि राजीव कुमार के इस्तीफे की वजह क्या है इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पाई है.
नीति आयोग के दूसरे उपाध्यक्ष थे राजीव कुमार
राजीव कुमार नीति आयोग के दूसरे उपाध्यक्ष थे. 2014 में पहली बार सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने योजना आयोग का नाम बदलकर नीति आयोग किया था. तब अरविंद पनगढ़िया नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष बनाए गए थे.
राजीव कुमार सितंबर 2017 से सरकार के थिंक टैंक के वीसी हैं. इसके अलावा, वह गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स, पुणे के चांसलर और गिरी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज, लखनऊ के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष के रूप में भी काम करते हैं. .
वह 2004-2006 तक भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के मुख्य अर्थशास्त्री और 2011-2013 के दौरान फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के महासचिव का कार्यभार भी संभाल चुके हैं. उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के केंद्रीय बोर्ड में दो कार्यकाल और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के केंद्रीय बोर्ड में काम किया है.
सरकार में उनके पहले कार्यकाल औद्योगिक लागत और मूल्य ब्यूरो (बीआईसीपी), उद्योग मंत्रालय (1989-1991) में वरिष्ठ सलाहकार और आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए), वित्त मंत्रालय (1991-1994) के साथ आर्थिक सलाहकार की जिम्मेदारी सौंपी थी.
क्या है नीति आयोग का काम?
बता दें कि नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं. यह आयोग देश के लिए प्रमुख नीति के निर्धारण का काम करती है.
दिल्ली में हुए हिंदू युवा वाहिनी के कार्यक्रम को लेकर दिल्ली पुलिस के जवाब पर सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई है. 19 दिसंबर को हुए इस कार्यक्रम के बारे में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि कार्यक्रम में किसी समुदाय के खिलाफ नफरत भरी बात नहीं कही गई. सिर्फ हिंदू समुदाय के हित की बात कही गई. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर हैरानी जताते हुए पूछा है कि यह सब इंस्पेक्टर रैंक के जांच अधिकारी का स्टैंड है या डीसीपी का? कोर्ट ने नया हलफनामा दाखिल करने के लिए दिल्ली पुलिस को 2 हफ्ते का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 9 मई को होगी.
क्या है मामला?
12 जनवरी को कोर्ट ने हरिद्वार और दिल्ली में हुए धर्म संसद में दिए गए भड़काऊ भाषणों के मामले पर नोटिस जारी किया था. यह नोटिस पत्रकार कुर्बान अली की याचिका पर जारी हुआ था. याचिकाकर्ता ने 17 दिसंबर को हरिद्वार में हुई धर्म संसद और 19 दिसंबर को दिल्ली में हुए एक और कार्यक्रम की जानकारी दी थी. यह बताया था कि दोनों कार्यक्रमों में जिस तरह के भाषण दिए गए वो आईपीसी की कई धाराओं के खिलाफ थे. इनमें वक्ताओं ने खुलकर मुस्लिम समुदाय के संहार की बातें कहीं. लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है. मामले में सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद उत्तराखंड और दिल्ली पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए यति नरसिंहानंद समेत कई लोगों की गिरफ्तारी की थी.
दिल्ली पुलिस का जवाब
14 अप्रैल को दक्षिणी दिल्ली की डीसीपी ईशा पांडे की तरफ से दाखिल हलफनामे में आगे कहा गया है कि याचिकाकर्ता कुर्बान अली की याचिका दो कार्यक्रमों के बारे में है. एक कार्यक्रम 17 दिसंबर को हरिद्वार में हुआ और दूसरा 19 दिसंबर को दिल्ली के गोविंदपुरी में. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि 17 दिसंबर का कार्यक्रम दूसरे राज्य का है. इसलिए, उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. लेकिन उसने 19 दिसंबर को हुए कार्यक्रम की बारीकी से जांच की है और यह पाया है कि याचिका में लगाए गए आरोप सही नहीं हैं.
हलफनामे में कहा गया है कि हिंदू युवा वाहिनी की तरफ से 19 दिसंबर को आयोजित इस कार्यक्रम के पूरे वीडियो की बारीकी से जांच की गई. उसमें ऐसा कहीं नहीं मिला कि किसी समुदाय के संहार की बात कही गई हो या उसे भारत में अवैध रूप से रहने वाला, हिंदुओं पर जुल्म करने वाला कहा गया हो. दिल्ली पुलिस ने आगे कहा है कि अगर किसी समुदाय के लोग अपने हितों की बात करने के लिए कार्यक्रम करते हैं, तो इसमें कानूनन कुछ गलत नहीं.
याचिकाकर्ता ने जताया विरोध
याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इस जवाब का विरोध किया. उन्होंने कहा कि उस कार्यक्रम में लोगों को मारने की बात कही गई. इस पर जस्टिस ए.एम खानविलकर और अभय एस ओका की बेंच ने पूछा कि जांच का जो निष्कर्ष पुलिस के हलफनामे में लिखा गया है, वह निष्कर्ष क्या वाकई डीसीपी का है? जजों ने कहा कि अगर ऐसा है तो उन्हें पुलिस कमिश्नर से पूछना पड़ेगा कि उनका क्या विचार है. दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल के एम नटराज ने कहा कि वह मामले में उच्च अधिकारियों से निर्देश लेकर नया हलफनामा दाखिल करेंगे. कोर्ट ने इसकी अनुमति देते हुए 9 मई को अगली सुनवाई की बात कही.
उत्तराखंड का जवाब
उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार में हुए कार्यक्रम के बारे में कोर्ट को बताया कि जांच पूरी हो चुकी है. सभी आरोपियों के ऊपर कानूनसम्मत कार्रवाई की गई है. उत्तराखंड के वकील ने याचिकाकर्ता का मामले से सीधा संबंध न होने की बात कही. लेकिन जजों ने इसे सुनने से मना कर दिया. कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड का मामला भी 9 मई को सुना जाएगा. इस बीच वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने सेना के 3 सेवानिवृत्त अधिकारियों की तरफ से इसी मसले पर दाखिल याचिका का उल्लेख किया. कोर्ट ने दिल्ली और उत्तराखंड पुलिस की तरफ से दाखिल हलफनामे श्याम दीवान को भी सौंपने का निर्देश दिया. जजों ने कहा कि दीवान को भी अगली तारीख पर सुना जाएगा.
हिमाचल पर सुनवाई 26 अप्रैल को
कपिल सिब्बल ने कहा कि 9 मई को मुख्य मामले की सुनवाई पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन 17 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में जो धर्म संसद हुई है, उस पर तुरंत सुनवाई होनी चाहिए. सिब्बल ने बताया कि 13 अप्रैल को कोर्ट ने अगली सुनवाई में हिमाचल के वकील को मौजूद रहने के लिए कहा था, लेकिन आज कोई नहीं आया है. वरिष्ठ वकील ने कहा कि इस कार्यक्रम से जुड़ी कुछ चिंताजनक बातें हैं, जिन्हें कोर्ट में रखा जाना जरूरी है. जजों ने कहा कि वह हिमाचल प्रदेश को लेकर दायर आवेदन पर 26 अप्रैल को सुनवाई करेंगे.