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2 घंटे पहलेलेखक: अनुराग आनंद
रूसी सेना ने यूक्रेन पर धावा बोल दिया है। इसके बाद भारत समेत दुनिया भर के शेयर मार्केट में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 7 साल के उच्चतम स्तर 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई है। इससे भारत में भी पेट्रोल-डीजल के साथ LPG गैस की कीमत बढ़ने की आशंका है।
वहीं, भारत सबसे ज्यादा 49% रक्षा सामान का इम्पोर्ट रूस से करता है, जो जंग की वजह से प्रभावित होगा। ऐसे में जंग का असर सेना के हथियार से लेकर आम लोगों के किचन तक पड़ सकता है। डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए यूक्रेन और रूस भारतीय छात्रों के लिए पसंदीदा जगह है, लेकिन जंग की वजह से छात्र अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं।
आज भास्कर इंडेप्थ में जानते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग से भारत पर क्या और कितना असर पड़ेगा? भारत का रूस और यूक्रेन से कितना एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट होता है? रक्षा सामानों के अलावा भारत रूस से किन 5 चीजों का सबसे ज्यादा इम्पोर्ट करता है?
यूक्रेन-रूस के बीच लड़ाई से भारत पर इन 5 क्षेत्र में असर पड़ेगा
1.एजुकेशन
रूस और यूक्रेन मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए भारतीय स्टूडेंट की पसंदीदा जगहों में से एक है। हर साल बड़ी संख्या में डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए भारत से छात्र यूक्रेन और रशिया जाते हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस वक्त रूस में करीब 4,500 छात्र हैं, जबकि यूक्रेन में 5 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। दोनों देशों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 50 हजार से ज्यादा है। ऐसे में जंग के बीच उन छात्रों का नुकसान तो हुआ ही है जो पहले से इन देशों में पढ़ रहे हैं बल्कि इससे उन युवाओं की परेशानी बढ़ गई है जो यूक्रेन या रूस जाकर पढ़ाई करने की सोच रहे थे।
2. ईंधन
- क्रूड पेट्रोलियम
- कोयला
- प्राकृतिक गैस
- रिफाइंड पेट्रोलियम
रूस से भारत सबसे ज्यादा पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स खरीदता है। कुल आयात में 50 फीसदी से ज्यादा का हिस्सा पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का होता है। वित्त वर्ष 2020-21 में भारत ने रूस से 5.5 अरब डॉलर मूल्य का आयात किया था, जिसमें से 3.7 अरब डॉलर के केवल पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स थे।
भारत बिजली तैयार करने के लिए 4.87 हजार करोड़ रुपए का कोयला भी सलाना रूस से लाता है। जंग की वजह से कोयला की आपूर्ति प्रभावित होने की भी संभावना है। यही नहीं लड़ाई की वजह से तेल के वैश्विक बाजार पर असर पड़ने के कारण भारत में पेट्रोल, डीजल समेत LPG गैस की कीमत भी बढ़ना तय है।
भारत की कुल ईंधन खपत में प्राकृतिक गैस की खपत का 6% है। इस 6% का 56% हिस्सा भारत रूस, कतर और नॉर्वे जैसे देशों से आयात करता है। ऐसे में पेट्रोलियम के साथ ही प्राकृतिक गैस की कीमत भी बढ़ सकती है।
3. डिफेंस
- S-400 मिसाइल
- AK-203 राइफल डील
- मिलिट्री टेक्नोलॉजी कॉपरेशन
रूस दुनिया का सबसे बड़ा हथियार बनाने वाला देश है। भारत हर साल कुल हथियार की खरीददारी का 49% हिस्सा रूस से खरीदता है। 7 दिसंबर 2021 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस दौरे पर 6 लाख AK-203 राइफल की डील की है, जो अभी पेंडिंग में है। इसके अलावा S-400 मिसाइल भी अभी भारत आना बाकी है। ऐसे में जंग की वजह से इन हथियारों के इम्पोर्ट पर असर पड़ना तय है। अमेठी में रूस के साथ मिलकर हथियार निर्माण होना है, लेकिन अब तक इसपर काम शुरू नहीं हुआ है।
4. स्पेस
राकेश शर्मा पहले भारतीय थे, जिन्होंने 3 अप्रैल 1984 को रूस की मदद से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी। अब 3 दशक बाद एक बार फिर गगनयान मिशन को पूरा करने के लिए रूस और भारत साथ आ गया है। इसके तहत 3 भारतीय को 2022 तक अंतरिक्ष में भेजने की योजना है, जिसके लिए सरकार 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है। जंग की वजह अब गगनयान मिशन पर भी असर पड़ने की संभावना है।
5. सोना-हीरा
पिछले कुछ वर्षों में भारत और रूस के बीच हीरे-जवाहरात के व्यापार में बढ़ोतरी दिखी है। भारत के कई हीरे व्यापारियों ने रूस में हीरा काटने और पॉलिश करने के लिए अपनी दुकान खोले हैं। हर साल भारत रूस से 4.45 हजार करोड़ रुपए का हीरा इंपोर्ट करता है। जंग की वजह से हीरे-जवाहरात के बिजनेस पर भी असर पड़ सकता है। इसके साथ ही शुद्ध सोना की कीमत 2491 रुपए बढ़कर 52540 रुपया हो गया है।
भारत के पेट्रोलियम इम्पोर्ट पर कितना पड़ेगा असर?
यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग की वजह से कई देशों में पेट्रोलियम का एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट प्रभावित होगा। भारत सबसे ज्यादा इराक और सउदी अरब जैसे देशों से पेट्रोलियम इम्पोर्ट करता है, इसलिए भारत पर इसका कम असर पड़ेगा। भारत ने 2021 में रूस से 13.56 करोड़ टन कोयले का इम्पोर्ट किया था। 2020 की तुलना में यह कम था।
इसी तरह भारत ने 2021 में कुल जितने पेट्रोलियम का इम्पोर्ट किया, उसका महज 1% हिस्सा ही रूस से मंगवाया था। ऐसे में साफ है कि भारत पेट्रोलियम समेत दूसरे एनर्जी के लिए रूस और यूक्रेन जैसे देशों पर काफी कम निर्भर है, इसलिए भारत पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
भारत और रूस के बीच कितने का कारोबार?
रूस और यूक्रेन के बीच जंग से भारत पर इसका असर पड़ना तय है, लेकिन ये असर कम होगा। इसकी मुख्य वजह यह है कि रूस और भारत के बीच अब बिजनेस काफी कम रह गया है। भारत अपने कुल सामान का 0.8% रूस को एक्सपोर्ट करता है। वहीं, भारत के कुल इम्पोर्ट में रूस का हिस्सा महज 1.5% है।
इसका साफ मतलब यह है कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग का सीधा असर भारत पर नहीं पड़ने वाला है। 2020 में भारत और रूस के बीच बिजनेस संबंधों में 17% की गिरावट आई है।
यूक्रेन और भारत के बीच इकोनॉमिक रिलेशन
भारत और यूक्रेन के बीच भी बहुत ज्यादा व्यापार नहीं है। भारत केवल बड़े पैमाने पर कुकिंग ऑयल यूक्रेन से आयात करता है। पिछले साल भारत के कुल सनफ्लावर ऑयल आयात में 74 फीसद हिस्सेदारी यूक्रेन की थी। इसके अलावा प्लास्टिक और पॉलिमर का एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट भी बड़े पैमाने पर होता है। यूक्रेन में कई बड़ी भारतीय कंपनियां, जैसे रैनबैक्सी, डॉक्टर रेड्डी लैब और सन ग्रुप का बिजनेस है।
जंग से भारत पर कितना असर पड़ेगा, एक्सपर्ट की राय
द मिंट को दिए इंटरव्यू में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के महानिदेशक और CEO अजय सहाय ने कहा, ‘भारत में रूस से पेट्रो आयात बहुत कम है और इसे अन्य बाजारों से बदला जा सकता है। ऐसे में साफ है कि यूक्रेन और रूस के बीच जंग का कुछ ज्यादा असर भारत पर नहीं पड़ने वाला है।’
हालांकि वैश्विक स्तर पर तेल की कीमत बढ़ने की वजह से भारत में भी तेल की कीमत पर असर पड़ना तय है। इसके अलावा, भारत रूस से सबसे ज्यादा हथियार इम्पोर्ट करता है। हालांकि हथियारों के मामले में भारत ने रूस पर निर्भरता कम की है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, 2012 से 2016 तक भारत के हथियारों के आयात में रूस का हिस्सा 68% था, जो 2020 तक घटकर 49% हो गया था।
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