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- NIA Arrests A Jaish E Mohammad Operative Before G20 Summit Identified As Mohd Ubaid Malik Of Kupwara District For His Involvement In The Terror Conspiracy Case In Jammu And Kashmir
जी-20 की बैठक शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में 22 मई से 24 मई तक होनी है। जी-20 की तैयारियों के बीच कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
श्रीनगर में सोमवार से जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की मीटिंग होने वाली है। उससे पहले NIA ने रविवार को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ओवर ग्राउंड वर्कर मोहम्मद उबैद मलिक को गिरफ्तार किया है। इसके बाद विदेशी मेहमानों को गुलमर्ग ले जाने का प्रोग्राम कैंसल कर दिया गया है।
NIA के मुताबिक, उबैद कुपवाड़ा का रहने वाला है। वह पाकिस्तान में बैठे जैश कमांडर से लगातार संपर्क में था। जांच में सामने आया है कि वह पाकिस्तानी कमांडर को सीक्रेट इन्फॉर्मेशन के अलावा सुरक्षाबलों के मूवमेंट की जानकारी भेज रहा था।
जी-20 की बैठक शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में 22 मई से 24 मई तक होनी है। जी-20 की तैयारियों के बीच कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। श्रीनगर में कन्वेंशन सेंटर और आस पास के क्षेत्र में NSG और मरीन कमांडो 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं। सुरक्षा में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भी मदद ली जा रही है।
जी-20 से पहले श्रीनगर में सिक्योरिटी की 8 तस्वीरें...
श्रीनगर में डल झील के किनारे पैदल मार्च करते सुरक्षा बल के जवान।
जी-20 मीटिंग से पहले सिक्योरिटी अलर्ट पर है। जवान हर जगह गश्त कर रहे हैं।
डल झील में मरीन कमांडो तैनात हैं। जवान दिन-रात सुरक्षा कर रहे हैं।
किसी भी तरह की गतिविधि से निपटने के लिए तैयार भारतीय सेना के जवान।
झील के आसपास सुरक्षा ज्यादा कड़ी है क्योंकि यहीं पर जी-20 की मीटिंग होनी है।
विस्फोटक या IED की जांच के लिए स्कैनर और खोजी कुत्तों को लगाया गया है।
सेना के जवानों की चप्पे-चप्पे पर नजर है। बम जांच के लिए स्कैनर का इस्तेमाल करता हुआ जवान।
डल झील में बोट के जरिए पूरे इलाके की निगरानी करते मार्कोस जवान।
जी-20 मीटिंग से पहले सभी तैयारियां पूरी। झील की सफाई करते कर्मचारी।
श्रीनगर में झील किनारे मार्कोस का कड़ा पहरा है। जगह-जगह निगरानी की जा रही है।
मीटिंग से पहले आतंकी हमले का इनपुट
सूत्रों से इनपुट मिले हैं कि आतंकवादी श्रीनगर में G20 कार्यक्रम खलल डालने के लिए कुछ बड़े हमलों को अंजाम देने की कोशिश कर सकते हैं। राजौरी और पुंछ में हाल के हमलों जैसी घटना को रोकने के लिए सेना अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है। इस क्षेत्र में बीते दिनों दो अलग-अलग हमलों में विशेष बल के पांच कमांडो सहित सेना के दस जवान शहीद हो गए थे।
बैठक से पहले अलगाववादी हिरासत में
G20 बैठक से पहले, कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में संदिग्धों और अलगाववादियों को हिरासत में लिया गया है। कुछ को अरेस्ट भी किया गया है। उधर, G20 विरोधी प्रचार के तहत कश्मीर में बड़ी संख्या में लोगों को ब्रिटिश फोन नंबरों से बार-बार कॉल की जा रही हैं। अधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने और ऐसे संदिग्ध कॉल का जवाब नहीं देने को कहा है।
चीन का बैठक में हिस्सा लेने से इनकार
इस G20 बैठक में चीन ने हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। चीन का कहना है वह विवादित क्षेत्र पर किसी भी प्रकार की G20 बैठक का पूरी तरह से विरोध करता है। चीन के इस बयान पर भारत ने आपत्ति जताई है। भारत ने पड़ोसी देश को जवाब देते हुए कहा, वह अपने क्षेत्र में बैठकें आयोजित करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है। इससे पहले मार्च में जब अरुणाचल प्रदेश में जी-20 मीटिंग आयोजित की गई थी। तब भी चीन ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया था, तब पाकिस्तान ने चीन के इस बॉयकाट का समर्थन किया था।
जी-20 बैठक के पहले श्रीनगर में तीन लेयर की सिक्योरिटी है। जगह-जगह BSF, MARCOS कमांडो, CRPF और पुलिस के जवान तैनात हैं।
एक महीने पहले चीन-पाक ने उठाया था कश्मीर मुद्दा
कश्मीर में जी-20 बैठक के विरोध में चीन और पाकिस्तान हर बार साथ खड़े नजर आए। इस महीने की शुरुआत में, चीन और पाकिस्तान दोनों ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए लंबे समय से चल रहे कश्मीर विवाद मुद्दे को उठाया था।
पाकिस्तान के बचाव में उतरते हुए चीन ने कहा था, 'भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद काफी समय से अटका हुआ है और किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बचते हुए इसे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार हल किया जाना चाहिए।'
तुर्की और सऊदी अरब ने भी नहीं कराया रजिस्ट्रेशन
एक तरफ जहां चीन और पाकिस्तान इस बैठक से दूरी बना रहे। वहीं कुछ देश और हैं जिन्होंने मीटिंग में शामिल होने की रजामंदी नहीं दी। मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि चीन के अलावा तुर्की और सऊदी अरब ने भी श्रीनगर में जी20 टूरिज्म ग्रुप की बैठक में हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। रजिस्ट्रेशन की आखिरी डेट 22 मई है।
जी-20 बैठक को लेकर श्रीनगर में सेना के जवान पेट्रोलिंग कर रहे हैं।
धारा 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बड़ी बैठक
तुर्की और सऊदी अरब दोनों OIC के सदस्य हैं। ये देश पाकिस्तान की तरह जम्मू-कश्मीर में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए भारत पर आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि, तीन G20 सदस्य देशों की अनुपस्थिति को G20 बैठक की मेजबानी करने के भारत के निर्णय के संदर्भ में तीन देशों द्वारा एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि अगस्त 2019 में धारा 370 हटाने के बाद से जम्मू और कश्मीर में पहला बड़ा इंटरनेशनल प्रोग्राम है।
जी-20 मीटिंग को लेकर डल झील को फव्वारों से सजाया गया है।
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