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Friday, January 26, 2024

'हां, ये सही है लेकिन क्या मुल्क में यही चलता रहेगा...', ASI रिपोर्ट पर बोले प्रोफेसर इरफान हबीब - Aaj Tak

ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष ने कई दावे किए हैं. गुरुवार को वकील विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट सार्वजनिक की. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में सामने आया है कि ज्ञानवापी (Gyanvapi) में पहले हिंदू मंदिर था. इस पर मध्यकालीन और प्राचीन भारत के ज्ञाता एवं पद्मभूषण से सम्मानित प्रोफेसर इरफान हबीब ने प्रतिक्रिया दी है. 

अलीगढ़ में प्रोफेसर इरफान हबीब ने कहा कि ये एक तरह से सही है. मगर, क्या अब मुल्क में यही चलता रहेगा कि कहां मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाए गए और कहां मंदिर तोड़कर मस्जिद. बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) का भी कोई तारीखी सबूत नहीं था कि वहां कोई मंदिर था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया. 

ये भी पढ़ें- ASI रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद ज्ञानवापी में हुई पहली जुमे की नमाज, चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुलिस

उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद की जगह मंदिर होने के सवाल पर कहा कि हां यह सही है. इसका जिक्र कई किताबों में भी आया है. मगर, क्या देश में यही चलता रहेगा. मस्जिदों को तोड़कर मंदिर बनाने का सिलसिला आखिर कब तक चलता रहेगा. जहां मस्जिद हैं उन्हें तोड़कर मंदिर बना दिया जाए, ये सब गलत है. 

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'ज्ञानवापी मामले में ASI के सर्वे की कोई जरूरत ही नहीं थी'

उन्होंने कहा कि इतने सालों से वहां मस्जिद है. क्यों उसको बदलकर मंदिर बनाया जा रहा है. बाबरी मस्जिद मामले में जो हुआ, उसका भी कोई तारीखी सबूत नहीं है कि वहां कोई मंदिर था. मगर, सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया. इतिहासकारों से ज्यादा अब ये जरूरत है कि मुल्क में आप क्या बनना चाह रहे हो. 

प्रोफेसर ने कहा कि ज्ञानवापी मामले में ASI के सर्वे की कोई जरूरत ही नहीं थी. सर जदुनाथ सरकार की किताब पढ़ लेते तो सब समझ में आ जाता. अब जाहिल हैं, जिन्होंने नहीं पढ़ी. उसका क्या किया जाए.

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'हां, ये सही है लेकिन क्या मुल्क में यही चलता रहेगा...', ASI रिपोर्ट पर बोले प्रोफेसर इरफान हबीब - Aaj Tak

ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष ने कई दावे किए हैं. गुरुवार को वकील विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट सार्वजनिक की. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में सामने आया है कि ज्ञानवापी (Gyanvapi) में पहले हिंदू मंदिर था. इस पर मध्यकालीन और प्राचीन भारत के ज्ञाता एवं पद्मभूषण से सम्मानित प्रोफेसर इरफान हबीब ने प्रतिक्रिया दी है. 

अलीगढ़ में प्रोफेसर इरफान हबीब ने कहा कि ये एक तरह से सही है. मगर, क्या अब मुल्क में यही चलता रहेगा कि कहां मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाए गए और कहां मंदिर तोड़कर मस्जिद. बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) का भी कोई तारीखी सबूत नहीं था कि वहां कोई मंदिर था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया. 

ये भी पढ़ें- ASI रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद ज्ञानवापी में हुई पहली जुमे की नमाज, चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुलिस

उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद की जगह मंदिर होने के सवाल पर कहा कि हां यह सही है. इसका जिक्र कई किताबों में भी आया है. मगर, क्या देश में यही चलता रहेगा. मस्जिदों को तोड़कर मंदिर बनाने का सिलसिला आखिर कब तक चलता रहेगा. जहां मस्जिद हैं उन्हें तोड़कर मंदिर बना दिया जाए, ये सब गलत है. 

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'ज्ञानवापी मामले में ASI के सर्वे की कोई जरूरत ही नहीं थी'

उन्होंने कहा कि इतने सालों से वहां मस्जिद है. क्यों उसको बदलकर मंदिर बनाया जा रहा है. बाबरी मस्जिद मामले में जो हुआ, उसका भी कोई तारीखी सबूत नहीं है कि वहां कोई मंदिर था. मगर, सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया. इतिहासकारों से ज्यादा अब ये जरूरत है कि मुल्क में आप क्या बनना चाह रहे हो. 

प्रोफेसर ने कहा कि ज्ञानवापी मामले में ASI के सर्वे की कोई जरूरत ही नहीं थी. सर जदुनाथ सरकार की किताब पढ़ लेते तो सब समझ में आ जाता. अब जाहिल हैं, जिन्होंने नहीं पढ़ी. उसका क्या किया जाए.

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Thursday, January 25, 2024

Padma Awards 2024: Check list of Padma Shri, Padma Bhushan awardees - Hindustan Times

ByVaishnawi Sinha
Jan 25, 2024 09:51 PM IST

The full list of awardees for Padma Shri, Padma Bhushan and Padma Vibhushan has been released by the Centre.

The Centre has released the list of winners of the Padma Awards 2024, with India's first female elephant mahout Parbati Baruah being conferred with the Padma Shri award this year.

Padma Awards 2024 winner list announced (HT File Photo)
Padma Awards 2024 winner list announced (HT File Photo)

Mentioned below is the full list of winners of this year's Padma Awards 2024 -

Stay tuned for all the latest updates on Ram Mandir! Click here

Padma Vibhushan 2024 winners

  • Ms. Vyjayantimala Bali (Art) - Tamil Nadu
  • Shri Konidela Chiranjeevi (Art) - Andhra Pradesh
  • Shri M Venkaiah Naidu (Public Affairs) - Andhra Pradesh
  • Shri Bindeshwar Pathak (Social Work) - Bihar
  • Ms. Padma Subrahmanyam (Art) - Tamil Nadu

Padma Bhushan 2024 winners

  • Ms. M Fathima Beevi (Public Affairs) - Kerala
  • Shri Hormusji N Cama (Literature & Education) - Maharashtra
  • Shri Mithun Chakraborty (Art) - West Bengal
  • Shri Sitaram Jindal (Trade & Industry) - Karnataka
  • Shri Young Liu (Trade & Industry) - Taiwan
  • Shri Ashwin Balachand Mehta (Medicine) - Maharashtra
  • Shri Satyabrata Mookherjee (Public Affairs) - West Bengal
  • Shri Ram Naik (Public Affairs) - Maharashtra
  • Shri Tejas Madhusudan Patel (Medicine) - Gujarat
  • Shri Olanchery Rajagopal (Public Affairs) - Kerala
  • Shri Dattatray Ambadas Mayaloo alias Rajdutt (Art) - Maharashtra
  • Shri Togdan Rinpoche (Others - Spiritualism) - Ladakh
  • Shri Pyarelal Sharma (Art) - Maharashtra
  • Shri Chandreshwar Prasad Thakur (Medicine) - Bihar
  • Ms. Usha Uthup (Art) - West Bengal
  • Shri Vijaykanth (Art) - Tamil Nadu
  • Shri Kundan Vyas (Literature & Education - Journalism) - Maharashtra

Padma Shri 2024 winners: Unsung heroes

  1. Parbati Baruah - India's first female elephant mahout
  2. Chami Murmu - Renowned tribal environmentalist
  3. Sangthankima - Social worker from Mizoram
  4. Jageshwar Yadav - Tribal welfare worker
  5. Gurvinder Singh - Divyang social worker from Sirsa
  6. Sathyanarayana Beleri - Rice farmer from Kasaragod
  7. Dukhu Majhi - Tribal environmentalist from Sindri village
  8. K Chellammal - Organic farmer from Andaman
  9. Hemchand Manjhi - Medicinal practitioner from Narayanpur
  10. Yanung Jamoh Lego - Herbal medicine expert from Arunachal Pradesh
  11. Somanna - Tribal welfare worker from Mysuru
  12. Sarbeswar Basumatary - Tribal farmer from Chirang
  13. Prema Dhanraj - Plastic surgeon and social worker
  14. Uday Vishwanath Deshpande - International Mallakhamb coach
  15. Yazdi Maneksha Italia - Microbiologist expert in sickle cell anemia
  16. Shanti Devi Paswan & Shivan Paswan - Husband-wife duo Godna painters
  17. Ratan Kahar - Bhadu folk singer
  18. Ashok Kumar Biswas - Prolific Tikuli painter
  19. Balakrishnan Sadanam Puthiya Veetil - Distinguished Kalluvazhi Kathakali dancer
  20. Uma Maheshwari D - Female Harikatha exponent
  21. Gopinath Swain - Krishna Leela singer
  22. Smriti Rekha Chakma - Chakma Loinloom shawl weaver from Tripura
  23. Omprakash Sharma - Mach theatre artist
  24. Narayanan E P - Veteran Theyyam Folk Dancer from Kannur
  25. Bhagabat Padhan - Sabda Nrutya Folk dance expert
  26. Sanatan Rudra Pal - Distinguished sculptor
  27. Badrappan M - Exponent of Valli Oyil Kummi Folk Dance
  28. Jordan Lepcha - Bamboo craftsman from Lepcha tribe
  29. Machihan Sasa - Longpi potter from Ukhrul
  30. Gaddam Sammaiah - Eminent Chindu Yakshaganam theatre artist
  31. Jankilal - Behrupiya Artist from Bhilwara
  32. Dasari Kondappa - 3rd generation Burra Veena player
  33. Babu Ram Yadav - Brass Marori craftsperson
  34. Nepal Chandra Sutradhar - 3rd Generation Chhau mask maker
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Padma Awards 2024: Check list of Padma Shri, Padma Bhushan awardees - Hindustan Times
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Wednesday, January 24, 2024

कर्पूरी ठाकुर के बहाने परिवारवाद पर वार... CM नीतीश का इशारा किसकी तरफ? आया RJD का बयान - Aaj Tak

केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया था. इस फैसले के बाद से ही बिहार की सियासत गरमा गई है. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी का आभार जताते हुए परिवारवाद का सवाल उठाया था, जिसे लेकर अंदाजा लगाया जा रहा था कि उन्होंने आरजेडी पर निशाना साधा है. लेकिन अब इस मामले पर आरजेडी का बयान आया है.

हालांकि, नीतीश ने परिवारवाद पर निशाना साधते हुए प्रत्यक्ष तौर पर किसी का नाम नहीं लिया था. लेकिन माना जा रहा था कि उन्होंने आरजेडी पर कटाक्ष किया है. लेकिन अब नीतीश के परिवारवाद पर नीतीश के बयान के बाद बिहार के पीएचईडी मंत्री ललित यादव ने कहा कि सबसे ज्यादा परिवारवादी बीजेपी में हैं. नीतीश कुमार ने बीजेपी पर कटाक्ष किया होगा. उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक है.

नीतीश ने क्या कहा था?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजनीति में परिवारवाद पर हमला बोलते हुए कहा था कि जननायक कर्पूरी ठाकुर ने अपने परिवार को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया. जब तक कर्पूरी ठाकुर रहे बेटे को आगे नहीं किया. उनके निधन के बाद जेडीयू ने उनके बेटे रामनाथ ठाकुर को राज्यसभा भेजा. नीतीश ने कर्पूरी ठाकुर का अनुयायी बताते हुए कहा कि हमने भी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया. दूसरों को मौका देते रहे. बता दें कि बिहार में जेडीयू लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ मिलकर सरकार चला रही है. 

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नीतीश ने की थी ठाकुर को भारत रत्न के ऐलान की सराहना

नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न के ऐलान के केंद्र के फैसले के बाद सबसे पहले मंगलवार रात 9.14 मिनट पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया जाना हार्दिक प्रसन्नता का विषय है. केंद्र सरकार का यह अच्छा निर्णय है. कर्पूरी ठाकुर को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा. हम हमेशा से ही कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ देने की मांग करते रहे हैं. वर्षों की पुरानी मांग आज पूरी हुई है. हालांकि, इस पोस्ट में नीतीश ने पीएम मोदी का जिक्र नहीं किया था.

नीतीश ने दूसरी पोस्ट में जताया था पीएम मोदी का आभार

दिलचस्प ये था कि इस पोस्ट में नीतीश कुमार ने पीएम मोदी का आभार नहीं जताया था. कहा गया कि इस वजह से कुछ ही मिनट के भीतर उन्होंने अपने आधिकारिक हैंडल से इस पोस्ट को डिलीट कर दिया और रात 10.50 मिनट पर एक नया पोस्ट किया. यह पोस्ट पिछली पोस्ट जैसी ही थी लेकिन पोस्ट के अंत में इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उन्होंने आभार जताया था.

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कर्पूरी ठाकुर के बहाने परिवारवाद पर वार... CM नीतीश का इशारा किसकी तरफ? आया RJD का बयान - Aaj Tak
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कर्पूरी ठाकुर पर CM नीतीश बोले- 'PM मोदी ने मुझे फोन नहीं किया लेकिन...', इशारों में - ABP न्यूज़

यूक्रेनी युद्धबंदियों को ले जा रहा रूसी सैन्य विमान हुआ क्रैश, हादसे में 74 की मौत, तस्वीरों में देखें कैसे गिरा जहाज

यूक्रेनी युद्धबंदियों को ले जा रहा रूसी सैन्य विमान हुआ क्रैश, हादसे में 74 की मौत, तस्वीरों में देखें कैसे गिरा जहाज

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कर्पूरी ठाकुर पर CM नीतीश बोले- 'PM मोदी ने मुझे फोन नहीं किया लेकिन...', इशारों में - ABP न्यूज़
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Ayodhya Ram Mandir Darshan: अयोध्या में रामभक्तों के लिए एक और खुशखबरी, अब रात तक होंगे रामलला के दर्शन, जा... - News18 हिंदी

अयोध्या : अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने दर्शन का समय बढ़ाने का फैसला लिया है. अब श्रद्धालु रात 10 बजे तक रामलला के दर्शन कर सकेंगे. पहले यह समय शाम सात बजे तक ही था. सुबह की पाली में दर्शन सुबह 7 बजे से 11.30 बजे तक होंगे.

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, करीब पांच लाख श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए अयोध्या में डेरा डाले हुए हैं और लगातार श्रद्धालुओं का आना जारी है. अयोध्या जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे 10-15 दिन बाद अयोध्या आएं और रामलला के दर्शन करें.

गौरतलब है कि आठ हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी व्यवस्था पर नजर रख रहे हैं.

Ayodhya Ram Mandir Darshan: अयोध्या में रामभक्तों के लिए एक और खुशखबरी, अब रात तक होंगे रामलला के दर्शन, जानें नई टाइमिंग

पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद भी स्थिति पर नजर रखने के लिए अयोध्या में ही डेरा डाले हुए हैं.

(इनपुट एजेंसी से)

Tags: Ayodhya, Ayodhya ram mandir, Ram Mandir

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Ayodhya Ram Mandir Darshan: अयोध्या में रामभक्तों के लिए एक और खुशखबरी, अब रात तक होंगे रामलला के दर्शन, जा... - News18 हिंदी
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Ayodhya Ram Mandir Darshan: अयोध्या में आज भी रामलहर, रामभक्तों के लिए बढ़ाया गया दर्शन करने का समय - News18 हिंदी

अयोध्या: अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में सोमवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आधी रात से ही श्रद्धालुओं का दर्शन के लिए जमावड़ा लगने लगा था और मंगलवार देर शाम तक लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान राम के बाल स्वरूप का दर्शन किया. अयोध्या में पहले दिन करीब 5 लाख से अधिक रामभक्तों ने रामलला का दर्शन किया. रामनगरी अयोध्या में रामलहर ऐसी है कि हर कोई रामलला की एक झलक पाने को बेताब है. आज यानी बुधवार को भी सुबह से ही रामभक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है. रामभक्तों के भीड़ को कंट्रोल करने के लिए भारी संख्या में पुलिस-बलों की भी तैनाती कर दी गई है. दूसरे दिन यानी आज लगातार अयोध्या राम मंदिर में श्रद्धालुओ की भीड़ दिख रही है. रामभक्तों की लंबी-लंबी कतारे हैं. तो चलिए जानते हैं राम मंदिर परिसर में रामभक्तों की लहर से जुड़े सारे अपडेट.

अयोध्या में पहले दिन रामभक्तों की भीड़ को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिलाधिकारी अयोध्या ने शहर में आठ स्थानों पर मजिस्ट्रेट तैनात कर दिए हैं. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर कई बार भीड़ काबू से बाहर होती दिखी लेकिन पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने स्थिति को तुरंत संभाल लिया और लोगो को कतार में खड़ा करवाकर भगवान राम के दर्शन कराये. सूचना निदेशक शिशिर ने मंगलवार देर शाम जारी एक बयान में बताया,‘आज पांच लाख श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किये हैं.’

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Ayodhya Ram Mandir Darshan: अयोध्या में आज भी रामलहर, रामभक्तों के लिए बढ़ाया गया दर्शन करने का समय - News18 हिंदी
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मोदी से हटकर हिमंत बिस्वा सरमा से भिड़े राहुल गांधी, अपना ही नुकसान कर लिया - Aaj Tak

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत ऐसे समय में कि जब राम मंदिर समारोह शुरू हो रहा था. राहुल गांधी का शायद इरादा ही था कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से बीजेपी को होने वाले राजनीतिक फायदे को रोका जा सके. जाहिर है उनके टार्गेट पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे. मणिपुर से शुरुआत तो नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर हमलों से शुरू हुई पर असम तक आते-आते राहुल गांधी की न्याय यात्रा राहुल बनाम मोदी की जगह राहुल बनाम हिमंत बिस्वा सरमा होती जा रही है. ऐसा कैसे हो गया ? क्या राहुल गांधी बीजेपी के इस क्षत्रप के राजनीतिक चाल में फंस गए या जानबूझकर राहुल असम के मुख्यमंत्री को टार्गेट कर रहे हैं. क्या ऐसा नहीं लगता है कि राहुल गांधी की न्याय यात्रा असम में ही डिरेल हो गई है. बंगाल-बिहार और यूपी में तो और मुश्किलें सामने आने वाली हैं.

1-क्या राहुल गांधी ने हिमंत को टार्गेट करके गलती कर दी

19 जनवरी को असम पहुंचते ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर बड़ा हमला बोल दिया.राहुल गांधी ने कहा कि हिमंत सरमा देश के सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री हैं और बीजेपी के अन्य मुख्यमंत्रियों को भ्रष्टाचार करना सिखाते हैं.उन्होंने यह भी कि मुझे लगता है कि देश की सबसे भ्रष्ट सरकार असम में है. आप जानते हैं यहां क्या हो रहा है. हम असम के मामलों को यात्रा के दौरान उठाएंगे. भ्रष्टाचार वाले बयान के कुछ घंटों बाद असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने उनके बयान पर ताबड़तोड़ पलटवार करके रुख को ही मोड़ दिया.

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असम सीएम जैसा अपने तेवरों के लिए जाने जाते हैं उसी अंदाज में उन्होंने बिना देर किए राहुल गांधी के हमलों का जवाब दे दिया था.राहुल गांधी के परिवार को देश में सबसे भ्रष्ट करार दिया. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि इस देश में सबसे भ्रष्ट अगर कोई है तो वो है गांधी परिवार है. वे सिर्फ भ्रष्ट ही नहीं है बल्कि डुप्लिकेट भी हैं. उनके परिवार के नाम में गांधी है भी नहीं लेकिन फिर भी वे गलत नाम अपनाए हैं. अगर कोई फर्जी लाइसेंस रखता है तो उसे मैं पकड़ सकता हूं पर लेकिन उनका क्या जिन्होंने गलत टाइटल रखा हुआ है.

राहुल गांधी के हमले के बाद हिमंत लगातार राहुल की यात्रा को टार्गेट किए हुए हैं.अब झगड़ा इस हद तक पहुंच चुका है कि हिमंत ने असम डीजीपी को राहुल गांधी के खिलाफ गुवाहाटी शहर में जबरन घुसने और अपने कार्यकर्ताओं को हिंसा के लिए भड़काने का आरोप लगाने पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.

राहुल गांधी की गलती यह है कि उन्होंने हिमंत को टार्गेट करके बर्र के छत्ते में हाथ डाल दिया. अब मामला राहुल बनाम मोदी के बजाय राहुल बनाम हिमंत बिस्व सरमा का हो गया. क्या ऐसा नहीं लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी यही चाहती रही हो . 

2-राहुल समझ रहे हैं कि हिमंत उनके अंगुलियों पर खेल रहे हैं

राहुल गांधी ने असम में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा जो कुछ भी कर रहे हैं उससे हमारी यात्रा को फायदा हो रहा है. राहुल ने कहा कि जो प्रचार हमें नहीं मिलता,असम के सीएम के चलते हमें मिल गया है. हिमंत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हमारी मदद कर रहे हैं. ताबड़तोड़ दोनों तरफ बयानों के आने के बाद असम में मुख्य मुद्दा भारत जोड़ो न्याय यात्रा बन गया है. यह राहुल गांधी खुद कह रहे हैं. राहुल फिर हिमंत को टार्गेट करते हैं . वो कहते हैं कि हिमंता असम नहीं चला सकते.बीजेपी कार्यकर्ता भी हिमंता को पसंद नहीं करते. राहुल समझ रहे हैं कि उनकी यात्रा को असम में चर्चा मिल गई और वो अपने इरादे में सफल हो गए. पर राहुल की यात्रा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ नहीं थी . उन्हें तो नरेंद्र मोदी को टार्गेट करना था. राहुल यह समझ नहीं पा रहे हैं कि हिमंत को टार्गेट करके वो अपनी यात्रा को डिरेल कर रहे हैं.

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3-क्या हिमंत के चक्रव्यूह में फंस गए राहुल गांधी

राहुल गांधी की यात्रा के असम पहुंचने से पहले ही जिस तरह के तेवर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दिखाए थे उससे साफ लगता है कि उन्होंने राहुल को ट्रैप करने की प्लानिंग कर रखी थी. हिमंत बार-बार धमकी दे रहे थे कि वो गुवाहाटी शहर में प्रवेश करेंगे तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी. उन्होंने यहां तक कहा था कि मामला अभी दर्ज होगा गिरफ्तारी चुनाव बाद होगी. सरमा ने कहा था कि राहुल गांधी की यह न्याय यात्रा नहीं मियां यात्रा है. जहां जहां मुसलमान हैं, वहीं पर उनकी यात्रा का रूट रखा गया है.

आखिरकार हुआ वही. राहुल गांधी के सामने गुवाहाटी में मंगलवार को पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. इस बीच सरमा ने डीजीपी को राहुल गांधी के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि हिंसा असमिया संस्कृति का हिस्सा नहीं हैं. हम एक शांतिपूर्ण राज्य हैं.

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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर लिखा, 'ये असमिया संस्कृति का हिस्सा नहीं है. हम एक शांतिपूर्ण राज्य हैं. ऐसी 'नक्सली रणनीति' हमारी संस्कृति से पूरी तरह अलग है. मैंने असम पुलिस के डीजीपी को भीड़ को उकसाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज करने और उनके हैंडल पर पोस्ट किए गए फुटेज को सबूत के रूप में उपयोग करने का निर्देश दिया है. राहुल गांधी के अनियंत्रित व्यवहार और सहमत दिशा निर्देशों के उल्लंघन के परिणामस्वरूप अब गुवाहाटी में बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम हो गया है.
हिमंत ने जो कहा वो किया. हिमंत का एक्शन बताता है कि राहुल गांधी की यात्रा को असम में इतना उलझा देना है कि मामला राहुल बनाम मोदी की जगह राहुल बनाम हिमंत हो जाए. 22 जनवरी को जब राहुल गांधी के एक मंदिर में प्रवेश करना चाहते थे उन्हें रोक दिया गया. राहुल गांधी सड़क पर धरने पर बैठ गए. एक तरफ पूरा देश राम मंदिर प्राण प्रतिष्‍ठा देखने में व्यस्त था तो दूसरी ओर राहुल गांधी को एक मंदिर में जाने के लिए जिद करते हुए देख रहे थे. सोशल मीडिया पर लोग कह रहे थे कि राम मंदिर का विरोध करने वाली पार्टी का नेता एक मंदिर में जाने का दिखावा कर रहा है. हिमंत और उनकी पार्टी यही चाहती थी और राहुल गांधी वही कर रहे थे.

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Monday, January 22, 2024

राम मंदिर में भीड़ से घिरे अमिताभ बच्चन के पास पहुंचे PM मोदी, पहले हाथ जोड़े फिर - ABP न्यूज़

PM Modi Amitabh Bachchan Viral Video: अयोध्या में आज रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरे विधी विधान के साथ संपन्न हुआ. इस समारोह में शामिल होने के लिए बॉलीवुड के कई दिग्गज एक्टर्स को न्योता भेजा गया था. इन्हें स्टार्स में सबसे बड़ा नाम अमिताभ बच्चन का था. अमिताभ बच्चन अपने एक्टर बेटे अभिषेक बच्चन के साथ अयोध्या पहुंचे थे. इस दौरान बिग बी पारंपरिक परिधान में नज़र आए. प्राण प्रतिष्ठा के संपन्न होने के बाद अमिताभ बच्चन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 

भीड़ से घिरे अमिताभ बच्चन के पास पहुंचे पीएम मोदी 

वायरल वीडियो में पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम मंदिर आए सभी मेहमानों का अभिवादन कर रहे थे. इसी दौरान पीएम मोदी भीड़ से घिरे अमिताभ बच्चन के पास पहुंचे. पीएम मोदी ने पहले तो अमिताभ बच्चन का अभिवादन किया और फिर उनसे बात की. इस दौरान दोनों ही एक दूसरे से मुसकान के साथ हाथ जोड़ते नज़र आए.

पीएम मोदी ने अमिताभ बच्चन से क्या पूछा?

दरअसल वायरल वीडियो में दिख रहा है कि पीएम मोदी अमिताभ बच्चन से उनके हाथ की सर्जरी के बारे में पूछ रहे हैं. इसके बाद अमिताभ बच्चन अपने दाएं हाथ की ओर इशारा करते हैं. अमिताभ बच्चन ने हाल ही में खुलासा किया था कि उनके हाथ की सर्जरी हुई है. बिग बी पिछले साल टीवी के पॉपुलर क्विज शो 'कौन बनेगा करोड़पति' में हाथ पर बैंडेज लगाए दिखे थे.

कार्यक्रम में ये हस्तियां हुईं शामिल

बता दें कि अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन के अलावा अभिनेता रजनीकांत, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, चिरंजीवी, कैटरीना कैफ, विक्की कौशल, निर्देशक रोहित शेट्टी, आयुष्मान खुराना, सिंगर शंकर महादेवन, सोनू निगम, निर्देशक मधुर भंडारकर और अभिनेत्री माधुरी दीक्षित नेने, उनके पति श्रीराम नेने समेत कई हस्तियां राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए थे.

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Sunday, January 21, 2024

बिलकिस बानो केस: सभी 11 दोषियों ने गोधरा की उप जेल में देर रात किया सरेंडर - Aaj Tak

बिलकिस बानो केस के सभी 11 आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रविवार देर रात पुलिस की कड़ी निगरानी में गोधरा उप जेल में सरेंडर कर दिया. बहुचर्चित बिलकिस बानो केस में आरोपियों की गुजरात सरकार द्वारा की गई सजा माफी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए जाने के बाद उन्हें 21 जनवरी तक जेल में पेश होने का आदेश दिया गया था. सभी 11 दोषी रात 11:30 बजे दो निजी वाहनों में सिंगवड रंधिकपुर से गोधरा उप जेल में पहुंचे और सरेंडर किया.

स्थानीय अपराध शाखा निरीक्षक एनएल देसाई ने पीटीआई को बताया, "सभी 11 दोषियों ने रविवार देर रात जेल अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया है." 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को हाई-प्रोफाइल मामले में 11 दोषियों को गुजरात सरकार द्वारा दी गई छूट को रद्द कर दिया था, जबकि राज्य को एक आरोपी के साथ मिलीभगत होने और अपने विवेक का दुरुपयोग करने के लिए फटकार लगाई थी. कोर्ट ने 2022 में स्वतंत्रता दिवस पर समय से पहले रिहा किए गए दोषियों को दो सप्ताह के भीतर जेल वापस जाने का आदेश दिया था. 

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वहीं शीर्ष अदालत ने कुछ दिन पहले दोषियों को सरेंडर के लिए और समय देने की याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें रविवार तक हर हाल में सरेंडर करने को कहा था. 11 दोषियों में बाकाभाई वोहानिया, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, गोविंद नाई, जसवन्त नाई, मितेश भट्ट, प्रदीप मोरधिया, राधेश्याम शाह, राजूभाई सोनी, रमेश चंदना और शैलेश भट्ट शामिल हैं. 

गौरतलब है कि बिलकिस बानो 21 साल की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं, जब फरवरी 2002 में गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों की दहशत से बचने की कोशिश करते समय उनके साथ गैंगरेप किया गया था. इतना ही नहीं, आरोपियों ने उनके परिवार के सदस्यों को मार डाला था. इनमें बिलकिस की तीन साल की बेटी भी शामिल है.

(पीटीआई के इनपुट के साथ)

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बिलकिस बानो केस: सभी 11 दोषियों ने गोधरा की उप जेल में देर रात किया सरेंडर - Aaj Tak
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बिलकिस बानो केस: सभी 11 दोषियों ने गोधरा की उप जेल में देर रात किया सरेंडर - Aaj Tak

बिलकिस बानो केस के सभी 11 आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रविवार देर रात पुलिस की कड़ी निगरानी में गोधरा उप जेल में सरेंडर कर दिया. बहुचर्चित बिलकिस बानो केस में आरोपियों की गुजरात सरकार द्वारा की गई सजा माफी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए जाने के बाद उन्हें 21 जनवरी तक जेल में पेश होने का आदेश दिया गया था. सभी 11 दोषी रात 11:30 बजे दो निजी वाहनों में सिंगवड रंधिकपुर से गोधरा उप जेल में पहुंचे और सरेंडर किया.

स्थानीय अपराध शाखा निरीक्षक एनएल देसाई ने पीटीआई को बताया, "सभी 11 दोषियों ने रविवार देर रात जेल अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया है." 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को हाई-प्रोफाइल मामले में 11 दोषियों को गुजरात सरकार द्वारा दी गई छूट को रद्द कर दिया था, जबकि राज्य को एक आरोपी के साथ मिलीभगत होने और अपने विवेक का दुरुपयोग करने के लिए फटकार लगाई थी. कोर्ट ने 2022 में स्वतंत्रता दिवस पर समय से पहले रिहा किए गए दोषियों को दो सप्ताह के भीतर जेल वापस जाने का आदेश दिया था. 

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वहीं शीर्ष अदालत ने कुछ दिन पहले दोषियों को सरेंडर के लिए और समय देने की याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें रविवार तक हर हाल में सरेंडर करने को कहा था. 11 दोषियों में बाकाभाई वोहानिया, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, गोविंद नाई, जसवन्त नाई, मितेश भट्ट, प्रदीप मोरधिया, राधेश्याम शाह, राजूभाई सोनी, रमेश चंदना और शैलेश भट्ट शामिल हैं. 

गौरतलब है कि बिलकिस बानो 21 साल की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं, जब फरवरी 2002 में गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों की दहशत से बचने की कोशिश करते समय उनके साथ गैंगरेप किया गया था. इतना ही नहीं, आरोपियों ने उनके परिवार के सदस्यों को मार डाला था. इनमें बिलकिस की तीन साल की बेटी भी शामिल है.

(पीटीआई के इनपुट के साथ)

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Friday, January 19, 2024

कांग्रेस एक देश, एक चुनाव का विरोध करती है: खड़गे बोले- इसके लिए संविधान की मूल संरचना को बदलना होगा - Dainik Bhaskar

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नई दिल्ली7 घंटे पहले

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक साथ चुनाव करवाने को लेकर बनी कमेटी को 17 जनवरी को लेटर लिखा था, लेकिन कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसकी जानकारी 19 जनवरी को दी। - Dainik Bhaskar

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक साथ चुनाव करवाने को लेकर बनी कमेटी को 17 जनवरी को लेटर लिखा था, लेकिन कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसकी जानकारी 19 जनवरी को दी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को वन नेशन, वन इलेक्शन को लकर बनी हाई लेवल कमेटी के सेक्रेटरी को लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि देश में एकसाथ चुनाव करवाने का कांग्रेस विरोध करती है।

खड़गे ने कहा कि जिस देश में संसदीय शासन प्रणाली अपनाई गई हो, वहां एकसाथ चुनाव की अवधारणा के लिए कोई जगह नहीं है। यह संविधान की मूल संरचना के विरुद्ध है। अगर यह व्यवस्था लागू होती है तो संविधान की मूल संरचना में बदलाव करने पड़ेंगे।

दरअसल, देश में एकसाथ चुनाव कराने को लेकर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के नेतृत्व में एक समिति बनाई गई है। इसमें 8 मेबंर हैं। 18 अक्टूबर 2023 को कमेटी ने कांग्रेस से इस मामले में सुझाव मांगे थे।

17 जनवरी को खड़गे ने कमेटी के सेक्रेटरी नितिन चंद्र को 4 पन्ने का लेटर लिखकर जवाब दिया है। इसमें 17 पॉइंट्स हैं। कांग्रेस का कहना है कि लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि एकसाथ चुनाव करवाने के विचार को छोड़ दिया जाए और हाई पावर कमेटी को भंग कर दिया जाए।

23 सितंबर 2023 की ये तस्वीर वन नेशन, वन इलेक्शन की बैठक की है।

23 सितंबर 2023 की ये तस्वीर वन नेशन, वन इलेक्शन की बैठक की है।

खड़गे के लेटर के 6 अहम पॉइंट्स …

  1. वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर जो हाईलेवल कमेटी बनाई गई है, वह पक्षपाती है। क्योंकि इसमें विपक्षी दलों का कोई प्रतिनिधि नहीं है।
  2. एक साथ चुनाव को लेकर सरकार ने पहले ही अपने विचार व्यक्त कर दिए हैं। वह देश में ऐसे ही चुनाव करवाना चाहती है। ऐसे में इसको लेकर कमेटी बनाना सिर्फ दिखावा है।
  3. कमेटी के हेड पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं। साल 2018 में संसद में उन्होंने कहा था कि बार-बार चुनाव करवाने से विकास के काम रुक जाते हैं। कांग्रेस बताना चाहती है कि विकास इसलिए नहीं हो पा रहा है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी काम करने की बजाय चुनाव ही करते रहते हैं।
  4. कमेटी का तर्क है कि अगर एकसाथ चुनाव होते हैं तो खर्चा बचेगा। यह बिल्कुल बेबुनियाद है। 2014 के लोकसभा इलेक्शन में 3,870 करोड़ रुपए का खर्च हुआ था, जिसके बारे में कमेटी का दावा है कि यह काफी ज्यादा है। इससे ठीक उल्ट भाजपा को 2016-2022 के दौरान 10,122 करोड़ रुपए का चंदा मिला, जिसमें से 5271.97 करोड़ रुपए के बेनामी बॉन्ड हैं। अगर कमेटी और सरकार सच में चुनाव के खर्च पर गंभीर है तो इलेक्टोरल बॉन्ड की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएं।
  5. यह तर्क भी बेबुनियाद है कि आचार संहिता लगने से विकास के कामों पर असर पड़ता है। चुनाव के दौरान पहले से मौजूद योजनाएं और परियोजनाएं जारी रहती हैं।
  6. एकसाथ चुनाव कराने के लिए कई विधान सभाओं को भंग करने की आवश्यकता होगी, जो अभी भी अपने कार्यकाल के आधे (या उससे कम) समय पर हैं। यह उन राज्यों के मतदाताओं के साथ धोखा होगा।

सितंबर 2023 में सरकार ने कमेटी बनाई थी
केंद्र सरकार ने 2 सितंबर को यह कमेटी बनाई थी। 23 सितंबर को दिल्ली के जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल में कमेटी की पहली बैठक हुई। इसमें गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत 8 मेंबर शामिल हुए।

कमेटी ने अपनी पहली बैठक में इस मुद्दे पर देश की राजनीतिक पार्टियों की राय जानने का फैसला किया था। इसके लिए कमेटी ने देश की 46 पॉलिटिकल पार्टियों को लेटर लिखकर उनके विचार मांगे थे। इसमें 6 नेशनल पार्टियां, 33 राज्य स्तर की पार्टियां और 7 गैर मान्यता पार्टी दल हैं।

क्या है वन नेशन वन इलेक्शन
भारत में फिलहाल राज्यों के विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव हों। यानी मतदाता लोकसभा और राज्य के विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए एक ही दिन, एक ही समय पर या चरणबद्ध तरीके से अपना वोट डालेंगे।

आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही होते थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। उसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई।

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साथ चुनाव के क्या फायदे-नुकसान, 7 सवालों के जवाब

पूरे देश में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर बहस छिड़ी हुई है। एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव साथ ही होंगे। क्या वाकई इस सत्र में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल लाया जा सकता है? साथ चुनाव के क्या फायदे-नुकसान हैं? इन 7 सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

'एक देश एक चुनाव' क्या है, PM मोदी क्यों लागू करना चाहते हैं

'वन नेशन वन इलेक्शन' सिर्फ चर्चा का विषय नहीं बल्कि भारत की जरूरत है। हर कुछ महीने में कहीं न कहीं चुनाव हो रहे हैं। इससे विकास कार्यों पर प्रभाव पड़ता है।' नवंबर 2020 में PM नरेंद्र मोदी ने 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बात कही थी। वन नेशन वन इलेक्शन क्या है? PM मोदी इसे क्यों लागू करना चाहते हैं? पढ़ें पूरी खबर...

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कांग्रेस एक देश, एक चुनाव का विरोध करती है: खड़गे बोले- इसके लिए संविधान की मूल संरचना को बदलना होगा - Dainik Bhaskar
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'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर मल्लिकार्जुन खड़गे का जवाब, कहा- कांग्रेस इसका विरोध करती है - News18 हिंदी

नई दिल्ली: ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर जारी कवायद के बीच कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विचार का विरोध करते हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस विचार को दरकिनार कर हाई पावर कमेटी को भंग किया जाए. मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बाबत ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के लिए उच्च स्तरीय समिति के सचिव को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि कांग्रेस ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के विचार का कड़ा विरोध करती है.

दरअसल, मल्लिकार्जुन खड़गे का यह पत्र ऐसे वक्त में आया है, जब बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति के प्रमुख रामनाथ कोविंद ने एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्तों (सीईसी) और सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के साथ विचार-विमर्श शुरू किया. उनकी बैठकें समिति द्वारा इस मुद्दे पर जनता की राय मांगने के कुछ दिनों बाद हुई हैं.

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति के प्रमुख राष्ट्रपति कोविंद ने बुधवार को दिल्ली में मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी से मुलाकात की. बयान में कहा गया कि एक राष्ट्र एक चुनाव पर विचार-विमर्श जारी रखते हुए उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष कोविंद ने दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोरला रोहिणी और पूर्व सीईसी सुशील चंद्रा के साथ चर्चा की.

जब चंद्रा और न्यायमूर्ति रोहिणी ने कोविंद से मुलाकात की तब विधि सचिव नितेन चंद्रा भी मौजूद थे. चंद्रा उच्च स्तरीय समिति के सचिव भी हैं. इसमें कहा गया है कि परामर्श प्रक्रिया आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी. सूत्रों ने कहा कि चंद्रा ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का समर्थन करते हुए कहा कि इससे शासन को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी क्योंकि सरकारों को नीतियां बनाने और लागू करने के लिए अधिक समय मिलेगा.

समझा जाता है कि उन्होंने यह भी कहा कि एक साथ चुनाव कराने से जनता की असुविधा कम होगी, मानव संसाधनों के उपयोग में सुधार होगा और बार-बार चुनाव कराने पर होने वाले खर्च में कमी आएगी. समिति पहले ही इस मुद्दे पर आम जनता और राजनीतिक दलों से सुझाव मांग चुकी है और उनपर विचार कर चुकी है. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, संवैधानिक विशेषज्ञों और पूर्व सीईसी सहित प्रख्यात न्यायविदों से भी उनके विचार जानने के लिए संपर्क किया गया है.

'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर मल्लिकार्जुन खड़गे का जवाब, कहा- कांग्रेस इसका विरोध करती है

पिछले साल सितंबर में गठन के बाद से समिति की अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं. इसने हाल में राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर एक साथ चुनाव कराने के विचार पर उनकी राय मांगी थी और ‘परस्पर सहमत तिथि’ पर बातचीत के लिये कहा था. बाद में समिति ने पार्टियों को एक अनुस्मारक भेजा था. छह राष्ट्रीय पार्टियों, 33 राज्य स्तरीय दलों और सात पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों को पत्र भेजे गए. समिति ने एक साथ चुनाव कराने पर विधि आयोग के विचार भी सुने हैं। इस मुद्दे पर दोबारा विधि आयोग से राय ली जा सकती है. (इनपुट भाषा से)

Tags: Congress, Mallikarjun kharge, One Nation One Election

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Ram Mandir Ayodhya News: लकड़ी और कपड़े से बनाया गया राममंद‍िर का भव्य श‍िखर, देखें तैयारि‍यां - Aaj Tak

Ram Mandir Ayodhya News: लकड़ी और कपड़े से बनाया गया राममंद‍िर का भव्य श‍िखर, देखें तैयारि‍यां

प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं. राम मंदिर के अधूरे शिखर को कपड़े और लकड़ी से बनाया गया है. इस शिखर को फूलों से सजाया जाएगा ताकि ऐसा लगे कि मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है. देखें वीडियो.

Preparations are in full swing for the inauguration of Ram Mandir. Temple's peak is being constructed with clothes and wood. This temporary spire will be decorated with flowers. Watch the video.

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राम मंदिर उद्घाटन: 22 जनवरी को शेयर बाजार रहेगा बंद, अब शनिवार को पूरे दिन होगा कारोबार - मनी कंट्रोल

भारतीय शेयर बाजार (Share Market) सोमवार 22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन (Ram Temple Inauguration) के मौके पर बंद रहेंगे। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर इस दिन कोई कारोबार नहीं होगा। अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के चलते 22 जनवरी को स्टॉक मार्केट में अवकाश घोषित किया गया है। हालांकि इसकी जगह अब शेयर बाजार में कल यानी शनिवार 20 जनवरी को बाजार को खोलने का आदेश जारी हुआ है। अभी तक शनिवार 20 जनवरी को बस दो घंटे के लिए बाजार को खोलने की योजना थी। हालांकि नए सर्कुलर के मुताबिक, शनिवार को पूरे दिन, सुबह 9:00 से शाम 3:30 बजे तक बाजार में कारोबार होगा।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य बाजार रणनीतिकार आनंद जेम्स ने कहा कि निवेशकों को यह जानकर अच्छा लगेगा कि शनिवार का कारोबार कई कारणों से अलग होगा।

22 जनवरी को नहीं बदले जाएंगे 2,000 के नोट


भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ऑफिसों में भी 2,000 का नोट बदलने या जमा करने की सुविधा 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बंद रहेगी।

यह भी पढ़ें- Reliance Jio को दिसंबर तिमाही में ₹5,208 करोड़ का शुद्ध मुनाफा, पिछले साल से 12% अधिक

RBI ने बयान में कहा, “भारत सरकार की ओर से घोषित आधे दिन के अवकाश के कारण 2000 रुपये के बैंक नोटों के बदलने/जमा करने की सुविधा सोमवार 22 जनवरी को भारतीय रिजर्व बैंक के 19 ऑफिसों में से किसी में भी उपलब्ध नहीं होगी।”

इससे पहले कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने केंद्रीय संस्थानों को लेकर एक आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया था कि सरकारी स्वामित्व वाले बैंक, बीमा कंपनियां और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) में 22 जनवरी (सोमवार) को आधे दिन का अवकाश रहेगा।

महाराष्ट्र सरकार ने छुट्टी का किया ऐलान

महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने भी राम मंदिर उद्घाटन के चलते 22 जनवरी को प्रदेश में सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान किया था। सरकार ने कहा था कि राज्य में सभी सरकारी ऑफिसें और स्कूल इस दिन बंद रहेंगे। महाराष्ट्र सरकार के इस ऐलान के बाद मनी मार्केट (Money Market) में 22 जनवरी को कारोबाद के बंद रहने का ऐलान हुआ था।

बता दें कि महाराष्ट्र से पहले उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, असम, राजस्थान, हरियाणा की सरकारें पहले ही 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर चुकी हैं।

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Thursday, January 18, 2024

Harsh Winter: उत्तर भारत को इस बार क्यों सता रही इतनी ठंड? IMD ने बताईं ये 3 वजह - Aaj Tak

उत्तर भारत में साल 2024 में ठंड का रूप कुछ बदला-बदला नजर आ रहा है. इस बार पहाड़ से बर्फ नदारद है, मैदानी इलाकों में बारिश नहीं है लेकिन ठंड ने फिर भी आफत मचा रखी है. इस बार उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में भीषण शीतलहर का सितम है. यहां 29 दिसंबर से अधिकतम तापमान सामान्य से 5-8 डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया, जिससे कंपकंपा देने वाली ठंड पड़ी.

29 दिसंबर से लगातार सूरज गायब रहा और शीतलहर और कोहरा अपने शबाब पर रहे. 7-8 जनवरी के दौरान थोड़ी राहत महसूस की गई, जो कि पश्चिमी विक्षोभ से प्रभावित थी, लेकिन 8 जनवरी के बाद फिर ठंड की वही स्थिति लौट आई. इसके साथ ही 12 से 17 जनवरी के बीच उत्तर पश्चिम भारत के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया.

थिंक टैंक की स्टडी, भारत में तेजी से बदल रहा मौसम

25 दिसंबर के बाद से उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी क्षेत्र में बहुत घना कोहरा छाए रहने से मौसम की स्थिति में और खराब हुई. 14 जनवरी को कोहरे की चादर अपने चरम पर पहुंच गई, जिससे उत्तर भारत के मैदानी इलाके अमृतसर से डिब्रूगढ़ और पूरे हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में विजिबिलिटी जीरो हो गई.

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मौसम विभाग ने कठोर सर्दियों के मौसम के मुख्य रूप से तीन कारण बताए. इसमें उत्तर पश्चिम भारत पर किसी भी सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की कमी, प्रचलित अल-नीनो की स्थिति और एक मजबूत जेट स्ट्रीम शामिल है.

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की कमी

आमतौर पर दिसंबर से जनवरी तक उत्तर पश्चिम भारत में 5-7 वेस्टर्न डिस्टर्बेंस देखे जाते हैं. जो जमा देने वाली ठंड को कम करते हैं. हालांकि, इस सर्दी में ऐसे वेस्टर्न डिस्टर्बेंस अनुपस्थित रहे. इस बार केवल दो वेस्टर्न डिस्टर्बेंस देखे गए. एक दिसंबर में और दूसरा जनवरी में जिनका प्रभाव गुजरात, उत्तरी महाराष्ट्र, पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश तक सीमित रहा.

दिल्ली में ठंड से कुछ राहत! UP समेत इन राज्यों में कोल्ड डे की स्थिति बरकरार

इसके अलावा पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश होने से कड़ाके की ठंड और बढ़ गई है. इस क्षेत्र में बारिश और बर्फबारी में भारी कमी देखी गई, जो औसत से लगभग 80% कम थी, जिससे शीतलहर की तीव्रता बढ़ गई.

अल-नीनो की स्थिति

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस में कमी को भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के ऊपर प्रचलित अल-नीनो स्थितियों के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. यह घटना उत्तर भारत में कम शीतलहर के दिनों को दर्शाती है, यह प्रवृत्ति वर्तमान मौसम में भी ध्यान देने योग्य है.

मजबूत जेट स्ट्रीम

इन सब के अलावा उत्तर भारत में समुद्र तल से 12 किमी ऊपर, लगभग 250-320 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तेज़ जेट स्ट्रीम हवाओं ने ठंड के मौसम को बढ़ा दिया है. मजबूत जेट स्ट्रीम पैटर्न जारी रहने की संभावना है, जिससे अगले कुछ दिनों तक उत्तर भारत में लगातार ठंड पड़ने का अनुमान है.

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वडोदरा नाव हादसा मामले में चौंकाने वाला खुलासा, इस वजह से गई 16 लोगों की जान, डीएम को सौंपी गई जांच... - India TV Hindi

वडोदरा में नाव हादसे में चौंकाने वाला खुलासा- India TV Hindi
Image Source : PTI वडोदरा में नाव हादसे में चौंकाने वाला खुलासा

गुजरात के वडोदरा में हरनी मोटनाथ झील नाव पटलने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। इनमें 14 बच्चे और दो टीचर शामिल हैं। इस बीच नाव हादसे को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बताया जा रहा है कि नाव में बैठने की कैपेसिटी 14 लोगों की थी लेकिन उसमें 30 से ज्यादा लोग सवार थे। सबसे बड़ी बात यह रही कि नाव में जब बच्चों और टीचर को बैठाया गया तो सिर्फ 14-15 लोग ही लाइफ-जैकेट पहने हुए थे। इसके अलावा नाव में कॉन्ट्रैक्टर के भी चार लोग सवार थे। जिनकी जिम्मेदारी नाव में सवार बच्चो की देखभाल करने की थी।  

डीएम को सौंपी गई जांच

वहीं, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने  नाव पलटने की घटना की उच्च स्तरीय जांच वडोदरा के जिलाधिकारी को सौंपी है। विस्तृत रिपोर्ट 10 दिनों के भीतर राज्य सरकार को सौंपी जाएगी। जांच के बाद रिपोर्ट सीएम को दी जाएगी। 

5 के खिलाफ केस दर्ज, ठेकेदार गिरफ्तार

वहीं, नाव हादसे मामले में पुलिस ने हरणी पुलिस स्टेशन में पांच आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304, 308 और 337 के तहत मामला दर्ज किया है। मुख्य आरोपी यानी कॉन्ट्रैक्टर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी पर लापरवाही बरतने और दूसरों की जान जोखिम में डालने का आरोप लगा है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

14 बच्चों समेत 16 लोगों की मौत

 बता दें कि गुजरात में वडोदरा शहर के बाहरी क्षेत्र में एक झील में बृहस्पतिवार को एक नौका के पलट जाने से उसमें सवार 14 विद्यार्थियों और दो शिक्षकों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि छात्र पिकनिक मनाने आए थे और हरनी झील में नाव की सवारी कर रहे थे कि तभी दोपहर में यह हादसा हो गया। हरनी थाने के एक अधिकारी ने बताया कि नाव पलटने से 16 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 14 बच्चे और दो शिक्षक शामिल हैं। बचाए गए एक छात्र का एसएसजी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। 

4 लोग अभी भी लापता

 एनडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया कि चार लोग अभी भी लापता हैं और घटनास्थल पर खोज व बचाव अभियान जारी है। इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि नाव में 27 लोग सवार थे, जिनमें 23 विद्यार्थी और चार शिक्षक शामिल थे। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल बृहस्पतिवार शाम को घटनास्थल पर पहुंचे और एनडीआरएफ व स्थानीय दमकल सेवा सहित अन्य एजेंसियों के कर्मियों द्वारा किए जा रहे बचाव अभियान का जायजा लिया।  

मृतकों के परिजनों को मिलेगा इतना मुआवजा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर शोक जताते हुए कहा कि वडोदरा की हरनी झील में हुई एक नौका दुर्घटना में लोगों की मौत से व्यथित हूं। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ है। घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा है। प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जायेगी। घायलों को 50 हजार रुपये दिए जायेंगे। वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने वडोदरा में नाव पलटने की घटना में प्रत्येक मृतक के परिजन को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की मदद देने की घोषणा की है।

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Wednesday, January 17, 2024

UP: यूपी के छह जिलों से अयोध्या धाम के लिए शुरू होगी हेलीकॉप्टर सेवा, तय किया गया वन-वे किराया - अमर उजाला

Helicopter service starts from six districts to Ayodhya.

अयोध्या धाम के लिए शुरू होगी हेलीकॉप्टर सेवा। - फोटो : amar ujala

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योगी सरकार राम भक्तों और पयर्टकों को हेलीकॉप्टर से अयोध्या धाम के दर्शन कराएगी। सरकार प्रदेश के छह जिलों से हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हेलीकॉप्टर सेवा की शुरुआत लखनऊ से करेंगे। सरकार की ओर से प्रदेश के छह जिलों से शुरू होने वाली हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता ऑपरेटर का चयन किया गया है, जो ऑपरेशनल मॉडल पर हेली सर्विसेस की सेवाएं प्रदान करेगा।

राम भक्तों और पर्यटकों को हेलीकॉप्टर सेवा गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ, प्रयागराज, मथुरा और आगरा से मिलेगी। वहीं आने वाले समय में प्रदेश के अन्य जिलों से भी इस सुविधा को जल्द शुरू किया जाएगा। इतना ही नहीं, योगी सरकार श्रद्धालुओं को अयोध्या नगरी और राम मंदिर के हवाई दर्शन भी कराएगी। इसकी जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को दी गई है। इस सुविधा के लिए श्रद्धालुओं को पहले से बुकिंग करानी होगी।

राम मंदिर एरियल दर्शन के लिए देने होंगे 3,539 रुपये
प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम भक्तों को हेलीकॉप्टर सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये थे। इसी के तहत प्रदेश के 6 जिलों से हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की जा रही है। यह सुविधा भक्तों और पर्यटकों को ऑपरेटर मॉडल पर उपलब्ध करायी जाएगी। इसके अलावा राम भक्तों को राम मंदिर ऐरियल दर्शन भी कराए जाएंगे। इसके लिए रामभक्त सरयू तट स्थित टूरिज्म गेस्ट हाउस के पास बने हैलीपेड से उड़ान भर सकेंगे। इसके तहत श्रद्धालुओं को राम मंदिर, हनुमानगढ़ी, सरयू घाट समेत प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों की हवाई सैर भी करायी जाएगी।

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इस हवाई सफर का अधिकतम समय 15 मिनट होगा, जबकि प्रति श्रद्धालु किराया 3,539 रुपये तय किया गया है। इस सुविधा के जरिये एक हवाई सफर का लुत्फ 5 श्रद्धालु उठा सकेंगे। इसकी भार सीमा 400 किग्रा. है। वहीं एक श्रद्धालु अधिकतम 5 किग्रा. सामान के साथ सफर कर सकेगा। इसके अलावा श्रद्धालु गोरखपुर से अयोध्या धाम के लिए हेलीकॉप्टर से उड़ान भर सकेंगे। यह दूरी 126 किमी. की होगी, जिसे 40 मिनट में पूरा किया जाएगा। इसके लिए प्रति श्रद्धालु किराया 11,327 रुपये तय किया गया है। 

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वाराणसी के नमो घाट से मिलेगी अयोध्या धाम के लिए हेलीकॉप्टर सेवा
पर्यटन विभाग के निदेशक प्रखर मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप पहले चरण में राजधानी लखनऊ समेत 6 धार्मिक स्थलों से हेलीकॉप्टर सेवा की शुरुआत की जा रही है। वहीं आने वाले समय में मांग के अनुरुप सेवा का विस्तार किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि श्रद्धालु वाराणसी के नमो घाट से हेलीकॉप्टर की सेवा का लाभ ले सकेंगे। यह दूरी 160 किमी की होगी, जिसे 55 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। इसके लिए प्रति श्रद्धालु किराया 14,159 रुपये तय किया गया है। इसी तरह श्रद्धालु लखनऊ के रमाबाई से हेलीकॉप्टर की सेवा का लाभ ले सकेंगे। यह दूरी 132 किमी की होगी, जिसे 45 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। इसके लिए प्रति श्रद्धालु किराया 14,159 रुपये तय किया गया है जबकि प्रयागराज में टूरिज्म गेस्ट हाउस के पास बने हैलीपैड से हेलीकॉप्टर की सेवा मिलेगी। यह दूरी 157 किमी. की है, जिसे 50 मिनट में पूरा किया जाएगा। इसके लिए प्रति श्रद्धालु किराया 14,159 रुपये तय किया गया है।

इसके साथ ही मथुरा के बरसाना स्थित गोवर्धन परिक्रमा के पास बने हैलीपेड और आगरा में आगरा एक्सप्रेस वे के पास बने हैलीपेड से सेवा का लाभ उठाया जा सकेगा। यह दूरी क्रमश: 456 किमी. और 440 किमी. की होगी, जिसे 135 मिनट में पूरा किया जाएगा। इसके लिए प्रति श्रद्धालु किराया 35,399 रुपये तय किया गया है।

बता दें कि प्रदेश के छह जिलों से हेलीकॉप्टर सेवा का तय किराया वन-वे है। श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम से अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए दोबारा निर्धारित किराया देना होगा। श्रद्धालुओं की संख्या के अनुसार हेलीकॉप्टर अपने गंतव्य से अयोध्या धाम के लिए रोजाना उड़ान भरेगा।

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UP: यूपी के छह जिलों से अयोध्या धाम के लिए शुरू होगी हेलीकॉप्टर सेवा, तय किया गया वन-वे किराया - अमर उजाला
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Tuesday, January 16, 2024

MP News: नामीबिया से आए एक और चीते ने तोड़ा दम, पोस्टमार्टम के बाद होगा चीता शौर्य की - ABP न्यूज़

Madhya Pradesh News: कूनो नेशनल पार्क से आज फिर एक बुरी खबर सामने आई है. यहां चीता शौर्य ने दम तोड़ दिया है. कूनो में अब तक दस चीतों की मौत हो चुकी है, इनमें सात चीते और तीन शावक शामिल हैं. लॉयन प्रोजेक्ट के डायरेक्टर ने बताया कि आज करीब सवा तीन बजे चीता शौर्य की मौत हुई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत का खुलासा होगा.

लॉयन प्रोजेक्ट के डायरेक्टर ने बताया कि आज करीब सवा तीन बजे चीता शौर्य की मौत का पता चला. उन्होंने कहा कि चीता शौर्य की मौत किन कारणों से हुई, इसका खुलासा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आने के बाद होगा. उन्होंने बताया कि सुबह करीब 11 बजे मॉनिटरिंग टीम को चीता शौर्य अचेत अवस्था में मिला. चीते को बचाने की कोशिश की गई, लेकिन चीता शौर्य की जान नहीं बचाई जा सकी. 

बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीते लाए थे. वहीं अब तक कूनो के चीतों में से 10 की मौत हो चुकी है, इनमें तीन शावक भी शामिल हैं. पिछले साल 26 मार्च को नामीबिया से आई मादा चीता साशा ने दम तोड़ दिया था. इसके बाद 23 अप्रैल को नर चीता उदय की भी मौत हो गई थी. फिर पिछले ही साल नौ मई को हिंसक झड़प में दक्षा ने भी दम तोड़ दिया था. इसके अलावा मई में ही नामीबिया से आई मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया, इनमें से तीन शावकों की मौत हो गई. फिर जुलाई में अफ्रीका से आए चीता तेजस ने भी दम तोड़ दिया. फिर एक चीते की मौत अगस्त में हो गई. वहीं अब इस साल की शुरुआत में ही चीता शौर्य ने भी दम तोड़ दिया.

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Ayodhya Ram Mandir News LIVE: 'दुनियाभर के राम भक्त शेयर करें अपने विचार...,' ट्रस्ट ने सोशल मीडिया पर की वीडियो पोस्ट करने की अपील - Aaj Tak

प्राण-प्रतिष्ठा में कौन-कौन अतिथि?

Posted by :- Udit Narayan

भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों की कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी. ये अतिथि  राम मंदिर परिसर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दर्शन करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठा होगी.

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Monday, January 15, 2024

Ram Mandir: अयोध्या में कांग्रेस नेताओं की एंट्री पर बवाल, लोगों ने की धक्का-मुक्की, पार्टी का झंडा छीना - प्रभात खबर - Prabhat Khabar

कांग्रेस ने प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का किया विरोध, निमंत्रण ठुकराया

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अभिषेक समारोह में शामिल होने का निमंत्रण ठुकरा दिया था. कांग्रेस नेतृत्व ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को सम्मा पूर्वक अस्वीकार कर दिया, जबकि भाजपा पर चुनावी लाभ के लिए इसे राजनीतिक परियोजना बनाने का आरोप लगाया और कहा कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है.

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Sunday, January 14, 2024

मिलिंद देवड़ा के शिवसेना में आते ही सीएम शिंदे बोले-'मैं डॉक्टर नहीं, ऐसा ऑपरेशन करता हूं कि..'... - India TV Hindi

cm shinde big statement- India TV Hindi
Image Source : ANI सीएम शिंदे ने कह दी बड़ी बात

कांग्रेस का हाथ छोड़कर मिलिंद देवड़ा के शिवसेना नें शामिल होते ही महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे का दर्द छलक आया। उन्होंने कहा. आज आपके (मिलिंद देवड़ा) मन में जो भावनाएं हैं, वही भावनाएं डेढ़ साल पहले मेरे मन में भी थीं। जब कोई निर्णय लेना होता है तो ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं। इसके बाद शिंदे के सुर बदल गए और उन्होंने कहा कि मैं डॉक्टर नहीं हूं। डॉक्टर न होते हुए भी डेढ़ साल पहले मैंने ऑपरेशन किया...टांके भी नहीं लगाने पड़े और ऑपरेशन हो गया। मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा...यह सिर्फ ट्रेलर है, फिल्म अभी बाकी है।

श्रीकांत शिंदे ने अहम भूमिका निभायी

शिवसेना सूत्रों के मुताबिक,कुछ महीने पहले ही मिलिंद देवड़ा और श्रीकांत शिंदे की मुलाकात हुई थी। मिलिंद और श्रीकांत पुराने दोस्त हैं और इसी मुलाकात के दौरान मिलिंद ने कांग्रेस छोड़ने की इच्छा जताई थी। इसके बाद श्रीकांत शिंदे ने अपने पिता एकनाथ शिंदे से बात की थी। शिवसेना में आने के बाद देवड़ा को क्या जिम्मेदारी दी जाएगी इसपर चर्चा की गई। इसके बाद सीएम शिंदे और मिलिंद देवड़ा की मुलातात हुई। जब सबकुछ तय हो गया तब एकनाथ शिंदे ने बीजेपी नेताओं को मिलिंद देवड़ा के शिवसेना जॉइन करने की इच्छा के बारे में बताया। जब सबकुछ फाइनल हो गया तब दो दिन पहले मिलिंद ने अपने करीबी नेताओं, व्यापारी संगठनों, समर्थकों से बात की औक इस बातचीत में मिलिंद ने पार्टी छोड़ने के संकेत अपने समर्थकों को दिया। 

शिवसेना ज्वाइन करने के बाद देवड़ा ने कहा-

शिवसेना में शामिल होने के बाद मिलिंद देवड़ा ने कहा, "भारत में केंद्र और राज्यों में एक मजबूत सरकार की जरूरत है। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत आज मजबूत है... मैं यह जोड़ना चाहता हूं कि पिछले 10 वर्षों में मुंबई में एक भी आतंकवादी हमला नहीं हुआ है। यह मुंबई के लोगों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।"

शिवसेना में शामिल होने के बाद मिलिंद देवड़ा कहते हैं, "वही पार्टी जो इस देश को रचनात्मक सुझाव देती थी कि देश को आगे कैसे ले जाया जाए, अब उसका एक ही लक्ष्य है - पीएम मोदी जो भी कहते और करते हैं उसके खिलाफ बोलना। कल, अगर वह कहते हैं कि कांग्रेस एक बहुत अच्छी पार्टी है, वे इसका विरोध करेंगे। मैं GAIN - विकास, आकांक्षा, समावेशिता और राष्ट्रवाद की राजनीति में विश्वास करता हूं। मैं PAIN - व्यक्तिगत हमलों, अन्याय और नकारात्मकता की राजनीति में विश्वास नहीं करता हूं।

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UP Weather Update: शीतलहर ने बढ़ाई मुसीबत, उत्तर प्रदेश के 45 जिलों में सीवियर कोल्ड अलर्ट, मुजफ्फरनगर में 2.8 डिग्री पारा - Aaj Tak

उत्तर प्रदेश समेत पूरा उत्तर भारत कड़ाके की ठंड की चपेट में है. मौसम विभाग (IMD) ने यूपी के 45 जिलों में सीवियर कोल्ड का अलर्ट जारी किया है. IMD के अनुसार, 14 से लेकर 17 जनवरी तक शीतलहर चलने की संभावना है. हालांकि, उसके बाद तापमान में कमी देखने को मिल सकती है, लेकिन फिर भी लोगों को ठंड से राहत मिलने के आसार नहीं है. मौसम विभाग का कहना है कि अगले 3 से 4 दिनों तक यूपी में शीतलहर के साथ घना कोहरा छाया रहेगा.   

यूपी के 45 राज्यों में सीवियर कोल्ड का अलर्ट 
उत्तर प्रदेश में ठंड और घने कोहरे की वजह से ट्रेनें और फ्लाइट्स अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही हैं, जिसके कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. राज्य में पड़ रही कड़ाके की सर्दी की वजह से स्कूलों की छुट्टियां भी बढ़ा दी गई है. यूपी के अधिकतर राज्यों में घने कोहरे की वजह से दृश्यता इतनी कम हो गई है कि वाहन चालकों को गाड़ी चलाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं, बर्फीली हवाओं के कारण लोगों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है .अयोध्या में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया और गोरखपुर में न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं मुजफ्फरनगर में न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री सेंटीग्रेड रिकॉर्ड किया गया है.

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लखनऊ का मौसम
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में न्यूनतम तापमान 8 से 9 डिग्री सेल्सियस के बीच बने रहने की संभावना है. वहीं, अधिकतम तापमान 18 से 19 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है. इसके अलावा IMD ने लखनऊ में 18 जनवरी को बारिश होने के आसार जताए हैं. 
IMD का अनुमानराजधानी लखनऊ में घने कोहरे का असर दिख रहा है. कुछ इसी प्रकार की स्थिति नोएडा और गाजियाबाद में है. इन शहरों में मकर संक्रांति के दिन भी भीषण ठंड के आसार जताए गए हैं. 
 

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Saturday, January 13, 2024

नीतीश कुमार ने 'इंडिया' गठबंधन की अगुवाई के लिए राहुल गांधी का नाम किया था प्रस्तावित : सूत्र - NDTV India

नई दिल्ली:

शनिवार को एक INDIA गठबंधन के दलों ने एक वर्चुअल मीटिंग की. इस मीटिंग से क्या निकला इसे लेकर कुछ भी औपचारिक तौर पर नहीं बताया गया है. हालांकि सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि इस बैठक के दौरान बिहार के CM नीतीश कुमार ने 'इंडिया' के अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित किया था, लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उसे अस्वीकार कर दिया और जब संयोजक पद के लिए CM नीतीश का नाम प्रस्तावित किया गया, तो CM नीतीश कुमार ने कहा कि आरजेडी प्रमुख लालू यादव बेहतर विकल्प होंगे, क्योंकि वह अधिक वरिष्ठ हैं.

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सूत्रों ने कहा कि जब 28-पार्टी गठबंधन के अध्यक्ष पर चर्चा शुरू हुई, तो जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख CM नीतीश ने राहुल गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा. लेकिन राहुल गांधी ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं और उनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकलेगी. कांग्रेस नेता ने गठबंधन के शीर्ष पद के लिए पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रस्तावित किया, जिसका सोनिया गांधी ने समर्थन किया.

सीताराम येचुरी ने किया नीतीश का समर्थन
एक सूत्र ने कहा, "प्रस्ताव को कई अन्य दलों का समर्थन प्राप्त था और खरगे का नाम इस पद के लिए लगभग तय हो चुका है." इधर, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने संयोजक पद के लिए नीतीश कुमार का नाम प्रस्तावित किया, जिसे न मिलने से बिहार के मुख्यमंत्री कथित तौर पर नाराज थे.

'लालू यादव बेहतर विकल्प...'
CM नीतीश कुमार ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे और उन्होंने कहा कि राजद प्रमुख लालू यादव बेहतर विकल्प होंगे. राहुल गांधी ने फिर से नीतीश कुमार का नाम उठाया और  कुछ अन्य दलों से समर्थन मिलने पर - बताया कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कुछ आपत्तियां हैं और चर्चा की आवश्यकता होगी.

बैठक में क्यों शामिल नहीं हुईं ममता बनर्जी?
आपत्तियां क्या थीं, इसका खुलासा करने से इनकार करते हुए, सूत्रों ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कुछ कांग्रेस नेताओं को मुद्दे को सुलझाने के लिए ममता बनर्जी से बात करने के लिए नियुक्त किया गया है, जो बैठक में शामिल नहीं हुए. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख के अलावा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और शिव सेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे जैसे अन्य प्रमुख सहयोगी भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए.

शनिवार की बैठक लोकसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारे पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई थी. हालांकि, इस मुद्दे पर ज्यादा बात नहीं हुई. एक्स पर एक पोस्ट में खरगे ने कहा कि सीट-बंटवारे पर चर्चा "सकारात्मक तरीके से" आगे बढ़ रही है और उन्होंने और राहुल गांधी ने सभी भारतीय दलों को भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है.

'सीट बंटवारे पर बातचीत सकारात्मक...'
कांग्रेस  प्रमुख खरगे ने कहा कि इंडिया समन्वय समिति के नेताओं ने आज ऑनलाइन बैठक की और गठबंधन पर सार्थक चर्चा की. हर कोई खुश है कि सीट बंटवारे पर बातचीत सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ रही है. हमने इंडिया के दलों द्वारा आने वाले दिनों में संयुक्त कार्यक्रमों के बारे में भी चर्चा की.

उन्होंने कहा, "मैंने राहुल गांधी के साथ सभी भारतीय दलों को अपनी सुविधानुसार 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में शामिल होने और इस देश के आम लोगों को परेशान करने वाले सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों को उठाने के अवसर का उपयोग करने के लिए आमंत्रित किया."

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