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Tuesday, October 31, 2023

मराठा आंदोलन के बीच CM शिंदे ने कल बुलाई सर्वदलीय बैठक, विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर चर्चा संभव - Aaj Tak

मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने बीते दिन यानी सोमवार को महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के कुछ हिस्सों में कुछ राजनेताओं के घरों और ऑफिसों को आग के हवाले कर दिया था. गुस्साए प्रदर्शनकारियों के इस फैसले के एक दिन बाद, पुलिस ने मंगलवार को मंत्रालय, मुख्यमंत्री, मंत्रियों के आवासों पर सुरक्षा बढ़ा दी है. अधिकारियों ने कहा कि अन्य राजनेताओं के साथ-साथ यहां और राज्य में अन्य जगहों पर राजनीतिक दलों के कार्यालय भी बंद हैं.

इसके अलावा मराठा आरक्षण मुद्दे पर सीएम एकनाथ शिंदे ने कल सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बैठक कल सुबह 10:30 बजे सह्याद्रि गेस्ट हाउस में होगी. सरकार आम सहमति के लिए सभी दलों से चर्चा करेगी और आगे संभावित समाधान के लिए काम करेगी. इस बैठक के दौरान महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर चर्चा संभव है. 

इस बैठक में इन विपक्षी नेताओं को भी बुलाया गया है, 

शरद पवार गुट की एनसीपी

- शरद पवार

-जयंत पाटिल

-राजेश टोपे

कांग्रेस

-अशोक चव्हाण

- नाना पटोले

- बालासाहेब थोराट

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- विजय वडेट्टीवार

शिवसेना (यूबीटी)

अंबादास दानवे

वंचित बहुजन अघाड़ी 

प्रकाश अम्बेडकर

बताते चलें कि सोमवार को, गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने तीन विधायकों - एनसीपी के दो और भाजपा के एक - के घरों या ऑफिसों में आग लगा दी थी और तोड़फोड़ की थी. साथ ही एक नगर परिषद भवन को भी निशाना बनाया गया था. राज्य में सबसे ज्यादा हिंसक घटनाएं और आगजनी बीड जिले में हुईं. लोगों के एक समूह ने सोमवार रात जालना के घनसावंगी में एक पंचायत समिति कार्यालय में भी आग लगा दी. मराठा आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को पुणे शहर में मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग को भी प्रभावित किया और आरक्षण की मांग पर दबाव डालने के लिए टायर जलाए.

अहम जगहों पर भारी फोर्स की तैनाती

एक अधिकारी ने कहा, 'राज्य में कुछ स्थानों पर हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर, मुंबई पुलिस ने दक्षिण मुंबई में राज्य सचिवालय, मंत्रालय के बाहर अपने कर्मियों की भारी तैनाती की है. क्योंकि दिन के दौरान एक कैबिनेट बैठक निर्धारित थी.' उन्होंने कहा कि दक्षिण मुंबई के सभी महत्वपूर्ण स्थानों के बाहर भी पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है और विभाग अलर्ट मोड पर है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ठाणे के लुइस वाडी स्थित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निजी आवास के बाहर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.

नेताओं के आवास के बाहर बढ़ाई गई सुरक्षा

उन्होंने बताया कि मुंबई में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्रियों देवेन्द्र फड़णवीस और अजित पवार, मंत्री चंद्रकांत पाटिल, दीपक केसरकर, दादा भुसे और अंबादास दानवे और अशोक चव्हाण सहित अन्य नेताओं के आधिकारिक आवासों के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. उन्होंने बताया कि राज्य के अन्य हिस्सों में भी राजनेताओं के आवासों के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

डिप्टी सीएम फडणवीस ने दिया बयान

इस हिंसा के बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेन्द्र फड़णवीस का कहना है, 'कल बीड में जो घटना हुई उसका समर्थन नहीं किया जा सकता. मराठों को आरक्षण देने को लेकर सरकार बहुत सकारात्मक है. इसे लेकर आज भी कुछ फैसले लिए गए हैं. लेकिन कुछ लोग हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी. कुछ लोगों की पहचान की गई है. हमें सभी सीसीटीवी फुटेज मिले हैं और इसमें दिखाई देने वाले व्यक्तियों ने लोगों को जिंदा जलाने का प्रयास किया है. आईपीसी की धारा 307 के तहत, कार्रवाई की जाएगी.' 

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दोषियों पर होगी कार्रवाई

देवेन्द्र फड़णवीस ने मंगलवार को कहा कि अधिकारियों ने 50 से 55 लोगों की पहचान की है जो मौजूदा मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसक गतिविधियों में शामिल थे और कहा कि दोषियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.

फड़णवीस जो कि राज्य के गृह मंत्री भी हैं, उन्होंने प्रदर्शनकारियों द्वारा हिंसा और आगजनी की निंदा की. उन्होंने सोमवार को बीड और छत्रपति संभाजीनगर जिलों में आंदोलन के दौरान तीन विधायकों के अलावा कुछ स्थानीय राजनीतिक नेताओं के घरों या कार्यालयों को निशाना बनाया और एक नगर परिषद भवन में आग लगा दी.

'50 से 55 लोगों की हुई पहचान'

उन्होंने कहा कि जिन आंदोलनकारियों ने बीड जिले में एक घर को जलाने की कोशिश की, जिसमें उनके परिवार के सदस्य भी मौजूद थे, उन पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया जाएगा. फडणवीस ने कहा, 'राज्य सरकार ने पिछले कुछ दिनों में हिंसक घटनाओं में शामिल 50 से 55 लोगों की पहचान की है. उन्होंने कुछ खास लोगों और एक खास समुदाय के सदस्यों के घरों पर हमला किया. कुछ विधायकों के घरों में आग लगा दी गई और होटलों के साथ-साथ कुछ संस्थानों को भी निशाना बनाया गया. यह बिल्कुल गलत है.'

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शांतिपूर्वक विरोध करने वालों पर नहीं होगा कोई एक्शन

फड़णवीस ने कहा कि शांतिपूर्वक विरोध करने वालों को कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन किसी भी रूप में हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. आपको बता दें कि बीते दिन हुई हिंसा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक प्रकाश सोलंके और संदीप क्षीरसागर को आरक्षण प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा, जिन्होंने बीड जिले में उनके घरों को आग लगा दी. पुलिस ने कहा है कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ भाजपा के एक विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ की.

क्यों भड़के हैं मराठा?

गौरतलब है कि मराठा समुदाय के सदस्यों ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर नए सिरे से आंदोलन शुरू किया है. आरक्षण की मांग के समर्थन में कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे 25 अक्टूबर से जालना जिले के एक गांव में अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं.

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मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, मोरेह में हेलीपैड का निरीक्षण करने गए SDPO की हत्या - Aaj Tak

मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब तेंगनौपाल जिले के मोरेह में संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा एक पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मणिपुर पुलिस ने इसकी जानकारी दी है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मोरेह के एसडीपीओ चिंगथम आनंद उस समय गोली लगने से घायल हो गए जब उग्रवादियों के एक समूह ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. पुलिस अधिकारी  कुकी समुदाय के प्रभुत्व वाले सीमावर्ती शहर में नवनिर्मित हेलीपैड का निरीक्षण कर रहे थे.

अधिकारी ने कहा, 'एसडीपीओ को गोली लगने के बाद मोरेह के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. उन्होंने बताया कि आतंकवादियों को पकड़ने के लिए इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया गया है.'

यह घटना कई नागरिक और समाजिक संगठनों द्वारा सीमावर्ती शहर मोरेह से सुरक्षा बलों को हटाने की मांग के कुछ सप्ताह बाद हुई है. मणिपुर पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में मैती समुदाय के छोड़े गए घर से फर्नीचर और अन्य घरेलू सामान चुराने और अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में 10 से अधिक म्यांमार के नागरिकों को गिरफ्तार किया था.

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मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मई में राज्य में हिंसा भड़कने के दौरान जल गए घरों से फर्नीचर और बिजली के सामान चुराने के आरोप में 21 अक्टूबर को तीन म्यांमारियों की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, 'यह तब हुआ जब कुछ विशेष संगठन विरोध कर रहे थे.' मोरेह शहर में स्थानीय लोग राज्य पुलिस और कमांडो की तैनाती का विरोध कर रहे थे.'

अब तक 180 से ज्यादा लोगों की मौत

3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 180 से अधिक लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया गया था.

मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं उनकी आबादी 40 प्रतिशत हैं और वो ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

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मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, मोरेह में हेलीपैड का निरीक्षण करने गए SDPO की हत्या - Aaj Tak
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आप सरकार के निशाने पर हैं…, Apple ने 5 नेताओं को एकसाथ भेजा मैसेज, महुआ मोइत्रा ने स्क्रीनशॉट शेयर कर किया दावा - Jansatta

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आप सरकार के निशाने पर हैं…, Apple ने 5 नेताओं को एकसाथ भेजा मैसेज, महुआ मोइत्रा ने स्क्रीनशॉट शेयर कर किया दावा - Jansatta
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Monday, October 30, 2023

लखनऊ: अखिलेश यादव की साइकिल यात्रा में सपा नेता को आया हार्ट अटैक, अस्पताल में तोड़ा दम - Aaj Tak

अखिलेश यादव की अगुवाई में आज (30 अक्टूबर) समाजवादी पार्टी की तरफ से 'PDA साइकिल यात्रा' निकाली गई. लेकिन इस साइकिल यात्रा के दौरान पार्टी के एक नेता की तबीयत बिगड़ गई. आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया मगर उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. सपा नेता ने लखनऊ के मेदांता अस्पताल में दम तोड़ दिया. 

मृतक सपा नेता का नाम रवि भूषण राजन यादव है. वो सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे. इससे पहले केकेसी के पूर्व छात्र अध्यक्ष भी रहे हैं. रवि भूषण की हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि हुई है. साइकिल यात्रा के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी थी. जिसके बाद अखिलेश यादव ने उन्हें मेदांता में भर्ती कराया था. मगर इलाज के दौरान राजन का निधन हो गया. 

रवि भूषण राजन के निधन से समाजवादी पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई. पार्टी के कई नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया है. बताया गया कि रवि भूषण भी अखिलेश की 'PDA साइकिल यात्रा' में शामिल हुए थे. तब वो एकदम ठीक-ठाक थे. लेकिन अचानक से उनकी तबीयत बिगड़ी तो उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. 

सपा की साइकिल रैली पर क्या बोले अखिलेश?

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गौरतलब है कि, प्रदेश की सत्ता में बदलाव के लिए सपा की ओर से PDA यानी पिछड़ा, दलित और अगड़ा साइकिल यात्रा निकाली गई. इसे लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि PDA यात्रा में हर तबके के लोग शामिल हैं. अखिलेश ने कहा कि जहां हम पिछड़े, दलित अल्पसंख्यक- मुसलमान भाई की बात कर रहे हैं वहीं, PDA आधी आबादी और अगड़े समाज की भी बात कर रहा है. उन्होंने कहा कि ये साइकिल यात्रा भारतीय जनता पार्टी की पोल खोलने का काम करेगी. 

बकौल अखिलेश यादव- शायद देश में समाजवादियों की इकलौती यात्रा रही होगी जो 5 हजार किलोमीटर चल चुकी और कई हजार किलोमीटर और चलना है. उम्मीद है जिस संदेश को लेकर साइकिल यात्रा निकली है उसमें सफलता मिलेगी. 2024 में समाजवादी पार्टी ऐतिहासिक सीटें जीतेगी.

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लखनऊ: अखिलेश यादव की साइकिल यात्रा में सपा नेता को आया हार्ट अटैक, अस्पताल में तोड़ा दम - Aaj Tak
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Sunday, October 29, 2023

जुर्म का हिसाब! गाजियाबाद में बीटेक छात्रा को मोबाइल के लिए ऑटो से घसीटकर मारने वाला एनकाउंटर में ढेर - Aaj Tak

दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में बीटेक की छात्रा कीर्ति सिंह से मोबाइल लूटने वाले दूसरे आरोपी को यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. देर रात हुए एनकाउंटर में जितेंद्र उर्फ जीतू की मौत हो गई.

मसूरी थाना क्षेत्र में गंगनहर पटरी पर हुए मुठभेड़ में वो घायल हो गया था जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई. इस एनकाउंटर में  एक पुलिसकर्मी भी हुआ घायल हुआ है.

बता दें कि 27 अक्टूबर को बीटेक की छात्रा जब ऑटो से जा रही थी तब उसके साथ आरोपियों ने लूट करने की कोशिश की थी. इस दौरान छात्रा ऑटो से गिर गई थी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.

जीतू का हुआ एनकाउंटर

अब बीटेक की छात्रा के साथ लूट करने वाला दूसरा बदमाश मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है. एनकाउंटर में मारा गया आरोपी जितेंद्र ऊर्फ जीतू पर 9 मुकदमे दर्ज थे.

क्या है पूरा मामला

रिपोर्ट के मुताबिक 27 अक्टूबर को जब बाइक पर सवार बदमाशों ने ऑटो में बैठी बीटेक छात्रा कीर्ति सिंह से मोबाइल छीनने की कोशिश की तो उसने इसका विरोध किया. इसके बाद बदमाशों ने उसका हाथ खींचकर उसे ऑटो से गिरा दिया जिसके बाद कीर्ति 15 मीटर तक सड़क पर घिसटती रही.

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घायल होने के बाद कीर्ति को गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसके शरीर में दो फ्रैक्चर हुए थे जबकि सिर में भी गंभीर चोट आई थी. छात्रा को इलाज के बाद आईसीयू में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.

इस मामले में मसूरी थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर एक बदमाश को गिरफ्तार कर लिया था जबकि दूसरा फरार था. इसी फरार जीतू को पुलिस ने एनकाउंटर में अब ढेर कर दिया है.

हापुड़ की रहने वाली थी कीर्ति सिंह

बता दें कि मृतक कीर्ति सिंह हापुड़ शहर के पन्नापुरी इलाके की रहने वाली थी. वो गाजियाबाद के ABES इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक फर्स्ट ईयर की छात्रा थी. 27 अक्टूबर को कीर्ति कॉलेज से अपनी फ्रेंड दीक्षा के साथ ऑटो से घर लौट रही थी. 

दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर हुई थी लूट

दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर मसूरी थाना क्षेत्र में डासना फ्लाईओवर के पास बाइक सवार दो बदमाश उसके पीछे पड़ गए. उन्होंने ऑटो के पास अपनी बाइक धीमी की और कीर्ति के हाथ से मोबाइल छीनने लगे. कीर्ति ने मोबाइल नहीं छोड़ा और बदमाशों से भिड़ गई.

छीना-झपटी के दौरान बदमाशों ने छात्रा को ऑटो से बाहर खींच लिया और बदमाश मोबाइल लेकर फरार हो गए थे. इस दौरान कीर्ति सड़क पर घसीटती रही. घटना के बाद मसूरी थाने में काम करने वाले रविंद्र चंद्र पंत को सस्पेंड कर दिया गया था जबकि इस थाने में तैनात तीन इंस्पेक्टर को वहां से हटा दिया गया था.
 

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शिवसेना सांसद हेमंत पाटिल ने लोकसभा स्पीकर को भेजा इस्तीफा, जानें क्या है वजह - Aaj Tak

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र में चल रहे आंदोलन के समर्थन में शिवसेना सांसद हेमंत पाटिल ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेज दिया है. वहीं, मराठा आरक्षण पर फैसला लेने के लिए सरकार को 40 दिन का समय देने के बाद मनोज जारांगे पाटिल एक बार फिर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर चले गए हैं. रविवार (29 अक्टूबर) को उनके अनशन का पांचवां दिन है. उनकी हालत बिगड़ती जा रही है. जब वह रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उनके हाथ कांप रहे थे. मनोज जारांगे पाटिल ने हेमंत पाटिल के इस्तीफे पर कहा कि इस्तीफा देने के बजाय नेताओं को मुंबई जाना चाहिए. विशेष सत्र बुलाएं और आरक्षण लें. इस्तीफा देकर वे केवल मराठों को कमजोर कर रहे हैं.

उधर, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने मनोज जरांगे पाटिल के स्वास्थ्य पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ''मनोज जारांगे के साथ के लोगों को भी उनका थोड़ा ख्याल रखने की जरूरत है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद इस पर नजर रख रहे हैं. मुख्यमंत्री के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि जो भी सही निर्णय हो, वह हो, लिया जाए. इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भरोसा करना चाहिए.

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फड़नवीस ने कहा कि मीडिया कैमरों के सामने चर्चा नहीं की जा सकती. इस पर मनोज जारांगे ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि चर्चा के लिए आइए, मराठा आपको कहीं नहीं रोकेंगे. जब तक मैं बोल सकूं, चर्चा में आ जाऊंगा. बाद में आने का कोई फायदा नहीं. बस मुझे बताओ कि इस पर एक बार चर्चा होगी या नहीं.

मीडिया से बातचीत के दौरान मनोज जारांगे का हाथ कांप रहा था. वह हमेशा की तरह बात नहीं कर सकते थे इसलिए एक व्यक्ति उनके लिए माइक पकड़ रहा था. उन्होंने कहा कि हम 30-31 अक्टूबर तक इंतजार करेंगे. सरकार मानवता नहीं समझती. हम उन्हें जवाब देंगे. 

वहीं एनसीपी (शरद पवार गुट) के एक प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की और उनसे मराठा समुदाय के आरक्षण आंदोलन में राज्य सरकार को हस्तक्षेप करने का निर्देश देने का आग्रह किया. प्रतिनिधिमंडल में राकांपा की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले, राज्य राकांपा प्रमुख जयंत पाटिल और पार्टी नेता जितेंद्र अव्हाड शामिल थे. जयंत पाटिल ने कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेता सोमवार को फिर राज्यपाल से मिलेंगे. हम मांग करते हैं कि मराठा समुदाय को जल्द से जल्द आरक्षण दिया जाए. राज्यपाल को इस संबंध में राज्य और केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए. हमने राज्यपाल से स्थिति के बारे में केंद्र के साथ संवाद करने का आग्रह किया. 

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श्रीनगर: आतंकी हमले में पुलिस इंस्पेक्टर को लगी गोली, TRF ने ली जिम्मेदारी - Aaj Tak

श्रीनगर के ईदगाह में आतंकी हमला हुआ है. इस हमले में J&K पुलिस के एक इंस्पेक्टर घायल हो गए हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जानकारी दी कि ईदगाह के पास आतंकवादियों ने इंस्पेक्टर मसरूर अहमद पर गोलीबारी की और उन्हें घायल कर दिया. उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.

शुरुआती जांच से पता चला है कि इस टेरर अटैक में पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था. हमले के बाद इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और मामला दर्ज कर लिया गया है. 

CCTV खंगालने में जुटी पुलिस

सूत्रों की मानें तो पुलिसकर्मी उस वक्त क्रिकेट खेल रहे थे. इस हमले की जिम्मेदारी TRF-लश्कर ने ली है. अब पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है. 

इलाके में घेराबंदी 

गौरतलब है कि अज्ञात बंदूकधारियों ने ईदगाह में इंस्पेक्टर मसरूर को गोली मार दी. उन्हें इलाज के लिए एसएमएचएस अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया है. आतंकवादी हमले की आशंका वाले क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई है.

पाकिस्तान ने किया सीजफायर का उल्लंघन

इससे पहले बीते गुरुवार को भी जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान ने सीज फायर का उल्लंघन किया था. करीब ढाई साल बाद पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से फायरिंग की गई थी. जम्मू के अरनिया सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से ताबड़तोड़ फायरिंग की गई. इस दौरान बीएसएफ के ऊपर मोर्टार अटैक भी हुआ था. हालांकि वह दीवार में जाकर घुस गया. सेना भी इस हमला का मुंहतोड़ जवाब दे रही है. इस हमले में एक जवान घायल हुआ है. पाकिस्तान की तरफ से हो रही फायरिंग का वीडियो भी सामने आया था.

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BSF ने भी की जवाबी फायरिंग

जानकारी के मुताबिक गुरुवार देर शाम करीब 8 बजे पाकिस्तानी रेंजर्स की तरफ से अचानक फायरिंग कर दी गई. इसके बाद मोर्टार से भी हमला किया गया. इसके बाद बीएसएफ ने भी जवाबी फायरिंग शुरू कर दी. अरनिया सेक्टर में बॉर्डर से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों को सेना ने घरों के भीतर की रहने की सलाह दी थी.

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Saturday, October 28, 2023

'अब 20 नहीं 200 करोड़ दो, नहीं तो डेथ वारंट...', एक बार फिर मुकेश अंबानी को धमकी - Aaj Tak

देश के बड़े उद्योगपतियों में से एक मुकेश अंबानी को एक बार फिर धमकी मिली है. धमकी देने वाले ने ईमेल करके इस बार 200 करोड़ की मांग की है. इससे पहले उसने 20 करोड़ की मांग की थी. एक बार फिर उसी ईमेल अकाउंट से एक और मेल आया है.

ईमेल करने वाले ने इसमें कहा है कि अभी तक हमारे ईमेल का जवाब नहीं दिया है. इसलिए अब 200 करोड़ रुपये देने होंगे. ऐसा न किया तो ध्यान रहे कि डेथ वारंट पर सिग्नेचर हो चुके हैं. उसने ईमेल में लिखा “U have not responded to our email. Now the amount is 200 crore, otherwise the death warrant is signed”. 

27 अक्टूबर को भी मिली थी धमकी

इससे पहले धमकी देने वाले शख्स ने 27 अक्टूबर को भी एक मेल किया था. मुकेश अंबानी की कंपनी के ईमेल आईडी पर भेजे गए ईमेल में लिखा था, 'IF you don’t give us 20 crore rupees, we will kill you, we have the best shooters in India'.

गामदेवी पुलिस ने दर्ज की थी FIR

इस ईमेल के मिलने के बाद मुकेश अंबानी के सिक्योरिटी इंचार्ज की शिकायत पर मुंबई की गामदेवी पुलिस ने अज्ञात शख्स के खिलाफ IPC की धारा 387 और 506 (2) के तहत मामला दर्ज किया था. धमकी भरे इस ई-मेल में ये भी लिखा था कि पैसे नहीं देने पर वो मुकेश अंबानी पर हमला करवा सकता है, क्योंकि उसके पास देश के अच्छे शूटर्स हैं.

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पिछले साल भी मिली थी धमकी

इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में भी दक्षिण मुंबई के सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में एक शख्स ने फोन किया था. उसने अस्पताल को बम से उड़ाने की धमकी दी थी. तब कॉल करने वाले ने मुकेश अंबानी, नीता अंबानी, आकाश अंबानी और अनंत अंबानी का नाम लेकर उनकी जान लेने की भी धमकी दी थी. साथ ही मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया को भी उड़ाने की धमकी दी थी.

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Rojgar Mela 2023: पीएम मोदी ने 51000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र, 10 लाख नौकरियां देने का लक्ष्य - Aaj Tak

Rojgar Mela 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कार्यक्रम के माध्यम से हाल ही में भर्ती हुए 51,000 युवाओं को अपॉइंटमेंट लेटर सौंपे है. कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने रोज़गार मेले, एक नौकरी मेले की सफलता और युवाओं के रोजगार पर इसके महत्वपूर्ण प्रभाव पर भी ध्यान खींचा. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि रोजगार मेले के तहत अब तक लाखों युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र दिये जा चुके हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि रोजगार मेला पहल पिछले साल अक्टूबर में शुरू की गई थी और तब से इसे देश भर में केंद्रीय स्तर पर और भाजपा शासित राज्यों में अलग-अलग जगहों पर आयोजित किया गया है. रोजगार मेला देश भर में 37 अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है, जिससे विभिन्न केंद्रीय सरकारी विभागों के साथ-साथ राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों में भर्ती की सुविधा मिलती है.

दरअसल, ये नई भर्तियां विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में होंगी, जिनमें रेल मंत्रालय, डाक विभाग, गृह मंत्रालय, राजस्व विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय व अन्य सरकारी विभाग शामिल हैं.

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केंद्र सरकार की इस पहल (रोजगार मेला) से नई नौकरी के अवसरों के सृजन में तेजी आने, युवाओं को सशक्त बनाने और राष्ट्रीय विकास में उनकी भागीदारी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. रोजगार हासिल करने के अलावा, नवनियुक्त नियुक्तियों को कर्मयोगी प्रारंभ कार्यक्रम के माध्यम से अपने स्किल को बढ़ाने का मौका मिलेगा. यह आईजीओटी कर्मयोगी पोर्टल पर उपलब्ध एक ऑनलाइन मॉड्यूल है. यह पोर्टल 750 से अधिक ई-लर्निंग पाठ्यक्रमों तक पहुंच प्रदान करता है, जो विभिन्न उपकरणों पर लचीली और सुलभ शिक्षा को बढ़ावा देता है.

10 लाख नौकरियां देने का लक्ष्य
बता दें कि  रोजगार मेले की पहल पिछले साल 22 अक्टूबर से शुरू हुई थी. तब पीएम मोदी ने 10 लाख सरकारी नौकरियां प्रदान करने के लक्ष्य के साथ अभियान का उद्घाटन किया था. चल रहा यह प्रयास रोजगार को बढ़ावा देने और देश के कार्यबल की वृद्धि और विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. जैसे ही नियुक्ति पत्र बांटे जाते हैं, यह उन हजारों इच्छुक युवाओं के लिए आशा की किरण के रूप में काम करता है जो जल्द ही विभिन्न सरकारी क्षेत्रों में अपनी व्यावसायिक यात्रा शुरू करेंगे.

इससे पहले 26 सितंबर को आयोजित हुए रोजगार मेले के मौके पर पीएम मोदी ने विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नवनियुक्त 51,000 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपे थे. नियुक्ति पत्र वितरित करने के लिए देशभर में 46 जगहों पर रोजगार मेले का आयोजन किया गया था.

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Friday, October 27, 2023

Chandra Grahan 2023: भारत में कुछ ऐसा दिखाई देगा चंद्र ग्रहण का नजारा, इन गलतियों से बचें - Aaj Tak

इस साल 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. यह साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण भी होगा जो शरद पूर्णिमा के मौके पर पड़ रहा है. खास बात है कि यह पूर्ण नहीं बल्कि खंडग्रास चंद्र ग्रहण है, यानी यह आंशिक रूप में नजर आएगा. भारत समेत कई देशों में इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकता है. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाएगा. चंद्र ग्रहण और इसके सूतक काल के दौरान कुछ चीजों का ध्यान रखना भी काफी जरूरी है. 

आइए पहले आपको बताते हैं कि खंडग्रास यानी आंशिक रूप में चंद्र ग्रहण क्या है और कैसा नजर आता है. ज्योतिष एक्सपर्ट्स के अनुसार, 28 अक्टूबर शनिवार को भारत में लगने जा रहा चंद्र ग्रहण खंडग्रास रूप में देखा जाएगा. इसका अर्थ है कि चंद्रमा के ऊपर पृथ्वी की पूरी छाया नहीं पड़कर सिर्फ कुछ ही हिस्सों में पड़ेगी. इसी वजह से यह चंद्र ग्रहण आंशिक रूप में नजर आएगा. मान्यताओं के अनुसार, खंडग्रास यानी आंशिक चंद्र ग्रहण का धार्मिक महत्व भी होता है. इसी वजह से ही इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य होता है.

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खंडग्रास के अलावा पूर्ण चंद्र ग्रहण तब होता है, जब पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है और चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर लगाता है. इसके बीच एक ऐसा पल आता है, जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक दूसरे की सीध में होते हैं. इसी प्रक्रिया में पृथ्वी चंद्रमा को ढक लेती है, जिस वजह से चांद पर सूरज की रोशनी नहीं आती है. यह ग्रहण काफी प्रभावशाली माना जाता है.

वहीं जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया नहीं बल्कि उपछाया पड़ती है तो इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं. इसकी खासियत है कि चांद के आकार पर जरा भी फर्क नहीं पड़ता है. इसका असर सिर्फ ऐसा होता है कि चंद्रमा की रोशनी में थोड़ा धुंधलापन नजर आता है और चांद का रंग सफेद की जगह मटमैला दिखता है.

चंद्र ग्रहण के दौरान इन चीजों में बरते सावधानियां
ज्योतिष एक्सपर्ट्स के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियां बरतने की जरूरत होती है. खासतौर पर गर्भवती महिलाएं सूतक काल से ही घर के बाहर कदम न रखें. गर्भवती महिलाओं के अलावा अन्य लोग भी चंद्र ग्रहण या उसके सूतक काल में बाहर निकलने से बचाव करें. 

दरअसल, वैदिक शास्त्र में कहा गया है कि चंद्र ग्रहण के दौरान घर से बाहर इसलिए नहीं जाना चाहिए, क्योंकि ग्रहण काल में चंद्रमा की किरणें दूषित हो जाती हैं. इस वजह से बाहर जाने वाले शख्स पर इसका नकारात्मक असर भी पड़ सकता है. 

एक्सपर्ट्स की मानें तो चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को नुकीली वस्तु जैसे सुई, चाकू, कैंची भी नहीं रखनी चाहिए. साथ ही चंद्र ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए गर्भवती स्त्रियों को अपने गर्भ को काले धागे से बांध देना चाहिए. 

वहीं चंद्र ग्रहण के दौरान सामान्य लोग भी इन नियमों का पालन करें. भगवान की पूजा-पाठ में ध्यान दें. हालांकि, पूजा-अर्चना के दौरान किसी भी मूर्ति को हाथ नहीं लगाना है. इसके साथ ही ग्रहण काल में खाना खाने से भी बचाव करें. अगर खाने को ग्रहण के असर से बचाना चाहते हैं तो पकाते समय उसमें पवित्र तुलसी के पौधे की पत्तियां डाल दें.

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Thursday, October 26, 2023

कतर में फांसी की सजा पाए जाने वाले पूर्व नौसैनिकों को क्या मोदी सरकार बचा सकती है? यहां जानिए सारे कानूनी विकल्प - Jansatta

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Wednesday, October 25, 2023

Bihar Result : सप्लीमेंट्री रिजल्ट पर बीपीएसएसी अध्यक्ष ने कर दिया साफ; मौजूदा रिजल्ट में भी छंटनी करेगा आयोग - अमर उजाला

BPSC Teacher Cut off marks and filtering of BPSC TRE result under process, BPSC teacher supplementary result

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स

विस्तार

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं। इस बीच बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने साफ कहा है कि जो रिजल्ट जारी किया गया है, वह अंतिम नहीं है। जारी किए गए रिजल्ट में से अयोग्य की छंटनी भी होगी और उसके बाद खाली हुई सीटों पर सप्लीमेंट्री रिजल्ट भी जारी किया जाएगा। इसके साथ ही अध्यक्ष ने यह भी कहा है कि अंदाज पर आकलन नहीं कर, लोग कट ऑफ का इंतजार करें। आयोग बहुत जल्द शिक्षक भर्ती परीक्षा के सभी पेपर का कट-ऑफ जारी करेगा।

बता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग ने अब तक प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक वर्ग के लिए परीक्षा देने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी कर दिया है। सबसे पहले उच्च माध्यमिक के रिजल्ट जारी किए गए। इसके बाद प्राइमरी के। शनिवार को उच्च माध्यमिक के चार विषय और नौवीं-दसवीं के 10 विषयों के शिक्षकों का परिणाम जारी किया गया। नौवीं और दसवीं में गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, बांग्ला, अरबी और फारसी विषयों के शिक्षकों की सूची आयोग ने अब जारी की है। हिंदी में 4242, बांग्ला में तीन, उर्दू में 1612, अरबी में चार, फारसी में 12, अंग्रेजी में 4001, विज्ञान में 4588, गणित में 4480 और सामाजिक विज्ञान में 5397 शिक्षक चयनित हुए। बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद में सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी।

निर्धारित सीट से कम अभ्यर्थी माध्यमिक में हुए सफल
उच्च माध्यमिक स्कूलों के तरह ही माध्यमिक में भी कई विषयों में निर्धारित सीट से कम अभ्यर्थी सफल हो सके हैं। माध्यमिक में कुल 32,916 सीट पर भर्ती निकाली गई थी। इसमें से 26,204 अभ्यर्थी ही पास कर पाए। विज्ञान, अग्रेजी और हिंदी विषय में शिक्षक हीं नहीं मिले। 


इन परीक्षाओं का भी परिणाम आया, यहां देखें रिजल्ट

प्राइमरी में हिन्दी माध्यम के 62653 अभ्यर्थी पास
इससे बीपीएससी ने बुधवार देर रात प्राइमरी स्कूल के लिए परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी कर दिया था। इसमें 62653 अभ्यर्थी हिन्दी माध्यम, 7797 अभ्यर्थी उर्दू और 1969 अभ्यर्थी बांग्ला माध्यम में सफल हुए। आयोग ने प्राइमरी स्कूल में 72419 का रिजल्ट दिया है। साथ ही पास हुए अभ्यर्थियों के लिए जिला भी आवंटित कर दिए गए। हालांकि, आयोग ने अब तक किसी वर्ग के रिजल्ट में कटऑफ जारी नहीं किया है। 

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Bihar Result : सप्लीमेंट्री रिजल्ट पर बीपीएसएसी अध्यक्ष ने कर दिया साफ; मौजूदा रिजल्ट में भी छंटनी करेगा आयोग - अमर उजाला
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One Nation One Election: वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर हुई बैठक, लॉ कमीशन ने कहा- 2024 के चुनाव में इसे - ABP न्यूज़

One Nation One Election Meeting: देश में 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर बुधवार (25 अक्टूबर) को पूर्व राष्‍ट्रपत‍ि रामनाथ कोव‍िंंद की अध्‍यक्षता में सम‍ित‍ि की दूसरी बैठक हुई. इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व सॉल‍िसिटर जनरल हरीश साल्वे, जम्‍मू-कश्‍मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद के अलावा विध‍ि आयोग के चेयरमैन ऋतु राज अवस्थी मौजूद रहे.इस दौरान लॉ कमीशन की ओर से एक पूरा रोडमैप पेश किया गया.

सूत्रों ने बताया कि बैठक में लॉ कमीशन ने जानकारी दी है कि वन नेशन, वन इलेक्शन को अगर देश में लागू करना है तो उसके लिए कानून और संविधान में क्या संशोधन करने पड़ेंगे. 

'2024 के चुनाव में मुमकिन नहीं' 
सूत्रों के मुताबिक, कमीशन ने कमेटी को बताया कि फिलहाल 2024 के चुनाव में वन नेशन वन इलेक्शन को लागू करना मुमकिन नहीं है, लेकिन 2029 में इसको लागू किया जा सकता है. उससे पहले संविधान में संशोधन करना होगा. 

सम‍ित‍ि ने अपनी दूसरी बैठक में इस बार लॉ कमीशन के चेयरमैन को भी शाम‍िल होने के ल‍िए आमंत्र‍ित किया था. सम‍ित‍ि जानना चाहती है क‍ि देश में एक साथ चुनाव किस तरह से करवाए जा सकते हैं. इसल‍िए व‍िध‍ि आयोग के सुझाव और विचार जानने के लिए बुलाया गया था. 

पूर्व राष्‍ट्रपत‍ि की अध्‍यक्षता में गठ‍ित की थी कमेटी

केंद्र सरकार की ओर से शनिवार (2 सितंबर) को 'वन नेशन, वन इलेक्‍शन' पर किस तरह से काम किया जाए, इसको लेकर 8 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी का अध्‍यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को नियुक्त किया गया था. वहीं, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शाम‍िल किया गया.

इसके अलावा कमेटी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा के पूर्व नेता प्रत‍िपक्ष गुलाम नबी आजाद, वित्त कमीशन के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी कश्यप, पूर्व सॉल‍िस‍िटर जनरल हरीश साल्वे और पूर्व सीवीसी संजय कोठारी सदस्य के रूप में नियुक्त किये गए. हालांकि इसके बाद अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि वो कमेटी में शामिल नहीं होंगे.

यह भी पढ़ें: One Nation One Election: 2029 में एक साथ होंगे लोकसभा और विधानसभा चुनाव? जानें विधि आयोग के किस फॉर्मूले पर चल रही चर्चा

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One Nation One Election: वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर हुई बैठक, लॉ कमीशन ने कहा- 2024 के चुनाव में इसे - ABP न्यूज़
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'हमास को आतंकी संगठन घोषित करे भारत', जंग के बीच बोले इजरायल के राजदूत - Aaj Tak

हमास-इजरायल जंग में कई देशों की एंट्री हो चुकी है. अमेरिका और ब्रिटेन जहां इजरायल का खुले तौर पर समर्थन कर चुके हैं और कह चुके हैं कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है, वहीं ईरान औऱ तुर्की हमास के पक्ष में खड़े दिख रहे हैं. तुर्की ने तो यहां तक कह दिया कि हमास आतंकी संगठन नहीं, बल्कि एक मुक्ति समूह है जो अपनी ज़मीन की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहा है. वहीं, भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि भारत में भी हमास को आधिकारिक तौर पर एक आतंकवादी संगठन के रूप में घोषित कर दिया जाए.

नाओर गिलोन ने कहा कि मेरा मानना है कि अधिकांश लोकतंत्र, यूरोपीय संघ, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया पहले ही ऐसा कर चुके हैं और मुझे लगता है कि यह सही फैसला भी है. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को हमास पर दबाव डालना चाहिए कि वह युद्ध के दौरान बंधक बनाए गए लोगों को रिहा करे.

इजराइल के राजदूत ने कहा कि पीएम मोदी स्पष्ट बयान देने वाले दुनिया के पहले नेताओं में से एक हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने आतंकवाद की कड़ी निंदा करने के लिए मजबूती से आवाज उठाई है. यह हमारे लिए महत्वपूर्ण और सराहनाभरा कदम है. भारत हमारा बहुत करीबी सहयोगी है. भारत दुनियाभर में अहम स्थान रखता है. जब आतंक की बात आती है, तो भारत इसका दर्द समझता है. क्योंकि वह कई साल से आतंक का दंश झेल रहा है.

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बता दें कि आज तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन ने हमास आतंकवादी संगठन नहीं, बल्कि एक मुक्ति समूह है जो अपनी ज़मीन की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहा है. एर्दोगन ने कहा कि हमास देशभक्त संगठन है. जो अपने क्षेत्रों और लोगों की रक्षा करता है. देश की संसद में अपनी पार्टी के सांसदों को संबोधित करते एर्दोगन ने कहा कि वे योद्धा (मुजाहिद) हैं, हम इज़राइल के ऋणी नहीं हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं इज़राइल नहीं जाऊंगा.
 

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'हमास को आतंकी संगठन घोषित करे भारत', जंग के बीच बोले इजरायल के राजदूत - Aaj Tak
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Tuesday, October 24, 2023

मणिपुर CM बोले- अवैध प्रवासियों को कभी नहीं अपनाएंगे: ट्राइबल लीडर्स फोरम का आरोप- मुख्यमंत्री ही जातीय दंग... - Dainik Bhaskar

इम्फाल5 घंटे पहले

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ITLF ने सरकार से सवाल भी किया कि AFSPA को केवल घाटी क्षेत्रों से क्यों हटाया गया, पहाड़ी जिलों से क्यों नहीं? - Dainik Bhaskar

ITLF ने सरकार से सवाल भी किया कि AFSPA को केवल घाटी क्षेत्रों से क्यों हटाया गया, पहाड़ी जिलों से क्यों नहीं?

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार 24 अक्टूबर को कहा कि उनकी सरकार राज्य में अवैध अप्रवासियों को कभी नहीं अपनाएगी। राज्य में रह रहे 34 स्वदेशी समुदायों को अपने ऐतिहासिक संबंधों को बनाए रखना चाहिए।

सीएम ने आगे कहा कि कुछ विदेशी संगठन राज्य को टारगेट करने की साजिश रच रहे हैं। हालांकि राज्य सामान्य स्थिति की तरफ बढ़ रहा है। जल्द ही यहां के लोग खुशी से रहेंगे।

वहीं, कुकी-जो समुदाय के संगठन इंडीजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने सीएम पर आरोप लगाया कि मणिपुर के मुख्यमंत्री ही राज्य में जातीय दंगे भड़का रहे हैं। उन्होंने सरकार से सवाल भी किया कि AFSPA को केवल घाटी क्षेत्रों से क्यों हटाया गया, पहाड़ी जिलों से क्यों नहीं?

म्यांमार के उग्रवादी संगठन के दो सदस्य गिरफ्तार

भारत म्यांमार सीमा के पास से पकड़े गए उग्रवादियों के कब्जे से भारी संख्या में गोला-बारूद मिला है।

भारत म्यांमार सीमा के पास से पकड़े गए उग्रवादियों के कब्जे से भारी संख्या में गोला-बारूद मिला है।

मणिपुर के चुराचांदपुर से मंगलवार को म्यांमार के उग्रवादी संगठन चिन कुकी लिबरेशन आर्मी (CKLA) के दो सदस्य गिरफ्तार किए गए। मणिपुर पुलिस ने बताया कि दोनों उग्रवादियों को भारत-म्यांमार सीमा के पास चलजंग से पकड़ा गया है।

उन्होंने बताया कि उनके कब्जे से AK-47, इंसास, स्नाइपर और M-16 राइफलों सहित 2.5 किलोग्राम अफीम और 4.86 लाख रुपए कैश बरामद किए गए। इससे पहले, 23 अक्टूबर को पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक अन्य उग्रवादी को भी गिरफ्तार किया था।

RSS चीफ का दावा- मणिपुर में हो रही हिंसा सोची-समझी साजिश
RSS चीफ मोहन भागवत ने मंगलवार 24 अक्टूबर को दावा किया कि मणिपुर में हो रही हिंसा सोची-समझी साजिश है। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय सालों से एक साथ रहते हैं। इनके बीच सांप्रदायिक आग कैसे लगी? क्या हिंसा करने वाले लोगों में सीमा पार के कट्टरपंथी भी थे?

वहां सालों से सबकी सेवा करने वाले संघ जैसे संगठन को बिना कारण इसमें घसीटा गया। मणिपुर में अशांति और अस्थिरता से विदेशी सत्ता को फायदा हो सकता है। देश में मजबूत सरकार के होते हुए भी यह हिंसा किनके बलबूते इतने दिनों से चल रही है? इससे साफ है कि यह हो नहीं रहा है, करवाया जा रहा है। पूरी खबर पढ़ें...

मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है। इसमें अभी तक 180 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है। इसमें अभी तक 180 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

मणिपुर के बॉर्डर एरिया में फोर्स बढ़ाई गई
मणिपुर के बॉर्डर एरिया में पिछले एक हफ्ते में पुलिस कमांडो की संख्या बढ़ा दी गई है। हालांकि इसके खिलाफ म्यांमार की सीमा से लगे मोरे शहर में आदिवासी महिलाओं के एक वर्ग ने प्रदर्शन भी किया।

आदिवासी संगठनों​​ कुकी इंपी और कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (COTU) ने 22 अक्टूबर को यह दावा किया था कि शहर में इंफाल घाटी से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया जा रहा है। इससे शांति भंग हो सकती है।

उन्होंने यह भी दावा किया था कि शहर के बफर जोन में पैरामिलिट्री फोर्स और इंडियन आर्मी के जवान काफी संख्या में तैनात हैं। इसके बावजूद कुकी बहुल शहर टेंग्नौपाल जिले के मोरेह में रात को हेलिकॉप्टर से अतिरिक्त मैतेई पुलिस की तैनाती की जा रही है। पूरी खबर पढ़ें...

हिंसा के चलते मणिपुर में सैकड़ों परिवारों को अपने घर छोड़कर सरकारी कैम्प में शरण लेनी पड़ी है।

हिंसा के चलते मणिपुर में सैकड़ों परिवारों को अपने घर छोड़कर सरकारी कैम्प में शरण लेनी पड़ी है।

मणिपुर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की अनुमति मिली
तीन दिन पहले मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य के आदिवासी संगठनों को 27 मार्च के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दी थी। आदेश में राज्य सरकार को निर्देश दिया गया था कि वह ​​मैतेई समुदाय को ST दर्जा देने के लिए सिफारिश भेजे।

जस्टिस अहनथेम बिमोल और जस्टिस गुणेश्वर शर्मा की बेंच ने कहा था याचिकाकर्ता की मुख्य शिकायत यह है कि अगर उन्हें मैतेई समुदाय को ST दर्जा देने के मामले में अपनी बात कहने या आपत्ति उठाने का मौका नहीं दिया गया तो इसका विपरीत असर पड़ेगा। पूरी खबर पढ़ें...

मणिपुर में अब तक 180 से ज्यादा की मौत, 1100 घायल
मणिपुर में पिछले 5 महीने से चल रही जातीय हिंसा में अब तक 180 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इतना ही नहीं, 5172 आगजनी के केस सामने आए, जिनमें 4786 घरों और 386 धार्मिक स्थलों को जलाने और तोड़फोड़ करने की घटनाएं शामिल हैं।

हिंसा के बाद 65 हजार से ज्यादा लोगों ने घर छोड़ा
मणिपुर में अब तक 65 हजार से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी और 40 IPS तैनात किए गए हैं। पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में कुल 129 चौकियां स्थापित की गई हैं।

4 पॉइंट्स में जानिए क्या है मणिपुर हिंसा की वजह...

मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।

मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया।

नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा।

सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।

मणिपुर हिंसा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें...

मणिपुर में युवक को जिंदा जलाने का वीडियो सामने आया:ITLF का दावा- यह मई की घटना; DGP बोले- अभी पता चला, जांच करा रहे

मणिपुर में रविवार को कुकी समुदाय के युवक को जिंदा जलाने का वीडियो सामने आया है। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फ्रंट (ITLF) के प्रवक्ता घिन्जा ने ये वीडियो शेयर किया है। उन्होंने कहा कि वीडियो मई का है, लेकिन ये अभी सामने आया है। पढ़ें पूरी खबर...

पहले सरकार को सपोर्ट, अब खिलाफ हुए मैतेई:कुकी एरिया में दो स्टूडेंट का मर्डर, परिवार बोला- पुलिस डरकर उन्हें ढूंढने नहीं गई

3 मई, 2023 से मणिपुर में हो रही हिंसा 5 महीने बाद नए मोड़ पर है। शुरुआत में मैतेई समुदाय CM बीरेन सिंह और सरकार का खुलकर सपोर्ट कर रहा था, अब खिलाफ है। वजह 17 साल की लड़की और 20 साल के फिजाम हेमनजीत की हत्या है। पूरी खबर यहां पढ़ें...

NIA-CBI ने कहा- मणिपुर में हर गिरफ्तारी सबूतों पर आधारित:इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फ्रंट ने एजेंसियों पर पक्षपात के आरोप लगाए थे

मणिपुर में हर गिरफ्तारी सबूत के आधार पर की गई है। NIA और CBI ने 2 अक्टूबर को यह बात कही। दोनों एजेंसियों ने इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फ्रंट (ITLF) की ओर से लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि किसी भी समुदाय, धर्म या संप्रदाय के खिलाफ कोई पक्षपात नहीं किया गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें...

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मणिपुर CM बोले- अवैध प्रवासियों को कभी नहीं अपनाएंगे: ट्राइबल लीडर्स फोरम का आरोप- मुख्यमंत्री ही जातीय दंग... - Dainik Bhaskar
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राजस्थान में 15 दिन में 244 करोड़ कैश बरामद: अफसर बोले- शराब, सोना, ड्रग्स को मिलाकर इस साल 1000 करोड़ से ज... - Dainik Bhaskar

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नई दिल्ली2 घंटे पहले

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राजस्थान में साल 2021 में 322 करोड़ रुपए और 2022 में 347 करोड़ रुपए बरामद हुए थे। साल 2023 में राज्य में 1,021 करोड़ से ज्यादा की बरामदगी हुई है। - Dainik Bhaskar

राजस्थान में साल 2021 में 322 करोड़ रुपए और 2022 में 347 करोड़ रुपए बरामद हुए थे। साल 2023 में राज्य में 1,021 करोड़ से ज्यादा की बरामदगी हुई है।

राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले एजेंसियों ने पिछले 15 दिनों में 244 करोड़ रुपए का कैश जब्त किया है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस, इनकम टैक्स, प्रवर्तन एजेंसियों ने अवैध नकदी, शराब, ड्रग्स, सोना, चांदी की जब्ती में नया रिकॉर्ड बनाया है।

राज्य में 2023 में 1,021 करोड़ से ज्यादा की बरामदगी हुई है। यह जब्ती पिछले साल के मुकाबले तीन गुना है। राजस्थान में साल 2021 में 322 करोड़ रुपए और 2022 में 347 करोड़ रुपए बरामद हुए थे।

20 करोड़ कीमत की 10 लाख लीटर से ज्यादा शराब भी पकड़ाई
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने कहा कि जून से चुनाव आयोग सभी प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। तब से हमने 648 करोड़ रुपए की नकदी और अन्य चीजें जब्त की हैं। 9 अक्टूबर से अब तक यानी पिछले 15 दिनों में 244 करोड़ रुपए की नकदी और अन्य चीजें जब्त की गई हैं। पुलिस, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और अन्य एजेंसियों ने 39.30 करोड़ का कैश जब्त किया। इसके अलावा 20.12 करोड़ कीमत की 10.60 लाख लीटर से ज्यादा की अवैध शराब जब्त की गई।

प्रवीण गुप्ता ने बताया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), पुलिस और अन्य एजेंसियों ने 46.76 करोड़ रुपए की दवाएं और साइकोट्रोपिक (नशीले) पदार्थ जब्त किए। पुलिस, आयकर विभाग और सीमा शुल्क विभाग ने 30.40 करोड़ रुपए का सोना, चांदी और अन्य कीमती मेटल जब्त किया। 84.22 करोड़ रुपए की अन्य चीजें भी जब्त की गई हैं।

राजस्थान में अलग-अलग जगह की गई कार्रवाई में सोना और चांदी भी जब्त की गई।

राजस्थान में अलग-अलग जगह की गई कार्रवाई में सोना और चांदी भी जब्त की गई।

किस जिले से कितनी बरामदगी हुई
अलवर में 14 दिनों में 3 करोड़ 30 लाख रुपए की अवैध शराब बरामद की गई है। इसी तरह बाड़मेर में 10 करोड़ की शराब और साढ़े 7 करोड़ का डोडा-पोस्त, अफीम आदि जब्त की गई है। भीलवाड़ा पुलिस ने पिछले 14 दिन में 12 लाख रुपए की अवैध शराब, 11 करोड़ रुपए की अफीम, गांजा और डोडा पकड़ा है।

चित्तौड़गढ़ पुलिस ने 14 दिन में 9 करोड़ रुपए की अवैध शराब, 7.50 करोड़ रुपए के मादक पदार्थ बरामद किए हैं। जोधपुर पुलिस ने पिछले 14 दिन में साढ़े 9 करोड़ रुपए की अ‌वैध शराब और 5 करोड़ रुपए के मादक पदार्थ बरामद किए हैं। कोटा पुलिस ने 4 करोड़ रुपए की अवैध शराब, 1.60 करोड़ रुपए का अफीम और डोडा-पोस्त पकड़ा है। जालोर पुलिस ने 1 करोड़ रुपए की अवैध शराब बरामद की है।

एक्शन लेने वालों को मिलेगा पुरस्कार
IG विकास कुमार ने बताया कि इस पूरे सिस्टम के लिए तस्करों की ट्रैकिंग का भी सि​स्टम बनाया गया है। यानी कोई तस्कर डोडा-पोस्त या शराब लेकर अलग-अलग थानों से गुजरते हुए जयपुर या अजमेर में पकड़ा जाता है तो पता लगाया जाता है कि ये कौन-कौन से जिले और थानों से गुजरा।

इसके बाद संबंधित चेक पोस्ट पर तैनात अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। पिछले दिनों भी इस तरह की कार्रवाई करते हुए 4 एसपी को बदला गया था।

उन्होंने कहा कि रिव्यू के बाद बताया जाता है कि कौन सा जिला टॉप 5 में है। कौन काम नहीं कर रहा है। उन्होंने बताया कि फील्ड में काम करने वाले बेहतर पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को पुरस्कार दिया जाएगा। टीम को भी डीजीपी ऑफिस में बुलाकर सम्मानित किया जाएगा।

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Monday, October 23, 2023

MP Congress List: मध्य प्रदेश की इस एक सीट पर कांग्रेस ने घोषित किया उम्मीदवार, जानें किसे - ABP न्यूज़

MP Election 2023 News: कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की आमला विधानसभा सीट के लिए उम्मीदवार का एलान कर दिया है. इस सीट से पार्टी ने मनोज मालवे को टिकट दिया है. 230 विधानसभा में से कांग्रेस ने सभी 230 पर अपने उम्मीदवार का एलान कर दिया है. हालांकि, सूत्रों की मानें अभी करीब आधा दर्जन सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार बदल सकती है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों में उम्मीदवारों के एलान के बाद विरोध हो रहा है.

सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दल कांग्रेस से टिकट पाने में नाकाम रहे आकांक्षी प्रत्याशियों के समर्थकों ने रविवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, दोनों दलों ने इस नाराजगी को तूल नहीं देने की कोशिश की. बीजेपी ने 17 नवंबर को 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए होने वाले चुनाव के लिए अब तक 228 सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.

भोपाल में, पूर्व बीजेपी विधायक व पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता के समर्थकों ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वी.डी. शर्मा के सामने नारे लगाए और भोपाल दक्षिण पश्चिम सीट से पार्टी प्रत्याशी बनाए गए भगवानदास सबनानी को बदलने की मांग की. भोपाल दक्षिण पश्चिम से बीजेपी के कई पदाधिकारियों ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर उमाशंकर गुप्ता को प्रत्याशी बनाने की मांग की. टीकमगढ़ से पूर्व बीजेपी विधायक के.के. श्रीवास्तव ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को संबोधित पत्र लिखकर टिकट वितरण पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.        

ग्वालियर में, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार माने जाने वाले बीजेपी नेता मुन्नालाल गोयल के समर्थकों ने रविवार को सिंधिया परिवार के जय विलास पैलेस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. वे गोयल को टिकट नहीं दिए जाने से नाराज हैं. प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए ज्योतिरादित्य, सिंधिया पैलेस के द्वार तक पहुंचे और  कहा कि वह उनके और गोयल के साथ हैं. विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर, प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि क्षणिक आवेश के कारण छिटपुट प्रदर्शन हुए. उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस के विपरीत, बीजेपी कार्यकर्ता राष्ट्रवादी विचारधारा और गरीबों के कल्याण के लिए काम करते हैं. पिछले पांच दिनों से कांग्रेस खेमे में विरोध प्रदर्शन हो रहा है.’’

बड़नगर से मौजूदा कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के समर्थकों ने मोरवाल को टिकट नहीं मिलने के बाद, कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ के भोपाल स्थित आवास के सामने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने बड़नगर से कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र सिंह सोलंकी को बदलने की मांग की और टायरों में आग लगा दी. भोपाल के गोविंदपुरा और विदिशा के कुरवाई के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी भोपाल में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) कार्यालय पर प्रदर्शन किया. प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने कहा कि टिकटों का वितरण बहुत सफल रहा है और ‘पूरे राज्य से सकारात्मक संकेत आ रहे हैं’. उन्होंने कहा, ‘‘ये विरोध बहुत मामूली हैं. यह पारिवार के भीतर का मामला है जिसे सुलझा लिया जायेगा.’’

MP Election 2023: बीजेपी ने छह बार जीते पारस जैन को नहीं दिया टिकट, पूर्व मंत्री बोले- 'इस बात का मलाल...'

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CJI चंद्रचूड़ बोले- इतिहास में लीगल सिस्टम का मिसयूज हुआ: इसे अन्याय-भेदभाव के लिए हथियार बनाया, हाशिए पर र... - Dainik Bhaskar

मैसाचुसेट्स2 घंटे पहले

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CJI चंद्रचूड़ ने रविवार को छठवीं ‘इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन द अनफिनिश्ड लेगेसी ऑफ डॉ. बीआर अंबेडकर’ को संबोधित किया। - Dainik Bhaskar

CJI चंद्रचूड़ ने रविवार को छठवीं ‘इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन द अनफिनिश्ड लेगेसी ऑफ डॉ. बीआर अंबेडकर’ को संबोधित किया।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि लीगल सिस्टम को हाशिए पर रहे समुदायों को दबाने के हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका में भेदभाव करने वाले कानूनों के बनने से गुलामी प्रथा को बढ़ावा मिला। जिम क्रॉ के कानूनों के जरिए स्थानीय लोगों को निशाना बनाया गया।’

उन्होंने आगे कहा- अमेरिका और भारत दोनों देशों में लंबे समय तक कई समुदायों को वोट डालने का अधिकार नहीं दिया गया। इस तरह कानून का इस्तेमाल पावर स्ट्रक्चर को बनाए रखने और भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए किया गया।

इसका खामियाजा हाशिए पर रहे समुदायों को लंबे समय तक उठाना पड़ा। समाज में होने वाले भेदभाव और अन्याय को सामान्य माना जाने लगा। कुछ समुदाय समाज की मुख्य धारा से अलग हो गए। इसके चलते हिंसा और बहिष्कार की घटनाएं हुईं।

आने वाली पीढ़ियों को भी हो सकता है नुकसान: CJI चंद्रचूड़
CJI चंद्रचूड़ ने यह बातें रविवार को छठवीं ‘इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन द अनफिनिश्ड लेगेसी ऑफ डॉ. बीआर अंबेडकर’ में कहीं। इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन अमेरिका की ब्रैंडिस यूनिवर्सिटी में हुआ।

इस दौरान उन्होंने कहा है कि लीगल सिस्टम ने हाशिए पर रहे समुदायों के खिलाफ इतिहास में हुई गलतियों को कायम रखने में अहम भूमिका निभाई। हाशिए पर रहने वाले सोशल ग्रुप्स को भेदभाव, पूर्वाग्रह और गैर-बराबरी का शिकार होना पड़ा। CJI ने आगे कहा कि भेदभाव वाले कानूनों के पलटे जाने के बाद भी कई पीढ़ियों को इनका नुकसान उठाना पड़ सकता है।

ब्रैंडिस यूनिवर्सिटी में हुई इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में CJI डीवाई चंद्रचूड़ मुख्य वक्ता के तौर पर बुलाए गए थे।

ब्रैंडिस यूनिवर्सिटी में हुई इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में CJI डीवाई चंद्रचूड़ मुख्य वक्ता के तौर पर बुलाए गए थे।

CJI बोले- गुलामी प्रथा के चलते लाखों अफ्रीकी लोगों ने देश छोड़ा
CJI ने कहा कि गुलामी की प्रथा के चलते लाखों अफ्रीकन लोगों को अपना देश छोड़ना पड़ा। अमेरिका के स्थानीय लोगों को अपनी जमीन छोड़कर जाना पड़ा। भारत में जाति प्रथा के चलते निचली जातियों के लाखों लोगों को शोषण का शिकार होना पड़ा। महिलाओं, LGBT समुदाय और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को दबाया गया। इतिहास अन्याय के ऐसे उदाहरणों से भरा हुआ है।

अधिकार मिलने के बाद भी महिलाओं के साथ हिंसा हो रही: CJI
CJI ने कहा कि भारत में आजादी के बाद शोषण सहने वाले समुदायों के लिए कई नीतियां बनाई गईं। उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और रिप्रजेंटेशन के मौके दिए गए। हालांकि, संवैधानिक अधिकारों के बावजूद समाज में महिलाओं को भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। जाति के आधार पर होने वाले भेदभाव पर बैन लगने के बाद भी पिछड़े समुदायों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं सामने आती हैं।

CJI चंद्रचूड़ बोले- बुरा संविधान भी अच्छा बन सकता है
चीफ जस्टिस ने कहा ने कहा कि अंबेडकर कहते थे - संविधान चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर वे लोग खराब निकलें, जिन्हें संविधान को अमल में लाने का काम सौंपा जाएगा तो संविधान का खराब साबित होना तय है। वहीं, संविधान चाहे कितना भी खराब क्यों न हो, अगर जिन लोगों को इसे अमल में लाने की जिम्मेदारी दी गई है, वे अच्छे हैं तो संविधान का अच्छा साबित होना तय है।

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CJI बोले- सबको मूर्ख बना सकते हैं, खुद को नहीं:वकीलों से कहा- कानूनी पेशा फलेगा-फूलेगा या खत्म होगा, ये आपकी ईमानदारी पर निर्भर

​​​​​​​चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने सितंबर में कहा कि हम सबको मूर्ख बना सकते हैं, लेकिन खुद को नहीं। हमारा कानूनी पेशा फलेगा-फूलेगा या खत्म हो जाएगा, ये इस बात पर निर्भर करता है कि हम अपनी ईमानदारी बरकरार रखते हैं या नहीं। ईमानदारी कानूनी पेशे का मुख्य स्तंभ है। यह एक आंधी से नहीं मिटती है, यह छोटी-छोटी रियायतों और समझौतों से मिटती है जो एडवोकेट और जज कई बार अपने क्लाइंट को देते हैं। पूरी खबर पढ़ें...

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वाघ बकरी चाय के मालिक पराग देसाई का 49 वर्ष की आयु में निधन - NDTV India

वाघ बकरी चाय के मालिक पराग देसाई का 49 वर्ष की आयु में निधन

पराग देसाई को गिर जाने के कारण सिर में चोट लगने के बाद ब्रेन हैमरेज हो गया था...

नई दिल्ली:

चाय कंपनी वाघ बकरी के एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर (कार्यकारी निदेशक) पराग देसाई का 49 वर्ष की आयु में रविवार को देहावसान हो गया. कंपनी ने यह घोषणा सोशल मीडिया पर की है. उन्हें गिर जाने के कारण सिर में चोट लगने के बाद ब्रेन हैमरेज हो गया था.

कंपनी ने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, "बेहद दुःख के साथ हम अपने प्रिय पराग देसाई के दुःखद निधन की सूचना दे रहे हैं..."

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पराग देसाई को अपने घर के पास ही गिर जाने की वजह से सिर में लगी गंभीर चोट के उपचार के लिए पिछले सप्ताह अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. मिली ख़बरों के मुताबिक, पराग देसाई के साथ यह हादसा उस वक्त हुआ था, जब आवारा कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया था.

वाघ बकरी के एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर के निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट X (अतीत में ट्विटर) पर लिखा, "बहुत दुःखद ख़बर मिली है... वाघ बकरी चाय के निदेशक और मालिक पराग देसाई का निधन हो गया है... गिरने के बाद उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ... परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें... मेरी संवेदनाएं समूचे भारत में फैले वाघ बकरी परिवार के साथ हैं..."

वाघ बकरी चाय ग्रुप के बोर्ड में मौजूद दो कार्यकारी निदेशकों में से एक पराग देसाई के नेतृत्व में ही चाय लाउन्ज और ई-कॉमर्स के क्षेत्र में कामयाबी से प्रवेश के लिए कंपनी ने बदलाव किए थे. पराग देसाई ग्रुप के सेल्स, मार्केटिंग और एक्सपोर्ट विभागों के भी प्रमुख थे. पराग विशेषज्ञ टी टेस्टर (चखकर चाय परखने वाले) और मूल्यांकनकर्ता (ईवैल्यूएटर) भी थे.

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Sunday, October 22, 2023

Agni Veer Martyr: सियाचिन में देश के पहले अग्निवीर की शहादत, सेना ने दी इमोशनल विदाई - ABP न्यूज़

First Agniveer Marty In Indian Army: लद्दाख के सियाचिन में भारतीय सेना के अग्नि वीर जवान गावते अक्षय लक्ष्मण की शहादत हुई है. वह लाइन आफ ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले पहले अग्नि वीर जवान है. लक्ष्मण भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स का हिस्सा थे.

फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर ) पर पोस्ट कर लक्ष्मण को श्रद्धांजलि दी गई है. बलिदानी जवान की तस्वीर शेयर कर लिखा, "बर्फ में खामोश हैं, जब बिगुल बजेगा तो वे उठेंगे और फिर से मार्च करेंगे. फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के सभी रैंक सियाचिन की कठिन ऊंचाइयों पर ड्यूटी के दौरान अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं. साथ ही शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं."

न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी ट्वीट कर यह जानकारी दी है. सेना ने बताया है कि उन्हें दुनिया के सबसे उंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन के ग्लेशियर में तैनात किया गया था. सेना के सूत्रों ने कहा है कि बलिदानी जवान के पार्थिव शरीर को आज रविवार (22 अक्टूबर) को ही उनके घर भेजा जाएगा. 

महाराष्ट्र के रहने वाले थे अक्षय लक्ष्मण

सेना के सूत्रों ने बताया है कि अक्षय लक्ष्मण मूल रूप से महाराष्ट्र के निवासी थे. उन्हें लेह मुख्यालय वाली भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स में ही पहली तैनाती मिली थी. इंडियन आर्मी ने भी एक्स पर लिखा, "जनरल मनोज पांडे (सीओएएस) और सेना के सभी रैंक के अधिकारी अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को नमन करते हैं. उन्होंने सियाचिन की सर्वोच्च ऊंचाइयों पर बलिदान दिया है. भारतीय सेना बलिदानी जवान के परिवार के साथ इस दुख की घड़ी में मजबूती से खड़ी है.

आपको बता दें कि सियाचिन ग्लेशियर भारत-पाक सीमा पर स्थित है जो दुनिया की सबसे ऊंची युद्ध चोटी कही जाती है.  यहां तापमान शून्य से नीचे होता है जिस वजह से ड्यूटी आसान नहीं होती. जून 2022 में भारतीय सेना में अग्नि वीर की नियुक्ति शुरू की गई थी. इसके तहत सेना में केवल जवानों की तैनाती होगी अधिकारियों की नहीं.

 ये भी पढ़ें : Made In India weapons से अगला War लड़ेगी Indian Army, Army-Air Chief ने क्या कहा?

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Earthquake in Bihar: भूकंप के झटकों से हिला बिहार, पटना, बगहा और छपरा सहित कई जिलों में हिली धरती.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के कई जिलों में रविवार की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, सुबह 7.24 में भूकंप के झटकों से कई इलाकों की धरती हिल गई। झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल गए।  

बताया जा रहा है कि पटना, बगहा, सिवान, गोपालगंज और छपरा में भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। हालांकि, कई भूकंप की तीव्रता इतनी थी कि कई लोगों को झटका महसूस नहीं हो पाया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.3 मापी गई है।

इसके अलावा, शिवहर जिले में भी रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह 7.24 बजे झटका महसूस होने के बाद लोग घरों से निकल गए। तकरीबन पांच सेकंड तक झटका महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र नेपाल में था। इलाके में भूकंप से कोई जान माल की क्षति की खबर नही है।

नेपाल रहा भूकंप का केंद्र

वहीं, उत्तर बिहार में नेपाल से सटे जिलों पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी में भी रविवार की सुबह 7:25 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए।

रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.3 बताई गई है। भूकंप का केंद्र नेपाल का काठमांडू था। पूजा पंडालों में मूर्तियाें के मुकुट हिलने लगे थे। तकरीबन पांच सेकेंड तक झटका महसूस किया गया। 

भारत नेपाल सीमा पर बेस सीतामढ़ी जिले में रविवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह सुबह 7:24:20 सेकंड पर धरती हिली। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.3 मापी गई। झटके इतने तेज थे कि टेबल पर रखे पानी के बोतल और अन्य चीजें हिलने लगी थीं।

दुर्गा माता के पूजा-पांडालों में देवी-देवताओं की मूर्तियां तक हिलने लगी जिससे लोग कुछ पल के लिए इस झटके को भगवान का चमत्कार समझ बैठे।

गौरतलब है कि नेपाल का सीमावर्ती शहर सीतामढ़ी भूकंप जोन में आता है। जब तक लोगों को भूकंप का एहसास होता कंपन थम चुका था। कौतूहलवश काफी देर तक लोग सड़क पर खड़े थे।

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Saturday, October 21, 2023

Telangana Assembly Election: राहुल गांधी कोई 'बब्बर शेर' नहीं, बल्कि... BRS नेता के कविता ने साधा कांग्रेस - ABP न्यूज़

Telangana Assembly Election 2023: तेलंगाना में सियासी बिगुल बज गया है. सभी पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं और एक दूसरे पर हमलावर हो रही हैं. इस बीच भारत राष्ट्र समिति (BRS) एमएलसी नेता के कविता ने शनिवार (21 अक्टूबर) को राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला और उन्हें कागजी शेर और स्थानीय राजनीति को न समझने वाला बताया. 

इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी को अपनी चुनावी रैली में तेलंगाना सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों विचार करने को भी कहा. बीआरएस नेता के कविता ने कहा कि राहुल गांधी आप तेलंगाना आएं, लेकिन सार्वजनिक रूप से जो कह रहे हैं उसकी समीक्षा करें.

बीआरएस नेता ने आगे कहा, "राहुल गांधी कोई 'बब्बर शेर' नहीं हैं. वह एक कागजी शेर हैं, क्योंकि कोई भी उन्हें कुछ भी लिखकर दे देता है और वह उसे पढ़ देते हैं."

'स्थानीय राजनीति नहीं समझते राहुल गांधी'
के कविता ने शनिवार (21 अक्टूबर) को न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि वायनाड के सांसद स्थानीय स्थिति को नहीं समझते हैं, वह स्थानीय राजनीति को नहीं समझते हैं और न ही उनमें इस क्षेत्र की स्थानीय परंपराओं या संस्कृति की समझ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि तेलंगाना के लोग राजनीतिक रूप से सबसे ज्यादा जागरूक हैं, क्योंकि हमने अपने राज्य के लिए लड़ाई लड़ी, हमने अपने राज्य के लिए अपनी जान दे दी.

'अगली बार शहीद की मां के पास जाएं राहुल'
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "अगली बार जब आप यहां आएं तो किसी 'डोसा बंदी' (स्टॉल) पर जाकर डोसा न खाएं, बल्कि तेलंगाना के किसी शहीद की मां के पास जाएं, तब आपको दर्द का पता चलेगा और तेलंगाना का मुद्दा भी समझ आएगा नहीं तो आप कुछ नहीं समझेंगे.''

30 नवंबर को होना है मतदान
गौरतलब है कि भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने 9 अक्टूबर को घोषणा की थी कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव 30 नवंबर को होंगे और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी. 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में बीआरएस 119 में से 88 सीटें जीती थीं. वहीं, कांग्रेस 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही.

यह भी पढ़ें- MP में कांग्रेस ने काटे 6 विधायकों के टिकट तो भड़की बगावत की आग, MLA राकेश मावई बोले- धोखा भूलूंगा नहीं 

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Friday, October 20, 2023

मोगा में मनाया गया पुलिस स्मृति दिवस: डीसी ने 30 शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारों को किया सम्मानित - Dainik Bhaskar

मोगा2 घंटे पहले

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मोगा में आज 30 शहीद पुलिस कर्मीयों के परिवारों को सम्मानित किया गया। - Dainik Bhaskar

मोगा में आज 30 शहीद पुलिस कर्मीयों के परिवारों को सम्मानित किया गया।

देशभर में 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जा रहा है। जहां ड्यूटी के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। उनके परिवारों को सम्मानित भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज मोगा पुलिस लाइन में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जा रहा है।

मोगा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें पंजाब पुलिस के

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भाजपा की पांचवीं सूची आज आ सकती है: दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक; 5 मंत्रियों के टिकट कट सकते हैं - Dainik Bhaskar

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भोपाल42 मिनट पहले

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भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक दिल्ली में चल रही है। इसमें प्रत्याशियों को लेकर चर्चा की जा रही है। - Dainik Bhaskar

भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक दिल्ली में चल रही है। इसमें प्रत्याशियों को लेकर चर्चा की जा रही है।

भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक दिल्ली में चल रही है। बैठक में मध्यप्रदेश की बाकी 94 विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लग सकती है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अगुवाई में बुलाई गई इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद हैं। भाजपा शुक्रवार देर रात या शनिवार को सूची जारी कर सकती है। जो सीटें घोषित होना बाकी हैं, उसमें सीटिंग विधायकों के साथ हारी हुई सीटें भी शामिल हैं।

बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,

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'हां, ये सही है लेकिन क्या मुल्क में यही चलता रहेगा...', ASI रिपोर्ट पर बोले प्रोफेसर इरफान हबीब - Aaj Tak

ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष ने कई दावे किए हैं. गुरुवार को वकील विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट सार्वजनिक की. उन्हों...