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Saturday, December 31, 2022

दुनिया में नए साल की धूम: रूसी एस्ट्रोनॉट्स ने स्पेस में मनाया जश्न, न्यूजीलैंड में आतिशबाजी के साथ 2023 का... - Dainik Bhaskar

2 घंटे पहले

भारत में नए साल की शुरुआत होने में अभी कुछ घंटे बाकी हैं। लेकिन विश्व के कई देशों में नए साल का आगमन हो चुका है। न्यूजीलैंड के ऑकलैंड शहर में नए साल यानी 2023 का जश्न मनाया गया। इस दौरान ऑकलैंड के सबसे फेमस स्काई टॉवर को जगमगाती लाइट्स से सजाया गया।

इधर, रूसी एस्ट्रोनॉट्स ने स्पेस में जश्न मनाया। रूस के तीन एस्ट्रोनॉट्स सर्गेई प्रोकोपिएव, एना किकिना और दिमित्री पेटेलिन ने नए साल का स्वागत करने के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को सजाया।

तस्वीरों में देखें नए साल का सेलिब्रेशन...

नए साल 2023 को लेकर ऑकलैंड के सबसे फेमस स्काई टॉवर को अलग-अलग कलर की लाइट्स से सजाया गया।

नए साल 2023 को लेकर ऑकलैंड के सबसे फेमस स्काई टॉवर को अलग-अलग कलर की लाइट्स से सजाया गया।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन रूस के एस्ट्रोनॉट्स ने जीरो ग्रैविटी में डैकोरेशन किया।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन रूस के एस्ट्रोनॉट्स ने जीरो ग्रैविटी में डैकोरेशन किया।

ये तस्वीर ऑस्ट्रेलिया के सिडनी की है। यहां रात में आतिशबाजी हुई जिससे पूरा आसमान रोशन हो गया।

ये तस्वीर ऑस्ट्रेलिया के सिडनी की है। यहां रात में आतिशबाजी हुई जिससे पूरा आसमान रोशन हो गया।

सिडनी हार्बर ब्रिज के पास 7,000 से ज्यादा पटाखे जलाए गए। इधर, ओपेरा हाउस के पास 2,000 से ज्यादा पटाखे जलाए गए।

सिडनी हार्बर ब्रिज के पास 7,000 से ज्यादा पटाखे जलाए गए। इधर, ओपेरा हाउस के पास 2,000 से ज्यादा पटाखे जलाए गए।

हजारों कि संख्या में लोग नए साल के सेलिब्रेशन को देखने के लिए सिडनी हार्बर ब्रिज के आस-पास मौजूद रहे।

हजारों कि संख्या में लोग नए साल के सेलिब्रेशन को देखने के लिए सिडनी हार्बर ब्रिज के आस-पास मौजूद रहे।

न्यूयॉर्क के टाइम स्क्वायर में भी 2022 के आखिरी दिन लोगों की भीड़ दिखी। ये सभी लोग नए साल के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।

न्यूयॉर्क के टाइम स्क्वायर में भी 2022 के आखिरी दिन लोगों की भीड़ दिखी। ये सभी लोग नए साल के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।

इंडोनेशिया के देनपसार शहर में सांस्कृतिक परेड के साथ नए साल का स्वागत किया जाएगा। ये तस्वीर पारंपरिक पोशाक पहनी डांसर्स की है।

इंडोनेशिया के देनपसार शहर में सांस्कृतिक परेड के साथ नए साल का स्वागत किया जाएगा। ये तस्वीर पारंपरिक पोशाक पहनी डांसर्स की है।

चीन में कोरोना से बने नाडुक हालात के बीच लोग मास्क पहनकर नए साल का स्वागत कर रहे हैं। यहां सड़कों पर डैकोरेशन किया गया है।

चीन में कोरोना से बने नाडुक हालात के बीच लोग मास्क पहनकर नए साल का स्वागत कर रहे हैं। यहां सड़कों पर डैकोरेशन किया गया है।

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नए साल के जोश में ना खोएं होश... ये किया तो जाना पड़ सकता है जेल, लगेगा लाखों का जुर्माना! - Aaj Tak

बस कुछ घंटे और... फिर दुनिया नए साल का इंतजार करेगी. कुछ अपने परिवार के साथ नए साल का स्वागत करेंगे तो कुछ अपने दोस्त-यारों के साथ. पर नए साल का जश्न मनाते समय कुछ बातों का ध्यान भी रखिएगा, वरना जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.

नए साल में किसी भी तरह का हुड़दंग या दुर्घटना न हो, इसके लिए पुलिस भी तैयार है. 31 दिसंबर को दिल्ली में साढ़े 16 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. इनके अलावा एक हजार से ज्यादा ट्रैफिक पुलिसकर्मी और 20 कंपनी फोर्स अलग-अलग इलाकों में रहेंगी.

मुंबई पुलिस ने भी सुरक्षा बढ़ा दी है. मुंबई के पुलिस कमिश्नर विवेक फंसलकर ने न्यूज एजेंसी को बताया कि 31 दिसंबर को शहर में साढ़े 11 हजार से ज्यादा पुलिकर्मी तैनात रहेंगे. मुंबई पुलिस को गेटवे ऑफ इंडिया, मरीन ड्राइव, गिरगाम चौपाटी बीच, जुहू बीच, बांद्रा बसस्टैंड समेत कई खास इलाकों में भारी भीड़ जुटने की संभावना है. इसलिए कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. शनिवार को सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां भी कैंसिल कर दी गईं हैं.

इनके अलावा सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मी जगह-जगह रहेंगे ताकि हुड़दंगियों की पहचान की जा सके. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि 100 से ज्यादा जगहों पर चेकप्वॉइंट बनाए गए हैं, ताकि शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को पकड़ा जा सके. उन्होंने ये भी चेतावनी दी कि अगर कोई रेव पार्टी या ड्रग्स लेते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.

पड़ सकते हैं लेने के देने!

नए साल के स्वागत में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो जोश में होश गंवा बैठते हैं. अक्सर ज्यादा शराब पी लेते हैं और फिर गाड़ी भी चलाते हैं. शराब पीकर गाड़ी चलाना न सिर्फ गैर-कानूनी है, बल्कि इससे जान का भी खतरा है.

सड़क-परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि 2021 में देशभर में 4.12 लाख सड़क हादसों में करीब 1.54 लाख लोगों की मौत हुई थी. इसमें से 3 हजार 314 लोगों की मौत शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की हुई थी.

देश में शराब पीने की मनाही नहीं है, लेकिन शराब पीकर गाड़ी चलाना गैर-कानूनी है. मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 के तहत अगर कोई व्यक्ति शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है तो पहली बार ऐसा करने पर 6 महीने की जेल या दो हजार रुपये जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है. जबकि, दूसरी बार ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर दो साल की जेल या तीन हजार रुपये जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.

लेकिन कब माना जाएगा कि आप शराब पीकर गाड़ी चला रहे हैं? इसके लिए पुलिस ब्रीथ एनालाइजर का इस्तेमाल करती है. इस टेस्ट से पता चलता है कि आपके खून में अल्कोहल की कितनी मात्रा है. अगर 100 एमएल खून में 30 एमजी से ज्यादा अल्कोहल पाया जाता है तो आपका चालान काटा जा सकता है.

इतना ही नहीं, अगर नए साल के जश्न में डूबकर आप खतरनाक ड्राइविंग करते हैं, तेज स्पीड में चलाते हैं, तो ऐसा करना भी अपराध है. ऐसा करते हुए पहली बार पकड़े जाने पर 6 महीने की जेल या एक हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है. दूसरी बार पकड़े जाते हैं तो दो साल तक की कैद या दो हजार रुपये का जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है.

शराब पीकर गाड़ी चलाना न सिर्फ गैर-कानूनी है बल्कि इससे जान का खतरा भी है. (प्रतीकात्मक तस्वीर- Getty Images)

रेव पार्टी का तो नहीं सोच रहे आप?

अगर आप नए साल पर रेव पार्टी में जाने का प्लान बना रहे हैं, तो उसे अभी ड्रॉप कर दीजिए. क्योंकि अगर रेव पार्टी में आप पकड़े जाते हैं तो बहुत मुश्किल में पड़ सकते हैं. 

न्यू ईयर के मौके पर अक्सर बड़े शहरों में रेव पार्टियां होतीं हैं. ये पार्टियां गुपचुप तरीके से होती हैं, जिनमें ड्रग्स, शराब, म्यूजिक और डांस सब शामिल होता है. ये पार्टियां दो-तीन दिन तक भी चलतीं हैं. 

रेव पार्टियों में बड़े पैमाने पर ड्रग्स लिया जाता है. इन पार्टियों में चुनिंदा लोगों को ही बुलाया जाता है, ताकि जांच एजेंसियों की नजर से बचा जा सके.

अगर रेव पार्टी करते हुए आप पकड़े जाते हैं और आपके पास से ड्रग्स मिल जाता है या उस पार्टी में ड्रग्स भी बंट रहा है तो आपको जेल जाना पड़ सकता है. ऐसे मामलों में जमानत मिलना भी मुश्किल हो जाता है. हमारे देश में ड्रग्स अपने पास रखना, खरीदना, बेचना या उसका सेवन करना अपराध है.

रेव पार्टी में शराब ही नहीं ड्रग्स भी लिया जाता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर- Getty Images)

ऐसा करने पर 1985 के नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS) के तहत कार्रवाई होगी. हालांकि, सजा कितनी होगी, ये ड्रग्स की मात्रा पर निर्भर करता है.

अगर आपके पास स्मॉल क्वांटीटी में ड्रग्स है तो एक साल की जेल या 10 हजार का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है. अगर स्मॉल क्वांटीटी से ज्यादा लेकिन कमर्शियल क्वांटीटी से कम ड्रग्स पाया जाता है तो 10 साल की जेल और एक लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है. वहीं, अगर कमर्शियल क्वांटीटी से ज्यादा ड्रग्स बरामद होता है तो 10 से 20 साल तक की कैद और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लिया जाएगा.

अब स्मॉल क्वांटीटी और कमर्शियल क्वांटीटी हर ड्रग्स की अलग-अलग होती है. केंद्र सरकार ने 239 ड्रग्स को प्रतिबंधित लिस्ट में डाला है. सरकार के मुताबिक, एसिट्रोफिन (Acetorphine) ड्रग्स की स्मॉल क्वांटीटी 2 ग्राम है, लेकिन मात्रा 50 ग्राम है तो ये कमर्शियल क्वांटीटी मानी जाएगी. इसी तरह एक किलो गांजे तक को स्मॉल और 20 किलो से ज्यादा को कमर्शियल क्वांटीटी में गिना जाता है.

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Friday, December 30, 2022

आजाद का कांग्रेस में वापसी से इनकार: कहा- कुछ नेता ऐसी कहानियां गढ़ते हैं, ताकि हमारे जैसे नेताओं का मनोबल त... - Dainik Bhaskar

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नई दिल्ली4 घंटे पहले

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस में वापसी की अटकलों पर विराम लगा दिया है। आजाद ने शुक्रवार को कहा कि ये सुनकर हैरान हूं कि मैं कांग्रेस पार्टी में दोबारा शामिल होने जा रहा हूं। दुर्भाग्य से ऐसी कहानियां कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता गढ़ते हैं, ताकि मेरी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ सकें।

इससे पहले न्यूज एजेंसी ANI ने बताया था कि आजाद को कांग्रेस में वापस लाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सोनिया गांधी की करीबी नेता अंबिका सोनी खुद उनसे बातचीत कर रही हैं। उन्होंने आजाद को राहुल गांधी से बातचीत करने का भी न्योता दिया है। यह पूरी कवायद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जम्मू-कश्मीर पहुंचने से पहले की जा रही है। राहुल 20 जनवरी को आने वाले हैं।

बता दें कि आजाद ने इसी साल अगस्त में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। आजाद अक्टूबर में अपने नए राजनीतिक संगठन डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी का ऐलान कर चुके हैं।

सबसे पहले जानते हैं आजाद ने पार्टी क्यों छोड़ी
आजाद ने इसी साल 26 अगस्त को कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वह पिछले 52 साल से कांग्रेस से जुड़े थे। इसी साल उनके राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हुआ था, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा था। माना जा रहा है कि उनकी नाराजगी की एक वहज यह भी थी।

इसके अलावा उन्होंने G23 बनाया, जिसमें कांग्रसे के असंतुष्ट नेता थे। ये लोग पार्टी में मजबूत नेतृत्व की मांग कर रहे थे। साथ ही तमाम बदलाव के सुझाव भी दे रहे थे। इनकी मांगों को गंभीरता से न लिए जाने के कारण आजाद ने पार्टी से इस्तीफा दिया था।

आजाद ने ये लिखा था इस्तीफे में
सोनिया गांधी को लिखे अपने इस्तीफे में आजाद ने पार्टी नेतृत्व, खासकर राहुल गांधी पर निशाना साधा था। उन्होंने यह लिखा था- जिस तरह से पिछले करीब नौ साल से पार्टी को चलाया जा रहा है, उसकी की वहज से पार्टी आगे नहीं बढ़ पा रही है। आजाद ने दावा किया था कि एक मंडली पार्टी चलाती है, जबकि सोनिया गांधी सिर्फ नाममात्र की मुखिया हैं। सभी बड़े फैसले राहुल गांधी या उनके सुरक्षा गार्ड और PA द्वारा लिए गए थे।

अब जानते हैं कि आजाद की कांग्रेस में वापसी की चर्चा क्यों
गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान गुलाम नबी आजाद ने दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला केवल कांग्रेस ही कर सकती है। आजाद ने ये भी कहा था कि वह कांग्रेस की नीति के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसकी कमजोर व्यवस्था से उन्हें दिक्कत है।

आजाद के बयान के बाद भारत जोड़ो यात्रा के संयोजक दिग्विजय सिंह ने खुले तौर पर आजाद को यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया। इसके बाद G23 के पूर्व नेताओं- अखिलेश प्रसाद सिंह और भूपिंदर सिंह ने आजाद से संपर्क किया और उनके अलावा कांग्रेस में उनकी वापसी की वकालत की।

गांधी परिवार की नाराजगी, पर पार्टी चाहती है आजाद की वापसी
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की माने तो आजाद ने अपने इस्तीफे में राहुल गांधी पर तीखे हमले किए थे। उन्होंने राहुल को अपरिपक्व तक बता दिया था। राहुल पर हमलों से गांधी परिवार आजाद से काफी नाराज है, लेकिन नाराजगी के बावजूद पार्टी नेता आजाद की घर वापसी के हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

आजाद को राहुल से बात करने की सलाह
बताया गया है कि कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने आजाद से भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने और राहुल गांधी से बात करने को कहा है। आजाद की ओर से अभी इस पर कोई रिप्लाई आया या नहीं, यह स्पष्ट नहीं हो सका है।

अब जानिए आजाद के G23 के बारे में
गुलाम नबी आजाद के साथ कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, पीजे कुरियन, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा, मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद, भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा, राजिंदार कौर, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, अजय सिंह, राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर, अखिलेश प्रसाद सिंह, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा ने G23 बनाया था।

इनमें से ज्यादातर नेता आज भी कांग्रेस में ही हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष हैं। अखिलेश प्रसाद सिंह को बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी बना ली। कपिल सिब्बल सपा से राज्यसभा सांसद हैं। जितिन प्रसाद यूपी की योगी सरकार में पीडब्लूडी मिनिस्टर हैं।

आजाद से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए...
मोदी के मन की बात:गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा से विदाई पर मोदी भावुक हुए; रोए, आंसू पोंछे, पानी पिया और सैल्यूट किया

गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा से विदाई के वक्त प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए… इतना कि रो पड़े, फफक-फफक कर। बाएं हाथ के अंगूठे से चश्मे के कोर तक आंसू पोंछते रहे। कई दफा पानी पिया। बोल तक नहीं पा रहे थे, रूंधते और थरथराते लफ्जों में कहानी सुनाई। फिर सैल्यूट किया।

जगह थी राज्यसभा और मौका था कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद के कार्यकाल पूरा होने का। मोदी ने गुलाम नबी से अपनी दोस्ती का जिक्र किया और कश्मीर में हुई एक आतंकी घटना की कहानी सुनाई। पूरी खबर पढ़ें

गुलाम नबी ने सोनिया को लिखा- राहुल को उपाध्यक्ष बनाने से कांग्रेस बर्बाद हुई, चापलूस पार्टी चलाने लगे

गुलाम नबी आजाद ने अपने इस्तीफे के तौर पर पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्ने की चिट्ठी भेजी है। इस्तीफे के इन पन्नों में 7 किरदार और 3 हालात हैं। सबसे सख्त बयान राहुल को लेकर है। आजाद ने उन्हें कांग्रेस की बर्बादी की वजह बताया है। पूरी खबर पढ़ें

आंसू से इस्तीफे तक:गुलाम नबी के 'मिशन कश्मीर' की पूरी क्रोनोलॉजी; आखिर क्यों बीजेपी के लिए मुफीद हैं आजाद

कांग्रेस को अलविदा कहने वाले गुलाम नबी आजाद के असली मिशन को एक्सप्लेनर में समझते हैं कि आजाद का मिशन कश्मीर क्या है? पूरी खबर पढ़ें

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'2024 में राहुल गांधी होंगे विपक्ष की तरफ से PM चेहरा,' कमलनाथ का दावा - Aaj Tak

लोकसभा चुनाव वैसे तो 2024 में होने हैं, लेकिन सरगर्मियां अभी से दिखाई देने लगी हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर लीडर कमलनाथ ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद के चेहरा होंगे. 

न्यूज एजेंसी से बातचीत में कमलनाथ ने भारत जोड़ो यात्रा के लिए राहुल गांधी की खुलकर तारीफ की और कहा- वे सत्ता के लिए नहीं, बल्कि देश के आम लोगों के लिए राजनीति कर रहे हैं. जहां तक ​​2024 के लोकसभा चुनाव का सवाल है, राहुल गांधी ना सिर्फ विपक्ष का चेहरा होंगे, बल्कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार भी होंगे.

इतिहास में इतनी बढ़ी यात्रा नहीं निकली

कमलनाथ ने आगे कहा- दुनिया के इतिहास में किसी ने भी इतनी लंबी पदयात्रा नहीं की है. गांधी परिवार के अलावा किसी अन्य परिवार ने देश के लिए इतनी कुर्बानियां नहीं दी हैं. राहुल गांधी सत्ता के लिए राजनीति नहीं करते हैं, बल्कि देश की जनता के लिए करते हैं जो किसी को भी सत्ता में बिठाती है.

'गद्दारों' की कांग्रेस में जगह नहीं

बताते चलें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (76 साल) अकेले ऐसे नेता हैं जो 2024 के चुनावों के लिए राहुल गांधी की उम्मीदवारी के पक्ष में आगे आए हैं. वहीं, कमलनाथ से पूछा गया कि क्या भविष्य में ज्योतिरादित्य सिंधिया की पार्टी में वापसी की कोई संभावना है? इस पर उन्होंने कहा कि संगठन को धोखा देने के बाद पार्टी में 'गद्दारों' के लिए कोई जगह नहीं है. नाथ ने आगे जोड़ा- 'मैं किसी व्यक्ति पर टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन जिन 'गद्दारों' ने पार्टी को धोखा दिया और इसके कार्यकर्ताओं का विश्वास तोड़ा, उनके लिए संगठन में कोई जगह नहीं है. 

चुनाव से पहले संगठन में किया जाएगा बदलाव

उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद जल्द ही राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी. भाजपा किसी भी मुख्यमंत्री को बदल सकती है लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि लोगों ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस को चुनने का मन बना लिया है. उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सांगठनिक बदलाव की पहल की जाएगी.

2018 में सियासी उठापटक से गई थी कमलनाथ की कुर्सी

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में अगले साल के अंत में चुनाव होने हैं. ऐसे में कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए पूरी तैयारी के साथ मैदान में डटी है. पिछले 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया था और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि, 15 महीने बाद ही सियासी उठापटक में ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत उनके समर्थक विधायकों ने कांग्रेस छोड़ दी, जिसकी वजह से कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई और कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. बाद में बीजेपी ने सरकार बनाई और शिवराज सिंह चौहान फिर से मुख्यमंत्री बने. सिधिंया को केंद्र में नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया.

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'2024 में राहुल गांधी होंगे विपक्ष की तरफ से PM चेहरा,' कमलनाथ का दावा - Aaj Tak
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LIVE | With Folded Hands, PM Modi Bids Final Adieu To Mother Heeraba As She's Laid To Rest - India.com

Rishabh Pant Accident Live: बीसीसीआई का अपडेट, पंत के सिर-कलाई और पैर में लगी गंभीर चोट, मां मिलने पहुंचीं - अमर उजाला

02:18 PM, 30-Dec-2022

Rishabh Pant Accident Live: बीसीसीआई का अपडेट

बीसीसीआई ने बताया कि ऋषभ पंत के सिर पर दो कट लगे हैं। उनके दाहिने घुटने में लिगामेंट फट गया है और उनकी दाहिनी कलाई, टखने, पैर के अंगूठे में भी चोट लगी है। साथ ही उनकी पीठ पर घर्षण की चोट लगी है। पंत की हालत स्थिर बनी हुई है और उन्हें अब मैक्स अस्पताल, देहरादून में स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं उनकी चोटों का पता लगाने और उनके आगे के उपचार के लिए एमआरआई स्कैन किया जाएगा।

बीसीसीआई ऋषभ के परिवार से लगातार संपर्क में है, जबकि मेडिकल टीम ऋषभ का इलाज कर रहे डॉक्टरों से लगातार संपर्क में है। बोर्ड यह देखेगा कि ऋषभ को सर्वोत्तम संभव चिकित्सा देखभाल मिले और उसे इस दर्दनाक दौर से बाहर आने के लिए हर संभव सहायता मिले।

02:14 PM, 30-Dec-2022

Rishabh Pant Accident Live: हादसे के बाद पुलिस की गाड़ी से अस्पताल पहुंचीं पंत की मां

पंत की मां को भी इसकी जानकारी दी गई और वह आननफानन में अपने बेटे से मिलने अस्पताल पहुंचीं। पुलिस ने इस मामले में पूरी तत्परता दिखाई। पुलिस को परिवार से संपर्क साधने के निर्देश दिए गए। हादसे के बाद अस्पताल जाते वक्त पंत ने मां का नंबर दिया। वे चाहते थे कि मां उनके पास जल्द से जल्द पहुंचें, लेकिन नंबर स्विच ऑफ था। 

रुड़की में सिविल लाइन थाने को पुलिस ने सूचित किया। वहां से चेतक पुलिस को पंत के घर भेजा गया। सुबह सवा छह बजे पुलिस उनके घर पर पहुंच गई। काफी देर बाद दरवाजा खुला। पुलिस ने उनकी मां को जगाया। इसके बाद थाने की गाड़ी से ही पंत की मां को रुड़की के अस्पताल लाया गया। पूरे रास्ते पुलिस ने पंत की मां से संपर्क जारी रखा। पंत को ठंड लग रही थी तो उनकी मां से कपड़े लाने के लिए भी कहा गया था। ऐसे में पंत की मां कार्डिगन लेकर आईं जो आगे से खुला हो ताकि इलाज में दिक्कत न आए।

12:19 PM, 30-Dec-2022

Rishabh Pant Accident Live: एसपी ग्रामीण, हरिद्वार ने घटना के बारे में क्या कहा?

एसपी ग्रामीण, हरिद्वार एसके सिंह ने पूरी घटना के बारे में विस्तार से बताया- सुबह करीब साढ़े पांच बजे हमें सूचना मिली थी कि क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार का एक्सीडेंट हो गया है। उन्हें रुड़की के सक्षम अस्पताल ले जाया गया और बाद में देहरादून स्थानांतरित कर दिया गया। वह कार चला रहे थे और अकेले थे। वह अपने रिश्तेदारों से मिलने रुड़की जा रहे थे। हादसा इसलिए हुआ क्योंकि वह नारसन से एक किलोमीटर आगे रुड़की की ओर जाते वक्त उन्हें नींद आ गई थी।

Amar Ujala Exclusive: जलती कार से खुद ही बाहर आए थे ऋषभ पंत, लड़खड़ाकर गिरे और तड़पने लगे

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12:12 PM, 30-Dec-2022

Rishabh Pant Accident Live: जय शाह ने पंत के जल्द ठीक होने की कामना की

बीसीसीआई सचिव जय शाह ने क्रिकेटर ऋषभ पंत के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने ट्वीट किया- मैंने उनके परिवार और उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों से बात की है। ऋषभ की हालत स्थिर है और उनका स्कैन चल रहा है। हम उनकी प्रगति पर करीब से नजर रख रहे हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।

11:28 AM, 30-Dec-2022

Rishabh Pant Accident Live: बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने जल्द ठीक होने की कामना की

राजीव शुक्ला ने लिखा- पंत के हादसे और चोट के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। वह टीम के लिए एक होनहार क्रिकेटर और संपत्ति हैं। मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। उन्हें बहुत जल्द पिच पर वापस आना चाहिए।

11:14 AM, 30-Dec-2022

Rishabh Pant Accident Live: मैक्स अस्पताल किया गया शिफ्ट

क्रिकेटर ऋषभ पंत को रुड़की सिविल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद मैक्स अस्पताल देहरादून शिफ्ट किया गया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। देहरादून के मैक्स अस्पताल के डॉक्टर आशीष याग्निक ने बताया- पंत हड्डी रोग विशेषज्ञ और प्लास्टिक सर्जन की निगरानी में हैं। उनकी हालत स्थिर है। उनकी जांच के बाद उनका विस्तृत मेडिकल बुलेटिन जारी किया जाएगा। इसके बाद हम अगला कदम उठाएंगे।

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11:09 AM, 30-Dec-2022

Rishabh Pant Accident Live: पंत की हालत स्थिर, जान को खतरा नहीं

पंत कार से अपने घर जा रहे थे और हादसे के वक्त अकेले थे। रुड़की के नारसन बॉर्डर पर हम्मदपुर झाल के पास उनकी मर्सीडीज कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। इसके बाद कार में आग लग गई और पलट गई। कार में जैसे ही आग लगी उन्हें शीशा तोड़कर बाहर निकाला गया। उनके सिर और घुटने में चोट आई है। हालांकि, जान को कोई खतरा नहीं है।

11:07 AM, 30-Dec-2022

Rishabh Pant Accident Live: मां को सरप्राइज देने जा रहे थे घर

ऐसा बताया जा रहा है कि पंत मां को सरप्राइज देने घर जा रहे थे। वह गुरुवार को ही दुबई से लौटे थे। नए साल पर पंत का परिवार के साथ घूमने जाने का प्लान था। 

11:02 AM, 30-Dec-2022

Rishabh Pant Accident Live: बीसीसीआई का अपडेट, पंत के सिर-कलाई और पैर में लगी गंभीर चोट, मां मिलने पहुंचीं

नमस्कार अमर उजाला के लाइव ब्लॉग में आपका स्वागत है। भारतीय क्रिकेट के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत कार हादसे का शिकार हो गए हैं। रुड़की के पास उनकी गाड़ी डिवाइडर से जा टकराई और उसमें आग लग गई। फिलहाल उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज जारी है।

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Rishabh Pant Accident Live: बीसीसीआई का अपडेट, पंत के सिर-कलाई और पैर में लगी गंभीर चोट, मां मिलने पहुंचीं - अमर उजाला
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Thursday, December 29, 2022

UP निकाय चुनाव: कोर्ट के फैसले से फंसी भाजपा, BSP को मिला उभरने का चांस, एक्टिव हुईं मायावती - Aaj Tak

उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण रद्द करने का फैसला जब से हाईकोर्ट से आया है, उसके बाद से ही राज्य में सियासी तूफान खड़ा हो गया है. समाजवादी पार्टी और उसके नेताओं ने ओबीसी आरक्षण के मामले पर योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. सपा ने जिस तरह से आक्रामक रुख अपना रखा है, उस तरह से बसपा के तेवर नजर नहीं आ रहे हैं. ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव से पिछड़ती बसपा सुप्रीमो मायावती अब बढ़त लेने के लिए लखनऊ में शुक्रवार को बड़ी बैठक बुलाई है. 

मायावती ने बैठक में पार्टी के सभी बड़े नेता, मंडल कोऑर्डिनेटर, सेक्टर कोऑर्डिनेटर, बामसेफ के जिला संयोजक व पार्टी जिलाध्यक्ष बुलाया है. इस बैठक में खास तौर पर निकाय चुनाव को लेकर मंथन होगा. आगामी रणनीति और उम्मीदवारों पर भी चर्चा की जा सकती है. सूबे में ओबीसी आरक्षण को लेकर निकाय चुनाव में अब नया मोड़ आ गया है. सपा इस मुद्दे पर योगी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर चुकी है तो मायावती भी अपने सभी पदाधिकारियों के साथ इस मुद्दे को धार देने के लिए रणनीति बनाएगी? 

बसपा के थिंक टैंक और एक कोऑर्डिनेटर ने बताया कि अब नगर निकाय चुनाव में अंतिम फैसला क्या होगा, इस पर निगाह रखते हुए अपनी रणनीति भी बदलनी होगी. इसके लिए बैठक में मायावती जिला स्तर तक की समीक्षा करेंगी. निकाय चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन किया जाएगा. जिलों में सेक्टर और विधानसभा स्तर तक की बैठकें चल रही हैं, जिनकी समीक्षा अब मायावती खुद करेंगी. इसके अलावा ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को धार देने के लिए मायावती अपने नेताओं के साथ रणनीति बनाने पर मंथन करेंगी. 

मायावती की नजर ओबीसी वोटर्स पर

हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद मायावती ने कहा कि ये निर्णय बीजेपी और उनकी सरकार की ओबीसी और आरक्षण विरोधी सोच को प्रकट करता है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस गलती की सजा ओबीसी समाज बीजेपी को जरूर देगा. मायावती की नजर ओबीसी वोटबैंक पर है, जिसके चलते हाल ही में उन्होंने अतिपछड़े समुदाय से आने वाले विश्वनाथ पाल को बसपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. बसपा की शुक्रवार को होने वाली बैठक में विश्वनाथ पाल पहली बार प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर शामिल होंगे. 

सूत्रों की मानें तो ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को आक्रामक तरीके से उठाने के लिए मायावती प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल को अहम जिम्मेदारी सौंप सकती है. मायावती अपने दलित वोटबैंक को सहेजकर रखते हुए ओबीसी को भी जोड़ने की कवायद कर रही है. इसीलिए निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट से फैसला आते ही मायावती ने बीजेपी को ओबीसी विरोधी बताने में देर नहीं लगाई. 

मायावती ने शुक्रवार को पार्टी के सभी अहम नेताओं की बैठक बुलाई है. बसपा नेताओं और रणनीतिकारों के साथ बामसेफ के सभी जिला संयोजकों को भी बुलाया गया है. बामसेफ वही संगठन है, जिसे कांशीराम ने बनाया था. बामसेफ बसपा के लिए सियासी आधार तैयार करने का काम करता है, जिसमें दलित और ओबीसी समुदाय सरकार कर्मचारी जुड़े हैं. इससे समझा जा सकता है कि मायावती ओबीसी के मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुकी हैं, क्योंकि बसपा का सियासी आधार दलित और अतिपिछड़ा वर्ग ही रहा है.

कांशीराम ने समझा था OBC का महत्व 

उत्तर प्रदेश की सियासत में अतिपिछड़े समुदाय की राजनीतिक ताकत को सबसे पहले कांशीराम ने समझा था. कांशीराम ने अतिपिछड़ी वर्ग के अलग-अलग जातियों के नेताओं को बसपा संगठन से लेकर सरकार तक में प्रतिनिधित्व दिया था. इसमें मौर्य, कुशवाहा, नाई, पाल, राजभर, नोनिया, बिंद, मल्लाह, साहू जैसी समुदाय के नेता थे. ये समुदाय ही बसपा की बड़ी ताकत बने थे. 2007 के चुनाव में बसपा के पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने में अतिपिछड़ी जातियों के लोगों की भूमिका अहम रही थी, लेकिन उसके बाद से यह वोट पार्टी से छिटकता ही गया और 2014 के चुनाव में पूरी तरह से हाथ से निकल गया. 

बसपा में रहे अतिपिछड़ी जातियों के नेता खुद पार्टी छोड़ दिए या फिर मायावती ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. ऐसे में कांशीराम की छत्रछाया में पले पढ़े और सियासी प्रयोग से निकले ये अतिपिछड़ी समुदाय के नेताओं ने सपा बीजेपी और कांग्रेस में अपना ठिकाना बना लिया. ये सभी नेता आज उन पार्टियों में अहम भूमिका में है. ऐसे में अब मायावती दोबारा से अतिपिछड़ा वर्ग को साधने के लिए उतरी हैं, जिसके तहत उन्होंने विश्वनाथ पाल को पार्टी की कमान सौंपी है और ओबीसी आरक्षण मुद्दे को धार देने की रणनीति बनाई है. 

मंडल कमीशन के बाद ओबीसी के इर्द-गिर्द रही यूपी की सियासत

दरअसल, उत्तर प्रदेश की सियासत मंडल कमीशन के बाद ओबीसी समुदाय के इर्द-गिर्द सिमट गई है. सूबे की सभी पार्टियां ओबीसी को केंद्र में रखते हुए अपनी राजनीतिक एजेंडा सेट कर रही हैं. यूपी में सबसे बड़ा वोटबैंक पिछड़ा वर्ग का है. सूबे में 52 फीसदी पिछड़ा वर्ग की आबादी है, जिसमें 43 फीसदी गैर-यादव बिरादरी का है. इन्हीं जातियों को अतिपिछड़े वर्ग के तौर पर माना जाता है. ओबीसी में 79 जातियां हैं, जिनमें सबसे ज्यादा यादव और दूसरे नंबर पर कुर्मी समुदाय है. 

वहीं, यूपी में गैर-यादव ओबीसी जातियां सबसे ज्यादा अहम हैं, जिनमें कुर्मी-पटेल 7 फीसदी, कुशवाहा-मौर्या-शाक्य-सैनी 6 फीसदी, लोध 4 फीसदी, गडरिया-पाल 3 फीसदी, निषाद-मल्लाह-बिंद-कश्यप-केवट 4 फीसदी, तेली-शाहू-जायसवाल 4, जाट 3 फीसदी, कुम्हार/प्रजापति-चौहान 3 फीसदी, कहार-नाई- चौरसिया 3 फीसदी, राजभर-गुर्जर 2-2 फीसदी हैं. ऐसे में अतिपिछड़ी जातियां किसी भी राजनीतिक दल का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखती हैं. 

बीजेपी ने गैर-यादव ओबीसी जातियों को साधकर उत्तर प्रदेश में अपना सत्ता का सूखा खत्म किया था. जबकि इन्हीं जातियों के बसपा के हाथों से खिसक जाने के चलते उसे 10 सालों से सियासी वनवास झेलना पड़ रहा है. मायावती का सियासी आधार चुनाव दर चुनाव गिरता जा रहा है. 2022 के चुनाव में बसपा का वोट शेयर गिरकर 12 फीसदी के करीब पहुंच गया है. ऐसे में अब बसपा को दोबारा से खड़े होने के लिए सियासी मुश्किलें खड़ी हो गई है, लेकिन ओबीसी आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से पार्टी को सियासी संजीवनी दे सकता है. देखना है कि मायावती इस मुद्दे पर किस तरह का राजनीतिक स्टैंड लेती हैं? 
 

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IAF's BrahMos Test: सुखोई फाइटर जेट से ब्रह्मोस के नए अवतार की सफल टेस्टिंग, घातक स्पीड से किया टारगेट का खात्मा - Aaj Tak

भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने ब्रह्मोस एक्सटेंडेड एयर वर्जन का सुखोई-30 एमकेआई से सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. यह मिसाइल एंटी-शिप वैरिएंट थी. यानी सुखोई से इस मिसाइल को दाग कर दुश्मन के जंगी जहाजों को डुबोया जा सकता है. परीक्षण के दौरान मिसाइल ने टारगेट शिप को ध्वस्त कर दिया. इस मिसाइल की रेंज 400 किलोमीटर है. 

इस टेस्टिंग के साथ ही भारतीय वायुसेना ने सुखोई फाइटर जेट से जमीन या समुद्र में लंबी दूरी के टारगेट्स पर निशाना लगाने की मारक क्षमता हासिल कर ली है. प्रेसिसन स्ट्राइक करने की क्षमता बढ़ गई है. परीक्षण में भारतीय वायुसेना के साथ DRDO, भारतीय नौसेना, बीएपीएल और HAL शामिल थे. ब्रह्मोस के इस वर्जन से सुखोई की मारक क्षमता बढ़ गई है.  

Su-30MKI Brahmos Missile

यानी फाइटर जेट के जरिए समुद्र में 400 किलोमीटर दूर मौजूद दुश्मन के जंगी जहाज को नष्ट किया जा सकता है. यानी हमारे फाइटर जेट हवा में रहते हुए दुश्मन के ठिकानों को इतनी दूर से ही ध्वस्त कर सकते हैं. कुछ महीने पहले भी इसी फाइटर जेट से Indian Navy के डिकमीशन्ड जहाज पर ब्रह्मोस मिसाइल से लाइव फायर किया गया था. मिसाइल ने जहाज में एक बड़ा गड्ढा कर दिया था. 

भारत सरकार अपनी टैक्टिकल मिसाइलों की रेंज बढ़ा रही है. भारतीय वायुसेना के 40 सुखोई-30 MKI फाइटर जेट पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें तैनात हैं. पिछले साल 8 दिसंबर 2021 वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमके-1 में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया गया. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को पूरी तरह से देश में ही विकसित किया गया है. इसमें रैमजेट इंजन (Ramjet Engine) तकनीक का उपयोग किया गया है. ताकि इसकी गति और सटीकता और ज्यादा घातक हो जाए. 

Su-30MKI Brahmos Missile

भारतीय वायुसेना के सुखोई-30MKI फाइटर जेट्स में भी ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात हैं. इसकी रेंज 500 किलोमीटर है. भविष्य में ब्रह्मोस मिसाइलों को मिकोयान मिग-29के, हल्के लड़ाकू विमान तेजस और राफेल में भी तैनात करने की योजना है. इसके अलावा पनडुब्बियों में लगाने के लिए ब्रह्मोस के नए वैरिएंट का निर्माण जारी है. अगले साल तक इन फाइटर जेट्स में ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात करने की तैयारी पूरी होने की संभावना है.  

ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही मार्ग बदलने में सक्षम है. चलते-फिरते टारगेट को भी ध्वस्त कर सकता है. यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हैं, यानी दुश्मन के राडार को धोखा देना इसे बखूबी आता है. सिर्फ राडार ही नहीं यह किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है.  इसको मार गिराना लगभगल अंसभव है.  

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Wednesday, December 28, 2022

प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बयानों की लंबी है लिस्ट, गोडसे को बता चुकी हैं 'देशभक्त' - BBC हिंदी

मोदी, राजनाथ, अमित शाह

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भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने मंगलवार को कर्नाटक में 'सब्ज़ी काटने वाले चाकू तेज़' करने की बात कहकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है.

प्रज्ञा ठाकुर ने कर्नाटक में 'हिंदू जागरण' कार्यक्रम में कहा, "लव जिहाद करने वालों को लव जिहाद जैसा उत्तर दो, अपनी लड़कियों को सुरक्षित रखो."

उन्होंने शिवमोगा के हिंदू कार्यकर्ता हर्षा की हत्या का ज़िक्र करते हुए कहा कि लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए घर में इस्तेमाल होने वाले चाकुओं को तेज़ करना होगा.

उन्होंने कहा, "अपने घर में हथियार रखो, कुछ नहीं तो सब्जी काटने वाला चाकू तेज़ रखो. पता नहीं कब कैसे हालात सामने आ जाएँ. सभी को अपनी सुरक्षा का अधिकार है. अगर कोई हमारे घर में दाखिल होता है और हमला करता है तो उसे जवाब देने का हमें अधिकार है."

कांग्रेस बोली - 'देशद्रोह का केस दर्ज हो'

प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान पर कांग्रेस पार्टी की ओर से विरोध दर्ज कराया गया है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा है कि प्रज्ञा ठाकुर ने जो कुछ कहा है, वो हेट स्पीच है. उन्होंने कहा कि वे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने को लेकर अपनी क़ानूनी टीम से विचार-विमर्श कर रहे हैं.

कर्नाटक में कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने कहा, "ये काफ़ी दुर्भाग्यशाली है कि एक सांसद की ओर से इस तरह का बयान दिया गया है. वह पहले से ही आतंक के मामले में अभियोगी हैं. मुझे नहीं पता कि कर्नाटक इस तरह का वातावरण क्यों बर्दाश्त कर रहा है. हम इस मामले में क़ानूनी मुक़दमा दर्ज करेंगे."

यही नहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस ने प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज करने की मांग उठाई है.

बीजेपी की ओर से इस मामले में प्रज्ञा ठाकुर का बचाव किया गया है.

बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा है, "हम अपनी बहनों और बेटियों के साथ अमानवीय व्यवहार और देश भर में कई जगहों पर लव जिहाद के नाम पर उनके टुकड़े होते देखे हैं. ठाकुर का बयान किसी एक धर्म से जुड़ा नहीं था बल्कि सभी बहनों और बेटियों की आत्मरक्षा के लिए उनकी मानसिक शक्ति को लेकर था."

हालांकि, ये पहला मौका नहीं है जब बीजेपी को प्रज्ञा ठाकुर के बचाव में आना पड़ा हो. बीजेपी प्रज्ञा ठाकुर और मालेगांव धमाके को लेकर अक्सर विपक्ष के हमले झेलती रही है.

प्रज्ञा ठाकुर

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मालेगांव धमाका और प्रज्ञा ठाकुर

महाराष्ट्र के मालेगाँव में अंजुमन चौक और भीकू चौक के बीच शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट के सामने 29 सितंबर 2008 की रात 9.35 बजे बम धमाका हुआ था जिसमें छह लोग मारे गए और 101 लोग घायल हुए थे.

इस धमाके में एक मोटरसाइकिल इस्तेमाल की गई थी. एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक यह मोटरसाइकिल प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर थी.

महाराष्ट्र एटीएस ने हेमंत करकरे के नेतृत्व में इसकी जाँच की और इस नतीजे पर पहुँची थी कि उस मोटरसाइकिल के तार गुजरात के सूरत और अंत में प्रज्ञा ठाकुर से जुड़े थे.

प्रज्ञा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्य रह चुकी थीं. पुलिस ने पुणे, नासिक, भोपाल इंदौर में जाँच की. सेना के एक अधिकारी कर्नल प्रसाद पुरोहित और सेवानिवृत मेजर रमेश उपाध्याय को भी गिरफ़्तार किया गया.

इसमें हिंदूवादी संगठन अभिनव भारत का नाम सामने आया और साथ ही सुधाकर द्विवेदी उर्फ़ दयानंद पांडेय का नाम भी आया.

एटीएस चार्जशीट के मुताबिक़ प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ सबसे बड़ा सबूत मोटरसाइकिल उनके नाम पर होना था.

इसके बाद प्रज्ञा को गिरफ़्तार किया गया. उन पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण क़ानून (मकोका) लगाया गया.

चार्जशीट के मुताबिक जाँचकर्ताओं को मेजर रमेश उपाध्याय और लेफ़्टिनेंट कर्नल पुरोहित के बीच एक बातचीत पकड़ में आई जिसमें मालेगांव धमाके मामले में प्रज्ञा ठाकुर के किरदार का ज़िक्र था.

मामले की शुरुआती जाँच महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते ने की थी, जिसे बाद में एनआईए को सौंप दी गई थी. एनआईए की चार्जशीट में उनका नाम भी डाला गया.

मालेगांव ब्लास्ट की जाँच में सबसे पहले 2009 और 2011 में महाराष्ट्र एटीएस ने स्पेशल मकोका कोर्ट में दाखिल अपनी चार्जशीट में 14 अभियुक्तों के नाम दर्ज किए थे.

एनआईए ने जब मई 2016 में अपनी अंतिम रिपोर्ट दी तो उसमें 10 अभियुक्तों के नाम थे.

इस चार्जशीट में प्रज्ञा सिंह को दोषमुक्त बताया गया. साध्‍वी प्रज्ञा पर लगा मकोका (MCOCA) हटा लिया गया और कहा गया कि प्रज्ञा ठाकुर पर करकरे की जाँच असंगत थी.

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ प्रज्ञा ठाकुर

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प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर थी मोटरसाइकिल

इसमें लिखा गया कि जिस मोटरसाइकिल का ज़िक्र चार्जशीट में था वो प्रज्ञा के नाम पर थी, लेकिन मालेगाँव धमाके के दो साल पहले से कलसांगरा इसे इस्तेमाल कर रहे थे.

इस चार्जशीट के बाद एनआईए कोर्ट ने प्रज्ञा को ज़मानत तो दे दी लेकिन उन्हें दोषमुक्त नहीं माना और दिसंबर 2017 में दिए अपने आदेश में उसने कहा कि प्रज्ञा और पुरोहित पर यूएपीए (अनलॉफ़ुल एक्टिविटीज़ प्रीवेंशन एक्ट) के तहत मुक़दमा चलता रहेगा.

इसी आदेश में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित पर मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण क़ानून) हटा लिया गया.

हालांकि साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित समेत सात अभियुक्तों पर अब भी चरमपंथ के ख़िलाफ़ बनाए गए क़ानून यूएपीए की धारा 16 और 18, आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साज़िश), 302 (हत्या), 307 (हत्या की कोशिश) और 326 (इरादतन किसी को नुकसान पहुँचाना) के तहत मामला जारी है.

कुछ समय पहले साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष इस मामले में ख़ुद को बरी करने की याचिका दाखिल की थी.

लेकिन इस महीने की शुरुआत में उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली.

प्रज्ञा ठाकुर

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प्रज्ञा की उम्मीदवारी, बीजेपी का सत्याग्रह

2019 में बीजेपी ने भोपाल के लोकसभा चुनाव में उन्हें उम्मीदवारी दी.

भोपाल को बीजेपी की मध्य प्रदेश में सबसे सुरक्षित सीटों में गिना जाता है. इस सीट पर बीजेपी साल 1989 से जीतती आ रही थी.

लेकिन जिस साल बीजेपी ने प्रज्ञा ठाकुर को इस सीट पर अपना उम्मीदवार बनाया था, उस बार कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को इस सीट से उतारा था.

यही नहीं, इस चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी.

प्रज्ञा ठाकुर

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जब पीएम मोदी बोले - 'मन से माफ़ नहीं कर पाउंगा'

नामांकन से कुछ समय पहले ही पार्टी में शामिल होने वाली प्रज्ञा ठाकुर ने काफ़ी आक्रामक ढंग से प्रचार-प्रसार करते हुए चुनाव को धर्म युद्ध और दिग्विजय सिंह को आतंकवादी बताने जैसे विवादित बयान दिए.

यही नहीं, इस चुनाव में प्रज्ञा ठाकुर ने नाथूराम गोडसे वाला विवादित बयान भी दिया था.

प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि 'नाथूराम गोडसे, देशभक्त थे, देशभक्त हैं, और देशभक्त रहेंगे.'

इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बयान देना पड़ा था.

लेकिन उनके बयान पर भारी विवाद खड़ा होने के बाद भी बीजेपी ने उनकी उम्मीदवारी ख़त्म नहीं की.

यही नहीं, अमित शाह ने पिछले आठ सालों में नरेंद्र मोदी के साथ की अपनी इकलौती प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रज्ञा ठाकुर का बचाव किया था.

उन्होंने कहा था कि 'प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी फ़र्जी भगवा टेरर केस के ख़िलाफ़ हमारा सत्याग्रह है.'

हालांकि, पीएम मोदी ने इस बयान की आलोचना करते हुए कहा, 'साध्वी प्रज्ञा ने महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे को लेकर जो भी बातें कही हैं, वो बातें पूरी तरह से आलोचना के लायक हैं. सभ्य समाज में इस प्रकार की बातें नहीं चलती हैं. उन्होंने माफ़ी मांग ली है, लेकिन मैं अपने मन से उन्हें कभी माफ़ नहीं कर पाऊंगा.'

इस चुनाव में प्रज्ञा ठाकुर ने साढ़े तीन लाख वोटों के अंतर से दिग्विजय सिंह को मात देकर संसद में प्रवेश किया.

संसद में भी दिया नाथूराम गोडसे पर बयान

प्रज्ञा ठाकुर ने चुनाव के बाद गोडसे वाले बयान के लिए माफ़ी भले ही मांग ली हो लेकिन संसद पहुंचने के बाद उन्होंने एक बार फिर इसी तरह का बयान दिया.

साल 2019 के नवंबर में एसपीजी संशोधन अधिनियम पर चर्चा के दौरान डीएमके नेता ए राजा ने लोकसभा में नाथूराम गोडसे का ज़िक्र किया.

इस पर प्रज्ञा ठाकुर ने सदन में खड़े होकर कहा कि 'आप एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते.'

इसके बाद भी विपक्ष ने बीजेपी को घेरने की काफ़ी कोशिश की थी.

बीजेपी ने इस बार उनके बयान की निंदा करते हुए उन्हें सुरक्षा की सलाहकार समिति से हटा दिया.

इसके साथ ही बीजेपी ने उन्हें संसदीय दल की बैठकों में भी हिस्सा लेने से प्रतिबंधित करने का फ़ैसला किया था.

प्रज्ञा ठाकुर हेमंत करकरे से लेकर गौ-मूत्र से कैंसर ठीक होने जैसे अजीबो-ग़रीब बयान देती रही हैं.

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कैसी होगी राहुल गांधी की ड्रीम गर्ल? भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता ने अपनी शादी पर खुलकर की बात - Aaj Tak

भारत जोड़ो यात्रा लेकर निकले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अपनी शादी को लेकर भी खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि उन्हें किस तरह की लड़की से शादी करनी है. राहुल गांधी ने शादी के सवाल पर कहा कि वह एक ऐसी लड़की के साथ जीवन में बसाना पसंद करेंगे, जिसमें उनकी मां सोनिया गांधी और दादी इंदिरा गांधी दोनों के गुण हों. 

कांग्रेस नेता ने एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में अपनी दादी इंदिरा गांधी के बारे में बात की. इस दौरान उन्होंने कहा- इंदिरा गांधी उनके जीवन का प्यार हैं, उनकी दूसरी मां हैं. इसके बाद उनसे पूछा किया गया- क्या आप ऐसी महिला से शादी करना चाहते हैं, जिसमें आपकी दादी जैसे गुण हों. इस पर राहुल बोले- यह दिलचस्प सवाल है. मैं ऐसी महिला चाहूंगा, जिसमें मेरी मां और दादी... दोनों के गुण हों. वह अच्छा रहेगा. राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी इंटरव्यू शेयर किया है.

मुझे पप्पू कहना, एक प्रोपेगेंडा कैंपेन

आलोचकों द्वारा अलग-अलग नामों से बुलाने पर राहुल बोले, "मुझे परवाह नहीं है. आप मुझे कुछ भी कहकर बुलाएं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं किसी से नफरत नहीं करता. आप मुझे गाली दें या मुझे मारें, मैं आपसे नफरत नहीं करूंगा."

राहुल गांधी ने उन्हें 'पप्पू' कहे जाने को प्रोपेगेंडा कैंपेन करार दिया. उन्होंने कहा कि जो लोग उन्हें ऐसा बुला रहे हैं, वे डर की वजह से ऐसा कर रहे हैं. उसके जीवन में कुछ भी नहीं हो रहा है. वे दुखी हैं, क्योंकि उनके जीवन में रिश्ते ठीक नहीं हैं, इसलिए वह किसी और को गाली दे रहे हैं. मैं इसका स्वागत करता हूं. वे मुझे और गालियां दे सकते हैं... मुझे कई और नाम दे सकते हैं, मुझे परवाह नहीं है.

भारत एक बड़ी क्रांति से चूक गया

कांग्रेस सांसद ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्रांति पर कहा, "मुझे नहीं लगता कि हम वह कर रहे हैं, जो हमें करना चाहिए क्योंकि, ईवी क्रांति के लिए एक नींव की जरूरत होती है और हमारे पास वह कहीं नहीं है."

उन्होंने कहा कि बैटरी, मोटर और इंफ्रास्ट्रक्चर के उत्पादन की नींव नहीं है. यह रणनीतिक रूप से नहीं किया गया है, यह सब एड हॉक है. उन्हें वास्तव में इस बात की समझ नहीं है कि इसे कैसे किया जाना चाहिए." गांधी ने यह भी कहा कि भारत एक और क्रांति से चूक गया और वह है ड्रोन क्रांति. उन्होंने कहा कि इसके लिए वह बहुत दुखी हैं.

राहुल को साइकिल चलाना बहुत पसंद

कन्याकुमारी से कश्मीर तक पदयात्रा कर रहे राहुल गांधी ने इंटरव्यू के दौरान अपनी बाइक और साइकिल ड्राइविंग के प्यार के बारे में बात की. उन्होंने एक चीनी इलेक्ट्रिक कंपनी का भी जिक्र किया, जो इलेक्ट्रिक मोटर के साथ साइकिल और माउंटेन बाइक भी बनाती है. 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, "मैंने इलेक्ट्रिक स्कूटर चलाया है, लेकिन इलेक्ट्रिक बाइक कभी नहीं. क्या आपने इस चीनी कंपनी को देखा है...वह इलेक्ट्रिक मोटर्स वाली साइकिल और माउंटेन बाइक बनाती है... बहुत दिलचस्प कॉन्सेप्ट है..." उन्होंने कहा कि उनके पास कार नहीं है और उनके पास सीआर-वी है, जो उनकी मां की है. 

राहुल गांधी ने एक अन्य सवाल पर जवाब दिया- "मुझे वास्तव में कारों में कोई दिलचस्पी नहीं है. मुझे मोटर बाइक में कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन मुझे मोटर बाइक चलाने में दिलचस्पी है. मैं एक कार ठीक कर सकता हूं, लेकिन मुझे कारों का जुनून नहीं है. मुझे तेजी से चलने, हवा में उड़ने, पानी में बहने और जमीन पर आगे बढ़ने का विचार का पसंद है.

उन्होंने कहा कि उन्हें R1 के बजाय एक पुराने लैंब्रेटा में ज्यादा सुंदर लगती है. उन्होंने कहा कि वे बाइक चलने के बजाए साइकिल चलाना पसंद करते हैं क्योंकि इसमें खुद की शक्ति का उपयोग होता है. 

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PM मोदी की मां हीराबा की तबीयत स्थिर: सीएम भूपेंद्र पटेल अस्पताल के लिए रवाना, पीएम आज अहमदाबाद पहुंच सकते ... - Dainik Bhaskar

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अहमदाबाद2 मिनट पहले

मोदी और हीराबा की यह फोटो 4 दिसंबर की है। मोदी गुजरात चुनाव के दौरान मतदान करने के लिए गांधीनगर गए थे। तब उन्होंने मां से मुलाकात की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा की तबीयत अब स्थिर है। अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल ने बुधवार दोपहर को हेल्थ बुलेटिन जारी कर बताया। हीराबा को देर रात अस्पताल में भर्ती किया गया था। मुख्यमंत्री सीएम भूपेंद्र पटेल उन्हें देखने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं।

उधर, पीएम मोदी अपनी मां को देखने के लिए अहमदाबाद पहुंच सकते हैं। हीराबा ने जून में ही 100वां जन्मदिन मनाया है।

यूएन मेहता अस्पताल ने कहा- उनकी हालत स्थिर

4 दिसंबर को हीराबेन से मिले थे मोदी, आशीर्वाद लिया
PM मोदी गुजरात चुनाव के मतदान के दौरान 4 दिसंबर को गांधीनगर में अपनी मां हीराबेन से मिले थे। इस दौरान उन्होंने मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था और उनके साथ बैठकर चाय पी थी।

मोदी ने 4 दिसंबर को मुलाकात के दौरान मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था। उनके साथ बैठकर चाय पी थी।

मोदी ने 4 दिसंबर को मुलाकात के दौरान मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था। उनके साथ बैठकर चाय पी थी।

मोदी अपनी मां से 18 जून को उनके 100वें जन्मदिन पर मिले थे। तब उन्होंने पैर धोकर आशीर्वाद लिया।

मोदी अपनी मां से 18 जून को उनके 100वें जन्मदिन पर मिले थे। तब उन्होंने पैर धोकर आशीर्वाद लिया।

यह फोटो मार्च की है। तब पीएम ने मां के साथ खिचड़ी खाई थी।

यह फोटो मार्च की है। तब पीएम ने मां के साथ खिचड़ी खाई थी।

मोदी इस साल 11 और 12 मार्च को दो दिनों के गुजरात दौरे पर थे। तब 11 मार्च को रात नौ बजे मां हीराबा से मिलने गांधीनगर पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने उनके साथ खिचड़ी खाई थी।

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PM मोदी की मां हीराबा की तबीयत स्थिर: सीएम भूपेंद्र पटेल अस्पताल के लिए रवाना, पीएम आज अहमदाबाद पहुंच सकते ... - Dainik Bhaskar
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Tuesday, December 27, 2022

Aaj Ka Mausam: अगले 48 घंटे में मौसम होगा और प्रचंड, पहाड़ से मैदान तक जारी है हाड़ कंपाने वाली ठंड - News24 Hindi

Aaj Ka Mausam: इन दिनों देश के मौसम के मिजाज में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। पूरे उत्तर भारत में मौसम बिलकुल सर्द है। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड का भीषण प्रकोप चल रहा है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार समेत कई जगहों पर पिछले कई दिनों से शीतलहर का प्रचंड प्रकोप जारी है।

इतना ही नहीं ठंड के साथ-साथ धुंध और कहरे ने भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। धुंध और कोहरे के कारण कई जगहों पर सुबह के वक्त विजिबिलिटी शून्य के करीब पहुंच जाती है जिससे यातायात काफी प्रभावित हो रहा है। कोहरे की सबसे ज्यादा मार लंबी दूरी की ट्रेनों पर भी पड़ रही है। कोहरे के कारण ट्रेनें भी लेट हो रही है तो इसे रद्द भी करना पड़ रहा है। इससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों पर बर्फबारी (Snowfall) के साथ बारिश के जारी रहने की संभावना है। हिमालयी इलाकों में पारा गिरकर शून्य से नीचे यानी माइनस में चला गया है। पानी तक जम चुका है। जिसके कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

लेह में तापमान -8.6 डिग्री सेल्सियस, हिमाचल प्रदेश के केलांग में -7.29 डिग्री सेल्सियस, गुलमर्ग में -4.8 डिग्री सेल्सियस, श्रीनगर में -3.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।

वहीं पहाड़ों से चल रही ठढ़ी हवाओं ने उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सर्दी और बढ़ा दी है। कई जगहों पर पिछले कुछ दिनों से शीतलहर जैसी हालात है। ठंड का आलम यह है कि लोग दिन में भी घर में कैद रहने को मजबूर हैं। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, समेत कई राज्यों में तापमान पारा तेजी से लुढ़कता जा रहा है।इससे लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा है।

निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के मुताबिक आज भी जम्मू-कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी जारी रहने के आसार हैं। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली उत्तरी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई इलाकों में शीत लहर की स्थिति ऐसे ही बने रहेंगे। जबकि पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली में घना कोहरा छाया रह सकता है।

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धीरूभाई ने बेटे के लिए ऐसा टीचर खोजा था, जो पढ़ाता नहीं... - Aaj Tak

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  1. धीरूभाई ने बेटे के लिए ऐसा टीचर खोजा था, जो पढ़ाता नहीं...  Aaj Tak
  2. धीरूभाई अंबानी ने जब बेटे मुकेश को MBA कोर्स के बीच में बुला लिया... प्रैक्ट‍िकल नॉलेज के लिए रखा था 'अनोखा टीचर'  Aaj Tak
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जम्मू में सुरक्षाबलों का बड़ा एक्शन, ट्रक में छुपे तीन आतंकियों को मार गिराया - Aaj Tak

जम्मू शहर के बाहरी इलाके सिधरा में आतंकियों और सुरक्षाबल में मुठभेड़ हुई है. एडीजीपी जम्मू , मुकेश सिंह ने बताया कि इलाके में 2 से 3 आतंकियों के छिपे होने की खबर थी. फिलहाल तीन को मार गिराया गया है. जब गोलीबारी हुई तब आतंकवादी एक ट्रक में थे. दोनों ओर से गोलीबारी 08 बजकर 35 मिनट पर पूरी तरह से रुक गई.  मारे गए आतंकवादी का शव बरामद किए गए हैं और अब तलाशी जारी है. 

मुकेश सिंह ने आगे बताया कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के पहले सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी. इस बीच इलाके में आज सुबह एक संदिग्ध ट्रक दिखाई पड़ा. आम तौर पर ट्रक की मूवमेंट 12 बजे रात के बाद होती है लेकिन इसे सुबह में देखा गया तो संदेह. हमने ट्रक को रोका और ड्राइवर को नीचे बुलाया. वह टॉयलेट जाने के बहाने भाग निकला. इसके बाद ट्रक की चेकिंग के दौरान फायरिंग होने लगी तो हमने इसका जवाब दिया. उनके पास काफी हथियार थे. हालांकि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि वे किस आंतकी संगठन से थे.

बता दें कि जम्मू कश्मीर में बीते माह से आतंकियों का सफाया करने के लिए सुरक्षाबल 'ऑपरेशन ऑल आउट' चला रहे हैं. सेना की ओर से ये ऑपरेशन घाटी में मौजूद विदेशी आतंकियों का सफाया करने के लिए चलाया जा रहा है. सुरक्षाबलों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर में लोकल रिक्रूटमेंट अब केवल कुछ ही जिलों में हो रहा है वो भी न के बराबर. जम्मू कश्मीर में जो विदेशी आतंकी मौजूद हैं, उनकी जिंदगी कुछ महीनों की मेहमान है. यही वजह है कि लोकल युवाओं और युवतियों को बड़े आतंकी कमांडर सूचना देने, मदद पहुंचाने के बदले पैसे दे रहे हैं. 

सुरक्षा बलों में इस समय इस बात की चिंता है कि लेडी ओवर ग्राउंड वर्कर आतंकियों की मदद के लिए काफी आगे आ रही हैं. यही वजह है कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबल इन दिनों 'ऑपरेशन लेडी ओवर ग्राउंड वर्कर' चला रहे हैं. सुरक्षाबलों के उच्च पदस्थ सूत्रों ने आजतक को ये जानकारी दी है कि कुछ दिनों से ऐसे ट्रेंड देखे जा रहे हैं कि कश्मीर घाटी में मौजूद विदेशी आतंकी और हाइब्रिड आतंकी की मदद महिला ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) की तरफ से की जा रही है. ये कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती बनकर उभर रहा है.

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जम्मू में सुरक्षाबलों का बड़ा एक्शन, ट्रक में छुपे तीन आतंकियों को मार गिराया - Aaj Tak
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PM मोदी के भाई की मर्सिडीज का एक्सीडेंट: प्रह्लाद मोदी समेत परिवार के 4 लोग घायल, पोते का पैर टूटा, कार का ... - Dainik Bhaskar

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नई दिल्ली36 मिनट पहले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी की मर्सिडीज कार का मंगलवार को कर्नाटक में एक्सीडेंट हो गया। हादसे में प्रह्लाद मोदी के पोते का पैर फ्रैक्चर हो गया। वहीं, प्रह्लाद मोदी समेत परिवार के चार लोग घायल हो गए हैं। सभी को इलाज के लिए मैसूर के जे एस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जानकारी के मुताबिक हादसा मैसूर के पास मंगलवार दोपहर दो बजे हुआ। प्रह्लाद अपनी पत्नी, बेटे, बहू और पोते के साथ बांदीपुर जा रहे थे। इसी दौरान उनकी मर्सिडीज एक रोड डिवाइडर से टकरा गई। हादसे में मर्सिडीज कार बुरी तरह से डैमेज हो गई। उसका अगला पहिया निकलकर अलग हो गया।

नीचे हादसे से जुड़ी तस्वीरें देखिए...

हादसे में मर्सिडीज पूरी तरह डैमेज हो गई। इसमें बैठे लोगों को अस्पताल ले जाया गया।

हादसे में मर्सिडीज पूरी तरह डैमेज हो गई। इसमें बैठे लोगों को अस्पताल ले जाया गया।

मैसूर के पास प्रह्लाद मोदी की मर्सिडीज इसी रोड डिवाइडर से टकरा गई थी।

मैसूर के पास प्रह्लाद मोदी की मर्सिडीज इसी रोड डिवाइडर से टकरा गई थी।

एक्सीडेंट में कार का अगला पहिया उसकी बॉडी से अलग हो गया, इसका टायर भी फट गया।

एक्सीडेंट में कार का अगला पहिया उसकी बॉडी से अलग हो गया, इसका टायर भी फट गया।

एक्सीडेंट के बाद पुलिस ने मर्सिडीज कार को रास्ते से हटाकर ट्रैफिक शुरू कराया।

एक्सीडेंट के बाद पुलिस ने मर्सिडीज कार को रास्ते से हटाकर ट्रैफिक शुरू कराया।

हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और उन्होंने कार में सवार लोगों को निकाला।

हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और उन्होंने कार में सवार लोगों को निकाला।

प्रह्लाद मोदी अपने परिवार के साथ इसी मर्सिडीज से जा रहे थे, जो डिवाइडर से टकरा गई।

प्रह्लाद मोदी अपने परिवार के साथ इसी मर्सिडीज से जा रहे थे, जो डिवाइडर से टकरा गई।

एक्सीडेंट की जानकारी मिलते ही मैसूर की एसपी सीमा लटकर मौके पर पहुंचीं। उन्होंने मौके का मुआयना किया, इसके बाद घायलों से मिलने अस्पताल के लिए रवाना हो गईं।

ऐसे ही हादसे में साइरस मिस्त्री की मौत हुई थी
4 सितंबर 2022 को टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का इसी तरह के एक सड़क हादसे में निधन हो गया था। वे अपने दोस्तों के साथ मर्सिडीज GLC 220 कार से गुजरात के उदवाड़ा में बने पारसी मंदिर से लौट रहे थे। मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर पालघर के पास उनकी कार रोड डिवाइडर से टकरा गई थी। इस हादसे में मिस्त्री और उनके दोस्त जहांगीर पंडोले (49) की मौत हो गई, जबकि कार ड्राइव कर रही महिला डॉक्टर अनायता पंडोले और उनके पति दरीयस पंडोले घायल हैं। दरीयस JM फाइनेंशियल के CEO हैं।

इसी तरह के सड़क हादसों से जुड़ी अन्य खबरें भी पढ़ें...

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का निधन: मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर डिवाइडर से टकराई मर्सिडीज​​​​​​​

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का रविवार दोपहर सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। हादसा मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर हुआ। मिस्त्री गुजरात के उदवाड़ा में बने पारसी मंदिर से लौट रहे थे। पुलिस के मुताबिक 54 साल के मिस्त्री की मर्सिडीज GLC 220 कार पालघर के कासा के पास चरोटी गांव में सूर्या नदी के पुल पर रोड डिवाइडर से टकराई थी। टक्कर के बाद मर्सिडीज के एयरबैग भी खुले, लेकिन मिस्त्री समेत दो लोगों की मौत हो गई। कार में कुल चार लोग सवार थे। पूरी खबर पढ़ें
साइरस की कार का आखिरी CCTV वीडियो, 134 KMPH की स्पीड में थी मर्सिडीज

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का 4 सितंबर को मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। साइरस मिस्त्री जिस लग्जरी मर्सिडीज कार में थे, वह करीब 134 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चल रही थी। इसका खुलासा कार के आखिरी CCTV फुटेज से हुआ है। कार ने रविवार दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर चरौती का चेक पोस्ट क्रॉस किया था। यहां से हादसे की जगह 20 KM दूर है। मर्सिडीज कार ने यह दूरी महज 9 मिनट में तय की। पढ़ें पूरी खबर...

साइरस की कार की एक्सीडेंट मिस्ट्री, पुलिस ने कार की डेटा चिप जर्मनी भेजी

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का रविवार को रोड एक्सीडेंट में निधन हो गया। उनकी मर्सिडीज बेंज GLC 220 कार अहमदाबाद-मुंबई हाईवे पर रोड डिवाइडर से टकरा गई थी। इस हादसे के बाद मर्सिडीज की हाई एंड लग्जरी कार की सेफ्टी पर भी सवाल उठे। अब पुलिस ने इसे बनाने वाली जर्मन कंपनी मर्सिडीज बेंज से इसके सेफ्टी फीचर्स को लेकर जवाब तलब किया है। पूरी खबर पढ़ें

साइरस की कार की मिस्ट्री सुलझाने पहुंची विदेशी टीम:हॉन्ग कॉन्ग के इंजीनियरों ने मर्सिडीज की जांच की

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का 4 सितंबर को मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर रोड एक्सीडेंट में निधन हो गया। साइरस की मर्सिडीज बेंज GLC 220 कार हाईवे पर सूर्या नदी के पुल पर डिवाइडर से टकराई थी। इस हाई एंड लग्जरी कार के एक्सीडेंट के बाद कार की सेफ्टी को लेकर सवाल उठे थे। पुलिस ने भारत से लेकर जर्मनी तक मर्सिडीज कंपनी के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी। पूरी खबर पढ़ें

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PM मोदी के भाई की मर्सिडीज का एक्सीडेंट: प्रह्लाद मोदी समेत परिवार के 4 लोग घायल, पोते का पैर टूटा, कार का ... - Dainik Bhaskar
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'हां, ये सही है लेकिन क्या मुल्क में यही चलता रहेगा...', ASI रिपोर्ट पर बोले प्रोफेसर इरफान हबीब - Aaj Tak

ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष ने कई दावे किए हैं. गुरुवार को वकील विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट सार्वजनिक की. उन्हों...