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Friday, March 31, 2023

Navjot Sidhu: कल पटियाला जेल से बाहर आएंगे 'गुरु', रोडरेज मामले में मिली थी एक साल की सजा - अमर उजाला

Former Punjab Congress president Navjot Singh Sidhu will be released from Patiala jail on 1st April

Navjot Singh Sidhu - फोटो : file photo

विस्तार

पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार को पटियाला की सेंट्रल जेल से रिहा हो जाएंगे। यह जानकारी सिद्धू के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी सांझा की गई है जिसमें कहा गया है कि संबंधित जेल अधिकारियों की ओर से सिद्धू की शनिवार को रिहाई के बारे में सूचित कर दिया गया है। गौरतलब है कि सिद्धू 1988 के रोड रेज मामले में इस समय पटियाला जेल में बंद है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक साल की सजा सुनाए जाने के बाद सिद्धू ने पटियाला कोर्ट में 20 मई 2022 को सरेंडर कर दिया था। खास बात यह है कि सिद्धू ने अपनी सजा के दौरान अब तक एक बार भी पैरोल नहीं ली।

पंजाब जेल नियमों के मुताबिक जेल में मिले काम को सही ढंग से निभाने वाले और अच्छे आचरण वाले कैदी को प्रत्येक महीने चार दिनों की सजा में माफी मिलती है। जेल अधिकारियों के मुताबिक सिद्धू इन दोनों पैमानों पर खरा उतरे हैं, इसलिए उन्हें 48 दिनों की सजा में माफी मिलती है। जिसके चलते वह एक अप्रैल को जेल से रिहा हो जाएंगे। गौरतलब है कि सिद्धू को पहले 26 जनवरी को रिहा करने की बात सामने आई थी, लेकिन बाद में पंजाब सरकार के सिद्धू को किसी भी तरह की छूट देने से इनकार करने के चलते रिहाई टल गई थी।


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दोपहर साढ़े 12 बजे जेल से बाहर आ जाएंगे सिद्धू
सिद्धू परिवार के बेहद करीबी जिला कांग्रेस कमेटी पटियाला शहरी के पूर्व प्रधान नरिंदर पाल लाली ने कहा कि दोपहर करीब साढ़े 12 बजे सिद्धू के बाहर आने की संभावना है। लाली ने कहा कि सिद्धू के स्वागत के लिए तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। लड्डुओं का आर्डर कर दिया है और शहर में जगह-जगह सिद्धू के स्वागत में बैनर व फ्लैक्स लगाए जाएंगे। सिद्धू को जुलूस की शक्ल में शहर के विभिन्न बाजारों से होते हुए पटियाला के यादविंदरा एनक्लेव स्थित उनकी कोठी तक लाया जाएगा। इस दौरान जगह-जगह गेट लगाकर उनका स्वागत किया जाएगा। पूरी-छोले, कड़ाह दूध का लंगर लगाया जाएगा। लड्डू बांटे जाएंगे। बाद में अपनी रिहायश पहुंच कर सिद्धू मीडिया के साथ मुखातिब होंगे।

 

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Thursday, March 30, 2023

PM मोदी नए संसद भवन पहुंचे: दोनों सदनों में फैसिलिटी का जायजा लिया, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स से बातचीत भी की - Dainik Bhaskar

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  • PM Modi Surprise Visit New Parliament Building| Inspects Various Works | Narendra Modi Interacted Construction Workers

नई दिल्ली7 घंटे पहले

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अभी लोकसभा में 590 लोगों की सीटिंग कैपेसिटी है। नई लोकसभा में 888 सीटें होंगी और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने के इंतजाम होंगे।

देश का नए संसद भवन के निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका है। प्रधानंमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार शाम नए संसद का दौरा करने पहुंचे। वहां उन्होंने एक घंटे से ज्यादा का समय बिताया और भवन का निरीक्षण किया।

इस दौरान PM ने दोनों सदनों में तैयार की जा रही फैसिलिटी का जायजा लिया। उन्होंने संसद के निर्माण में लगे मजदूरों के साथ बातचीत भी की। PM मोदी के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी मौजूद थे।

PM मोदी अचानक संसद पहुंचे। वहां उन्होंने तैयारियों का जायजा लिया।

PM मोदी अचानक संसद पहुंचे। वहां उन्होंने तैयारियों का जायजा लिया।

केंद्र सरकार ने 2019 में सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना शुरू की थी, जिसमें नए संसद भवन का निर्माण भी शामिल है। PM मोदी ने दिसंबर 2020 को इसकी आधारशिला रखी थी। पूरे प्रोजेक्ट की लागत 20 हजार करोड़ रुपए है।

प्रधानमंत्री के साथ साथ लोकसभा स्पीकर ओम विरला भी मौजूद थे। नए संसद भवन में लोकसभा फ्लोर का प्लान राष्ट्रीय पक्षी मोर की थीम पर रखा गया है।

प्रधानमंत्री के साथ साथ लोकसभा स्पीकर ओम विरला भी मौजूद थे। नए संसद भवन में लोकसभा फ्लोर का प्लान राष्ट्रीय पक्षी मोर की थीम पर रखा गया है।

नया संसद भवन तैयार, फिनिशिंग का काम बाकी
सेंट्रल विस्टा रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत तिकोने आकार का नया संसद भवन तैयार है। इसकी फिनिशिंग का काम चल रहा है। राजपथ से सटे शास्त्री भवन, उद्योग भवन, रेल भवन, विज्ञान भवन और इंदिरा गांधी नेशनल म्यूजियम अब यादों का हिस्सा हो जाएंगे। इनकी जगह नई इमारतें लेंगी।

नया भवन पुराने संसद भवन से 17 हजार वर्ग मीटर बड़ा है। इसके आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं।

नया भवन पुराने संसद भवन से 17 हजार वर्ग मीटर बड़ा है। इसके आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं।

2019 में प्रोजेक्ट शुरू हुआ, 20 हजार करोड़ लागत
प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक कई इमारतों का रि-डेवलपमेंट और कंस्ट्रक्शन हो रहा है। इसमें नया संसद भवन, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक बिल्डिंग होगी, मंत्रालय के ऑफिसों के लिए केंद्रीय सचिवालय, प्रधानमंत्री आवास, उप राष्ट्रपति आवास शामिल हैं।

अभी जो संसद भवन है, उसके सामने संसद की नई बिल्डिंग बनी है। चार मंजिला ये इमारत 13 एकड़ में है। प्रधानमंत्री आवास करीब 15 एकड़ में होगा। सितंबर 2019 में इस प्रोजेक्ट की घोषणा की गई।

ये भवन पूर्ण रूप से भूकंपरोधी है, जिसका डिजाइन 'HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड' ने तैयार किया है।

ये भवन पूर्ण रूप से भूकंपरोधी है, जिसका डिजाइन 'HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड' ने तैयार किया है।

13 एकड़ में बन रही नई इमारत
प्रस्तावित चार मंजिला इमारत 13 एकड़ में बन रही है। ये राष्ट्रपति भवन से कुछ ही दूरी पर है। पहले इस प्रोजेक्ट के 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले खत्म होने की उम्मीद थी। बाद में समय सीमा बढ़ा दी गई। सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत नया त्रिकोणीय संसद भवन, प्रधानमंत्री आवास, PMO, उप राष्ट्रपति भवन, एक कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बनाने के साथ ही राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक कॉरिडोर को नए सिरे से संवारा जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने नए संसद में 1 घंटे से ज्यादा का समय बिताया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ बातचीत भी की।

प्रधानमंत्री ने नए संसद में 1 घंटे से ज्यादा का समय बिताया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ बातचीत भी की।

क्यों बनाई जा रही नई बिल्डिंग?
मौजूदा संसद भवन को 95 साल पहले 1927 में बनाया गया था। मार्च 2020 में सरकार ने संसद को बताया था कि पुरानी बिल्डिंग ओवर यूटिलाइज्ड हो चुकी है और खराब हो रही है। इसके साथ ही लोकसभा सीटों के नए सिरे से परिसीमन के बाद जो सीटें बढ़ेंगी, उनके सांसदों के बैठने के लिए पुरानी बिल्डिंग में पर्याप्त जगह नहीं है। इसी वजह से नई बिल्डिंग बनाई जा रही है।

अधिकारियों ने दोनों सदनों में मिलने वाली फैसिलिटी के बारे में बी प्रधानमंत्री को जानकारी दी।

अधिकारियों ने दोनों सदनों में मिलने वाली फैसिलिटी के बारे में बी प्रधानमंत्री को जानकारी दी।

नई संसद की खासियत

  • अभी लोकसभा में 590 लोगों की सीटिंग कैपेसिटी है। नई लोकसभा में 888 सीटें होंगी और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने के इंतजाम होंगे।
  • अभी राज्यसभा में 280 की सीटिंग कैपेसिटी है। नई राज्यसभा में 384 सीटें होंगी और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोग बैठ सकेंगे।
  • लोकसभा में इतनी जगह होगी कि दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकेंगे।
  • संसद के हरेक अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस होंगे। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए हाईटेक ऑफिस की सुविधा होगी।
  • कैफे और डाइनिंग एरिया भी हाईटेक होगा। कमिटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों को हाईटेक इक्विपमेंट से बनाया जाएगा।
  • कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था होगी।

नए संसद भवन से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें...

25 महीने और 970 करोड़ में बनी नई संसद; देखिए नई इमारत के अंदर का हर कोना

करीब 100 साल की सर्विस के बाद देश का पुराना संसद भवन रिटायर होने वाला है। नई संसद बनकर लगभग तैयार है। इस इमारत में प्रवेश के लिए सांसदों के नए पहचान पत्र बन रहे हैं। नए ऑडियो-विजुअल डिवाइस की ट्रेनिंग दी जा रही है। पूरी खबर पढ़ें...

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Wednesday, March 29, 2023

Pak Twitter Ban In India: पाकिस्तान के खिलाफ भारत की बड़ी कार्रवाई, पाक सरकार के ट्विटर अकाउंट पर रोक - Zee News

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'सनातन को किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं', RSS चीफ मोहन भागवत बोले- केसरिया रंग... - ABP न्यूज़

RSS Chief Mohan Bhagwat Speech: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार (29 मार्च) को हरिद्वार में कहा कि सनातन धर्म को किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह समय की कसौटी पर खरा साबित हुआ है. संन्यास दीक्षा के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “आज आप भगवा रंग धारण करके इसकी प्रतिष्ठा बढ़ाने का संकल्प ले रहे हैं, लेकिन जो सनातन है, उसे किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है.”

मोहन भागवत ने आगे कहा कि "सनातन धर्म जो पहले शुरू हुआ था, आज भी है और कल भी रहेगा. बाकी सब कुछ बदल जाता है, यह पहले शुरू हुआ था, आज भी है और कल भी रहेगा. हमें अपने आचरण से लोगों को सनातन समझाना होगा." उन्होंने आगे कहा, "सनातन आ रहा है का मतलब है, सनातन कहीं गया नहीं था. सनातन हमेशा से है. हमारा दिमाग आज सनातन की ओर जा रहा है. कोरोना के बाद लोगों को काढ़े का मतलब समझ आ गया. प्रकृति ने ऐसी करवट ली है कि हर किसी को सनातन की ओर करवट लेनी होगी." 

सनातन को सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं

उन्होंने कहा कि आज आप केसरिया रंग धारण कर इसकी प्रतिष्ठा बढ़ाने का संकल्प ले रहे हैं. जो 'सनातन' है उसे किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. यह समय की कसौटी पर खरा साबित हुआ है. मोहन भागवत ने ऋषिग्राम पहुंचकर पतंजलि संन्यास में संन्यास पर्व के आठवें दिन चतुर्वेद पारायण यज्ञ किया. इस मौके पर मौजूद स्वामी रामदेव ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद पतंजलि महर्षि दयानंद, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी और स्वदेशी शिक्षा प्रणाली के सभी क्रांतिकारियों के सपने को पूरा कर रहा है. यही नहीं यहां जुड़कर न सिर्फ कमाई के रास्ते खुले, बल्कि जिंदगी भी बदल गई है.

गुलामी के संस्कारों को खत्म करने की जरूरत

स्वामी रामदेव ने कहा, "देश तो कई साल पहले आजाद हो गया, लेकिन शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था उसकी अपनी नहीं है. गुलामी के संस्कारों और प्रतीकों को खत्म करना होगा. यह काम केवल संन्यासी ही कर सकते हैं."

आज कार्यक्रम में पहुंचेंगे अमित शाह

शुक्रवार (30 मार्च) को रामनवमी के अवसर पर स्वामी रामदेव 150 युवाओं को दीक्षा देकर 'प्रतिष्ठान संन्यास' करेंगे. इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे. वह कार्यक्रम शुरू होने के बाद पतंजलि विश्वविद्यालय के नवनिर्मित भवन का भी उद्घाटन करेंगे. बता दें कि इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन के पीछे का उद्देश्य भविष्य के नेताओं को प्राचीन ऋषियों की दृष्टि के साथ प्रशिक्षित करना है, जो भारत के लिए एक ऐसी दुनिया का नेतृत्व करें जो सभी सृष्टि की भलाई के लिए सेवा में रहता है.

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अमृतपाल का पहला वीडियो आया सामने, पुलिस को खुला चैलेंज, बोला- कोई बाल बांका नहीं कर सकता - Aaj Tak

अमृतपाल ने हाल ही में वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में उसने भारत और विदेशों में सिख समुदाय के लोगों से अन्याय के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया है. उसने कहा उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन पर एनएसए लगा दिया गया. बताया जा रहा है कि भगोड़े का ये वीडियो ब्रिटेन से जारी किया गया है. ये एक से दो दिन पुराना माना जा रहा है. जिस यूट्यूब चैनल से ये वीडियो जारी हुआ है, उसे सरकार ने बैन कर दिया है.

वीडियो में भगोड़ा अमृतपाल यह कहते हुए सुना जा सकता है कि सिखों को एक बड़े मकसद के लिए एकजुट होना है. वीडियो में अमृतपाल सिंह ने 18 मार्च की घटना के बारे में बताया. साथ ही उसने बोला कि सरकार ने सभी लोगों पर यहां तक ​​कि महिलाओं और बच्चों पर भी अत्याचार किया है. सरकार ने जत्थेदार अकाल तख्त के 24 घंटे के आह्वान का भी पालन नहीं किया है.

अमृपाल ने अपने एक साथी का जिक्र किया, जिसमें वह कहता है कि बाजेके (अमृतपाल का साथी) एक साधारण सिख था और उस पर भी एनएसए लगा दिया गया. 

हमें पहले से पता था अंजाम

वीडियो में अमृतपाल बोला, हुकूमत ने प्रधानमंत्री बाजेके (अमृतपाल का साथी) के उपर जुल्म किया है. उसके ऊपर NSA लगाकर असम भेज दिया. मेरे और साथियों को असम भेजा गया. अमृतपाल अपने वीडियो में कहता है कि हमें पता था कि हम जिस रास्ते पर चल रहे हैं हमारे सामने ये भी आएगा. हमें इसका सामना करना है. 

बैसाखी पर लोगों को इकट्ठा करने की कोशिश 

अमृतपाल सिंह ने बैसाखी पर सरबत खालसा के मौके पर दुनियाभर के सभी सिख संगठनों से इसमें भाग लेने की अपील की है. साथ ही उसने कहा जत्थेदार को इस मामले में स्टैंड लेना चाहिए और सभी जत्थेदार और टकसाल को भी सरबत खालसा में भाग लेना चाहिए. 

सरबत खालसा कार्यक्रम में सिखों को न्योता

भगोड़ा अमृतपाल आगे कहता है, देश और विदेश में जो भी सिख लोग हैं, मैं उनसे अपील करता हूं कि वैशाखी पर जो सरबत खालसा का कार्यक्रम होना है, उसमें हिस्सा लें. हमारी कौम लंबे वक्त से छोटे-छोटे मसलों पर मोर्चे खोलने में उलझी हुई है. अगर हमें पंजाब के मसलों को हल कराना है तो एकसाथ आना होगा. सरकार ने जिस तरह से हमारे साथ धोखा किया है, उसको ध्यान में रखना होगा. कई साथियों को पकड़ा गया है और NSA लगा है, मेरे कई साथियों को असम में भेज दिया गया है. इसलिए मैं सभी सिखों से अपील करता हूं कि बैसाखी के मौके पर इकट्ठे हों.

'ऐतिहासिक होनी चाहिए बैसाखी' 

वीडियो में अमृतपाल कहता है कि सरकार ने जिस तरह से लोगों के बीच भय पैदा किया है, उसके बाद से सिख इस सरबत खालसा में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं. इस बार की बैसाखी ऐतिहासिक होनी चाहिए. 

क्या होता है सरबत खालसा?

सरबत खालसा एक ऐसी सभा को कहते हैं जिसमें कि कई सिख संगठन हिस्सा लेते हैं. इस दौरान पंथक संगठन आए हुए संकट का हल तलाशने के लिए चर्चा करते हैं. इसके बाद जो भी फैसला होता है तख्त साहिब के जत्थेदार कौम को उसका पालन करने के लिए आदेश देते हैं.

'मुझे गिरफ्तार करना ही नहीं चाहती थी सरकार'

वीडियो में अमृतपाल कहता है कि अगर सरकार की मंशा गिरफ्तारी की होती तो सरकार मुझे गिरफ्तार कर लेती. अगर सरकार हमें घर से गिरफ्तार करती, तो हम गिरफ्तारी दे भी देते. लेकिन सरकार ने जो रवैया अपनाया है वो ठीक नहीं है. उन्होंने लाखों की फोर्स लगाकर, घेरे डालकर मुझे गिरफ्तार करने की कोशिश की थी. उस घेरे से मुझे सतगुरु सच्चे पातशाह ने निकाला.

अमृतपाल बोला, 'उस मौके पर हमें लगा कि सरकार हमें मालवा में नहीं जाने देना चाहती थी. फिर इंटरनेट बंद हो गया, हमारा किसी के साथ संपर्क नहीं रहा. फिर खबरों का हमें पता नहीं लगा कि क्या हो रहा है. अब जब मैं खबरे देख रहा हूं, तो पता चल रहा है कि क्या हो रहा है. पंजाब की सरकार ने जुर्म की हद पार की है, जैसे सिख नौजवानों को दोषी बनाकर जेल में डाला है, औरतों और बच्चों को भी नहीं बख्शा है. ये वही काम है जो बेअंत सिंह की सरकार ने किसी टाइम पंजाब में किया था. दुनियाभर में प्रदर्शन हुए.'

वीडियो में पुलिस को चुनौती

आपको बता दें कि अमृतपाल ने अपना एक रिकॉर्डेड वीडियो पंजाबी में जारी किया है. इस वीडियो में अमृतपाल एक बार फिर से लोगों को भड़काने की कोशिश में जुटा है. भगोड़ा अमृतपाल पुलिस और सिस्टम को चुनौती देते हुए कह रहा है कि वक्त आ गया है, लोग अब कमर कस लें. अगर आप नहीं जागे तो फिर कभी नहीं हो पाएगा. साथ ही वो पुलिस को एक बार फिर से चुनौती दे रहा है.  

'कोई मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकता'

अमृतपाल ने अपनी गिरफ्तारी के बारे में बोला कि वो तो वाहे गुरु के हाथ में है. अभी मेरा वक्त अच्छा चल रहा है. कोई मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकता. वाहे गुरू ने इस मुश्किल रास्ते पर मेरा साथ दिया. वाहे गुरू की कृपा है कि मैं इतने बड़े घेरे से बाहर आ गया हूं.

कौन है अमृतपाल सिंह? 

अमृतपाल 'वारिस पंजाब दे' नामक खालिस्तानी संगठन का चीफ है. वह कुछ दिन पहले ही दुबई से लौटा है. वारिस पंजाब दे संगठन को पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू ने बनाया था. दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल ने इस पर कब्जा कर लिया. उसने भारत आकर संगठन में लोगों को जोड़ना शुरू किया. अमृतपाल का ISI लिंक बताया जा रहा है. 

कैसे चर्चा में आया अमृतपाल? 

अमृतपाल सबसे पहले 23 फरवरी को चर्चा में आया था. उसने अजनाला में अपने करीबी को छुड़ाने के लिए हजारों समर्थकों के साथ थाने पर हमला बोल दिया था. इस हमले में 6 पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे. इसके बाद उसने कई टीवी चैनलों में दिए इंटरव्यू में अलग खालिस्तान की मांग की थी. अमृतपाल ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को भी धमकी दी थी.

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Tuesday, March 28, 2023

भारत में होने जा रही इस मीटिंग में शामिल होंगे चीन-पाकिस्तान, ऐन वक्त पर लिया फैसला - Aaj Tak

भारत की मेजबानी में होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की बैठक में पाकिस्तान और चीन ने शामिल होने का फैसला किया है. लेकिन दोनों देशों के प्रतिनिधि वर्चुअल तरीके से इस बैठक में शिरकत करेंगे. 

भारत 29 मार्च को एससीओ के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की बैठक की मेजबानी करेगा. रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव एससीओ की सुरक्षा परिषदों के सचिवों की बैठक में हिस्सा लेंगे.

यह बैठक नई दिल्ली में होगी और इसमें शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी शामिल होंगे. इसके बाद एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक होगी. इसके बाद चार से पांच मई को गोवा में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक होगी. बता दें कि साल 2017 में एससीओ से जुड़ने के बाद भारत पहली बार इसकी मेजबानी कर रहा है. इससे पहले वाराणसी में हुई एससीओ के पर्यटन मंत्रियों की बैठक में भी पाकिस्तान ने शिरकत की थी. 

क्या है एससीओ?

SCO की स्थापना 15 जून 2001 में की गई थी. इसकी स्थापना सदस्य देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने के मकसद से की गई थी. संगठन के सदस्यों में रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. एससीओ की बैठक हर साल आयोजित की जाती है. फिलहाल भारत एससीओ का अध्यक्ष है.

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Supreme Court: अयोग्यता के खिलाफ सांसद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सवाल- इसमें कौन सा - ABP न्यूज़

Supreme Court Mohammed Faizal Hearing: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता मोहम्मद फैजल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बुधवार (29 मार्च) के लिए टल गई. सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद फैजल से मंगलवार (28 मार्च) को सवाल किया कि आपने हाई कोर्ट में याचिका क्यों नहीं दाखिल की? कौन से मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है. न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने राकांपा नेता की ओर से पेश वकील से ये सवाल तब किया जब उन्होंने मामले का उल्लेख करते हुए इस पर बुधवार को सुनवाई करने का अनुरोध किया. 

फैजल ने केरल हाई कोर्ट की ओर से हत्या के प्रयास के एक मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाये जाने के बावजूद उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने वाली अधिसूचना वापस नहीं लेने के लिए लोकसभा सचिवालय के खिलाफ याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मंगलवार को राकांपा नेता मोहम्मद फैजल के वकील से पूछा, "वह कौन सा मौलिक अधिकार है जिसका उल्लंघन हुआ है?" 

"हाई कोर्ट का रुख क्यों नहीं किया"

वकील ने कहा कि राकांपा नेता का निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार छीना गया है. उन्होंने कहा कि कार्रवाई पूरी तरह मनमानी है. पीठ ने उनसे पूछा कि उन्होंने हाई कोर्ट का रुख क्यों नहीं किया. इस पर वकील ने जवाब दिया कि मामला पहले से ही शीर्ष अदालत में लंबित है. इसके बाद पीठ बुधवार को मामले की सुनवाई के लिए राजी हो गई. 

लोकसभा ने सदस्यता से अयोग्य घोषित किया था

इससे पहले लक्षद्वीप के पूर्व सांसद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने कहा था कि दोषसिद्धि और सजा पर हाई कोर्ट की ओर से रोक लगाए जाने के बावजूद व्यक्ति को सांसद के रूप में बहाल नहीं किया गया है. लोकसभा सचिवालय की ओर से 13 जनवरी को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, कवारत्ती में एक सत्र अदालत की ओर से हत्या के प्रयास के एक मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख 11 जनवरी से फैजल लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य हैं.

अधिवक्ता के आर शशिप्रभु के माध्यम से शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में फैजल ने कहा कि लोकसभा सचिवालय इस तथ्य के बावजूद अधिसूचना वापस लेने में असफल रहा कि हाई कोर्ट ने 25 जनवरी को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी.

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दो महीने पहले से पता था- नहीं बचेगी 'साशा': दो और चीतों को किडनी की बीमारी की आशंका, एक्सपर्ट ने बताई मौत क... - Dainik Bhaskar

मध्यप्रदेश7 घंटे पहलेलेखक: राजेश शर्मा

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मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता 'साशा' की मौत हो गई। वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थी। 'साशा' नामीबिया से लाए गए 8 चीतों में शामिल थी। दैनिक भास्कर ने साउथ अफ्रीका में प्रिटोरिया यूनिवर्सिटी के वन्यजीव चिकित्सा विशेषज्ञ एड्रियन टॉर्डिफ से बात की। उन्होंने चीते की मौत की असल वजह बताई। टॉर्डिफ के मुताबिक मादा चीता की मौत दो महीने पहले से तय थी। चिंता वाली बात ये है कि कूनो में मौजूद 19 चीतों में से दो और चीतों पर भी खतरा मंडरा रहा है। उन्हें भी किडनी की बीमारी की आशंका है।

करीब 70 साल बाद विदेशी सरजमीं से 8 चीते भारत लाए गए थे। नामीबिया ने ये चीते भारत को तोहफे में दिए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को अपने बर्थडे पर इन्हें कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों की दूसरी खेप कूनो लाई गई थी।

मादा चीता की किडनी हुई फेल

एड्रियन टॉर्डिफ ने बताया कि मादा चीता की मौत क्रोनिक किडनी फेलियर की वजह से हुई। यह रोग नामीबिया में डेढ़ महीने बड़े पिंजरे में कैद रहने के कारण हुआ है। यह बिल्कुल भी अप्रत्याशित नहीं है। जब वह बीमार हुई थी, तब मैंने फॉरेस्ट अफसरों से कहा था कि वह कुछ महीनों से ज्यादा जीवित नहीं रह पाएगी।

'साशा' की मौत से जुड़े सवालों में पूरी वजह...

दैनिक भास्कर- मादा चीता को किडनी की बीमारी पहले हुई या बाद में?

कूनो नेशनल पार्क के अफसरों का कहना है कि जिस मादा चीते की मौत हुई है, उसे भारत लाने के पहले से ही किडनी (गुर्दे) की बीमारी थी। इसके जवाब में डॉ. एड्रियन टॉर्डिफ ने कहा- हां, इसकी बहुत संभावना है। चीतों में किडनी की बीमारी पुरानी समस्या है। आशंका है कि जब वह नामीबिया में थी, तब उसे एक समस्या थी। ​भारत स्थानांतरण से पहले इसका पता नहीं चला था। हालांकि, उसकी पुष्टि के लिए पोस्टमॉर्टम किया जाना चाहिए।

भास्कर- क्या साउथ आफ्रीका और नामीबिया में चीतों की ऐसी बीमारी से मौतें होती हैं?

एड्रियन टॉर्डिफ- इस तरह की बीमारी हो सकती है। नामीबिया में पिंजरे में काफी समय बिताया है। ऐसे 2 चीते और हैं, जिन्हें यह बीमारी हो सकती है। मुझे नहीं लगता कि नामीबिया या दक्षिण अफ्रीका के किसी भी अन्य जंगली चीते को इस बीमारी का खतरा है। क्योंकि यह बीमारी सामान्यत: उन बिल्लियों व चीतों में होती है, जिन्होंने कैद में वर्षों बिताए हैं।

भास्कर- अन्य 2 चीतों को भी यही बीमारी होने की कितनी आशंका है? उन्हें बचाने के लिए क्या इलाज है?

एड्रियन टॉर्डिफ - मुझे लगता है कि अन्य दो चीतों के लिए जोखिम अपेक्षाकृत कम है। क्योंकि वे दोनों शिकार कर रहे हैं। शवों को (सभी हड्डियों और त्वचा, आंतरिक अंगों और रक्त के साथ) खा रहे हैं। जो इस बीमारी के जोखिम को कम कर देंगे, लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि यदि पहले से ही उनकी किडनी डैमेज हों।

इन्हें बचाने के लिए कुछ विशेष परीक्षण होते हैं, जो जानवरों में लक्षण विकसित होने से पहले समस्या का पता लगाने के लिए किए जा सकते हैं। अब समस्या यह है कि ऐसा कुछ भी नहीं किया जा सकता है, जो एक बार किडनी को हुए नुकसान को ठीक करने के लिए किया जा सके।

नामीबिया से 17 सितंबर को कूनो में 8 चीते लाए गए थे।

नामीबिया से 17 सितंबर को कूनो में 8 चीते लाए गए थे।

भास्कर- कैद में रहने वाले चीतों को ही यह बीमारी क्यों होती है?

एड्रियन टॉर्डिफ - यह बीमारी समय से अधिक कैद में भोजन देने से संबंधित है। पिंजरे में कैद चीतों को अक्सर बिना त्वचा, हड्डियों और आंतरिक अंगों का ज्यादा मांस खिलाया जाता है। इससे कई तरह की समस्याएं होती हैं।

भास्कर- क्या चीतों की बीमारी के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक होते हैं। भारत में एक्सपर्ट हैं?

एड्रियन टॉर्डिफ - डॉ. सनथ मुलिया हैं, जिन्हें भारत में चीता प्रोजेक्ट के लिए अनुबंधित किया गया था, उन्हें बड़ी बिल्लियों का काफी अनुभव है। दक्षिण अफ्रीका में कुछ विशेषज्ञ हैं। फिर दुनियाभर के चिड़ियाघरों में कुछ पशु चिकित्सक हैं, जिन्हें इस स्थिति का अनुभव है। क्या चीतों की देखभाल के लिए आपको भारत फिर से बुलाया गया है? इस पर वे कहते हैं कि मुझे भारत जाने के लिए नहीं कहा गया है। हां, अफ्रीकी चीतों को बाड़े से जंगल में छोड़ा जाएगा, तब मुझे या डॉ. माइक टॉफ्ट को भारत आने के लिए कह सकते हैं।

सीसीएफ के 58 हजार हेक्टेयर के प्राइवेट रिजर्व में थी 'साशा'

भारत आई मादा चीता नामीबिया के आउटजो शहर के सीसीएफ के 58 हजार हेक्टेयर के प्राइवेट रिजर्व में पल रही थी। उसे नामीबिया के गोबाबिस में साल 2017 में कुछ किसानों ने एक खेत के पास पाया था। जिसे 2018 में चीता कंजर्वेशन फंड के सेंटर में लाया गया।

चीतों की पहली पीढ़ी के जीवनकाल पर नजर रखने की जरूरत

चीता कंजर्वेशन फंड (CCF) लॉरी मार्कर ने 'साशा' की मौत पर दुख जताया है। दैनिक भास्कर से बात करते हुए मार्कर ने कहा- यह खबर दुखद है। हालांकि, वह दो महीने से ठीक नहीं थी। गुर्दा रोग सामान्य रूप से सभी बिल्लियों और चीतों के लिए समस्या है। पशु चिकित्सक और प्रोजेक्ट चीता टीम ने उसकी सहायता के लिए 24 घंटे काम किया है, लेकिन हम जानते थे कि ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाएगी। मार्कर के मुताबिक देश में सात दशक बाद चीतों की पहली पीढ़ी के पूरे जीवनकाल पर नजर रखनी पड़ सकती है। आमतौर पर फिर से बसाए जा रहे जंतुओं की पहली पीढ़ी के लिए ऐसा किया जाता है, ताकि उनके बारे में सब कुछ जाना जाए।

भारत लाए जाने से पहले से थी किडनी की बीमारी

वन विभाग ने एक बयान जारी कर बताया कि 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में साशा का ब्लड टेस्ट किया गया था, जिसमें क्रियेटिनिन का स्तर 400 से ज्यादा था। इससे ये पुष्टि होती है कि साशा को किडनी की बीमारी भारत में लाने से पहले ही थी। कूनो में 22 जनवरी को डॉक्टरों के दल ने साशा को डेली मॉनिटरिंग के दौरान सुस्त पाया था।

वेटरनरी डॉक्टरों ने मेडिकल जांच के बाद रिपोर्ट दी थी कि उसे इलाज की जरूरत है। उसी दिन उसे क्वारैंटाइन बाड़े में लाया गया। इस दौरान उसका ब्लड सैंपल भी लिया गया। टेस्ट वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की लैब में किया गया था। इसकी रिपोर्ट के आधार पर तत्काल भोपाल से एक दल पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन के साथ कूनो राष्ट्रीय उद्यान भेजा गया था।

कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़े के कम्पार्टमेंट नंबर-5 में पिछले साल 28 नवंबर को तीन मादा चीता सवाना, साशा और सियाया को छोड़ा गया था। तीनों मादा चीता एक साथ ही कम्पार्टमेंट में रहकर शिकार भी कर रही थीं।

22 जनवरी से लगातार चल रहा था इलाज

22 जनवरी को सुस्त पाए जाने के बाद से ही कूनो राष्ट्रीय उद्यान के सभी वन्यप्राणी चिकित्सक और नामीबियाई विशेषज्ञ डॉ. इलाई वॉकर साशा का लगातार इलाज कर रहे थे। इस दौरान चीता कंजर्वेशन फाउंडेशन नामीबिया और प्रिटोरिया यूनिवर्सिटी दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञ डॉ. एड्रियन टोर्डिफ भी लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और फोन के जरिए संपर्क में रहे।

जानिए, चीतों को भारत शिफ्ट करने से पहले क्या हुआ

नामीबिया में कई दिन पहले ही चीतों को लंबे सफर के लिए तैयार करने की मुहिम शुरू हो गई थी। भारत लाए जाने वाले 8 चीतों (5 मादा और 3 नर) को पहले डेढ़ माह तक क्वारैंटाइन किया गया। खास तौर पर बनाए गए बाड़े में, जहां मध्यप्रदेश जैसा तापमान और वातावरण बनाया गया, ताकि कूनो आने के बाद खुद को यहां की आबोहवा में ढालने में मदद मिल सके।

वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की टीम की निगरानी में हर दिन लगातार इनका हेल्थ चेकअप भी होता रहा। करीब एक महीने तक इन पर नजर रखने के बाद वह दिन भी आया, जब इन्हें बाड़े से निकालकर भारत के लिए रवाना किया गया। सफर से पहले मेडिकल टीम ने चीतों की जांच की।

तेंदुआ व टाइगर से हो सकती है चीतों की मौत

रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी एमके रणजीत सिंह के मुताबिक कूनो के अलावा दो अभयारण्य नौरादेही और गांधी सागर चीतों को बसाने के लिए उपयुक्त हैं।

रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी एमके रणजीत सिंह के मुताबिक कूनो के अलावा दो अभयारण्य नौरादेही और गांधी सागर चीतों को बसाने के लिए उपयुक्त हैं।

कूनो के जंगल को सेंचुरी बनाने की पहल करने वाले रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी एमके रणजीत सिंह कहते हैं कि कूनो में जगह पर्याप्त नहीं है। उन्हें किस जंगल में छोड़ेंगे। क्या मादा चीता ब्रीडिंग नहीं करेगी? हम भविष्य में अफ्रीका पर निर्भर क्यों रहें? इसके लिए बेस्ट सेंटर मुकुंदरा है। एक चीते की मौत बीमारी से हुई। तेंदुआ और टाइगर के हमले से भी चीतों की मौत से इनकार नहीं किया जा सकता। यह सर्व विदित है। सिर्फ कूनो समस्या का हल नहीं है। नौरादेही और गांधी सागर को चीतों के लिए तैयार किया जा रहा है, लेकिन उसमें समय लगेगा, जबकि मुकुंदरा एक साल से तैयार है।

एमके रणजीत सिंह ने कहा है कि कूनो के अलावा दो अभयारण्य नौरादेही और गांधी सागर चीतों को बसाने के लिए उपयुक्त हैं। ऐसे में यहां चीतों के हिसाब से नेचर डेवलप करने की जरूरत है। इस पर सरकार को तेजी से काम करना चाहिए। इसके अलावा, कूनो में नील गाय को भी बसाने की जरूरत है।

कूनो में नामीबिया से लाए चीते की मौत

कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों में से 4 साल की मादा चीता साशा की सोमवार को मौत हो गई। नामीबिया से 17 सितंबर को 8 चीतों को लाया गया था। इन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाड़े में रिलीज किया था। इनमें साशा भी शामिल थी। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों की दूसरी खेप कूनो लाई गई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें।

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगा विपक्ष! - Jansatta

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Monday, March 27, 2023

Karnataka Bribery Case: रिश्वत लेने के मामले में कर्नाटक के BJP विधायक मदल विरुपाक्षप्पा गिरफ्तार, - ABP न्यूज़

Karnataka BJP MLA Arrested: कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) की ओर से अंतरिम जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया गया है. मदल विरुपक्षप्पा (Madal Virupakshappa) को सोमवार (27 मार्च) को तुमकुरु में क्याथासंद्रा टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया गया. बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत मदल को लोकायुक्त अधिकारियों ने एक ठेकेदार से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए दो मार्च को रंगे हाथ पकड़ा था.

आरोप है कि वे केएसडीएल कार्यालय में अपने पिता की ओर से यह रकम ले रहे थे. विरुपक्षप्पा के आवास से 7 करोड़ से अधिक की नकदी भी जब्त की गई थी. हाई कोर्ट ने पिछले सप्ताह इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. न्यायमूर्ति के. नटराजन ने चन्नागिरी से विधायक विरुपक्षप्पा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. 

क्या है पूरा मामला?

बेटे की गिरफ्तारी के बाद विरुपक्षप्पा ने केएसडीएल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. ये कथित घोटाला केएसडीएल में रसायन की आपूर्ति से संबंधित है जिसमें 81 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है. प्रशांत मदल बेंगलुरु जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड के मुख्य लेखा अधिकारी हैं. मामले की जांच कर रही लोकायुक्त पुलिस ने कहा था कि ये रिश्वत कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड को कच्चे माल की आपूर्ति के लिए एक टेंडर हासिल करने के लिए थी. 

विधायक ने आरोपों से किया इनकार

विधायक ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की ओर से फंसाया जा रहा है. उन्होंने ये भी दावा किया कि उनका बेटा, जो रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था, निर्दोष था. विधायक ने दावा किया कि किसी ने उनके बेटे के कार्यालय में साजिश के तहत पैसा भेजा था. 

पहले हाई कोर्ट से मिली थी जमानत 

लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में चार और गिरफ्तारियां की हैं. हाई कोर्ट ने इससे पहले विरुपक्षप्पा को पांच लाख रुपये के निजी मुचलके पर अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी, जिससे उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण मिला था. तब जमानत मिलने पर उनके गृह नगर में समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया था. 

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Rahul Gets Notice To Vacate Govt. Bungalow Live: राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला - Zee News

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Sunday, March 26, 2023

छत्तीसगढ़ में आज होते चुनाव तो कौन बनाता सरकार? सर्वे में सामने आए चौंकाने वाले नतीजे - ABP न्यूज़

ABP News Chhattisgarh Survey: छत्तीसगढ़ में इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है. राज्य में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार अपने कार्यों को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है, वहीं बीजेपी का कहना है कि आने वाले महीनों में माहौल उसके पक्ष में नजर आएगा. चुनाव से करीब 7 महीने पहले एबीपी न्यूज ने राज्य की जनता का मूड समझने की कोशिश की है. एबीपी न्यूज के लिए मैट्राइज ने राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर सर्वे किया है.

सर्वे के नतीजों से यह अंदाजा लगता है कि अगर आज राज्य में विधानसभा चुनाव होते तो कौन सी पार्टी सरकार बनाती. जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज, केंद्र सरकार के कामकाज को लेकर भी राय दी है, साथ ही इस बारे में भी प्रतिक्रिया दी है कि पीएम विधानसभा चुनाव में गेमचेंजर हो सकते हैं या नहीं. बता दें कि यह सर्वे 7 मार्च से 22 मार्च के बीच किया गया, जिसमें 27 हजार लोगों की राय ली गई. सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 फीसदी है. आइये जानते हैं जनता की राय.

अगर आज होते छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव तो किसे मिलता कितना वोट शेयर?

  • कांग्रेस- 44 फीसदी
  • बीजेपी- 43 फीसदी
  • अन्य- 13 फीसदी

अगर आज होते छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव तो किसे मिलती कितनी सीटें?

  • कांग्रेस- 47 से 52 सीटें
  • बीजेपी- 34 से 39
  • अन्य- 1 से 5 सीटें

सर्वे के नतीजों के मुताबिक, आज चुनाव होने की सूरत में कांग्रेस और बीजेपी के बीच फाइट का अंदाजा लगता है. जनता की राय में 44 फीसदी वोटशेयर कांग्रेस को जाता दिखा है तो वहीं, 43 फीसदी बीजेपी के पक्ष में दिख रहा है. यानी बारीक अंतर नजर आ रहा है. जहां तक सीटों की बात तो आज चुनाव होने की सूरत में जनता की राय में कांग्रेस को 47 से 52 सीटें मिलतीं, वहीं, बीजेपी के खाते में 34 से 39 सीटें जातीं, इससे अंदाजा लगता है कि छत्तीसगढ़ की सत्ता पर कौन सी पार्टी आसीन होती.

पीएम मोदी का कामकाज कैसा?

  • बहुत बेहतर- 46 फीसदी
  • संतोषजनक- 48 फीसदी
  • बेहद खराब- 06 फीसदी

केंद्र सरकार का कामकाज कैसा?

  • बहुत बेहतर- 38 फीसदी
  • संतोषजनक- 44 फीसदी
  • बेहद खराब- 18 फीसदी

क्या पीएम मोदी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में गेमचेंजर साबित होंगे?

  • बहुत ज्यादा- 38 फीसदी
  • थोड़ा बहुत- 23 फीसदी
  • कोई प्रभाव नहीं- 39 फीसदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज को 46 फीसदी लोगों ने 'बहुत बेहतर', 48 फीसदी ने लोगों ने 'संतोषजनक' बताया है, इससे अंदाजा लगता है कि 80 फीसदी से ज्यादा लोग पीएम मोदी के कामकाज को ठीक मानते हैं. वहीं, केंद्र सरकार के कामकाज को केवल 18 फीसदी लोगों ने 'बेहद खराब' बताया है.

चूंकि भूपेश बघेल सरकार के पक्ष में आंकड़े तुलनात्मक तौर पर ज्यादा नजर आ रहे हैं, ऐसे में पीएम मोदी क्या राज्य में गेमचेंजर साबित हो सकते हैं, यह सवाल अहम है, इसे लेकर सर्वे में 38 फीसदी लोगों ने कहा कि पीएम मोदी 'बहुत ज्यादा' गेमचेंजर हो सकते हैं. 23 फीसदी ने कहा कि वह 'थोड़ा-बहुत' फर्क डालेंगे. वहीं, 39 फीसदी लोग मानते हैं कि पीएम मोदी का राज्य के विधानसभा चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

यह भी पढ़ें- ABP News Survey: पीएम मोदी का कामकाज कैसा और क्या वह छत्तीसगढ़ के लिए गेम चेंजर हो सकते हैं? Desh Ka Mood सर्वे में सामने आए चौंकाने वाले नतीजे

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Akanksha Dubey: आकांक्षा ने पवन और समर सिंह के साथ कई Trending Song में किया काम, वो पांच गाने जिसने किया धमाल - अमर उजाला

भोजपुरी जगत की जानीमानी अभिनेत्री और मॉडल आकांक्षा दुबे की खुदकुशी की खबर को लोग पचा नहीं पा रहे हैं। सोशल मीडिया पर आकांक्षा दुबे का नाम ट्रेंड कर रहा है। उनके कई फैंस खुदकुशी पर सवाल भी उठा रहे हैं। आकांक्षा दुबे के वीडियो को शेयर कर लोग श्रद्धांजलि भी दे रहे हैं। आकांक्षा दुबे मूल रूप से वाराणसी से सटे भदोही जिले के चौरी थाना क्षेत्र के बदहवा गांव निवासी थी। वो अपना माता-पिता के साथ मुंबई रहती थी। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में भोजपुरी फिल्मों में अभिनय और एलबम में डांस के अलावा आकांक्षा दुबे इंस्टाग्राम पर रील्स की दुनिया में भी खूब अटेंशन पाती थीं। आकांक्षा आए दिन ही अपने यूट्यूब पर ट्रेंडिंग म्यूजिक एल्बम्स को लेकर चर्चा में रहती थी। उन्होंने पवन और समर सिंह के साथ कई ट्रेंडिंग वीडियोज में काम किया। रविवार अलसुबह सुपरस्टार पवन सिंह के साथ आकांक्षा दुबे का नया गाना 'ये आरा कभी नहीं हारा' रिलीज हुआ। इसके कुछ घंटे उनके खुदकुशी की खबर सामने आई। सूचना फैलते ही पूरी भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री शोक में डूब गई। 
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आकांक्षा दुबे ने पवन सिंह, समर सिंह, खेसारी यादव, रितेश पांडेय, अरविंद अकेला कल्लू, अंकुश राजा और राकेश मिश्रा समेत कई अन्य कलाकारों के साथ भोजपुरी के फिचर्ड गाने में काम किया। 
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समर सिंह के साथ 'छगलवा बाजता राजा', 'टिकुलिया पे',  'नमरिया कमरिया मे खोस देब' और 'ककरी भइल बा कमरिया लपक के' आदि गानों में आकांक्षा दुबे ने डांस किया था। इन गानों ने जबरदस्त धमाल मचाया था। 
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Saturday, March 25, 2023

Rahul Gandhi Disqualification: पीएम नरेंद्र मोदी पर 2018 में किए ट्वीट को लेकर खुशबू सुंदर निशाने पर, जानिए पूरा किस्सा - Jansatta

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  1. Rahul Gandhi Disqualification: पीएम नरेंद्र मोदी पर 2018 में किए ट्वीट को लेकर खुशबू सुंदर निशाने पर, जानिए पूरा किस्सा  Jansatta
  2. Rahul Gandhi Disqualified: Modi Surname पर BJP की Khusbu Sundar ने किया था Rahul Gandhi का समर्थन  Amar Ujala
  3. 'मोदी सरनेम' को लेकर किए गए ट्वीट की वजह से फिर चर्चाओं में BJP नेता खुशबू सुंदर  NDTV India
  4. Rahul Disqualified: राहुल की सदस्यता जाते ही वायरल हुआ खुशबू सुंदर का पुराना ट्वीट, कांग्रेस  ABP न्यूज़
  5. राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद वायरल हो रहा खुशबू सुंदर का यह ट्वीट कांग्रेस ने साधा निशाना..  दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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Rahul Gandhi Disqualification: पीएम नरेंद्र मोदी पर 2018 में किए ट्वीट को लेकर खुशबू सुंदर निशाने पर, जानिए पूरा किस्सा - Jansatta
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कर्नाटक: PM की सुरक्षा में दूसरी बार चूक, मोदी की तरफ भागता हुआ आया शख्स - Aaj Tak

कर्नाटक में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना सामने आई है. यहां पीएम की रैली के दौरान सुरक्षा में सेंध लगी है. तीन महीने के अंदर दूसरी बार पीएम की सुरक्षा में गड़बड़ी से हड़कंप मच गया है. एक शख्स को पीएम की तरफ दौड़ लगाने की कोशिश करते वक्त पकड़ा गया है. मौके पर पुलिसबल मुस्तैद था. जैसे ही उस शख्स ने भागने की कोशिश की तो पुलिस ने बीच रास्ते में पकड़ लिया. सुरक्षा एजेंसियों ने उसे हिरासत में ले लिया है. उससे पूछताछ की जा रही है. शख्स के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है.

ये पूरी घटना दावणगेरे की है. यहां पीएम मोदी का रोड शो निकाला जा रहा था. सड़क के दोनों तरफ भीड़ जुटी थी और नारेबाजी चल रही थी. इसी बीच, शख्स ने भागकर पीएम तक पहुंचने की कोशिश की है. पीएम की गाड़ी के पास ये शख्स पहुंच गया था. बताया गया कि ये शख्स काफिले में घुसने की कोशिश कर रहा था. पीएम के इतने करीब पहुंच जाना गंभीर सवाल माना जा रहा है.

सुरक्षा घेरा तोड़कर पीएम की कार तक पहुंचा युवक?

आज पीएम मोदी कर्नाटक के दौरे पर हैं. उन्होंने वहां जनसभा की, उसके बाद रोडशो किया. दरअसल, पीएम के रोडशो को लेकर तीन से चार लेयर की सुरक्षा रखी दी गई थी. रोड के दोनों तरफ बैरिकेड लगाए गए थे. यहां मौजूद लोगों को पहले से बता दिया गया था कि बैरिकेड जंप करके सड़क पर नहीं आना है. सिर्फ अभिवादन करना होगा. इसके बावजूद आरोपी युवक बैरिकेड जंप करके पीएम की तरफ बढ़ने लगा. हालांकि, मौके पर मौजूद पुलिस और होमगार्ड ने उसे पकड़ लिया. एसपीजी ने उसे हिरासत में ले लिया. इसे गंभीर सुरक्षा चूक माना जा रहा है.

सुरक्षा में चूक नहीं: पुलिस का दावा

ADGP लॉ एंड ऑर्डर आलोक कुमार ने कहा कि पीएम की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि आरोपी युवक का प्रयास असफल रहा है. मामले में उचित कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा में कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. यह एक असफल प्रयास था. उसे तुरंत मैंने और एसपीजी ने सुरक्षित दूरी पर पकड़ लिया.

हुबली में क्या हुआ था?

इससे पहले जनवरी में कर्नाटक के हुबली में पीएम मोदी का रोड शो था, तब एक बच्चा पीएम के करीब आ गया था. ये बच्चा छठी क्लास में पढ़ता है और पीएम मोदी को माला पहनाना चाहता था. पीएम मोदी का रोड शो जब हुबली से गुजर रहा था उस वक्त वे कार से बाहर थे और लोगों का अभिवादन करते हुए जा रहे थे. तभी सड़क किनारे खड़ा बच्चा अचानक सभी सुरक्षा इंतजामों को धता बताते हुए पीएम मोदी के लगभग करीब पहुंच गया था. बच्चे के हाथ में फूलों की माला थी और वह कथित तौर पर पीएम मोदी को माला पहनाना चाहता था. हालांकि पीएम मोदी के साथ चल रहे एसपीजी के जवानों ने तत्काल बच्चे के हाथ से फूलों की माला ले ली थी और बच्चे को वापस भेज दिया था.

इस घटना को पीएम की सुरक्षा में चूक माना गया, लेकिन कर्नाटक पुलिस ने इसे सुरक्षा चूक नहीं बताया था. बच्चे का नाम कुणाल धोंगडी है. इस बच्चे ने कहा, "मैं पीएम मोदी को माला पहनाने गया था, मैंने न्यूज में सुना था कि मोदी जी आएंगे, इसलिए मेरा मन मचल गया था और मैं परिवार के सदस्यों के साथ वहां गया था, मोदी जी अपनी कार में जा रहे थे, हम चाहते थे कि मेरे चाचा के ढाई साल का बेटा आरएसएस का यूनिफॉर्म पहनकर उन्हें माला पहनाए."

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कर्नाटक: PM की सुरक्षा में दूसरी बार चूक, मोदी की तरफ भागता हुआ आया शख्स - Aaj Tak
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PM Modi In Karnataka: कर्नाटक में पीएम मोदी ने किया मेट्रो और मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन, विपक्ष - ABP न्यूज़

PM Modi In Karnataka: पीएम मोदी ने शनिवार को कर्नाटक दौरे पर बेंगलुरु में नई मेट्रो लाइन का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने बेंगलुरु मेट्रो की व्हाइटफील्ड (कादुगोडी) से कृष्णराजपुरा मेट्रो लाइन की सवारी के लिए मेट्रो टिकट भी खरीदा. बेंगलुरु मेट्रो का ये 13.71 किलोमीटर लंबे हिस्से का ये दूसरा फेज है. इस दौरान उन्होंने मेट्रो में मौजूद लोगों से बातचीत भी की. इसके अलावा पीएम मोदी ने चिक्काबल्लापुर में श्री मधुसूदन साईं मेडिकल साइंस एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट का उद्घाटन भी किया.

इस मौके पर उन्होंने कहा कि सबके प्रयास से भारत विकसित हो रहा है. सबकी भागीदारी से देश आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज यहां जिस मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया जा रहा है, वह मानवता की सेवा के मिशन को आगे बढ़ाएगा. इस दौरान पीएम मोदी विपक्ष पर भी हमलावर रहे. उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए कुछ पार्टियों ने भाषाओं पर खेल खेला. पहले की सरकारों ने कन्नड़ में मेडिकल, इंजिनियरिंग शिक्षा पढ़ाने की दिशा में कदम नहीं उठाए. 

अमृत महोत्सव में विकास का संकल्प

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश ने विकसित होने का संकल्प लिया है. कई बार लोग पूछते हैं कि इतनी चुनौतियां हैं, इतना काम है, ये सब इतने कम समय में कैसे पूरा होगा. इसका जवाब है- सबका प्रयास. बीते 9 सालों में भारत में भी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बहुत ईमानदारी से बहुत कुशलता के काम करने का प्रयास किया गया है. देश में मेडिकल एजुकेशन से जुड़े अनेक रिफॉर्म किए गए हैं. 

हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर जोर 

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास भारत के हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने का रहा है. हमने गरीब मिडिल क्लास के आरोग्य को प्राथमिकता दी है. हमने देश में सस्ती दवाओं की दुकानों, जनऔषधि केंद्र खोले हैं. गरीबों के हित में काम करने वाली हमारी सरकार ने कन्नड़ सहित सभी भारतीय भाषाओं में मेडिकल की पढ़ाई का विकल्प दिया है. लंबे समय से देश में ऐसी राजनीति चली है, जहां गरीबों के सिर्फ वोट बैंक समझा गया है. भाजपा सरकार ने गरीब की सेवा को अपनी प्राथमिकता मानी है. 

विश्वेश्वरैय्या की समाधि पर भी गए पीएम मोदी 

पीएम मोदी चिक्काबल्लापुर में मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैय्या की समाधि पर भी गए. उन्होंने वहां कहा कि चिकबल्लापुर आधुनिक भारत के आर्किटेक्ट में से एक सर एम विश्वेश्वरैय्या की जन्मभूमि है. उनके साथ सीएम बसवराज बोम्मई भी मौजूद रहे. 

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PM Modi In Karnataka: कर्नाटक में पीएम मोदी ने किया मेट्रो और मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन, विपक्ष - ABP न्यूज़
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Friday, March 24, 2023

Rahul Gandhi Disqualified: प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर हमला, 'हमारी रगों में जो खून दौड़ता है, - ABP न्यूज़

Rahul Gandhi Disqualified Live: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वायनाड से संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई. इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. एक तरफ बीजेपी इसका बचाव करती दिख रही है वहीं, कांग्रेस लगातार हमले पर हमले कर रही है. इसी क्रम में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भाई राहुल गांधी का बचाव किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा है कि लूट पर सवाल उठाया तो बौखला गए हैं.

प्रियंका गांधी ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी जी आपके चमचों ने एक शहीद प्रधानमंत्री के बेटे को देशद्रोही, मीर जाफर कहा. आपके एक मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि राहुल गांधी का पिता कौन है? नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर सवाल उठाया… क्या आपका मित्र गौतम अडानी देश की संसद और भारत की महान जनता से बड़ा हो गया है कि उसकी लूट पर सवाल उठा तो आप बौखला गए?

‘आपको संसद से डिस्क्वालिफाई नहीं किया’

पीएम मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, “कश्मीरी पंडितों के रिवाज निभाते हुए एक बेटा पिता की मृत्यु के बाद पगड़ी पहनता है, अपने परिवार की परंपरा कायम रखता है. भरी संसद में आपने पूरे परिवार और कश्मीरी पंडित समाज का अपमान करते हुए पूछा कि वह नेहरू नाम क्यों नहीं रखते…. लेकिन आपको किसी जज ने दो साल की सजा नहीं दी. आपको संसद से डिस्क्वालिफाई नहीं किया. राहुल जी ने एक सच्चे देशभक्त की तरह अडानी की लूट पर सवाल उठाया तो बौखला गए.”

‘गांधी परिवार ने जनता की आवाज बुलंद की’

उन्होंने आगे कहा,  “आप मेरे परिवार को परिवारवादी कहते हैं, जान लीजिए, इस परिवार ने भारत के लोकतंत्र को अपने खून से सींचा. जिसे आप खत्म करने में लगे हैं. इस परिवार ने भारत की जनता की आवाज बुलंद की और पुश्तों से सच्चाई की लड़ाई लड़ी. हमारी रगों में जो खून दौड़ता है उसकी एक खासियत है… आप जैसे कायर, सत्तालोभी तानाशाह के सामने कभी नहीं झुका और कभी नहीं झुकेगा. आप कुछ भी कर लीजिए.”

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Thursday, March 23, 2023

नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी कैंसर से हैं पीड़ित, पति के नाम लिखा इमोशनल नोट - NDTV India

नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी कैंसर से हैं पीड़ित, पति के नाम लिखा इमोशनल नोट
नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर कैंसर से पीड़ित हैं. जानकारी के अनुसार उन्हें दूसरे स्टेज का कैंसर है. उन्होंने अपने इलाज की खबर अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है और लिखा है कि वो (नवजोत सिंह सिद्धू) उस अपराध के लिए जेल में है जो उसने नहीं किया है. वो हर दिन अपने पति का इंतजार कर रही हैं जो शायद उनसे अधिक पीड़ित हैं. उस अपराध में शामिल सभी लोगों को क्षमा किया जाए. हर दिन आपका इंतजार करना शायद ज्यादा तकलीफ देता है. 

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एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि आपको बार-बार न्याय से वंचित होते हुए मैं देख रही हूं. सत्य शक्तिशाली है लेकिन यह आपकी परीक्षा बार-बार लेता है. लेकिन मुझे माफ करें मैं आपका अधिक दिनों तक इंतजार नहीं कर सकती हूं. क्योंकि मुझे दूसरे स्टेज का कैंसर है. इसके लिए किसी को दोष नहीं दिया जा सकता है क्योंकि यह ईश्वर की इच्छा है. 
 

ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस पंजाब के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने लिखा, "मुझे दुख है कि आपको सर्जरी करवानी पड़ी है. शुक्र है कि यह समय पर पता चल गया. आपके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. गौरतलब है कि सिद्धू 1988 के 'रोड रेज' मामले में पटियाला के केंद्रीय कारागार में एक साल कैद की सजा काट रहे हैं. 'रोड रेज' की इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.

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जयराम महतो हिरासत में, लाठी खाने के बाद बोले- भगत सिंह के शहादत दिवस पर पुलिस गोली भी चलायेगी, तो नहीं डरेंगे - प्रभात खबर - Prabhat Khabar

जयराम महतो ने कहा कि राज्य में 2 लाख से अधिक नौकरी लोगों को मिलनी है. अगर यही नीति रही, तो झारखंड में 1.5 लाख बाहरी लोगों को नौकरी मिल जायेगी. यहां के लोग नौकरी से वंचित रह जायेंगे. फिर झारखंड क्यों बना? उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से धरना-प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने दल-बल के साथ छात्रों पर लाठीचार्ज किया. रबर के बुलेट भी दागे हैं, जिसमें कई छात्र घायल हो गये हैं. उन्होंने कहा कि भगत सिंह के शहादत दिवस पर अगर पुलिस हमारे ऊपर गोली भी चलायेगी, तो हम उससे भी नहीं डरेंगे. हम पीछे नहीं हटेंगे.

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Wednesday, March 22, 2023

World Water Day 2023: देश में कितने फीसदी लोगों को नल से मिल रहा है पीने लायक पानी? सर्वे में - ABP न्यूज़

Drinking Water Survey Report: हर साल 22 अगस्त को विश्व जल दिवस (World Water Day) मनाया जाता है. लोगों को पीने के लिए स्वच्छ, शुद्ध जल मिले और पानी का संरक्षण हो, ऐसी जरूरतों के बारे में ध्यान खींचने और जरूरी कदम उठाने के लिए इस दिन को दुनियाभर में मनाया जाता है. इसी अवसर पर भारत में पीने योग्य पानी और उसकी गुणवत्ता को लेकर एक एनजीओ ने कुछ आंकड़े साझा किए हैं.

लोकल सर्किल्स (Local Circles) नाम की गैर-सरकारी संस्था (NGO) ने 2023 के अपने सर्वे में दावा किया है कि भारत में जल आपूर्ति के आंकड़ों में पिछले वर्ष के मुकाबले सुधार आया लेकिन सर्वेक्षण में शामिल हुए केवल 3 फीसदी भारतीय परिवारों ने कहा कि स्थानीय निकाय से उन्हें पीने लायक गुणवत्ता वाला पानी मिलता है.

सर्वे के मुताबिक, 44 फीसदी लोगों ने घरों में नल के जरिये मिलने वाले पानी को 'अच्छा' बताया है लेकिन पीने में इस्तेमाल करने से पहले उसको शुद्ध करने (फ्यूरीफिकेशन) की जरूरत पर बल दिया है. नल के पानी को अच्छा बताने वाले लोगों की संख्या में पिछले वर्ष के मुकाबले इजाफा हुआ है. पिछले साल 35 फीसदी लोगों ने नल जल को अच्छा बताया था. 

पानी की क्वॉलिटी को लेकर ऐसे रहे लोगों के रिएक्शन

सर्वे के मुताबिक, 12,801 लोगों से जब स्थानीय नगर निकाय, जल विभाग और पंचायत के जरिये घरों में नल से पहुंचने वाले पानी की गुणवत्ता की रेटिंग के लिए पूछा गया तो सबसे ज्यादा 32 फीसदी लोगों ने इसे 'औसत' (Average) बताया. 29 फीसदी लोगों ने पानी की गुणवत्ता को 'अच्छा' बताया. पानी को 'बहुत अच्छा' बताने वाले केवल 15 फीसदी लोग रहे. 4 फीसदी लोगों ने जल की गुणवत्ता को 'बेहद खराब' भी बताया. 10 फीसदी लोगों ने इसे 'खराब' बताया. 8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके 'घर में नल से पानी नहीं मिलता' है. वहीं, 2 फीसदी लोगों ने कहा कि 'बता नहीं सकते.'

वहीं, पिछले 12 महीनों में ऐसे परिवारों की संख्या 2 से 3 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जिन्होंने कहा है कि स्थानीय निकाय से उनके 'घरो में पीने योग्य गुणवत्ता वाला पानी उपलब्ध कराया जाता है.' 

पानी को शुद्ध करने के लिए क्या-क्या उपाय अपनाते हैं?

सर्वे में शामिल 72 फीसदी लोगों ने कहा कि स्थानीय निकाय से मिलने वाले पानी को शुद्ध बनाने के लिए उन्हें किसी प्रकार के आधुनिक फिल्ट्रेशन मैकेनिज्म का इस्तेमाल करना पड़ता है. पीने और खाना पकाने के लिए पानी को कैसे प्यूरीफाई करते हैं? यह पूछे जाने पर 44 फीसदी लोगों ने कहा कि वे आरओ (RO) का इस्तेमाल करते हैं. 28 फीसदी लोगों ने कहा कि वे 'वॉटर प्यूरीफायर' का इस्तेमाल करते हैं.

2 फीसदी लोगों ने कहा कि वे 'क्लोरीन, फिटकरी या अन्य जरूरी मिनरल्स' का इस्तेमाल करके पानी को शुद्ध करते हैं. 11 फीसदी लोगों ने उबालकर पानी को शुद्ध करने की बात कही. 5 फीसदी लोगों ने कहा कि पानी को शुद्ध करने के लिए मिट्टी के बर्तनों (जैसे कि घड़ा) का इस्तेमाल करते हैं. 5 फीसदी लोगों ने कहा कि वे पानी को शुद्ध नहीं करते हैं, इसके उलट पीने और भोजन बनाने के लिए बोतल बंद पानी की सप्लाई पर निर्भर करते हैं. 

इतने लोगों से ली गईं प्रतिक्रियाएं

सर्वे के मुताबिक, देश के 305 जिलों में 26,000 लोगों से पानी के संबंध में सवाल-जवाब किए गए. उनमें 63 फीसदी पुरुष और 37 फीसदी महिलाएं शामिल थीं. टियर 1 से लेकर टियर 4 की श्रेणी वाले जिलों के उन लोगों को सर्वे में शामिल किया गया, जिन्हें अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कराने के लिए एनजीओ में रजिस्टर करना जरूरी होता है. 

सर्वे में यह भी बताया गया है कि 2019 के बाद से बहुत कुछ बदल गया है, जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय के निर्माण के साथ पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय (MDWS) का पुनर्गठन किया है. 

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Tuesday, March 21, 2023

अजमेर में झूला गिरने का लाइव VIDEO: केबल टूटी, 30 फीट की ऊंचाई से नीचे आ गिरा झूला, 7 बच्चों समेत 15 घायल - Dainik Bhaskar

अजमेर3 घंटे पहले

अजमेर के कुंदन नगर में बने डिज्नीलैंड में मंगलवार को केबल टूटने से झूला अचानक 30 फीट की ऊंचाई से नीचे आ गिरा। हादसे में 7 बच्चों समेत 15 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। झूले में कुल 25 लोग बैठे थे। दुर्घटना के बाद मेले से झूला संचालक के साथ ही सभी दुकानदार फरार हो गए हैं। पुलिस जांच में जुटी है।

कुंदन नगर इलाके में फुस की कोठी के नजदीक 27 फरवरी को दरबार डिज्नीलैंड की शुरुआत हुई थी। इसका समापन 28 मार्च को होना था। मंगलवार की शाम करीब 7 बजे टावर झूला में 25 लोग बैठे थे। अचानक केबल टूटी और झूला ऊंचाई से नीचे आ गिरा। घायलों की हालत नाजुक बनी हुई है। उन्हें जेएलएन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई है।

बच्चों को गोद में लेकर हॉस्पिटल की ओर दौड़े परिवार वाले।

बच्चों को गोद में लेकर हॉस्पिटल की ओर दौड़े परिवार वाले।

केबल खुलने या टूटने से हुआ हादसा
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि झूला केबल के सहारे ऊपर चढ़ता है। उसी के सहारे नीचे उतरता है। ऐसी स्थिति में केबल के खुलने या टूटने के कारण यह हादसा हुआ है। वास्तविक कारण क्या है? इसका जांच के बाद ही खुलासा हो पाएगा।

ये हुए हैं घायल
हादसे में वैशाली नगर निवासी कोमल (33), पहाड़गंज निवासी वंशिका (13), सिविल लाइन निवासी भावेश (14), शीशा खान निवासी अर्शिन (12), गयासुद्दीन (35), शास्त्री नगर निवासी हर्षा (18), पुलिस लाइन निवासी सोनल अग्रवाल (20), डिग्गी बाजार निवासी आफरीन (7), किशनगढ़ निवासी नीतू (25), धोलाभाटा निवासी गीतांजलि (24), मलुसर रोड निवासी अंशु (37), वैशाली नगर निवासी लक्ष्य (9), कशिश (7), शीशाखान निवासी अम्मान (12) सहित कई लोग घायल हुए हैं।

हादसे में महिलाएं भी घायल हुईं हैं। उन्हें परिवार वाले तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे।

हादसे में महिलाएं भी घायल हुईं हैं। उन्हें परिवार वाले तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे।

अधिकारी बोले- झूले की फिटनेस ठीक थी
एडीएम सिटी भावना गर्ग ने कहा- मेले से संबंधित परमिशन ली गई थी। मेले में झूले लगाने की भी परमिशन मांगी गई थी। झूलों को लेकर मौके का निरीक्षण भी किया गया था। निरीक्षण में सही पाने के बाद परमिशन दे दी गई थी। मंगलवार को यह हादसा कैसे हुआ? हादसे का क्या कारण है? इसके जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

अजमेर के कुंदन नगर स्थित फुस की कोठी के नजदीक दरबार डिज्नीलैंड में हादसे के बाद तैनात पुलिसकर्मी। मंगलवार शाम 7 बजे 30 फीट की ऊंचाई से झूले का केबल टूट गया।

अजमेर के कुंदन नगर स्थित फुस की कोठी के नजदीक दरबार डिज्नीलैंड में हादसे के बाद तैनात पुलिसकर्मी। मंगलवार शाम 7 बजे 30 फीट की ऊंचाई से झूले का केबल टूट गया।

अचानक नीचे आ गिरा झूला
किशनगढ़ निवासी घायल वंशिका की चाची पूनम ने बताया- टावर झूला ऊपर गया। अचानक से धड़ाम से नीचे गिर गया। इस हादसे में उनकी भतीजी वंशिका खून से लथपथ हो गई। मौके पर हड़कंप मच गया था।

हादसे के बाद झूला सवार घायलों को बाहर निकाला गया। उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया गया है।

हादसे के बाद झूला सवार घायलों को बाहर निकाला गया। उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया गया है।

वैशाली नगर निवासी घायल लक्ष्य की मां लवीना ने बताया- बेटे को डिज्नीलैंड मेले में परिवार के साथ घुमाने ले गए थे। वहां पर बेटे को टावर झूले में बैठाया। झूला ऊपर गया। एकदम से नीचे गिर गया। झूले में कई बच्चे भी थे, जो काफी घायल हुए हैं।

वैशाली नगर निवासी घायल कंचन के पति राजकुमार ने बताया- उनकी पत्नी कंचन अपने दोस्तों के साथ डिज्नीलैंड मेले में घूमने के लिए गई थीं। झूला अचानक गिरने से उनकी पत्नी घायल हो गई। उनकी कमर में काफी चोट आई है। वह हॉस्पिटल में एडमिट है।

हादसे में गंभीर घायल कंचन अजमेर के वैशाली नगर की रहने वाली हैं।

हादसे में गंभीर घायल कंचन अजमेर के वैशाली नगर की रहने वाली हैं।

एडिशनल एसपी सुशील कुमार ने बताया- हादसे में किसी के जानलेवा चोट नहीं लगी है। सभी घायलों को हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है। कारणों की जानकारी की जा रही है। उधर, सूचना मिलते ही सिविल लाइन थाना पुलिस के साथ ही एडिशनल एसपी सुशील कुमार, पुलिस उप अधीक्षक इस्लाम खान, रामअवतार सिंह सहित पुलिस के अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। एडीएम सिटी भावना गर्ग भी हॉस्पिटल पहुंचीं।

इसी झूले में 25 लोग सवार हुए थे। मंगलवार शाम 7 बजे अचानक केबल टूट गई और 30 फीट की ऊंचाई से झूला नीचे आ गिरा।

इसी झूले में 25 लोग सवार हुए थे। मंगलवार शाम 7 बजे अचानक केबल टूट गई और 30 फीट की ऊंचाई से झूला नीचे आ गिरा।

रेजिडेंट हड़ताल पर, सीनियर डॉक्टर ने संभाला मोर्चा
मेले में हुए हादसे के बाद सभी घायल जेएलएन हॉस्पिटल पहुंचे। एक साथ बड़ी संख्या में घायलों के हॉस्पिटल पहुंचने पर वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया। हॉस्पिटल के रेजिडेंट्स हड़ताल पर हैं। ऐसे में सीनियर डॉक्टरों ने मोर्चा संभाला। मौके पर हॉस्पिटल के डॉक्टरों से एडीएम सिटी भावना गर्ग ने बात की और घायलों का हाल जाना।

मेला आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज

सिविल लाइन थाना प्रभारी दलबीर सिंह ने बताया- मेला आयोजक और झूला चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। झूले को अपने कब्जे में लेकर जांच की जा रही है।

झूले पर सवार वंशिका गुरनानी भी गंभीर रूप से घायल हुई हैं। अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

झूले पर सवार वंशिका गुरनानी भी गंभीर रूप से घायल हुई हैं। अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

2 गंभीर घायलों से मिलने पहुंचे विधायक देवनानी

हादसे में किशनगढ़ निवासी वंशिका गुरनानी और वैशाली नगर निवासी कंचन गंभीर रूप से घायल हुए हैं। ये दोनों हॉस्पिटल में एडमिट हैं। बाकी सभी घायलों को छुट्टी दे दी गई है। हादसे की जानकारी मिलने के बाद अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी घायलों से मिलने के लिए हॉस्पिटल पहुंचे।

विधायक ने की कार्रवाई की मांग
देवनानी ने कहा- इस हादसे में जिसका झूला है, उसकी पूरी तरह से प्रशासन के द्वारा चेकिंग की गई या नहीं। यह जांच का विषय है। मैं मांग करता हूं कि घायलों को निशुल्क ट्रीटमेंट दिया जाए। साथ ही, प्रशासन झूले वाले और मेला संचालक के खिलाफ जांच करवाए। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है, मेले को बंद रखा जाए।

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दुकान में घी चोरी करती पकड़ी गई महिला, VIDEO:बोली- मैं IAS हूं, सभी अधिकारियों के साथ जानकारी है; फिर भाग निकली

जयपुर के पॉश इलाके मालवीय नगर में एक महिला के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज किया गया है। महिला को जब दुकान मालिक ने चोरी करने पर टोका तो खुद को आईएएस अधिकारी बताया। महिला का रुतबा देख दुकान मालिक ने उसे छोड़ दिया। उसके जाने के बाद सीसीटीवी के आधार पर मानवीय नगर थाने में केस दर्ज करवाया। (पूरी खबर पढ़ें)

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मर्सडीज से ब्रेजा और फिर बाइक: ऐसे लुक बदलकर भागता रहा अमृतपाल सिंह, देखें वीडियो - ABP न्यूज़

Amritpal Singh Arrest Operation: खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल सिंह का एक नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. इससे पता चल रहा है कि वह अपना लुक (हुलिया) बदलकर भागता फिर रहा है. मर्सडीज और ब्रेजा कार के बाद, अब वह एक बाइक पर दिखा है, जिसमें उसने गुलाबी रंग की पगड़ी पहनी हुई है.

अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 18 मार्च को ऑपरेशन शुरू किया था. पुलिस लगातार उसकी धरपकड़ की कोशिश कर रही है. पुलिस ने अमृतपाल के संगठन वारिस पंजाब दे जुड़े 150 से ज्यादा लोगों को अब तक गिरफ्तार कर लिया है. मंगलवार (21 मार्च) को पंजाब इंटेलिजेंस की टीम भी अमृतपाल के घर पहुंची. अमृतपाल के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है. अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर ने रविवार और सोमवार को पुलिस को सरेंडर कर दिया था.

बाइक से भागते हुए दिखा अमृतपाल सिंह

इस तरह फरार हुआ अमृतपाल सिंह

अब तक की जानकारी के मुताबिक, अमृतपाल सिंह शनिवार (18 मार्च) को एक मर्सिडीज कार में देखा गया था, जिसे वह शाहकोट में सकड़ किनारे छोड़कर भाग गया था. पंजाब के आईजीपी सुखचैन सिंह के मुताबिक, अमृतपाल सिंह ने नंगल अंबियन गांव में गुरुद्वारा में कपड़े बदले और वहां से वो मोटरसाइकिल पर निकला था. 

एक क्लिप में वह कार से बाहर आते हुए दिख रहा है, जहां कुछ लोग बाइकों के साथ उसकी मदद के लिए मौजूद थे. पुलिस ने शक जताया है कि अमृतपाल ने फरार होने के दौरान कई बार लुक बदला.

सीसीटीवी वीडियो

पुलिस के मुताबिक, अमृतपाल की ओर से इस्तेमाल की गई ब्रेजा कार को जब्त कर लिया गया है और उसको भगाने में मदद करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें मनप्रीत मन्ना, गुरदीप सिंह, हरप्रीत सिंह और गुरभेज सिंह शामिल हैं. उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस अधिकारी ने लोगों से अपील है कि अमृतपाल सिंह को पकड़ने में सहयोग करें. अधिकारी ने कहा कि अमृतपाल सिंह की कुछ पुरानी तस्वीरें जारी की जा रही हैं ताकि लोग उसे पहचान सकें. उन्होंने कहा कि अबतक 154 लोग गिरफ्तार किए गए हैं.

पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि सरपंच मनप्रीत को गन प्वाइंट पर रखकर उससे शरण ली गई थी. उन्होंने कहा कि अभी तक एनआईए इस जांच में पंजाब पुलिस के साथ शामिल नहीं हुई है.

गांव के एक चश्मदीद ने अमृतपाल के बारे में दी ये जानकारी

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जालंधर में एक स्थानीय चश्मीद ने बताया, ''पुलिस के आने पर हमें आज सुबह जानकारी हुई कि अमृतपाल सिंह अपने सहयोगियों के साथ 18 मार्च को इस गांव में था. उसने स्थानीय गुरुद्वारा में कपड़े बदले थे, भोजन किया था और मोटरसाइकिल से चला गया था. जिन बाबाजी से पुलिस पूछताछ कर रही थी, उन्होंने स्वीकार किया है कि अमृतपाल यहां आया था.''

बता दें कि जालंधर के ग्रामीण इलाकों के लोगों से मिले सीसीटीवी फुटेज को लेकर पुंजाब पुलिस ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है. 

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'हां, ये सही है लेकिन क्या मुल्क में यही चलता रहेगा...', ASI रिपोर्ट पर बोले प्रोफेसर इरफान हबीब - Aaj Tak

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