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Sunday, December 31, 2023

नए साल पर सर्दी से नहीं मिलेगी राहत, दिल्ली-हरियाणा में घने कोहरे का रेड अलर्ट, - ABP न्यूज़

Weather Updates: दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में नए साल की पहली सुबह की शुरुआत घने कोहरे और बहुत ज्यादा ठंड के साथ होने वाली है. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने एक जनवरी के लिए इन इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया है. पंजाब के अमृतसर, फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूर्थला, लुधियाना, पठानकोट, पटियाला, रूपनगर और तरनतारन जिलों में 'कोल्ड डे' जैसे हालात और घना कोहरा रहने वाला है. 

'कोल्ड डे' उस हालात को कहा जाता है, जब लगातार दो दिनों तक न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है. राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लिए एक जनवरी को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग की तरफ से अलर्ट इसलिए जारी किया गया है, क्योंकि इन राज्यों में घना कोहरा और हाड़ कंपाने वाली सर्दी पड़ने वाली है. इन राज्यों में पहले से ही सर्दी का सितम जारी है, मगर आने वाले दिनों में भी लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है.

कोहरे का दिखने वाला है कहर

आईएमडी ने बताया, 'उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 31 दिसंबर, 2023 की रात से लेकर 2 जनवरी, 2024 की सुबह तक घने कोहरे से लेकर बहुत ज्यादा घने कोहरे के हालात रहने वाले हैं. इस दौरान विजिबिलिटी 50 मीटर से कम हो सकती है. अगले 2-3 दिनों तक राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में भी कोहरे का सितम देखने को मिलेगा.' नए साल के साथ ही पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में तापमान नीचे गिरता जाएगा, जिससे कड़ाके की ठंड पड़ेगी. 

मौसम विभाग ने बताया है कि जनवरी 2024 के पहले हफ्ते में तापमान नीचे गिरने की पूरी संभावना है. इसकी वजह से तापमान 9 से 6 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने वाला है. आईएमडी के मुताबिक, बहुत ज्यादा घना कोहरा तब होता है, जब विजिबिलिटी 0 से 50 मीटर के बीच होती है. 51 और 200 मीटर के बीच विजिबिलिटी होने पर घना कोहरा होता है. 201 और 500 मीटर के बीच मध्यम कोहरा होता है. 1000 मीटर विजिबिलिटी के दौरान हल्का कोहरा होता है. 

तापमान में होगी गिरावट

घने कोहरे और घटती विजिबिलिटी की वजह से लोगों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. अगले दो महीनों के दौरान मध्य और उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है और देश के बाकी हिस्सों में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हो सकता है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 1-3 जनवरी के बीच हल्की बारिश भी देखने को मिल सकती है. 

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अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में लगे तांबे के पाइप का क्या है महत्व, जानें - Aaj Tak

अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में लगे तांबे के पाइप का क्या है महत्व, जानें

अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन आगामी 22 जनवरी को होना है. सारी दुनिया को उस पल का इंतजार है जब श्री राम के भक्त राम लला के दर्शन कर पाएंगे. राम मंदिर के गर्भगृह में तांबे का पाइप लगाया गया है, जिसका विशेष महत्व है. देखें वीडियो.

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Friday, December 29, 2023

48 घंटे में बारिश मचाएगा कोहराम, गलन व कोहरे के बीच 29 जिलों में रेड अलर्ट जारी - Patrika News

locationप्रयागराजPublished: Dec 29, 2023 09:29:55 pm

UP Weather Today: यूपी में ठंड को लेकर मौसम विभाग के एक नया अपडेट जारी किया है। पहाड़ों में हो रही बर्फ़बारी के कारण प्रदेश में भी ठंड ने अपना विकराल रूप ले लिया है। अचानक बढ़ी ठण्ड को लेकर मौसम विभाग ने ताजा अलर्ट जारी करते हुए बताया की अगले 48 घंटे के भीतर प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है।

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UP Weather Alert: यूपी में ठंड को लेकर मौसम विभाग के एक नया अपडेट जारी किया है। पहाड़ों में हो रही बर्फ़बारी के कारण प्रदेश में भी ठंड ने अपना विकराल रूप ले लिया है। सुबह शाम गलन बहुत बढ़ गई है। धुंध की मोटी चादर ने पुरे प्रदेश को घेर रखा है। यूपी में अचानक बढ़ी ठण्ड को लेकर मौसम विभाग ने ताजा अलर्ट जारी करते हुए बताया की अगले 48 घंटे के भीतर प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। साथ ही उन्होंने बताया कि अभी अगले 2-3 दिनों तक ठंड का कहर अभी इसी तरह रहेगा।

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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के उदाहरण से पीएम मोदी ने समझाया अपने काम करने का तरीका - Aaj Tak

PM Narendra Modi Exclusive Interview: दुनिया साल 2023 को विदाई देने की तैयारी कर रही है और आने वाले साल 2024 के अपने लक्ष्य तय करने में जुटी है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया टुडे के एडिटर-इन-चीफ तथा चेयरपर्सन अरुण पुरी, वाइस-चेयरपर्सन कली पुरी और ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा से खास बातचीत की. घंटे भर की बातचीत में प्रधानमंत्री ने विभिन्न घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ अपनी अनोखी प्रबंधन शैली की विस्तार से चर्चा की.

साल 2023 की चुनौतियों से जुड़े सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि 2023 में भारत का तेज उभार बहुत महत्वपूर्ण रहा है, क्योंकि इसने विकसित भारत के हमारे प्रारूप को तय किया. हमने देश की छिपी हुई क्षमताओं को उजागर किया. अब वैश्विक मंचों पर भारत की उपस्थिति और योगदान की मांग की जाती है. ऐसे देश से जो पीछे छूट गया महसूस करता था, अब हम ऐसा देश बन गए हैं जो आगे बढकर नेतृत्व कर रहा है. ऐसे देश से जो विभिन्न मंचों पर अपनी आवाज खोजा करता था, हम ऐसा देश बन गए हैं जो नए वैश्विक मंच बनाता है. आज दुनिया की सर्वानुमत राय स्पष्ट है- यह भारत का वक्त है.

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इस सवाल पर कि क्या यह साल आपके और देश के लिए निर्णायक मोड़ है? पीएम मोदी ने कहा कि एक वर्ष के दौरान मेरी यात्रा का मूल्यांकन करने से सही तस्वीर शायद न मिले क्योंकि मेरा विजन और योजनाएं उत्तरोत्तर सामने आती गई हैं. जब मैं शुरू करता हूं तो मुझे समापन बिंदु पता होता है. लेकिन मैं शुरुआत में अंतिम मंजिल या ब्लूप्रिंट की घोषणा नहीं करता. इसलिए आज आप जो देख रहे हैं, वह वह नहीं है जिस पर मैंने काम किया है. कहीं ज्यादा बड़ी तस्वीर अंतत: सामने आएगी. मैं बड़े कैनवस पर काम करता हूं. कलाकार की तरह मैं एक बिंदु से शुरू करता हूं, पर उस समय अंतिम तस्वीर नहीं देखी जा सकती. 

पीएम ने गुजरात के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की मिसाल देते हुए कहा कि जब मैंने घोषणा की थी कि हम 182 फुट के स्टैच्यू का निर्माण करेंगे तो कइयों को लगा कि इसका संबंध गुजरात विधानसभा की 182 सीटों से है. कुछ तबकों को लगा कि यह चुनाव से पहले एक समुदाय को खुश करने के लिए किया जा रहा था. लेकिन देखिए, किस तरह यह पूरे टूरिज्म ईकोसिस्टम के रूप में विकसित हो गया है, जिसमें सभी आयु समूहों और रुचियों के लोगों के लिए कुछ न कुछ है. कुछ ही दिन पहले वहां एक दिन में 80 हजार विजिटर पहुंचे, यह स्तर है इसकी लोकप्रियता का. मैंने केवल एक चीज का वादा किया था, लेकिन वहां मैंने दर्जनों चीजें डिलिवर कीं. यह मेरी कार्यशैली है. जब भारत मंडपम का काम शुरू हुआ, किसी ने नहीं सोचा कि यहां जी20 होगा. लेकिन मैं योजनापूर्वक काम कर रहा था. अगर मैं नई पार्लियामेंट बिल्डिंग गया तो गरीबों के लिए 4 करोड़ घरों की दिशा में काम करता हूं, तो यह भी इतनी ही योजना बनाकर और समर्पण के साथ करता हूं.

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Wednesday, December 27, 2023

यूपी के सीएम योगी ने क्या फैसला लिया कि बाग-बाग हो गया जयंत चौधरी का दिल - Aaj Tak

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में मजबूत पकड़ रखने वाली राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी का दिल योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के एक फैसले से बाग-बाग हो गया है. जयंत चौधरी ने खुद अपने वेरिफाइड एक्स हैंडल (पहले ट्विटर) से इस फैसले को लेकर पोस्ट किया है. जयंत चौधरी ने अपने एक्स पोस्ट में कहा है कि मेरा जन्म दिवस है और इससे अच्छा तोहफा नहीं मिल सकता.

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दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस में 60244 सिपाहियों की भर्ती निकली है. इस भर्ती के लिए युवक निर्धारित उम्र सीमा में तीन साल छूट की मांग कर रहे थे. जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी भी युवाओं की मांग के समर्थन में थी. आरएलडी भी उम्र सीमा बढ़ाए जाने की मांग कर रही थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं की मांग मानते हुए सिपाही भर्ती के लिए निर्धारित उम्र सीमा में तीन साल की छूट देने का ऐलान कर दिया.

जयंत चौधरी ने एक्स पर किया पोस्ट

जयंत चौधरी ने यूपी सरकार के इसी फैसले को जन्मदिन का तोहफा बताया है. उन्होंने एक्स पोस्ट में यूपी सरकार के फैसले की तारीफ करते हुए यह भी कहा है कि योगीजी ने उचित निर्णय लिया है. जयंत चौधरी ने साथ ही अपनी पार्टी आरएलडी के कार्यकर्ताओं को भी क्रेडिट दिया है. उन्होंने कहा कि आरएलडी कार्यकर्ताओं ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को जबरदस्त तरीके से उठाया और अपनी बात मनवाई है.

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गौरतलब है कि जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ विपक्षी इंडिया गठबंधन में शामिल है. बीच में जयंत चौधरी की पार्टी के बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने की चर्चा भी तेजी से चल रही थी. हालांकि, खुद जयंत चौधरी ने यह साफ किया था कि हम विपक्षी गठबंधन में हैं और इंडिया गठबंधन में ही रहेंगे. पिछले दिनों पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर एक कार्यक्रम में सीएम योगी ने उनकी विशाल प्रतिमा का लोकार्पण किया था. इस कार्यक्रम के लिए जयंत चौधरी को भी न्यौता दिया गया था. लेकिन जयंत ने सीएम योगी के कार्यक्रम से दूरी बना ली थी.

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IOA ने WFI को चलाने के लिए किया 3 सदस्यीय समिति का गठन, बाजवा बने चेयरमैन, पूर्व कप्तान को दी ये जिम्मेदारी... - News18 हिंदी

नई दिल्ली. भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने निलंबित भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के दैनिक कार्यों के संचालन के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. अपने संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था. भारतीय वुशु संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह बाजवा पैनल के अध्यक्ष होंगे जबकि पूर्व हॉकी ओलंपियन एमएम सोमाया और पूर्व अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी मंजुषा कंवर इसके दो अन्य सदस्य होंगे.

खेल मंत्रालय ने रविवार को डब्ल्यूएआई (WFI) को निलंबित कर दिया था, जिसके तीन दिन पहले नए पदाधिकारी चुने गए थे. पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह को अध्यक्ष चुना गया था. खेल मंत्रालय ने इसके बाद डब्ल्यूएफआई के दैनिक कार्यों के संचालन के लिए आईओए को समिति का गठन करने को कहा था. आईओए ने एक विज्ञप्ति में कहा कि नवनिर्वाचित अध्यक्ष और डब्ल्यूएफआई के अधिकारियों ने अपने स्वयं के संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए मनमाने फैसले किए हैं और सुशासन के सिद्धांतों का भी उल्लंघन किया है.

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आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘आईओए को हाल ही में पता चला है कि नए अध्यक्ष और डब्ल्यूएफआई के अधिकारियों ने अपने स्वयं के संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए और आईओसी द्वारा समर्थित सुशासन के सिद्धांतों के खिलाफ मनमाने फैसले किए हैं. इसके अलावा उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना आईओए द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति के फैसलों को भी पलट दिया गया है.’

समिति को डब्ल्यूएफआई का संचालन करने का काम सौंपा गया है, जिसमें खिलाड़ियों का चयन, खेल गतिविधियों का आयोजन करना, बैंक खातों का संचालन, वेबसाइट का प्रबंधन और अन्य संबंधित जिम्मेदारियां शामिल हैं. बता दें कि बाजवा डब्ल्यूएफआई के मामलों को चलाने और इसके चुनाव कराने के लिए अप्रैल में आईओए द्वारा गठित तदर्थ समिति के सदस्यों में भी शामिल थे.

Tags: Indian Olympic Association, Wrestling Federation of India

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ABP C Voter Survey: क्या नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाना चाहिए? सर्वे ने चौंकाया - ABP न्यूज़

ABP Cvoter Survey: साल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. आम चुनाव में एक तरफ बीजेपी का नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) तो दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन इंडिया है. गठबंधन इंडिया की 19 दिसंबर को हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम पीएम फेस (इंडिया का संयोजक) के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने रखा. इसका समर्थन दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी किया. 

खरगे का नाम पीएम के तौर पर रखने को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी. सवाल उठ रहा था कि क्या बिहार के सीएम नीतीश कुमार इससे नाराज चल रहे हैं? क्या उन्हें गठबंधन इंडिया का संयोजक बनाया जाना चाहिए? इस बीच संयोजक के सवाल को लेकर एबीपी न्यूज़ के लिए सी-वोटर ने त्वरित सर्वे किया है. 

लोगों ने क्या कहा?
सर्वे में सवाल किया गया कि क्या नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाना चाहिए? इस पर 42 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया. वहीं 44 प्रतिशत लोगों ने नहीं में जवाब दिया. इसके अलावा 14 परसेंट लोगों ने कहा कि वो अभी इसको लेकर कुछ नहीं कह सकते. त्वरित सर्वे बिहार के 2 हजार से ज्यादा वोटरों के बीच किया गया है. 

क्या नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाना चाहिए?
हां- 42%
नहीं- 44%
पता नहीं-14%

नीतीश कुमार ने क्या कहा था?
जेडीयू नेता नीतीश कुमार तमाम अटकलों को खारिज करते हुए कई बार कह चुके हैं कि वो पीएम की रेस में नहीं है. उन्होंने सोमवार (25 दिसंबर) को भी कहा कि वो मुझे कोई मायूसी नहीं हुई, कोई नाराज़गी नहीं हुई. हमें कोई पद नहीं चाहिए.

विपक्षी गठबंधन इंडिया में जेडीयू हिस्सा है. इसके अलावा गठबंधन में आप, कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, शरद पवार की एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना सहित कई दल हैं. 

ये भी पढ़ें- विपक्ष के पीएम फेस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश का अहम बयान, 'हम पहले ये देखेंगे कि...'

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Tuesday, December 26, 2023

UP Police Bharti: उम्र में छूट देने के फैसले का जयंत चौधरी ने किया स्वागत, CM योगी के लिए कही ये बात - ABP न्यूज़

UP Police Recruitment News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर होने वाली सीधी भर्ती में सभी वर्गों के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट देने का आदेश दिया है. यूपी सरकार के इस फैसले पर खुशी जताते हुए राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी ने सीएम योगी की तारीफ की है. 

जयंत चौधरी ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट किया, "कल मेरा जन्मदिवस है और इससे अच्छा तोहफा नहीं मिल सकता. उत्तर प्रदेश में 60,244 सिपाही भर्ती में 3 साल की आयु सीमा बढ़ेगी. योगी जी ने उचित निर्णय लिया है. आरएलडी कार्यकर्ताओं ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को जबरदस्त तरीके से उठाया और अपनी बात मनवाई है." 

यूपी पुलिस सिपाही भर्ती में दी गई छूट

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद को इस संबंध में निर्देशित करते हुए कहा है कि इस साल की परीक्षा में अधिकतम आयु सीमा 22 को बढ़ाकर 25 वर्ष किया जाए. भर्ती नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से ही बड़ी संख्या में युवा आयु सीमा को बढ़ाने की मांग कर रहे थे. 

मुख्यमंत्री योगी ने युवाओं की मांग को जायज मानते हुए आरक्षी नागरिक पुलिस के पद पर भर्ती के लिए जारी प्रक्रिया में सभी वर्गों के युवाओं के लिए उच्चतम आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट देने का निर्णय लिया है. 

मुख्यमंत्री योगी ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री योगी ने एक्स पर कहा कि युवाओं के हितों एवं उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए आपकी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. इसी क्रम में यूपी पुलिस में आरक्षी नागरिक पुलिस के पद पर भर्ती हेतु जारी प्रक्रिया में सभी वर्गों के अभ्यर्थियों के लिए उच्चतम आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट देने का निर्णय लिया गया है. 

बता दें कि यूपी सरकार ने 23 दिसंबर को पुलिस भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया. सिपाही के 60 हजार से ज्यादा रिक्त पदों की भर्ती का इंतजार था. इसमें से अनारक्षित के लिए 24,102 पद, ईडब्ल्यूएस के लिए 6,024 पद, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 16,264 पद, अनुसूचित जाति के लिए 12,650 पद, अनुसूचित जनजाति के लिए 1,204 पद आरक्षित हैं.

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यूपी पुलिस भर्ती: आयु सीमा में तीन साल की छूट देने का फैसला, आजतक की खबर का बड़ा असर - Aaj Tak

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव गृह को इस बार होने वाली पुलिस भर्ती में अभ्यर्थियों की आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट दिये जाने के निर्देश दे दिए हैं. आज तक पर चली खबर में लाखों नौजवानों के दर्द पर एक रिपोर्ट के बाद यूपी सरकार ने ये सुनवाई की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस में कांस्टेबल भर्ती में आयु सीमा में छूट को लेकर डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह को निर्देश दिए. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड जल्द ही कांस्टेबल भर्ती में आयु सीमा में छूट का आदेश जारी करेगा. 

UPPRPB द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल के कुल 60,244 पद भरे जाएंगे जिसकी आवेदन प्रक्रिया 27 दिसंबर 2023 से शुरू होगी. हालांकि कई ऐसे उम्मीदवार भी हैं जो इस नोटिफिकेशन से निराश थे. दरअसल, यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए 5 साल बाद आवेदन मांगे गए हैं, ऐसे में जो लोग सालों से तैयारी कर रहे हैं, वे अब ओवरएज हो चुके हैं. उनकी सरकार से मांग थी कि उन्हें आयु सीमा में छूट दी जाए. बता दें कि इस भर्ती के लिए आयु सीमा 18 साल के कम लेकिन 22 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

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अन्य जातियों के लिए उम्र में छूट 

इस भर्ती प्रक्रिया में अन्य जातियों के लिए छूट दी गई है, लेकिन समान वर्ग के ६कैंडिडेट्स को किसी भी तरह की छूट नहीं थी. 2018 से उम्मीदवार तैयारी में जुटे हुए थे. 2018 के बाद अब पुलिस भर्ती का नोटिफिकेशन जारी हुआ है, जिसको लेकर अभ्यर्थियों की मांग थी कि सरकार को सामान्य वर्ग के लोगों के लिए 23 साल से उम्र बढ़ाकर 25 या 26 कर देनी चाहिए.

औरैया से 62 हजार उम्मीदवार कर रहे तैयारी

उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में लगभग 62 हजार लड़कों की पुलिस में भर्ती होनी है. उनका कहना है कि जब हम 2018 से तैयारी कर रहे थे तब से अब तक भर्ती नहीं निकाली गई है. जब भर्ती निकली तो हम लोग ओवर एज हो गए. उन्होंने भी मांग की थी कि सरकार को हम सामान्य लोगों को 3 साल तक की छूट देनी चाहिए थी, जिससे हम लोगों का भविष्य अंधकार में न जा सके.

आजतक ने चलाई थी खबर

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Monday, December 25, 2023

'मुझे मुख्यमंत्री बनाने में अटल जी की थी बड़ी भूमिका..', वाजपेयी सरकार के दिनों को याद कर बोले नीतीश कुमार - प्रभात खबर - Prabhat Khabar

बिहार का मुख्यमंत्री बनाने में अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका पर भी नीतीश कुमार बोले. सीएम बोले कि उनका जो मेरे प्रति प्रेम था,और उनके प्रति जो आदर का भाव मेरे अंदर है वो जीवन भर रहेगा. वो जबतक प्रधानमंत्री रहे तबतक किसी दूसरे धर्म के लोगों को भी कोई दिक्कत नहीं होती थी. नीतीश कुमार ने कहा कि वो बहुत अच्छे से सरकार चलाते थे. उनका काम काफी अच्छा होता था. मीटिंग में जब हम कुछ कहते थे तो तुरंत उसे स्वीकार करते थे. हर क्षेत्र में उन्होंने हमें मदद की है. उनके प्रति मेरा बहुत अधिक लगाव है.

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Sunday, December 24, 2023

वे भूमिहार हैं और मैं राजपूत... बृजभूषण शरण सिंह ने WFI चीफ संजय सिंह से रिश्ते पर दिया जवाब - News18 हिंदी

नई दिल्ली. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार को यहां कहा कि उनका अब इस खेल से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि उनके पास कई अन्य जिम्मेदारियां हैं जिनमें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव भी शामिल हैं. बृजभूषण ने भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद यह टिप्पणी की. इससे पहले खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया था.

बृजभूषण ने पीटीआई से कहा, “भारत में कुश्ती के संबंध में जो कुछ भी करना है वह निर्वाचित संस्था करेगी. मेरा अब इस खेल से कोई लेना-देना नहीं है. मेरी अन्य जिम्मेदारियां भी हैं, जिन पर मुझे ध्यान देना है. भविष्य में कुश्ती संघ का चुनाव कभी नहीं लडूंगा. मैं अब इस खेल की राजनीति से दूर रहूंगा.”

एक मीडियाकर्मी के इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या डब्ल्यूएफआई के नए अध्यक्ष संजय सिंह उनके करीबी थे, बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “संजय सिंह भूमिहार हैं. मैं राजपूत हूं, क्षत्रिय हूं. रिश्ता हो सकता है, दोस्ती हो सकती है. वह 15 साल से कुश्ती से जुड़े हुए हैं. क्या कुश्ती जगत में कोई ऐसा है जो मुझसे परिचित न हो?”

डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे जिसमें बृजभूषण के विश्वासपात्र संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी. बृजभूषण उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से भाजपा के मौजूदा सांसद हैं. बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित देश के चोटी के पहलवानों ने बृजभूषण पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था.

बृजभूषण के करीबी संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई के चुनाव में अध्यक्ष पद पर चुने जाने के बाद बजरंग ने शुक्रवार को अपना पद्मश्री पुरस्कार सरकार को वापस लौटा दिया था. इससे पहले गुरुवार को साक्षी मलिक ने इसी कारण से कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी.

Tags: Bajrang punia, Brij Bhushan Sharan Singh, Sakshi Malik, Wfi

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Friday, December 22, 2023

अयोध्या रेलवे स्टेशन का बदलेगा नाम, सीएम योगी ने दिए बड़े संकेत, जानें डिटेल - News18 हिंदी

अयोध्या. अयोध्या में भगवान रामलला का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को होने वाला है. इससे पहले अयोध्या में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. अयोध्या रेलवे स्टेशन के पुननिर्माण का काम भी तेजी से जारी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में अयोध्या जंक्शन रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया. सीएम योगी ने निरीक्षण करते समय रेल अधिकारियों के समक्ष स्टेशन का नाम बदलने की इच्छा जताई. उन्होंने कहा प्राण प्रतिष्ठा से पहले नए अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन हो सकता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 दिसंबर को अयोध्या का दौरा करेंगे. पीएम दौरे से पहले सीएम योगी गुरुवार को अयोध्या के दौरे पर रहे. दौरे के क्रम में उन्होंने अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के संकेत दिए. सीएम योगी ने रेल अधिकारियों से बातचीत की और कहा कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या के नए रेलवे स्टेशन के नाम में ‘जंक्शन’ की जगह ‘धाम’ जुड़ जाए, तो सही रहेगा. माना जा रहा है रेल अधिकारीयों ने उनके सुझाव को गंभीरता से लिया है. ऐसे में आने वाले दिनों में अयोध्या स्टेशन का नाम बदलने की पूरी संभावना है.

अयोध्या रेलवे स्टेशन का बदलेगा नाम, सीएम योगी ने दिए बड़े संकेत, जानें डिटेल

बता दें कि पीएम मोदी दौरे को लेकर सीएम योगी ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि अयोध्या की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए. साथ ही सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए खास योजनाएं बनाए. इन्हीं तमाम चीज़ों का जायजा लेने सीएम योगी अयोध्या पहुंचे थे. पीएम मोदी अयोध्या एयरपोर्ट के बगल में विशाल जनसभा सम्बोधित करेंगे. साथ ही पीएम मोदी श्री राम चंद्र एयरपोर्ट और अयोध्या रेलवे स्टेशन का लोकार्पण करेंगे और दो ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर लोकार्पण करेंगे.

Tags: Ayodhya News, Ayodhya ram mandir, Chief Minister Yogi Adityanath, Ram Mandir, UP news

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सांसदों का सस्पेंशन, जंतर-मंतर पर I.N.D.I.A का प्रदर्शन: राहुल बोले- 2-3 युवा संसद में घुसे तो भाजपा सांसद ... - Dainik Bhaskar

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नई दिल्ली10 घंटे पहले

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संसद से 146 सांसदों को निलंबित करने पर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के सांसद जंतर-मंतर पर जुटे हैं। - Dainik Bhaskar

संसद से 146 सांसदों को निलंबित करने पर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के सांसद जंतर-मंतर पर जुटे हैं।

संसद से 146 विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ शुक्रवार को I.N.D.I.A के नेता जंतर-मंतर पर जुटे। प्रदर्शन का नाम सेव डेमोक्रेसी प्रोटेस्ट (लोकतंत्र बचाओ प्रदर्शन) दिया गया। प्रदर्शन में लेफ्ट पार्टियां, डीएमके, एनसीपी (शरद पवार गुट), सपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, टीएमसी, जेएमएम, आरजेडी समेत अन्य दल थे।

संसद में सुरक्षा चूक पर ​राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग खुद के देशभक्त होने का दावा करते हैं, उनकी हवा निकल गई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी-शाह ने संविधान, डेमोक्रेसी को खत्म करने का प्लान बनाया है।

सेव डेमोक्रेसी प्रोटेस्ट में 12 विपक्षी दल शामिल हुए।

सेव डेमोक्रेसी प्रोटेस्ट में 12 विपक्षी दल शामिल हुए।

राहुल बोले- जो लोग संसद में घुसे, वो अंदर कैसे आए?
राहुल ने कहा, 'कुछ दिन पहले संसद भवन में दो-तीन युवा कूदकर अंदर आ गए। उन्हें कूदते हुए हम सबने देखा। वे अंदर आए, उन्होंने थोड़ा धुआं फैलाया, भाजपा के सभी सांसद भाग गए... जो अपने आप को देश भक्त कहते हैं उनकी हवा निकल गई थी।'

उन्होंने कहा, 'मैंने किसी से कहा कि देश में कहीं भी एक छोटा सा सर्वे करो कि देश के युवा मोबाइल (इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर) पर कितना समय बिताते हैं। जवाब मिला- साढ़े सात घंटे। नरेंद्र मोदी की सरकार में देश का युवा साढ़े सात घंटे सेलफोन पर रहता है, क्योंकि उसके पास रोजगार नहीं है। ये हिंदुस्तान की सच्ची हालत है। इसी के चलते वो युवा संसद में कूदकर आए।'

'मीडिया में ये बात नहीं आई कि देश में बेरोजगारी है। मीडिया ने कहा कि पार्लियामेंट के बाहर सांसद लोग बैठे थे, वहां पर राहुल गांधी ने वीडियो ले लिया। मतलब इन्होंने ये नहीं कहा कि 150 सांसदों को पार्लियामेंट के बाहर कर दिया, ये सवाल मीडिया ने नहीं उठाया कि क्यों किया, कैसे किया। हमने अमित शाह से सवाल पूछा- भैया, आप होम मिनिस्टर हो, ये दो युवा जंप करके कैसे आ गए, बेरोजगारी पर दो सवाल पूछे तो 150 लोगों को उठाकर बाहर कर दिया। ये सिर्फ 150 लोग नहीं है, ये हिंदुस्तान की जनता की आवाज हैं।'

खड़गे ने कहा, मोदी-शाह ने संविधान, डेमोक्रेसी को खत्म करने का प्लान बनाया... 3 बड़ी बातें

मल्लिकार्जुन खड़गे ने 10 मिनट स्पीच दी।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने 10 मिनट स्पीच दी।

  • 'ये I.N.D.I.A क्यों बना? मोदी-शाह ने संविधान, डेमोक्रेसी को खत्म करने का प्लान बनाया है। सस्पेंड हुए सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। देश के एक उच्च पद बैठे व्यक्ति कहते हैं कि जाति के चलते उनका अपमान हुआ। वो ये बात कैसे कर सकते हैं। जब देश में रेप होता है, दलितों को कुचला जाता है, संविधान की धज्जियां उड़ाई जाती हैं, हम नोटिस देते हैं तो कुछ नहीं होता।'
  • 'क्या मुझे ये कहना चाहिए कि दलित होने के चलते मुझे बोलने का मौका नहीं मिला। आपने सभी विपक्षी सांसदों को बाहर कर दिया और तीन क्रिमिनल बिल पास कर दिए। इन कानूनों से नागरिकों को परेशानी होने वाली है।'
  • 'आप CBI, ED, इनकम टैक्स से कितना डराते हो। आप दबाने की कोशिश करते हो, हम उठकर खड़े हो जाते हैं। जब सब एक होते हैं तो अकेला मोदी कुछ नहीं कर सकता। मोदी जी को इतना घमंड है कि हम 400 सीट जीतेंगे। आप इतने पॉपुलर तो नहीं हैं। कर्नाटक-तेलंगाना-हिमाचल में गली-गली घूमे, लेकिन हारकर आए।'

सुरजेवाला ने कहा- मोदी विपक्ष रहित सदन चाहते हैं, हुसैन ने कहा- सरकार निरंकुश है
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मोदी विपक्ष रहित सदन चाहते हैं, लेकिन हम लड़ते रहेंगे। संसद में जो लोग घुसे थे, उन्होंने रंगीन धुआं उड़ाया था, अगर यह कुछ और होता तो देश की स्थिति कुछ और होती।
प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कहा- हम सदन में सिर्फ गृह मंत्री के बयान की मांग कर रहे थे। इस पर कई सांसदों को सस्पेंड कर दिया।

कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि संसद निर्णय लेने वाली सबसे बड़ी संस्था है। 700 से ज्यादा सांसद सीधे या अप्रत्यक्ष तरीके से चुनकर आते हैं। सरकार को सांसदों को सस्पेंड करने और इसके बाद सदन चलाने का अथिकार नहीं है। सरकार पूरी तरह से निरंकुश और अलोकतांत्रिक हो गई है।

अर्जुन राम मेघवाल बोले- उन्हें स्पीकर के कहने पर विश्वास क्यों नहीं है-
इस बीच, सांसदों के निलंबन पर एक बार फिर सरकार की तरफ से पक्ष रखा गया। दो केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन राम मेघवाल और प्रल्हाद जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मेघवाल ने कहा- स्पीकर संसद का कस्टोडियन (केयरटेकर) होते हैं। लोकसभा स्पीकर ने बार-बार कहा कि वो सुरक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं। उन्हें स्पीकर की बात भरोसा क्यों नहीं है? वे (विपक्षी सांसद) जानबूझकर चुनाव में हार की बदला ले रहे हैं। संसद में घुसपैठ बड़ा मुद्दा है। इसकी जांच करने के लिए कमेटी बना दी गई है, जो अपना काम कर रही है।

फिर उपराष्ट्रपति का अपमान किया गया। कांग्रेस मानती है कि सिर्फ उनके पास सरकार चलाने का अधिकार है। उनको लगता है कि उस व्यक्ति को उपराष्ट्रपति बनना चाहिए, जिसे वे (कांग्रेस) नॉमिनेट करे। वे PM नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को नहीं देख सकते। ये एक तरह से दलित, किसान और पिछड़ी जातियों का अपमान है।

अर्जुन राम मेघवाल केंद्रीय कानून मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि देश के सर्वोच्च पदों पर कांग्रेस अपने लोग चाहती है।

अर्जुन राम मेघवाल केंद्रीय कानून मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि देश के सर्वोच्च पदों पर कांग्रेस अपने लोग चाहती है।

विंटर सेशन में 146 सांसद निलंबित
संसद सुरक्षा चूक पर विपक्षी सांसद PM मोदी और अमित शाह से बयान देने की मांग रहे थे। हंगामे के चलते 14 से 21 दिसंबर तक लोकसभा और राज्यसभा से 146 सांसद सस्पेंड हुए। इसमें सबसे ज्यादा कांग्रेस के 61 सांसद (लोकसभा से 44, राज्यसभा से 17) हैं।

सोमवार, यानी 18 दिसंबर को कुल 78 सांसदों (लोकसभा-33, राज्यसभा-45) को निलंबित किया गया था। आजादी के बाद पहली बार एक ही दिन में इतने सांसद निलंबित किए गए हैं। इससे पहले 1989 में राजीव सरकार में 63 सांसद निलंबित किए गए थे। पिछले हफ्ते भी 14 सांसदों को निलंबित किया गया था।

तारीख लोकसभा राज्यसभा
14 दिसंबर 13 1
18 दिसंबर 45 33
19 दिसंबर 49 कोई नहीं
20 दिसंबर 2 कोई नहीं
21 दिसंबर 3 कोई नहीं
कुल 112 34
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Thursday, December 21, 2023

तमिलनाडु के मंत्री-उनकी पत्नी को 3 साल कैद की सजा: आय से अधिक संपत्ति के जुर्म में कोर्ट का फैसला; विधायकी-... - Dainik Bhaskar

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चेन्नई10 घंटे पहले

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कोर्ट ने के पोनमुडी और उनकी पत्नी के खिलाफ 50-50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। दोनों 1.75 करोड़ रुपए की आय से ज्यादा प्रॉपर्टी मामले में दोषी हैं। - Dainik Bhaskar

कोर्ट ने के पोनमुडी और उनकी पत्नी के खिलाफ 50-50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। दोनों 1.75 करोड़ रुपए की आय से ज्यादा प्रॉपर्टी मामले में दोषी हैं।

मद्रास हाईकोर्ट ने 21 दिसंबर को आय से ज्यादा प्रॉपर्टी मामले में तमिलनाडु के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी और उनकी पत्नी को 3 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोनों के खिलाफ 50-50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। दोनों 1.75 करोड़ रुपए की आय से ज्यादा प्रॉपर्टी मामले में दोषी पाए गए थे।

मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद के पोनमुडी विधायक पद के लिए अयोग्य हो गए हैं। साथ ही उन्होंने मंत्री पद भी खो दिया। मामले में कोर्ट का फैसला आने से पहले तक वे उच्च शिक्षा मंत्री थे। अब यह विभाग पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री आरएस राजकन्नप्पन को दे दिया गया है।

तमिलनाडु के राजभवन की ओर से प्रेस नोट जारी कर इसकी जानकारी दी। बताया गया कि मुख्यमंत्री स्टालिन ने राज्यपाल आरएन रवि से इसकी सिफारिश की थी, जिसे राजभवन ने मंजूरी दे दी।

कोर्ट ने सरेंडर के लिए 30 दिन का समय दिया
यह फैसला न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने सुनाया। हाईकोर्ट की ओर से फैसला सुनाए जाने के बाद आरोपियों के वकील एनआर एलांगो ने अपील की, मेरे मुवक्किल की सजा 30 दिन के लिए निलंबित की जाए। जिससे वो सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकें। हाईकोर्ट ने उनकी अपील को स्वीकार कर लिया। साथ ही यह भी कहा कि निलंबन का समय पूरा होने के बाद उन्हें विल्लुपुरम में ट्रायल कोर्ट में आत्मसमर्पण करना होगा।

2016 में सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया था
सेशन कोर्ट ने 2016 में इस मामले में के पोनमुडी और उनकी पत्नी को सबूतों का अभाव होने के चलते बरी कर दिया था। 19 दिसंबर को कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए दोनों को दोषी करार दिया था। तब कोर्ट ने कहा सप्ताह के अंत में सजा सुनाने की बात कही थी।

2002 में दर्ज हुआ था केस
साल 2002 में विजिलेंस और एंटी करप्शन डायरेक्टोरेट (DVAC) ने के पोनमुडी और उनकी पत्नी के खिलाफ केस दर्ज किया था। तब राज्य में AIADMK की सरकार थी, DVAC का दावा था कि के पोनमुडी ने साल 1996-2001 तक राज्य सरकार में मंत्री पद पर रहने के दौरान अवैध प्रॉपर्टी बनाई।

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Wednesday, December 20, 2023

मणिपुर हिंसा में सात महीने पहले मारे गए 87 लोगों को आज हुआ अंतिम संस्कार, खुगा बांध के पास हुए दफन - Aaj Tak

बुधवार को चुराचांदपुर जिले के सेहकेन स्थित खुगा बांध के पास हिंसा पीड़ितों के 87 शवों को सामूहिक रूप से दफनाया गया. कड़ी सुरक्षा के बीच इन पीड़ितों-मृतकों के लिए वॉल ऑफ रिमेंबरेंस, पीस ग्राउंड, तुईबोंग में शोक समारोह आयोजित किया गया. रविवार रात को दो आदिवासी समुदायों के सदस्यों के बीच झड़प के बाद जिले में धारा 144 अभी भी लागू है. 

बीते 8 महीनों से मुर्दाघरों में थे शव
बता दें कि ये शव बीते आठ माह से मुर्दाघरों में थे. आठ महीने बाद कुकी-ज़ो समुदाय के 87 शवों को खुगा बांध के पास दफनाया गया है. 87 शवों में से 41 शव पिछले हफ्ते इम्फाल के मुर्दाघर से लाए गए थे जबकि 46 शव चुराचांदपुर में ही रखे थे. इस गंभीर मौके पर संयोजक ज़ो यूनाइटेड अल्बर्ट रेंथलेई ने अपने शब्दों में शोक जताया तो वहीं गुडविल काउंसिल के अध्यक्ष रेव डॉ. एस वुंगमिनथांग ने भी शोक व्यक्त किया. इस दौरान Joint Artist Associations ने कोरल और शोकगीत प्रस्तुत किए. इस दफन स्थल का नाम 'कुकी-हमार-मिज़ो-ज़ोमी शहीद Cemetary' रखा गया है. 

15 दिसंबर को दफनाए गए थे 19 शव
बता दें कि इसके पहले बीते 15 दिसंबर को 19 शवों को सामूहिक कार्यक्रम में दफनाया गया था. एक बयान में कहा कि शवों को सौंपने से आठ महीने की लंबी उथल-पुथल, हृदयविदारक और निराशा के बाद हमारे मृत भाइयों और बहनों की बहुप्रतीक्षित घर वापसी हुई है. फैजंग गांव में शहीद कब्रिस्तान में "आप हमारे कल के लिए अपना आज बलिदान करें" थीम के तहत सामूहिक शवों को दफनाने की प्रक्रिया की गई थी. इस दौरान गांव के स्वयंसेवकों द्वारा बंदूक की सलामी के साथ शोक संवेदना व्यक्त की गई.

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Tuesday, December 19, 2023

कितना खतरनाक है कोरोना का JN.1 वैरिएंट? WHO ने किया क्लासिफाइड, क्या कहा? - ABP न्यूज़

WHO On JN.1 Variant: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में क्लासिफाइड किया है लेकिन कहा है कि इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को ज्यादा खतरा नहीं है. JN.1 को पहले इसके मूल वंश BA.2.86 के एक हिस्से के रूप में वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के तौर पर वर्गीकृत किया गया था.

डब्ल्यूएचओ ने कहा, ''मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर जेएन.1 से उत्पन्न अतिरिक्त वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को वर्तमान में कम माना गया है." न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, डबल्यूएचओ ने कहा कि मौजूदा टीके जेएन.1 और कोविड-19 वायरस के अन्य सर्कुलेटिंग वैरिएंट्स से होनी वाली गंभीर बीमारी और मृत्यु से रक्षा करते हैं.

इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सदस्य देशों से मजबूत निगरानी और सीक्वेंस शेयरिंग जारी रखने का आग्रह करते हुए कहा था कि वायरस बदल रहा है और विकसित हो रहा है.

'डब्ल्यूएचओ की सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह का पालन करें'

वहीं, WHO ने X पर एक पोस्ट में कहा था, ''डॉ. मारिया वान केरखोव (अमेरिकी महामारी विशेषज्ञ) ने श्वसन संबंधी बीमारियों कोविड-19 और जेएन.1 सब-वैरिएंट में मौजूदा उछाल के बारे में बात की है. डब्ल्यूएचओ स्थिति का आकलन करना जारी रखता है. इस छुट्टियों के मौसम में अपने परिवार और दोस्तों को सुरक्षित रखने के लिए डब्ल्यूएचओ की सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह का पालन करें.''

भारत में सामने आ चुका है जेएम.1 का मामला

बता दें कि 8 दिसंबर को भारत में भी जेएन.1 वैरिएंट का पहला मामला सामने आया था. केरल में एक 79 वर्षीय महिला इससे संक्रमित हुई थी. इस मामले के सामने आने पर केरल समेत पड़ोसी राज्य अलर्ट हो गए थे. वहीं, सोमवार (18 दिसंबर) को केंद्र सरकार ने कोरोना की स्थिति पर निगरानी रखने और अलर्ट रहने से संबंधित सलाह राज्यों के लिए जारी की थी. केंद्र ने राज्यों को सलाह दी है कि वे आरटी-पीसीआर समेत पर्याप्त टेस्ट सुनिश्चित किए जाएं और पॉजिटिव नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए INSACOG प्रयोगशालाओं में भेजे जाएं.

यह भी पढ़ें- क्रिसमस और न्यू ईयर से पहले कोरोना को लेकर केंद्र अलर्ट, राज्यों को पत्र लिखकर दिए ये निर्देश

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सांसदों के निलंबन से विपक्ष ने ले ली थी बढ़त लेकिन 4 चूक हुईं और सब हो गया चौपट - Aaj Tak

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर विपक्ष को बैकफुट पर लाने का काम किया है.सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर विपक्ष ने सत्ता पक्ष से बढ़त ले ली थी. पर विपक्ष की सारी लड़ाई पर राहुल गांधी की एक चूक भारी पड़ गई.  संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पिछले हफ्ते बुधवार 13 दिसंबर  के दिन लोकसभा में स्मोक कलर अटैक हुआ. इसके बाद से विपक्ष लगातार संसद की सुरक्षा को लेकर सदन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग करते हुए हंगामा और विरोध प्रदर्शन कर रहा है. बात यहां तक पहुंच गई कि विपक्ष के 141 सांसद निलंबित कर दिए गए. 

इस तरह विपक्ष ने देश भर में आम लोगों के सामने सरकार के तानाशाहीपूर्ण रवैये को सामने रखा और अपने लिए हमदर्दी हासिल कर ली थी. सब कुछ विपक्ष के लिए बहुत पॉजिटिव चल रहा था. पर राहुल गांधी ने कुछ ऐसा किया जिसकी उम्मीद देश की जनता को नहीं थी. संसद के गेट पर धरना प्रदर्शन करते हुए एक टीएमसी सांसद राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री के जरिए मजाक उड़ा रहे थे और राहुल गांधी भी खुद हंसते हुए उस सांसद की वीडियो बना रहे थे. इस वीडियो के आने पर विपक्ष बैकफुट पर आ गया और बीजेपी नेता राहुल गांधी के वीडियो बनाते हुए क्लिप को लगातार वायरल कर रहे हैं. आइये देखते हैं कि किस तरह राहुल गांधी ने विपक्ष का काम खराब कर दिया.

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1- संसद के बाहर धरना सही, लेकिन राज्‍यसभा सभापति धनखड़ की मिमिक्री ने सब चौपट कर दिया

दरअसल राज्यसभा सभापति पदेन उपराष्ट्रपति भी होता है. जगदीप धनखड़ बहुत पुराने नेता है. उनकी उम्र भी हो चुकी है. नई दिल्ली और आस पास के क्षेत्र में जाट समाज का बोलबाला है. जाट समाज यूं तो किसी को वोट दे पर समाज के प्रतिष्ठित शख्सियत के अपमान पर एकजुट नजर आता है. वैसे भी एक बुजुर्ग आदमी की बॉडी लैंग्वेज का मजाक बनाना बेहद भद्दा है. उसमें भी अगर यह किसी सांसद द्वारा किया जाए यह तो वास्तव में भारतीय लोकतंत्र के लिए शर्मिंदगी की बात है. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी की इस हरकत पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लिखा कि  

"घमंडिया गठबंधन के सांसदों के इस 'Reel' वीडियो ने उनके ओछापन का 'Real' चेहरा देश के सामने उजागर कर दिया. संसद, संसदीय प्रक्रिया, संसदीय प्रणाली का सरेआम उड़ाया जा रहा यह मजाक देश देख रहा है."

विपक्ष की हालत 'चोर मचाये शोर' वाली है. आज देश के समक्ष दूध का दूध और पानी का पानी हो रहा है कि क्यों कुछ सदस्य निलंबित हैं. ऐसी घटिया हरकत करते हुए इनको जरा भी शर्म नहीं आयी, बल्कि “मोहब्बत के कथित स्वघोषित ठेकेदार” इस ओछापन की reel बनाने में भी मशगूल हैं. घमंडिया गठबंधन के दलों में यह होड़ मची है क़ि कौन कितना नीचे गिरेगा. जो जितना गिरेगा शायद वह उतना ही घमंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने का हक़दार होगा. 

लोकतंत्र की दुहाई देकर संसद को बार-बार बंधक बनाने वाले इन लोगों में लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रतीकों के लिए थोड़ा भी सम्मान नहीं है. जब सत्ता में होते हैं तो लोकतंत्र को अपना गुलाम समझते हैं और जब सत्ता में नहीं होते हैं तो लोकतंत्र को बदनाम करने में लगे रहते हैं. देश इनके दोहरे चरित्र को भलीभांति समझ गया है. इस फूहड़पन के लिए कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन को इस बार देश की जनता दो डिजिट में समेट देगी.

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2- कल्‍याण बनर्जी की मिमिक्री अपनी जगह है, राहुल गांधी ने वीडियो रिकॉर्डिंग करके सब चौपट कर दिया

टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने जो किया वो बहुत गलत है, पर राहुल गांधी ने जो किया वो बहुत ही गलत की कटैगरी में आ जाता है. राहुल गांधी अगर वीडियो नहीं बनाते तो शायद यह मामला सामने आता ही नहीं. बहुत लोग वीडियो बना रहे थे और बहुत लोग देश के तमाम सम्मानित लोगों की बॉडी लैंग्वेज की नकल कर उनका मजाक बनाते रहते हैं. हो सकता है कि संसद में भी यह आए दिन होता हो. कल्याण बनर्जी को कौन जानता है. हो सकता है कि इसके पहले कल्याण बनर्जी पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की भी इस तरह से हंसी उड़ा चुके हों. पर चूंकि कल्याण बनर्जी को कोई जानता ही नहीं है इसलिए मामला तूल नहीं पकड़ता. राहुल गांधी विपक्ष के सबसे बड़े दल के सबसे बड़े नेता हैं. इंडिया गठबंधन अगर अस्तित्व में आता है चुनावों में विजयी होता है तो उन्हें पीएम बनते हुए भी हम देख सकते हैं. इसलिए उनका वीडियो बनाना लोगों को नहीं पचेगा. इस घटना के बाद कांग्रेस पर बीजेपी भी हमलावर हुई है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस पार्टी की जमकर बखिया उखाड़ी है. जगदीप धनखड़ ने अपने सदन के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा.

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माननीय सदस्यों,

मैंने सदन स्थगित कर दिया है. लोगों के मन में इस संस्था के ख़िलाफ़ किस तरह की प्रतिक्रिया है, इसका अंदाज़ा आपको नहीं है और हमें इसका सबसे निचला स्तर देखने का मौक़ा मिला.

श्री चिदम्बरम यहाँ हैं. श्री चिदम्बरम, आप बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं. कल्पना कीजिए कि मेरे दिल पर क्या बीत रही होगी जब आपके वरिष्ठ नेता एक संसद सदस्य को चेयरमैन की संस्था का मजाक उड़ाते हुए वीडियोग्राफी कर रहे होंगे, जैसा कि एक व्यक्ति मेरे बारे में सोचता है.

एक किसान के रूप में मेरी पृष्ठभूमि को न समझें, समुदाय के सदस्य के रूप में मेरी पृष्ठभूमि को न लें. चेयरमैन की संस्था को तहस-नहस कर दिया गया है और वह भी एक राजनीतिक दल द्वारा, जो इतनी आगे बढ़ गई है कि एक वरिष्ठ सांसद, दूसरे सदस्य की वीडियोग्राफी करता है. किस लिए?

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मैं आपको बताता हूं, मुझे कष्ट हुआ था. इंस्टाग्राम पर, श्रीमान चिदम्बरम, आपकी पार्टी ने एक वीडियो डाला था जिसे बाद में वापस ले लिया गया. यह मेरे लिए शर्म की बात थी. आपने मुझे अपमानित करने, मेरा अपमान करने, एक किसान के रूप में मेरी पृष्ठभूमि का अपमान करने, एक जाट के रूप में मेरे पद का अपमान करने, एक अध्यक्ष के रूप में मेरे पद का अपमान करने के लिए प्रवक्ता के आधिकारिक ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल किया.

सर, ये बहुत गंभीर मामला है. 

जगदीप धनखड़ के साथ जो हुआ उससे जाट समाज ने नाराजगी जाहिर की है. उत्तर भारत में हरियाणा-राजस्थान और पश्चिमी यूपी में जाट बहुत प्रभावशाली कम्युनिटी है. इनके वोट भी निर्णायक होते हैं. हरियाणा में तो जाट एकतरफा कांग्रेस को सपोर्ट करते रहे हैं. शायद यही कारण रहा कि कांग्रेस ने इसे अपने एकाउंट से डिलिट कर दिया. 

3- संसद की सुरक्षा की चिंता जायज, लेकिन हमलावरों से सहानुभूति ने काम खराब करना शुरू 

संसद की सुरक्षा में लापरवाही हुई ये सही है. इस पर सरकार बुरी तरह घिरी हुई थी. एक बीजेपी सांसद ने हमलावरों को पास जारी किया था. यह बात और भी अधिक सरकार के लिए शर्मिंदगी वाली थी. पर बाद में विपक्ष के नेता जैसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी, आरजेडी नेता मनोज झा, कांग्रेस से जुड़े योगेंद्र यादव आदि ने यह कहकर मामले को गलत मोड़ दे दिया कि संसद पर हमले का कारण बेरोजगारी और महंगाई है .राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'Jobs कहां हैं? युवा हताश हैं- हमें इस मुद्दे पर फोकस करना है, युवाओं को नौकरी देनी है. सुरक्षा चूक जरूर हुई है, मगर इसके पीछे का कारण है देश का सबसे बड़ा मुद्दा-बेरोज़गारी!   इसके बाद सुरक्षा का मुद्दा गौड़ हो गया और महंगाई और बेरोजगारी पर राजनीति शुरू हो गई.

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बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘राहुल गांधी और ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं को संसद की सुरक्षा में चूक की घटना में शामिल लोगों के कांग्रेस, टीएमसी और माकपा के साथ घनिष्ठ संबंधों के बारे में बताना चाहिए. राहुल गांधी को, विशेष रूप से उस असीम सरोदे के साथ अपने संबंधों को स्पष्ट करना चाहिए, जो ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का हिस्सा थे और संसद में घुसने वालों को कानूनी सहायता प्रदान करने की पेशकश की है.’

4- आसंदी से सवाल-जवाब सही, लेकिन वेल में हंगामा करके सब चौपट कर दिया

संसद सवाल जवाब के लिए ही बनी हुई है. जिम्मेदार लोगों से सवाल जवाब जरूर होना चाहिए पर संसदीय नियमों के तहत. बहस के लिए माहौल बनना चाहिए. पर जिस तरह सवाल पर जवाब मिलने के बाद विपक्ष आक्रामक हो जाता है और वेल में खड़ा होकर हंगामा करने लगता है उससे पूरी संसदीय प्रक्रिया ही चौपट हो जाती है. ऐसा ही संसद पर हमले से संबंधित सवालों को लेकर हुआ है.पिछले दिनों जिस तरह विपक्ष ने वेल में आकर हंगामा किया है उससे यही लगा कि यह जानबूझकर किया जा रहा है. इन सबके बीच आम लोगों में ये संदेश गया है संसद पर हमले की बात हो या भविष्य में संसद की सुरक्षा की बात इस पर कोई बहस करना ही नहीं चाहता है.

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सांसदों के निलंबन से विपक्ष ने ले ली थी बढ़त लेकिन 4 चूक हुईं और सब हो गया चौपट - Aaj Tak
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Monday, December 18, 2023

Parliament: राज्यसभा से विपक्ष के 45 सांसद निलंबित, संसद में आज कुल 78 MPs पर गिरी गाज - News18 हिंदी

नई दिल्ली. राज्यसभा ने सोमवार को सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए विपक्षी दलों के 34 सदस्यों को मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए तथा 11 सदस्यों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित कर दिया. सभापति जगदीप धनखड ने सदन में हंगामे को लेकर विपक्षी दलों के 34 सदस्यों का नाम लिया.

आसन द्वारा सदस्यों का नाम (नेम करना) लिया जाता है तो इसे उन सदस्यों को निलंबित करने की प्रक्रिया की शुरुआत माना जाता है. इसके बाद नेता सदन पीयूष गोयल ने 34 सदस्यों के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया.

इन सदस्यों में प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, अमी याज्ञिक, नारणभाई जे राठवा, सैयद नासिर हुसैन, फूलो देवी नेताम, शक्तिसिंह गोहिल, के.सी. वेणुगोपाल, रजनी पाटिल, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, रणदीप सिंह सुरजेवाला (सभी कांग्रेस) शामिल हैं. इसके अलावा सुखेन्दु शेखर रे, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांतनु सेन, मौसम नूर, प्रकाश चिक बड़ाइक, समीरुल इस्लाम (सभी तृणमूल कांग्रेस) एम. शनमुगम, एन.आर. एलानगो, कनिमोझी एनवीएन सोमू, आर गिरिराजन (द्रमुक) भी निलंबित किए गए हैं.

निलंबित किए गए सदस्यों में मनोज कुमार झा और फैयाज अहमद (राजद), वी. शिवदासन (माकपा), रामनाथ ठाकुर एवं अनिल प्रसाद हेगड़े (जद यू), वंदना चव्हाण (राकांपा), रामगोपाल यादव, जावेद अली खान (सपा), महुआ माजी (झामुमो), जोस के. मणि एवं अजीत कुमार भुइयां शामिल हैं. इन सदस्यों को मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया है.

इसके साथ ही 11 अन्य सदस्यों को भी निलंबित किया गया है. उन्हें विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित कर दिया. समिति से कहा गया है कि वह इन 11 सदस्यों के आचरण के संबंध में अपनी रिपोर्ट तीन महीने के अंदर पेश करेगी. इन 11 सदस्यों में जेबी माथेर हिशाम, एल. हनुमंथैया, नीरज डांगी, राजमणि पटेल, कुमार केतकर, जी.सी. चन्द्रशेखर, बिनय विश्वम, संतोष कुमार पी., एम. मोहम्मद अब्दुल्ला, जॉन ब्रिटास और ए.ए. रहीम शामिल हैं.

यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जबकि सोमवार को ही लोकसभा ने सदन की कार्यवाही बाधित करने और आसन की अवमानना को लेकर विपक्षी दलों के 30 सदस्यों को मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए तथा तीन सदस्यों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित कर दिया.

पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने आसन की अवमानना को लेकर एवं कार्यवाही बाधित करने के लिए तृणमूल कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नौ-नौ, कांग्रेस के सात, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के दो तथा रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, वीरुथलई चिरुथैगल काची (वीसीके) और जनता दल (यूनाइटेड) के एक-एक सदस्य का नाम लिया.

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उक्त सभी सदस्यों को नियम 374 (दो) के तहत संसद के शेष सत्र के लिए सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदस्यों ने ध्वनि मत से पारित कर दिया. कांग्रेस के सात सदस्यों- अधीर रंजन चौधरी, एंटो एंटोनी, के मुरलीधरन, के सुरेश, अमर सिंह, राजा मोहन उन्नीथन और गौरव गोगोई को शेष सत्र के लिए निलंबित किया गया है. टीएमसी के निलंबित सदस्यों में कल्याण बनर्जी, अपरुपा पोद्दार, प्रसून्न बनर्जी, सौगत राय, शताब्दी राय, असित कुमार मंडल, प्रतिमा मंडल, काकोली घोष दस्तीदार और सुनील कुमार मंडल शामिल हैं.

द्रमुक के जिन नौ सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें टी आर बालू, ए. राजा, दयानिधि मारन, जी सेल्वम, सीएन अन्नादुरई, डॉ टी सुमति, के वीरासामी, एस एस पल्ली मणिक्कम और रामलिंगम शामिल हैं. लोकसभा ने आईयूएमएल के ई टी मोहम्मद बशीर और के नवासिकानी को निलंबित किया है, जबकि आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन, जदयू के कौशलेन्द्र कुमार और वीसीके तिरुवक्कससर भी निलंबित सदस्यों में शामिल हैं.

जोशी के प्रस्ताव पर सदन ने कांगेस के तीन अन्य सांसदों के. जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित किया. इन सदस्यों के निलंबन का प्रस्ताव पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. संसद में सुरक्षा चूक के मुद्दे पर आसन की अवमानना को लेकर और कार्यवाही बाधित करने के लिए गत 14 दिसम्बर को 13 सदस्यों को संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था.

Tags: Congress, Parliament, Rajya sabha

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...तो क्या महज अफवाह है दाऊद की मौत और उसे जहर देने की बात? कहां से फैली ये खबर! - Aaj Tak

पाकिस्तान में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) को जहर देने और अस्पताल में भर्ती कराने की अटकलों के बीच, विश्वसनीय खुफिया सूत्रों ने 17 दिसंबर को सोशल मीडिया पर सामने आई इन अफवाहों को खारिज कर दिया है.

एक पाकिस्तानी यूट्यूबर के वीडियो के बाद निराधार दावे अफवाह में बदल गए. उस यूट्यूबर ने सोशल मीडिया रिपोर्ट पर भरोसा करते हुए दाऊद इब्राहिम को जहर दिए जाने और उसके अस्पताल में भर्ती होने का अनुमान लगाया था.

यूट्यूबर ने इन अफवाहों को पाकिस्तान में अचानक इंटरनेट बंद होने से भी जोड़ दिया था. हालांकि, आधिकारिक सूत्रों ने इन दावों को खारिज कर दिया. और विपक्षी दल पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की एक वर्चुअल मीटिंग में कनेक्टिविटी ब्रेक किए जाने को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया.

ज़रूर पढ़ें- ड्रग्स, हवाला, शिपिंग, सट्टा... कैसे अपने काले कारनामों से पाकिस्तान का 'लाडला' बन गया दाऊद इब्राहिम?

खासतौर पर ग्लोबल इंटरनेट फ्रीडम की निगरानी करने वाली इंटरनेट निगरानी संस्था नेटब्लॉक्स ने रविवार शाम को लगभग सात घंटे के लिए पाकिस्तान में प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर महत्वपूर्ण प्रतिबंधों का संकेत देने वाले मेट्रिक्स जारी किए. ये वही वक्त था, जब पीटीआई की ऑनलाइन रैली हो रही थी.

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घटना के संबंध में नेटब्लॉक्स ने कहा, "यह घटना विपक्षी नेता इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई को निशाना बनाने वाली इंटरनेट सेंसरशिप के पिछले उदाहरणों की तरह है."

ये भी पढ़ें- ब्रांडेड 9 नंबर जूते की मांग और जेद्दा का जिक्र... दाऊद इब्राहिम का Exclusive ऑडियो क्लिप

दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गे की ऑडियो कॉल लीक

अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद, दाऊद इब्राहिम और उसके परिवार ने कई दशकों तक पाकिस्तान की मेहमान नवाजी का मजा लिया है. इब्राहिम की जीवनशैली के बारे में उसकी और उसके गुर्गे फारूक के बीच इंटरसेप्ट की गई एक कॉल से पता चला है.

आजतक/इंडिया टुडे के हाथ लगी अज्ञात बातचीत में, दाऊद इब्राहिम को अपने गुर्गे फारूक के साथ बातचीत करते और जेद्दाह के एक स्टोर से उसके लिए लुई वुइटन (एलवी) जूते खरीदने का फरमान देते हुए सुना जा सकता है. इंटरसेप्टेड कॉल के दौरान दाऊद इब्राहिम कहता है, 'मेरा साइज 42 है, इसे 9 नंबर मानें.' दाऊद उसे यूके और ईयू के साइज में अंतर बताता है. 

फिर वैश्विक भगोड़ा दाऊद जेद्दा में खरीदारी के अपने पुराने अनुभव के बारे में भी उसे बताता है. फारूक उसे अगले दिन शुक्रवार की नमाज के बाद मक्का जाने और रविवार को पाकिस्तान लौटने के अपने प्लान के बारे में बताया है. दाऊद इब्राहिम ने उसे पवित्र ज़मज़म का पानी लाने के लिए भी कहता है.

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Sunday, December 17, 2023

भजनलाल के कैबिनेट में होंगे 27 मंत्री! नड्डा से मुलाकात के बाद इन नेताओं की ताजपोशी संभव, यहां देखिए लिस्ट - Jansatta

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Saturday, December 16, 2023

खुद को PMO अफसर बताने वाला कश्मीरी युवक गिरफ्तार: डॉक्टर बनकर 6-7 लड़कियों से शादी की, इंटरनेशनल डिग्रियां ... - Dainik Bhaskar

भुवनेश्वर6 घंटे पहले

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सैयद ईशान बुखारी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले का रहने वाला है। वह ओडिशा में 2018 से रह रहा है। - Dainik Bhaskar

सैयद ईशान बुखारी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले का रहने वाला है। वह ओडिशा में 2018 से रह रहा है।

ओडिशा ​​पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने जाजपुर जिले से एक कश्मीरी युवक (37) को गिरफ्तार किया है। वह खुद को कभी PMO का अफसर, आर्मी डॉक्टर, न्यूरो सर्जन और कभी NIA के अधिकारियों का करीबी बताकर लोगों के साथ ठगी करता था।

युवक की पहचान सैयद ईशान बुखारी उर्फ ​​ईशान बुखारी उर्फ ​​डॉक्टर ईशान बुखारी के रूप में की गई है। वह कश्मीर के कुपवाड़ा का निवासी है। ओडिशा में 2018 से रह रहा है।

उसने अपनी पहचान बदलकर कश्मीर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा सहित भारत के कई राज्यों में करीब छह-सात लड़कियों से शादी की है। वह कई डेटिंग ऐप्स और वेबसाइटों पर भी एक्टिव था।

पुलिस ने बताया कि आरोपी कई लड़कियों के साथ रिलेशनशिप में भी था। पाकिस्तान के कई संदिग्ध लोगों से उसके संपर्क हैं, जिससे उसके पाकिस्तानी जासूस होने का शक है। उसके खिलाफ कई और सबूत भी मिले हैं।

युवक के पास से कई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटीज की मेडिकल डिग्रियां मिली हैं।

युवक के पास से कई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटीज की मेडिकल डिग्रियां मिली हैं।

इंटरनेशनल डिग्रियों की मदद से ठगी करता था
ओडिशा STF IG जय नारायण पंकज ने बताया कि कश्मीरी युवक के पास कई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटीज की मेडिकल डिग्रियां हैं, जिनकी मदद से वह लोगों को ठगता था।

उसके पास अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, कैनेडियन हेल्थ सर्विसेज इंस्टीट्यूट और अन्य यूनिवर्सिटीज ​​​​​​की जारी की गई मेडिकल डिग्रियां जब्त की गई हैं।

4 मोबाइल, ब्लैंक चेक सहित कई डॉक्यूमेंट्स जब्त
इसके अलावा चार मोबाइल फोन ​​​​​, कई आईडी कार्ड, ब्लैंक चेक, विजिटिंग कार्ड, साइन किए हुए ब्लैंक एफिडेविट भी जब्त किए गए हैं। आरोपी के मोबाइल में मिले चैट और लिंक्स के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए जांच के लिए भेजा जाएगा।

IG ने कहा कि हमें ईशान बुखारी के खिलाफ धोखाधड़ी के पर्याप्त सबूत मिले हैं। वह धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में कश्मीर पुलिस का वांटेड क्रिमिनल है। उसके खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट लंबित है।

खबरें और भी हैं...

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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधायक रविंद्र सिंह भाटी से किया ऐसा बड़ा वादा, यहां जानें - Patrika News

locationजयपुरPublished: Dec 16, 2023 04:10:02 pm

MLA Ravindra Singh Bhati : राजस्थान में नई सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम हो चुका है। भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभाल ली है। इसके साथ ही प्रदेश के नए मुख्यमंत्री शर्मा से नेताओं की मुलाकात का क्रम लगातार जारी है। इस कड़ी में शिव से विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने शनिवार को जयपुर में मुख्यमंत्री शर्मा से मुलाकात की।

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MLA Ravindra Singh Bhati : राजस्थान में नई सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम हो चुका है। भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभाल ली है। इसके साथ ही प्रदेश के नए मुख्यमंत्री शर्मा से नेताओं की मुलाकात का क्रम लगातार जारी है। इस कड़ी में शिव से विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने शनिवार को जयपुर में मुख्यमंत्री शर्मा से मुलाकात की।

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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधायक रविंद्र सिंह भाटी से किया ऐसा बड़ा वादा, यहां जानें - Patrika News

locationजयपुरPublished: Dec 16, 2023 04:10:02 pm

MLA Ravindra Singh Bhati : राजस्थान में नई सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम हो चुका है। भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभाल ली है। इसके साथ ही प्रदेश के नए मुख्यमंत्री शर्मा से नेताओं की मुलाकात का क्रम लगातार जारी है। इस कड़ी में शिव से विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने शनिवार को जयपुर में मुख्यमंत्री शर्मा से मुलाकात की।

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MLA Ravindra Singh Bhati : राजस्थान में नई सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम हो चुका है। भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभाल ली है। इसके साथ ही प्रदेश के नए मुख्यमंत्री शर्मा से नेताओं की मुलाकात का क्रम लगातार जारी है। इस कड़ी में शिव से विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने शनिवार को जयपुर में मुख्यमंत्री शर्मा से मुलाकात की।

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Friday, December 15, 2023

राजस्थान में सुपर एक्टिव हुए CM भजनलाल, पेपर लीक रोकने के लिए SIT के गठन का फैसला - Aaj Tak

राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) शपथ लेते ही एक्शन में नजर आ रहे हैं. उन्होंने पेपर लीक मामले में विशेष जांच समिति (एसआईटी) का गठन करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि भविष्य में पेपर लीक की घटना नहीं हो, इसलिए यह फैसला लिया गया है.

भजन लाल शर्मा ने कहा कि इस मामले में अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी. इसके साथ ही संगठित अपराध के खिलाफ कार्रवाई के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी और अपने घोषणापत्र का पूरी तरह पालन करते हुए काम करेंगे. हम उन समस्याओं पर काम करेंगे, जिनसे देश की जनता त्रस्त है. हम अंत्योदय योजना के तहत काम करेंगे. 

राजस्थान में पेपर लीक पर सियासत

राजस्थान में पेपर लीक को लेकर सियासत अक्सर गर्म रहती है. एक अनुमान के मुताबिक, राज्य में पिछले साढ़े चार साल में पेपर लीक के 10 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. पिछले महीने ही राजस्थान लोक सेवा आयोग ने पेपर लीक के कारण ग्रुप-ए और ग्रुप-बी की सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया. इसका सामान्य ज्ञान का पेपर दिसंबर 2022 में हो चुका है, लेकिन पेपर लीक के कारण आयोग ने इसे निरस्त कर दिया. अब ये पेपर 30 जुलाई को होगा.

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राजस्थान में पेपर लीक के मामले इतने बढ़ते जा रहे हैं कि कांग्रेस को अंदरखाने से ही चुनौती मिलने लगी है. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट कई मौकों पर बड़ी मछलियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर चुके हैं.

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'हां, ये सही है लेकिन क्या मुल्क में यही चलता रहेगा...', ASI रिपोर्ट पर बोले प्रोफेसर इरफान हबीब - Aaj Tak

ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष ने कई दावे किए हैं. गुरुवार को वकील विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट सार्वजनिक की. उन्हों...